मंगलवार, 29 सितंबर 2020

देश में लागू हुए हाइड्रोजन चालित वाहनों के सुरक्षा मानक!

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन लागू

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।   

देश में वायु प्रदूषण से निपटने की दिशा में ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने की दिशा में केंद्र सरकार हाइड्रोजन चालित वाहनों के सुरक्षा मूल्यांकन मानकों को लागू कर दिया गया है। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन करने के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से हाइड्रोजन ईंधन सेल्स से संचालित वाहनों के सुरक्षा मूल्यांकन मानकों को अधिसूचित कर दिया है। अधिसूचना के तहत सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन करके स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए नियमों में सुधारात्मक बदलाव किये गये हैं। नियमों के सुधार के तहत अब हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स द्वारा चलने वाले मोटर वाहनों के सुरक्षा मूल्यांकन के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय के अनुसार मोटर अधिनियम में नियमों के संशोधन के इस कदम से देश में हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित वाहनों को बढ़ावा देने की सुविधा मिलेगी और वहीं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के इस्तेमाल से वाहनों के प्रदूषण से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी। इस अधिसूचना के तहत ऐसे वाहनों के निर्माता और आपूर्तिकर्ताओं के पास वाहन परीक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक उपलब्ध कराए गये हैंदरअसल हाईड्रोजन ईंधन आधारिक वाहनों की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी नियम बनाने की आवश्यकता महसूस की गई, क्योंकि हाइड्रोजन गैस बहुत ज्वलनशील होती है। ऐसे में इसके प्रोडक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी में काफी सावधानी बरतने जैसे पहलुओं के आधार पर सुरक्षा मानकों की दिशा में सरकार ने मोटर वाहन नियम में संशोधन किया है। सरकार का मानना है कि हाइड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी। हाइड्रोजन चालित वाहन से कार्बन उत्सर्जन न के बराबर है और वहीं हाइड्रोनज ईंधन का इस्तेमाल बढ़ने से देश की पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम होगी।

क्या है नियमों में बदलाव

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 में संशोधन के प्रस्ताव के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले गत 10 जुलाई को एक अधिसूचना जारी करके आम जनता सहित सभी हितधारकों से सुझाव और टिप्पणियां मांगी थी। इस मसौदे में हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों के सुरक्षा मूल्यांकन के लिए मानकों को शामिल किया गया है। मंत्रालय के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम-2016 (2016 का 11) के तहत बीआईएस विनिर्देश अधिसूचित होने तक समय-समय पर संशोधित एआईएस 157:2020 के अनुसार संपीड़ित गैसीय हाइड्रोजन ईंधन सेल पर चलने वाली एम और एन श्रेणियों के मोटर वाहनों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया। इसके अलावा इस संशोधित नियमों में ईंधन सेल वाहनों के लिए हाइड्रोजन ईंधन विनिर्देश आईएसओ 14687 के अनुसार होंगे, जब तक कि बीआईएस विनिर्देश भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम-2016(11 का 1986) के तहत अधिसूचित नहीं हो जाता।

वायु प्रदूषण से मिलेगी राहत

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल हरित ईंधन को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत -वाहनों और प्रदूषण रहित वैकल्पिक ईंधनों के रुप में हाइड्रोजन चालित वाहनों को लेकर एक मसौदा तैयार किया थासरकार के इस मसौदे के तहत देश में सरकार की तरफ से पहले हाइड्रोजन आधारित फ्यूल स्टेशन, वाहन और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 680 करोड़ रुपए अनुमानित फंड बनाने का प्रस्ताव था, जिसके विस्तार करने का विकल्प रखा गया है। इसमें नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देभशर में 10 जगह हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन स्थापित किये जाएंगे। केंद्र सरकार ने तेल और गैस कंपनियों को 10 हाइड्रोजन वितरण स्टेशन स्थापित करने का निर्देश भी जारी कर दिये हैं। वहीं केंद्र सरकहार ने हाइड्रोजन चालित वहानों के डिजाइन, टेस्टिंग के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस समेत तमाम तरह की योजनाएं शुरू की हैं।

25Sep-2020

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