गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

सरकार ने फास्टैग के लिए वाहन मालिकों को दी राहत!

देशभर में आज से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य हुआ फास्टैग टोल प्लाजाओं पर 15 फरवरी तक नहीं होगी दोगुनी वसूली हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देशभर में चार पहिया वाहनों के लिए कल एक जनवरी 2021 शुक्रवार से फास्टैग अनिवार्य होगा, लेकिन टोल प्लाजाओं पर बिना फास्टैग वाले वाहनों को जुर्माना दिये बिना कैश टोल से आने-जाने की 15 फरवरी तक छूट दी गई है। मसलन अब टोल प्लाजाओं के कैश टोल संग्रह बूथ 15 फरवरी तक बंद नहीं होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने एक जनवरी से कैश टोल कलेक्शन बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन अब टोल प्लाजाओं पर 15 फरवरी तक टोल संग्रह किया जाएगा। इसकी पुष्टि करते हुए एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि देशभर में एक जनवरी से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य किया जा रहा है, लेकिन बिना फास्टैग लगे वाहन यदि टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो उनसे जुर्माना या दोगुना टोल नहीं लिया जाएगा और ऐसे वाहनों से 15 फरवरी तक टोल की वसूली कैश के रूप में वसूली जाएगी। मंत्रालय ने ऐसा निर्णय कोरोना महामारी के कारण 15 फरवरी तक वाहन मालिकों को राहत देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने ऐलान किया था, कि एक जनवरी 2021 से टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले चार पहिया और अन्य सभी वाहनेां के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा, क्योंकि देश के तमाम टोल प्लाजाओं पर फास्टैग लेन पहले से ही तैयार की गई हैं। गडकरी की इस घोषणा के अनुसार टोल प्लाजाओं पर एक जनवरी से नकद टोल का भुगतान बंद होना था, लेकिन नकद टोल के भुगतान को वाहन मालिकों की परेशानी को देखते हुए 15 फरवरी तक तक नकद भुगतान की वसूली का फैसला किया गया है। मंत्रालय एक जनवरी से ई-टोल संग्रह प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए देशभर में सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य करने के लिए पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। इस अधिसूचना के तहत एक जनवरी से उन पुराने वालों के लिए भी फास्टैग अनिवार्य होगा, जिन्हें एक दिसंबर 2017 से पहले बेचा गया है। इस पूरे फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन करने के बाद यह अधिसूचना जारी की थी। ----- फास्टैग का बंपर ट्रांजेक्शन एनएचएआई के अनुसार पिछले सप्ताह 24 दिसंबर को जब नए साल यानि एक जनवरी 2021 से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य करने की घोषणा की गई थी, तो उस समय तक देश में 2.20 करोड़ से ज्यादा फास्टैग आवंटित किए जा चुके थे। वहीं फास्टैग के जरिए ई-टोल संग्रह प्रणाली के तहत रिकार्ड टोल वसूली यानि 24 दिसंबर को एक ही दिन में 80 करोड़ रुपये से ज्यादा का टोल संग्रह दर्ज किया गया था। कलेक्शन हुआ। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के रिकार्ड के अनुसार घोषणा के बाद उसी दिन एक दिन में 50 लाख से ज्यादा का फास्टैग का ट्रांजेक्शन हुआ। एनएचएआई के अनुसार वाहन मालिक फास्टैग को किसी भी बैंक से 200 रुपये में खरीद सकते हैं। फास्टैग को कम से कम 100 रुपये से रिचार्ज करवाया जा सकता है। फास्टैग को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्र सरकार ने बैंक और पेमेंट वॉलेट से रिचार्ज पर अपनी तरफ से कुछ अतिरिक्त चार्ज लगाने की छूट दी हुई है। 01Jan-2021

रेल यात्रियों की ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग हुई बेहद आसान

रेल मंत्री ने शुरू किया नई ई-टिकटिंग वेबसाइट व मोबाइल ऐप हरिभूमि ब्यूरो
.नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के 'डिजिटल इंडिया' विजन को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए इस्तेोमाल की जाने वाली अपनी ई-टिकटिंग वेबसाइट www.irctc.co.in और आईआरसीटीसी रेल कनेक्ट मोबाइल ऐप का नवीनीकरण और उन्नयन किया है। इन नई प्रणालियों को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लांच किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को रेलवे की सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं की पेशकश करने वाली इस उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और ऐप का शुभारंभ किया। यह रेलवे द्वारा सभी यात्रियों को नए साल का तोहफा है। इन ऑललाइन टिकटों की बुकिंग की उन्नत प्रणालियों का शुभारंभ करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, और रेल यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। ऑनलाइन रेलवे टिकटों की बुकिंग के लिए यह अपग्रेडेड ई-टिकटिंग प्लेटफॉर्म, यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी को निरंतर वेबसाइट में सुधार करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह वेबसाइट डिजिटल इंडिया मिशन और प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार दुनिया में सबसे अव्वल हो। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी की यह उन्नत ई-टिकटिंग प्रणाली 2014 में शुरू की गई थी। इसका मकसद आईआरसीटीसी के माध्यम से टिकट बुकिंग सेवा को बाधा रहित और आसान बनाना है। इस वेबसाइट और ऐप को उन्नत बनाकर रेल यात्रियों को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। गोयल ने कहा कि रेल टिकट की बुकिंग के लिए इस नई विश्वस्तरीय वेबसाइट के डिजाइन को रेलवे के ग्राहकों को ध्या न में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें उपयोगकर्ता के लॉगिन के साथ भोजन, टिकट बुकिंग, रिटायरिंग रूम और होटल बुकिंग की सुविधा को पहली बार एकीकृत किया गया है। ---आसान होगी ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग: गोयल ने किा कि उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप का उद्देश्य अन्य ऑनलाइन यात्रा और टिकटिंग वेबसाइटों के बीच उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन अनुभव प्रदान करना है। इन सुविधाओं का स्तर अन्य टिकटिंग वेबसाइटों द्वारा वर्तमान में दी जा रही सुविधाओं की तुलना में अधिक उन्नत होगा। अधिकांश वेबसाइटों में स्टेशनों की जानाकारी अभी भी वर्णमाला के क्रम में है और टिकटों की उपलब्धयता की स्थिति या तो है ही नहीं या काफी पुरानी है। इसके अलावा, इस उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट में ठहरने और भोजन आदि की बुकिंग की सुविधा को टिकट बुकिंग के साथ एकीकृत किया जाना अपने आप में बेजोड़ है। गोयल ने कहा कि वर्तमान में आईआरसीटीसी की इस ई-टिकटिंग वेबसाइट के 6 करोड़ से ज्यागदा उपयोगकर्ता हैं। वेबसाइट के जरिए प्रतिदिन 8 लाख से अधिक टिकट बुक किए जाते हैं। बुक किए जाने वाले कुल आरक्षित रेल टिकटों का 83 प्रतिशत इस वेबसाइट के जरिए बुक किया जा रहा है। 01Jan-2021

रेलवे बोर्ड के नए अध्यक्ष होंगे सुनीत शर्मा

वीके यादव की जगह लेंगे नए अध्यक्ष और सीईओ हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में कोरोना संकट के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यो को अंजाम देकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करके रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा रेलवे को अलविदा कह रहे हैं, जिनके स्थान पर पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक रह चुके सुनीत शर्मा को रेल बोर्ड का अध्यक्ष और सीईओ नियुक्त किया गया है। रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे में विनोद कुमार यादव रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीअईओ के पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद इसी साल जनवरी में इन पदों पर उनका सेवा विस्तार 31 दिसंबर 2020 को खत्म हो रहा है। मंत्रालय के अनुसार गुरुवार को भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ पद पर सुनीत शर्मा की नियुक्ति की गई है। 1978 बैच के स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस ऑफिसर सुनीत शर्मा पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक रह चुके हैं। भारतीय रेलवे में 34 साल के अपने कार्यकाल में शर्मा ने मंडल रेलवे, कारखाना और डीजल लोको शेड समेत विभिन्न स्तरों पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। शर्मा के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक वह प्रक्रिया को आसान बनाने समेत विभिन्न प्रशासनिक सुधार के लिए जाने जाते हैं। वह आधुनिक कोच फैक्टरी रायबरेली में महाप्रबंधक भी रहे। वह मध्य रेलवे में पुणे में मंडल रेलवे प्रबंधक थे, मध्य रेलवे के चीफ रॉलिंग स्टॉक इंजीनियर (फ्रेट) और चीफ मैकेनिकल इंजीनियर (योजना) और बनारस में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर भी रहे। सुनीत शर्मा देश-विदेश के विभिन्न रेलवे संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके हैं। -------------------------------- सीआईएसएफ के नए महानिदेशक बने सुबोध कुमार जायसवाल: केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया है। जायसवाल महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अफसर हैं। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अनुसार जायसवाल की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने से 30 सितंबर 2022 तक प्रभावी रहेगी। ---उमेश सिन्हा उप चुनाव आयुक्त नियुक्त: चुनाव आयोग में महासचिव पद पर तैनात उमेश सिन्हा को सेवा विस्तार देते हुए आयोग में उप चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अनुबंध के आधार पर सिन्हा को बतौर उप चुनाव आयुक्त छह महीने का कार्यकाल विस्तार देने को मंजूरी दी है। उमेश सिन्हा उत्तर प्रदेश कैडर के 1986 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हैं। 01Jan-2021

नए साल से फिर चलेगी माता वैष्णो देवी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस

ार दर्जन विशेष एक्सप्रेस ट्रेनों की सेवाओं में हुआ विस्तार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण निरस्त नई दिल्ली और श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन को नए साल से फिर से बहाल किया जा रहा है। इस ट्रेन की बहाली से अब मां वैष्णों देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को परिवहन की सुविधा मिल सकेगी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं और आम आदमियों को इस ट्रेन के निरस्त होने से परिवहन की समस्या का सामाना करना पड़ रहा था। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने 22439/22440 नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन को एक जनवरी से 2021 प्रत्येक दिन चलाने का फैसला किया है, जिसे कोरोना महामारी संकट में लॉकडाउन के दौरान निरस्त कर दिया गया था। ---छत्तीसगढ़ के लिए आठ ट्रेनों की सेवा में विस्तार: उत्तर रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार रेलयात्रियों की सुविधा के लिए करीब चार दर्जन स्पेशल ट्रेनों की सेवाओं में विस्तार किया गया है। इन ट्रेनों की सेवाओं में विस्तार के तहत कोरबा-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल सप्ताह में 3 दिन 30 दिसंबर से 29 जनवरी 2021 तक, अमृतसर-बिलासपुर एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन एक जनवरी से 31 जनवरी 2021 तक, दुर्ग-उधमपुर साप्ताहिक 30 दिसंबर से 27 जनवरी तक, उधमपुर-दुर्ग साप्ताहिक 31 दिसंबर से 28 जनवरी तक, बिलासपुर-पटना साप्ताहिक 29 जनवरी तक, पटना-बिलासपुर साप्ताहिक 31 जनवरी तक, दुर्ग-हज़रत निज़ामुद्दीन-सप्ताह में 3 दिन 31 दिसंबर से 30 जनवरी तक, हज़रत निज़ामुद्दीन-दुर्ग सप्ताह में 3 दिन 01 जनवरी से 31 जनवरी तक चलाई जाएगी। ---इन राज्यों के लिए भी सेवाओं में विस्तार: रेलवे के अनुसार बरौनी-एर्नाकुलम साप्ताहिक एक्सप्रेस प्रत्येक बुधवार यानि 06 जनवरी से से 27 जनवरी तक, एर्नाकुलम-बरौनी साप्ताहिक एक्सप्रेस प्रत्येक रविवार 10 जनवरी से 31 जनवरी तक, गया-नई दिल्ली एक्सप्रेस प्रत्येक सोमवार, शुक्रवार और रविवार 02 जनवरी से 30 जनवरी तक, नई दिल्ली-गया एक्सप्रेस प्रत्येक मंगलवार, शनिवार और सोमवार 03 जनवरी से 31 जनवरी तक, दरभंगा-जलंधर सिटी एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक शनिवार 02 जनवरी से 30 जनवरी तक, जलंधर-दरभंगा सिटी एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक रविवार 03 जनवरी से 31 जनवरी तक, सहरसा-अमृतसर एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक रविवार 03 जनवरी से 31 जनवरी तक, अमृतसर-सहरसा एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक सोमवार 04 जनवरी से 01 फरवरी तक, रक्सोल-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक शनिवार 02 जनवरी से 30 जनवरी तक, लोकमान्य तिलक टर्मिनस-रक्सोल एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक सोमवार 04 जनवरी से 01 फरवरी तक, सहरसा-आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक बुधवार 06 जनवरी से 27 जनवरी तक, आनंद विहार टर्मिनल-सहरसा एक्सप्रेस साप्ताहिक प्रत्येक वीरवार 07 जनवरी से 28 जनवरी तक, पटना-जम्मूतवी सप्ताह में 2 दिन प्रत्येक शनिवार और मंगलवार 02 जनवरी से 30 जनवरी तक, जम्मूतवी-पटना सप्ताह में 2 दिन प्रत्येक रविवार और बुधवार 03 जनवरी से 31 जनवरी तक, पाटलीपुत्र-चंडीगढ सप्ताह में 2 दिन प्रत्येक रविवार और बुधवार 03 जनवरी से 31 जनवरी तक, चंडीगढ़-पाटलीपुत्र सप्ताह में 2 दिन प्रत्येक सोमवार और वीरवार 04 जनवरी से 01 फरवरी तक, दरभंगा-अमृतसर एक्सप्रेस सप्ताह में 5 दिन प्रत्येक रविवार और शनिवार को छोडकर 01जनवरी से 29 जनवरी तक तथा अमृतसर-दरभंगा एक्सप्रेस की सेवा को सप्ताह में 5 दिन प्रत्येक सोमवार और मंगलवार को छोडकर 03 जनवरी से 31 जनवरी तक विस्तार दिया गया है। ---रोजाना चलने वाली ट्रेनों का परिचालन बढ़ाया: रेलवे ने प्रत्येक दिन चलने वाली वाराणसी-जम्मूतवी 31 जनवरी, जम्मूतवी-वाराणसी दैनिक 02 जनवरी से एक फरवरी तक, दिल्ली-देहरादून को 31 जनवरी तक, देहरादून-दिल्ली एक फरवरी तक, लखनऊ-चंडीगढ स्पेशल, हज़रत निजामुद्दीन-मानिकपुर स्पेशल और जम्मूतवी-अजमेर दैनिक स्पेशल को 31 जनवरी तक, चंडीगढ-लखनऊ, मानिकपुर-हज़रत निजामुद्दीन दैनिक स्पेशल और अजमेर-जम्मूतवी दैनिक स्पेशल को एक फरवरी तक सेवा विस्तार दिया है। इसके अलावा रेलवे ने मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद-मुजफ्फरपुर साप्ताहिक, दरभंगा-अहमदाबाद-दरभंगा साप्ताहिक, बरेली-भुज-बरेली सप्ताह में चार दिन, बरेली-भुज-बरेली सप्ताह में तीन दिन गाँधीधाम-भागलपुर-गांधीधाम साप्ताहिक त्यौहार स्पेशल की सेवाओं का भी विस्तार किया है। 31Dec-2020

जम्मू-कश्मीर में मिशन मोड पर पूरी होगी रेल परियोजनाएं

केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य में रेलवे की कार्यो में प्रगति की समीक्षा कटरा-बनिहाल के बीच अंतिम चरण में परियोजना जल्द पूरी होगी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में चलाई जा रही रेलवे की राष्ट्रीय परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए बाकी काम को मिशन मोड़ पर शुरू किया जाएगा। हालांकि परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में रेलवे की परियोजनाओं के कार्यो की प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में रेलवे बोर्ड के सीईओ और अध्यक्ष विनोद कुमार यादव और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल की मौजूदगी में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बैठक में गोयल को जम्मू-कश्मीर में यूएसबीआरएल परियोजना के मुख्य प्रशासनिक/निर्माण अधिकारी विजय शर्मा ने कटरा-बनिहाल के बीच परियोजना के अंतिम चरण में हो रहे काम की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। गोयल ने परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों से मिशन मोड पर परियोजना के शेष हिस्से को तेज गति से पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने सामग्री खरीद और अनुमति लेने की प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए जिससे रेल लाइन के निर्माण में देरी न हो। ---चिनाब ब्रिज का 5 फीसदी काम बाकी: इस समीक्षा बैठक में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने रेल मंत्री गोयल को जानकारी दी कि वर्तमान में विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज के आर्क का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है, जबकि अंजी पुल पर केबल-स्टे रेल ब्रिज के निर्माण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। कुल 97.64 किलोमीटर की मुख्य सुरंग में 81.21 किलोमीटर और 60.5 किलोमीटर में से 53.50 किलोमीटर बची सुरंग का काम पूरा हो चुका है। 12 बड़े और 10 छोटे पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 बड़े पुलों और एक छोटे पुल का निर्माण 2021-22 तक पूरा किया जाना है। वहीं रामबन और रियासी जिले जहां परियोजना निर्माणाधीन है, वहां कोविड के चलते इलाके को रेड और ऑरेंज जोन के रूप में घोषित किया गया है, वहां कोविड-19 की मानक संचालन प्रक्रिया के साथ परियोजना का काम जारी रहा। कार्यस्थल पर कामगारों के लिए शिविर और आइसोलेशन केंद्र उपलब्ध कराए गए। विभिन्न स्थलों पर काम करने वाले 366 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का पता चला था, वह सभी स्वस्थ हो चुके हैं। ----यूएसबीआरएल परियोजना की चुनौती: इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय परियोजना के रूप में चल रही यूएसबीआरएल यानि उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक भारतीय रेल द्वारा कश्मीर क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से हिमालय के माध्यम से ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए है। यह परियोजना देश के सबसे उत्तरी उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सभी मौसमों में आरामदायक, सुविधाजनक और लागत प्रभावी जन परिवहन प्रणाली के रूप में क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उत्प्रेरक होगी। इस परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए लाइन शुरू की जा चुकी है। 111 किलोमीटर के खंड कटरा-बनिहाल में इसके भूविज्ञान और गहरे घाटियों से भरे व्यापक नदी तंत्र के कारण इसका कठिन और जोखिम से भरे हिस्से पर काम चल रहा है। इस खंड में कई अनूठे पुल और सुरंगें हैं। इस खंड में अधिकांश रेल ट्रैक सुरंगों में या पुलों पर बने हैं। इस दुर्गम क्षेत्र में एक प्रभावी भूतल परिवहन प्रणाली की अनुपस्थिति में, रेलवे को निर्माण स्थलों तक पहुंचने के लिए पहले 205 किलोमीटर का सड़क मार्ग बिछाना पड़ा था। --तीन एजेंसियों के जिम्मे काम: तीन एजेंसियां; इरकॉन, केआरसीएल और उत्तर रेलवे अपने व्यापक अनुभव के साथ इस परियोजना की रेल लाइनों के निर्माण कार्य में शामिल हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और प्रमुख भारतीय संस्थान जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण इस परियोजना के लिये योजना और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। परियोजना के लिये सुरंग बनाने की मशीनें और क्रेन भी आयात किए गए हैं। 31Dec-2020

देश में एथेनॉल के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने की तैयारी

केंद्र सरकार ने दी नई संशोधित योजना को मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गये कई महत्वपूर्ण फैसले हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण फैसले किये हैं। इन फैसलों में देश में एथेनॉल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए नई संशोधित योजना के अलावा ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के साथ पारादीप बंदगाह के अत्याधुनिक विकास जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने अपने मंत्रालयों के प्रस्तावों को मिली मंजूरी की जानकारी दी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कैबिनेट ने इथेनॉल डिस्टिलेशन क्षमता बढ़ाने के लिए संशोधित योजना को अनुमति दी। इस योजना के तहत पहली पीढ़ी के एथेनॉल यानी चावल, गेहूं, मक्का, गन्ना, चुकंदर आदि से बनने वाले एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि वर्तमान में हमारी एथेनॉल उत्पादन क्षमता 684 करोड़ लीटर है। उन्होंने कहा कि सत्र 2019-20 में हमारी इथेनॉल खरीद 38 करोड़ लिटर से बढ़कर 173 करोड़ लिटर हो गई है। मंत्रिमंडल ने इथेनॉल उत्पादन संयंत्रों के लिए 4,573 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता को भी मंजूरी दी। ---कृष्णपट्टनम में बनेगा औद्योगिक गलियारा: इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जहां सीबीआईसी के तहत आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम और कर्नाटक के तुमकुरु में औद्योगिक गलियारे को मंजूरी दी है। कृष्णपट्टनम में 2,139.44 करोड़ रुपए की लागत और टुमकुर में औद्योगिक क्षेत्र में 1,701.81 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकास होगा। वहीं 1,701.81 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इउन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इन फैसलों के तहत दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं, जिससे माल ढुलाई की क्षमता और बेहतर तरीके हो सकेगी। उन्होंने कहा कि माल ढुलाई के लिए कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे हैं, बंदरगाह हैं, रेलवे की सुविधा है और एयरपोर्ट भी हैं, ऐसी जगह औद्योगिक शहरों का विकास करने का निर्णय आर्थिक मामलों के तहत लिया है। इन परियोजनाओं के लिए 7,725 करोड़ रुपए की लागत से लगभग तीन लाख रोजगार पैदा करने के लिए योजना को मंजूरी मिली है। ----पारादीप बंदरगाह का होगा अत्याधुनिक विकास: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डमलीय समिति ने ‘पारादीप बंदरगाह में केप आकार के जहाजों के आवागमन के लिए सार्वजानिक–निजी साझेदारी यानि पीपीपी मोड के तहत निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी) के आधार पर पश्चिमी गोदी के विकास समेत आंतरिक बंदरगाह से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उन्नत बनाने’ से जुड़ी परियोजना को मंजूरी दी है। इस मंजूरी के बारे में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पारादीप बंदरगाह में एक वेस्टर्न डॉक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 3000 करोड़ रुपये के खर्च से एक आधुनिक और विश्वस्तरीय बंदरगाह निर्माण करने का फैसला लिया है। इसकी अनुमानित लागत 3004.63 करोड़ रुपये है। ----आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को दी गई मंजूरी के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि इस फैसले के तहत साथ ही निर्यात को तेजी से सुगम बनाने के लिये एक समिति गठित करने का भी निर्णय किया गया। इस फैसले से आत्मनिर्भर भारत के तहत देश रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के व्यापक प्रारूपों के निर्माण की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आकाश का निर्यात प्रारूप वर्तमान में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साथ तैनात प्रणाली से अलग होगा। 31Dec-2020

जम्मू-कश्मीर के खादी कारीगरों को दी 30 करोड़ की राशि

कोरोना से प्रभावित खादी संस्थानों को मिलेगा आर्थिक लाभ हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में खादी को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे खादी संस्थानों पर फोकस किया है, जिनके साथ खादी कारीगर भी कोरोना महामारी के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। इसलिए आर्थिक मदद के लिये खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में ही खादी संस्थानों को 29.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। केंद्रीय सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने जम्मू-कश्मीर ने 29.65 करोड़ रुपये की इस राशि को मई से लेकर सितंबर 2020 तक जम्मू-कश्मीर के 84 खादी संस्थानों में वितरित किया गया है, जिससे इन संस्थानों से जुड़े लगभग 10,800 खादी कारीगरों को लाभ पहुंचा है। केवीआईसी की संशोधित विपणन विकास सहायता (एमएमडीए) योजना के तहत यह वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जो उत्पादन गतिविधियों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। इस योजना के तहत, पैसा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से कारीगरों के बैंक खातों में सीधा स्थानांतरित किया जाता है। कोविड-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान केवीआईसी द्वारा जम्मू और कश्मीर के खादी संस्थानों के 951 पुराने एमएमडीए दावों को निपटाने के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया गया था। ऐसे दावे वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 तक संबंधित थे और विभिन्न तकनीकी कारणों से लंबित चल रहे थे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि इस विशेष अभियान के माध्यम से 84 खादी संस्थानों को जारी किये गए 29.65 करोड़ रुपये के भुगतान से जम्मू-कश्मीर में 10,800 कारीगरों को लाभ हुआ है, जो हर कमजोर तबके को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को मजबूत करता है। सक्सेना ने कहा कि खादी संस्थानों और कारीगरों को एमएमडीए योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने के अलावा केवीआईसी ने जम्मू, उधमपुर, पुलवामा, कुपवाड़ा तथा अनंतनाग के स्व-सहायता समूहों में काम करने वाली हजारों महिला कारीगरों को खादी फेस मास्क की सिलाई का कार्य उपलब्ध कराया है। लगभग 7 लाख खादी फेस मास्क इन महिला कारीगरों द्वारा तैयार किये गए थे और इनकी आपूर्ति जम्मू-कश्मीर सरकार को की गई थी। इस समय जम्मू-कश्मीर में 103 खादी संस्थान काम कर रहे हैं। इनमें से 12 मुख्य रूप से कश्मीर की विश्व स्तर पर पसंद की जाने वाली पश्मीना शॉल को बनाने का काम कर रहे हैं। इन शॉल का 60 प्रतिशतसे अधिक का उत्पादन दक्षिण कश्मीर क्षेत्र यानी अनंतनाग, बांदीपोरा, पुलवामा और कुलगाम में किया जाता है। जम्मू-कश्मीर में बने उत्पादों के खरीदार बड़ी संख्या में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मिल जाते हैं। ये उत्पाद विभिन्न खादी इंडिया सेल आउटलेट्स और केवीआईसी ई-पोर्टल के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। 31Dec-2020

देश को मिला पहला नया फ्रेट कॉरिडोर, मालगाड़ियों को मिलेगा अलग रेलवे ट्रैक

पीएम मोदी ने किया पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन देश में तेजी से चल रहा है समर्पित माल गलियारों का काम ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। आखिर भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना यानि माल गाड़ियों के अलग ट्रैक के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के पहले हिस्से को पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। वहीं प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में ईडीएफसी के परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश में 351 किलोमीटर लंबे ‘न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन’ पर पूरी हुई पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) परियोजना का उद्घाटन किया। वहीं इस कॉरिडोर के लिए प्रयागराज में स्थापित किये गये परिचालन नियंत्रण केंद्र की भी शुरूआत की। रेलवे के अनुसार पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि ईडीएफसी का 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन के निर्माण पर 5,750 करोड़ रुपये की लागत खर्च की गई है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस माल गलियारे के इस सेक्शन के बाद अब मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम हो जाएगी और यह तेज गति की ट्रेने चलाने के लिए भी समक्ष हो गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस रेलवे सेक्शन के मौजूद ट्रैक पर सामान्य दिनों में करीब 170 से 200 मालगाड़ियां और 375 यात्री ट्रेनें दौड़ रही थीं, लेकिन अब इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियां स्थानांतरित होने के बाद मौजूदा ट्रैक यात्री ट्रेनों के लिए नई ट्रेनों को चलाने का रास्ता साफ हो गया है, जिससे अब ट्रेनों के लेट होने का संभावना कम हो जाएगी और ट्रेनों की गति सीमा में भी विस्तार हो जाएगा। जबकि इस कॉरिडोर के लिए प्रयागराज में बनाए गये अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर यानि ओसीसी ईडीएफसी के पूरे रूट के लिए कमान सेंटर के रूप में कार्य करेगा। आधुनिक आंतरिक सज्जा, श्रम दक्षता संबंधी डिज़ाइन और सर्वश्रेष्ठ ध्वनि विज्ञान के साथ ओसीसी विश्व स्तर पर अपने प्रकार की सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक है। ---दो समर्पित माल गलियारों पर काम: देश में माल यातायात के लिए अलग से रेलवे ट्रैक बिछाने के मकसद से डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर के लिए छह परियोजनाओं को हरी झंडी दी जा चुकी है, जिनमें फिलहाल दो परियोजनाओं ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर दादरी से पश्चिम बंगाल और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि ईडीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन के निर्माण कार्य पूरा होने पर इसकी शुरूआत की गई है। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1856 मार्ग किलोमीटर लंबा है, जो पंजाब में लुधियाना के साहनेवाल से शुरू होकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से गुजरकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगा है। इस परियोजना का निर्माण ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (डीएएफसीसीआईएल) द्वारा किया जा रहा है, जिसे समर्पित मालवहन गलियारा के निर्माण और संचालन के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया है। जबकि पश्चिम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दिल्ली के पास दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक 1506 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इन दोनों कॉरिडोर का काम साल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। ----इस सेक्शन से यूपी को मिलेगा लाभ: ईडीएफसी के इस सैक्शन के शुरू होने से यूपी में स्थानीय उद्योगों जैसे एल्यूमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी क्षेत्र (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन / ब्लॉक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच के सामान के उद्योग (फिरोजाबाद जिला), पॉटरी (बुलंदशहर जिले के खुर्जा), हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताले और हार्डवेयर (अलीगढ़ जिला) के लिए नए अवसर खोलेगा। इस परियोजना का उद्देश्य गलियारे के मार्ग के साथ राज्यों में बुनियादी ढांचे और उद्योग को रफ्तार देना है। कई राज्यों से होकर गुजरने वाले इस कॉरिडोर का करीब 57 प्रतिशत हिस्सा यूपी से होकर गुजरेगा। ---तीन अन्य कॉरिडोर की योजना- डीएएफसीसीआईएल में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के महाप्रबंधक (ऑपरेशंस) वेद प्रकाश ने बताया कि देश में माल यातायात के लिए कुल पांच गलियारे बनाने की योजना है, जिनका इस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब को जोड़ेगा। वहीं वेस्टर्न कॉरिडोर से पूरे एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को फायदा मिलेगा। इसमें रेलवे तीन और समर्पित माल गलियारे पूर्वी तट गलियारा, पूर्वी-पश्चिम गलियारा और उत्तर-दक्षिा उप-गलियारा पर काम कर रही है, जिनके लिए सर्वे का काम 2021 तक पूरा हो जाएगा। इन तीनों समर्पित माल गलियारों को वर्ष 2030 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। --------पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सात सेक्शनों पर कार्य जारी- डीएएफसीसीआईएल के अधिकारी ने बताया कि खुर्जा-भाऊपुर (कानपुर) सैक्शन 351 किलोमीटर के इस कॉरिडोर पर आज मंगलवार से परिचालन शुरू हो गया है। जबकि रेवाड़ी मदार के 306 किलोमीटर के इस खंड पर भी मालवहन इसी महीने शुरू कर दिया जाएगा। जबकि खुर्जा से दादरी सेक्शन के 48 किलोमीटर का काम जून 2021 तक पूरा होगा। इसी प्रकार लुधियाना-खुर्जा के 401 किलोमीटर खंड का काम जून 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसी प्रकार मदार-पालनपुर तक 335 किलोमीटर के इस खंड का काम मार्च 21 तक पूरा होने की उम्मीद है। रेवाड़ी-दादरी के 122 किलोमीटर के इस कॉरिडोर का काम दिसंबर 21 तक पूरा हो जाएगा। जबकि पालनपुर-मकरपुरा (जेएनपीटी) तक 738 किलोमीटर के इस खंड का काम जून 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। ____________ आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगी रेल परियोजना: मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय रेलवे की परियोजना पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करते हुए कहा कि यह परियोजना भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय रेल का आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में बनाए जा रहे ये फ्रेट कॉरिडोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जिसका लाभ व्यापारियों, किसानों और उपभोक्ताओं के अलावा अन्य वर्ग को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि खासतौर पर इस दौर में औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है, जिसका करीब 60 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा। प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक बताते हुए मोदी ने कहा कि ये दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। इसमें मैजेनमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वो भारत में ही तैयार हुई है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के फायदे--- - 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कॉरिडोर के ट्रैक पर मालगाड़ी चलाई जा सकेगी - यात्री ट्रेनों की वजह से अभी मालगाड़ियों को इतनी दूरी तय करने में कई बार पूरा दिन लग जाता है - यात्री ट्रेनों को पास देने के लिए मालगाड़ी को लूप लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा अभी डीजल इंजन से चलेगी मालगाड़ियां--- कॉरिडोर के रूट पर पहले डीजल इंजन से मालगाड़ियां चलेंगी, क्योंकि विद्युतीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही इस पर काम हो जाएगा, जिसके बाद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन से मालगाड़ी चलाई जाएगी। इन पांच उद्योगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा--- 1. कैमिकल एंड फर्टिलाइजर 2. एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग 3. पावर प्लांट्स 4.वेयरहाउसिंग 5.मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्ट यूनिट्स डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर व एयरपोर्ट से बढ़ेगा लॉजिस्टिक हब--- ईस्टर्न–वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और जेवर एयरपोर्ट को देखते हुए यहां पर लॉजिस्टिक हब विकसित किए जा रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने 1400 हेक्टेयर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 700 एकड़ में लॉजिस्टिक हब विकसित करने का खाका खींचा जा चुका है। इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक व वेयर हाउसिंग को उद्योग की श्रेणी में कर दिया है। जमीनों के दाम कम होने से निवेशकों को फायदा मिलेगा। जेवर में एयरपोर्ट आने और ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन गौतम बुद्ध नगर में बनने से लॉजिस्टिक हब की जरूरत बढ़ी है। यही कारण है कि अब औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने लॉजिस्टिक हब के लिए अपनी योजना बना ली है। प्रदेश सरकार ने इसकी गंभीरता को देखते हुए लॉजिस्टिक व वेयर हाउसिंग की श्रेणी को व्यावसायिक से बदलकर औेद्योगिक में कर दिया है। अब इनके निवेशकों को औद्योगिक दर पर जमीन मिल सकेगी। अब पहले से सस्ती दर पर जमीन प्राधिकरण दे सकेंगे। ---------------------------------------------- नए माल गलियारे पर कोयला और अनाज लादकर फर्राटे से दौड़ी मालगाड़ियां नए माल गलियारे पर परखी गई 100 किमी प्रतिघंटा की गति हरिभूमि ब्यूरो.खुर्जा(बुलंदशहर)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में देश के जिस पहले नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन किया है और यहां से इस नए ट्रैक पर दोनों तरफ से चलाई गई दो मालगाड़ियों को चलाया गया, जिनमें 10-10 हजार टन कोयला एवं अनाज भरा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली से ही भारतीय रेलवे के ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पहले हिस्से के रूप में उत्तर प्रदेश में 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन' का उद्घाटन किया। इस कॉरिडोर पर शुरू हुए मालगाड़ियों के परिचालन में पहली दो मालगाड़ियां कानपुर के भाउपुर से खुर्जा पहुंची, जिनमें 10-10 हजार टन कोयला एवं अनाज भरा हुआ था। कोयले व अनाज से भरी दोनों माल वाहक ट्रेनों को एल्सटॉम के डब्लूएजी 12ई लोकोमोटिव ईंजन द्वारा खींचा गया। रेलवे के अनुसार ईडीएफसी के भाउपुर-खुर्जा सेक्शन में एल्सटॉम ने एक इंटीग्रेटेड सिस्टम, इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नलिंग और टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम्स का डिजाइन कर उनकी आपूर्ति की है। इस आपूर्ति के तहत सिविल कार्यों का क्रियान्वयन एवं साईट इंस्टॉलेशन व कमीशनिंग भी की गई। इस नए ट्रैक को पहले ही 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से भारी लोड के आवागमन के लिए परखा जा चुका है। इस समर्पित माल गलियारे के वर्चुअल उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री मंत्री पीयूष गोयल तथा डीएफसीसीआईएल के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक रविंद्र कुमार जैन, एल्सटॉम इंडिया एवं साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टरए एलेन स्पोर के अलावा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। ----तकनीकी निगरानी करेगा एल्सटॉम: एल्सटॉम के काम की सीमा में ईस्टर्न डीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे मार्ग का विद्युतीकरण, सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम की स्थापना शामिल है। अनुबंध के तहत एल्सटॉम ने सब-स्टेशन बनाकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर्स (ओसीसी) में से एक की स्थापना की, जो डीएफसी के संपूर्ण ईस्टर्न खंड के ऑपरेशंस की निगरानी करेगा। इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए एल्सटॉम को भारत में अनेक पहली अभिनवताएं प्रस्तुत करने पर गर्व है। इसमें कॉन्क्रीट ट्रेन की शुरुआत एवं सर्कुलर फाउंडेशन की स्थापना शामिल है, ताकि पारंपरिक फाउंडेशन बिछाने की तकनीक के मुकाबले प्रोजेक्ट की गति को बढ़ाया जा सके। एल्सटॉम द्वारा स्थापित अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी), जो संपूर्ण ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के केंद्र का काम करेगा, उसका भी आज आधिकारिक उद्घाटन किया गया। एल्सटॉम के आईकोनिस (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सिग्नलिंग प्लेटफॉर्म पर निर्मित, यह ओसीसी ईस्टर्न कॉरिडोर पर कोलकाता से लुधियाना तक चलने वाली सभी ट्रेनों की गतिविधियों की निगरानी करेगा, क्योंकि यह मुख्य लाईन्स के लिए भारत में पहली बार ‘इंटीग्रेटेड ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम’ (टीएमएस) के साथ सुगम निरीक्षण व निगरानी संभव बनाता है। यह ट्रेनों के नियंत्रण व निगरानी, रेलवे एवं ईडीएफसी के संपूर्ण मार्ग में पॉवर सप्लाई के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में काम करेगा। 30Dec-2020

चालक की बगलवाली सीट के लिए जल्द अनिवार्य होगा एयरबैग

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर मांगे सुझाव हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में सड़क हादसों में हो रही मौतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार लगातार मोटर वाहन अधिनियमों में बदलाव करके वाहनों में सवार लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय करने में जुटी है। इसी के तहत जारी एक अधिसूचना में सरकार ने वाहन चालक की बगल में बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी एयरबैग अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के मकसद से वाहन के आगे की सीट पर चालक के बगल वाली सीट पर बैठने वालों के लिए एयरबैग लगाना अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है। अधिसूचना के अनुसार मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को देश की नये वाहनों के लिए एक अप्रैल 2021 तक और मौजूदा मॉडल्स में यह प्रस्ताव लागू करने के लिए एक जून 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की है। इसके लिए मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर हितधारकों से 30 दिनों के भीतर अपने सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। मंत्रालय के अनुसार देश में होने वाले सड़क हादसों में मौतों के आंकड़ों में कमी लाने के मकसद से कई अन्य महत्वपूर्ण नियम के तहत कई नियमों के तहत सीटबेल्ट रिमाइंडर, स्पीड अलर्ट सिस्टम, लाइट आदि पहले से ही लागू किया जा चुका है। इसके अलावा कारों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) फीचर्स भी शामिल किया जा रहा है। यह सेंसर की मदद से काम करता है, जो अचानक तेज गति में वाहन चलाते समय ब्रेक लगाने पर ब्रेक लॉक हो सकता है या काफी दूर जाकर गाड़ी रुकती है। ऐसे में गाड़ी के पलटने की आशंका ज्यादा होती है। लेकिन गाड़ी में एबीएस सिस्टम है, तो आप बैलेन्स बना कर गाड़ी को कम दूरी पर ही रोक सकते हैं। इससे आपकी गाड़ी आगे दूसरे वाहन या अन्य स्थानों पर टकराने से बच जाती है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि वर्तमान में चालक के लिए एयरबैग्स अनिवार्य किया गया है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से चालक के बगलवाली सीट के लिए इसकी अनिवार्यता महसूस की जा रही है, जिसे लागू करने के लिए मंत्रालय ने यह प्रस्ताव दिया है। 30Dec-2020

भारत-बांग्लादेश के सुरक्षा बलों में बना है तालमेल

उत्तर रेलवे के अस्पतालों में भी शुरू हुई एचआईएमएस परियोजना

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव ने किया उद्घाटन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के अस्पतालों में प्रबंधन सूचना प्रणाली लागू करने की योजना के तहत दक्षिण मध्य रेलवे में लागू होने के बाद सोमवार को उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल और उत्तर रेलवे के मंडलीय अस्पतालों में भी अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली परियोजना की शुरूआत कर दी गई है। इस एचआईएमएस प्रणाली का उदघाटन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ वी.के. यादव ने किया। उत्तर रेलवे के नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय अस्पताल तथा उत्तर रेलवे के विभिन्न मंडल अस्पतालों को इस सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली से जोड़ने के लिए सोमवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने एचआईएमएस प्रणाली का उदघाटन किया। इस प्रणाली से रेलवे लाभार्थियों के लिए अस्पताल सुविधा को सरल बनाने में मदद मिलेगी। वहीं अस्पतालों में दस्तावेज़ों की प्रक्रिया को सरल बनाने और रोगियों को सुविधाजनक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर रेलवे के केन्द्रीय अस्पताल में स्थापित एचआईएमएस प्रणाली से स्वस्थ्य कर्मचारियों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मिलेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष यादव ने कहा कि इस प्रणाली से भारतीय रेलवे द्वारा तैयार स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में एक बड़ा बदलाव लाएगा। इस प्रणाली का उनई प्रणाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाएगी और पारदर्शी तरीके से संसाधनों के उपयोग में सहायता करेगी। अस्पतालों में मरीजों के प्रतीक्षा समय को कम-से-कम करेगा और हर समय डॉक्टरों की टीम को मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराएगा। इस मौके पर आयोजित आभासी कार्यक्रम में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, केन्द्रीय अस्पताल के चिकित्सा निदेशक एस.सी. खोरवाल, वरिष्ठ चिकित्सक एवं अनेक रेल अधिकारी भी जुड़ते हुए शामिल हुए। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने अस्पताल प्रबंधन को एकल आर्किटेक्चर पर लाने के उद्देश्य से और संचालन को सहज बनाने के लिए अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली के कार्यन्वयन हेतु रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि रेलटेल के साथ समझौता किया था। यह प्रणाली अस्पताल प्रशासन और रोगी स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए भारत भर में 125 स्वास्थ्य सुविधाओं और 650 पॉलीक्लिनिक्स के लिए एक एकीकृत क्लिनिकी सूचना प्रणाली उपलब्ध कराएगी। ---दस्तावेज रहित मिलेगी सुविधाएं एचआईएमएस प्रणाली की मुख्य विशेषताओं की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि यूएमआईडी कार्ड वाला रोगी पंजीकरण डेस्क पर आएगा और उसे प्रस्तुत करेगा। कार्ड को कार्ड रीडर द्वारा स्कैन किया जायेगा। यदि रोगी के पास अपना कार्ड नहीं है, लेकिन उसके पास कार्ड नंबर या उसका पंजीकृत मोबाइल या उसका पीपीएफ या पीपीओ नंबर है, तो वह पंजीकरण डेस्क पर उसे बताएगा और उसका सारा विवरण उस नंबर को फीड करने पर स्वचालित रूप से प्राप्त हो जाएगा। वह अपनी बीमारी से संबंधित जानकारी देगा तत्पश्चात उसे संबंधित विभाग/डॉक्टर को भेजा जायेगा। फिर उसे एक टोकन नंबर मिलेगा जो उसे चिकित्सा संबंधित कक्ष में ले जाएगा और कतार में उसकी स्थिति के बारे में सूचित करेगा। इस प्रणाली में दिए गए बुकमार्क की मदद से, जोकि सामान्य बीमारियों के लिए एक संरचित प्रोफार्मा है, रोगी की पिछली बीमारियों से संबंधित विवरण की जानकारी सरल हां या ना रूप में प्राप्त कर दर्ज की जायेगी। ------------------------- रेलवे ने हरिद्वार कुंभ मेले के लिए कसी कमर हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। अगले साल जनवरी में आयोजित हरिद्वार कुंभ मेले के लिए जहां रेलवे अनेक ट्रेने चलाएगा, वहीं यात्रियों की सुविधाओं और उनकी सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए पुख्ता व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इस व्यवस्था के लिए चार जेए ग्रेड स्तर के अधिकारियों वाली एक आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया गया है, जो साप्ताहिक आधार पर इंतजामों की समीक्षा करेगी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया क उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित प्रधान कार्यालय, बडौदा हाउस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्तर रेलवे के विभागाध्‍यक्षों के साथ हरिद्वार कुम्भ मेला के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया। इस दौरान महाप्रबंधक गंगल ने कहा कि उत्तर रेलवे के लिए यात्रियों की संरक्षा सर्वोपरि है, जिसके लिए रेलवे की यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए व्यवस्थाएं पुख्ता होना जरुरी है। उन्होंने जनवरी 2021 से हरिद्वार में आयोजित होने जा रहे कुम्भ मेला व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए इस दिशा में चार जेए ग्रेड स्तर के अधिकारियों वाली एक आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया, जो साप्ताहिक आधार यात्रियों के लिए की जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं की समीक्षा करेगी। ---बीडीयू के कामकाज का जायजा: इस समीक्षा बैठक के दौरान बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिटों के माध्यम से प्राप्त होने वाले नए माल पर चर्चा की गयी। सभी संबंधित विभागों से उनके ब्लू प्रिंट के साथ तैयार रहने का कहा गया। विशेष रेलगाडियां चलाना, कर्मचारियों की तैनाती, यात्रियों की सुरक्षा और साफ-सफाई जैसे मुद्दों पर बैठक में विचार विमर्श किया गया। गंगल ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनज़र कुम्भ मेले के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। आउटरीच के माध्यम से मालभाड़ा के व्यापार को बढाने और कम्पनियों के साथ सम्पर्कों के बढाने के भविष्य में भी प्रयास किए जायेंगे। महाप्रबंधक ने बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिटों के काम काज का जायजा लेते हुए कहा कि बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिटों को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाना चाहिए। उन्होंने रेलवे द्वारा दी जा रही रियायतों और उपायों को ग्राहकों तक पहुँचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर गुजरते माह के साथ खाद्यान्न और अन्य मदों के लदान में वृद्धि हुई है। उन्होंने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों को समयपालनबद्धता 95 प्रतिशत तक बनाए रखने और मालभाड़ा लदान की गति को और बढाने के लिए नए उपाय तलाशने पर बल दिया। 29Dec-2020

ट्राइब्स इंडिया में मिली ‘जाइंट रॉक बी’ हनी को जगह

‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान: मलयाली जनजातीय उत्पाद को मिलेगा बाजार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान चलाया हुआ है। ट्राइब्स इंडिया के जरिये इस अभियान का मकसद जनजातीय उत्पादों को बाजार मुहैया कराना है। इसी मुहिम के तहत ट्राइब्स इंडिया में तमिलनाडु के मलयाली जनजातीय ऑर्गेनिक उत्पाद जाइंट रॉक बी हनी यानि शहद को शामिल किया गया है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को ट्राइब्स इंडिया के आउटलेटों तथा आठवें ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान में इसकी वेबसाइट में 35 से अधिक नए आकर्षक, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद शामिल किए गए हैं। ट्राइफेड द्वारा 8 सप्ताह पहले शुरू किये गये इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश के विभिन्न जनजातीय समूह से कारगर, प्राकृतिक तथा आकर्षक उत्पादों को मंगाना है ताकि इन उत्पादों की पहुंच विभिन्न प्रकार के लोगों तक हो सके। मंत्रालय के अनुसार इस सप्ताह के प्रमुख उत्पादों में तमिलनाडु के मलयाली जनजाति का प्राकृतिक, ताजा और ऑर्गेनिक उत्पाद के रूप में ‘जाइंट रॉक बी हनी भी प्रमुख जनजातीय उत्पादों में शामिल है। यह शहद ज्वार, इमली तथा काली मिर्च के रस से तैयार होता है। मलयाली जनजातीय समूह उत्तर तमिलनाडु में पूर्वी घाट से आता है। उस क्षेत्र में इनकी आबादी लगभग 3.58 लाख है और सबसे बड़े जनजातीय समूह हैं। जनजातीय लोग सामान्य रूप से पर्वतीय किसान हैं और विभिन्न प्रकार के ज्वार उत्पादन करते हैं। ---मध्य प्रदेश के आभूषण भी शामिल: मंत्रालय के अनुसार जनजातीय समूह से प्राप्त अन्य उत्पादों में मुख्यतः गले की शोभा वाले आकर्षक बारीक मालों से बने आभूषण हैं, जिसे मध्य प्रदेश के पतेलिया जनजातीय लोग तैयार करते हैं। इन लोगों का मुख्य आधार कृषि है, लेकिन झाबुआ के दस्तकारों द्वारा बनाए गए सुंदर रंगीन जेवर यानि आभूषण उनकी असाधारण दस्तकारी दिखाते हैं। अन्य उत्पादों में जैविक दाल और मसाले हैं जो गुजरात के वसावा जनजातीय लोगों से प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार ट्राइब्स इंडिया में शामिल अन्य उत्पादों में शहद, जैम तथा झारखंड के खरवार तथा ओराव जनजातीय लोगों द्वारा उपजाए गए दो विशिष्ट प्रकार के चावल तथा झारखंड के आदिम जनजातीय लोगों तथा लोहरा जनजाति द्वारा तैयार उत्पाद (चकला और बेलन) तथा धातु की बनी जालियां हैं। मंत्रालय के अनुसार इसका उद्देश्य 5 लाख जनजातीय उद्यमों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना, उनके जनजातीय उत्पादों और दस्तकारियों को दिखाना है ताकि देशभर के उपभोक्ताओं तक पहुंच सकें। अनेक प्रकार के प्राकृतिक और स्थायी उत्पादों के साथ ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लस हमारे जनजातीय भाइयों की सदियों पुरानी परम्पराओं को दिखाता है। 29Dec-2020

किसानों के लिए चलता-फिरता कोल्ड स्टोर ‘किसान रेल’: पीएम मोदी

ारतीय रेलवे की 100वीं किसान रेल को दिखाई हरी झंडी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान गत अगस्त में भारतीय रेल द्वारा किसानों के उत्पादों के परिवहन की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में किसान रेल की शुरूआत के बाद सोमवार को 100वीं किसान रेल की शुरूआत की गई। इस 100वीं किसान रेल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेल मंत्रालय के अनुसार सेामवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के संगोला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह किसान पश्चिम बंगाल के शालीमार तक जाएगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारतीय रेल की यह पहल देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बहुत कारगर साबित होगी, जिससे कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। मोदी ने कहा कि ये किसान रेल किसानों के लिए चलता फिरता कोल्ड स्टोर का काम करेंगी यानि इस कदम से देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरह से चलते-फिरते कोल्ड स्टोरेज में फल, सब्जी, दूध, मछली और जल्दी खराब होने वाली बाकी चीजें पूरी सुरक्षा के साथ पहुंच रही हैं। पहले यही सामान किसान को सड़क मार्ग के माध्यम से ट्रकों से भेजना पड़ता था, जिसमें कई समस्याएं हैं। इसमें समय बहुत लगता है, किराया ज्यादा लगता है। गांव में उगाने वाला हो या शहर में खाने वाला, दोनों के लिए यह महंगा पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में भंडारण की क्षमताओं का अभाव किसानों के लिए बड़ी चुनौती रहा है, जिसके समाधान के लिए केंद्र सरकार ने कई ठोस कमद उठाए हैं। इन्हीं में किसानों के उत्पादों को सरल और सस्ता परिवहन मुहैया कराने के लिए किसान रेल चलाने का कदम भी है। किसानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिलेगा उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बजट में की गई घोषणा के तहत भारतीय रेलवे ने इसी साल 7 अगस्त को किसान रेल की शुरुआत की थी। उसके बाद तेजी से इस दिशा में उठाए गये कदम में सोमवार केा 100वीं किसान रेल की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों की पहुंच को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक बढ़ा रही है, तो हम ये बात हवा में नहीं कहते हैं बल्कि ये जमीन पर हो रहा है। कुछ ही दिनों में ऐसी रेल की मांग इतनी बढ़ गई कि सप्ताह में तीन दिन ये रेल चलानी पड़ती है। इतने कम समय में इतनी किसान रेल चलाना आसान काम नहीं है, बल्कि साफ संदेश है कि देश का किसान क्या चाहता है। ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में किसान रेल में सरकार 50 फीसदी छूट भी दे रही है, इसका लाभ भी किसानों को मिल रहा है। उन्होंने केहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े छह हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। ------------------- मोदी आज करेंगे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का उद्घाटन रेल मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल मंगलवार को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन करेंगे। यह उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी प्रयागराज में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर के ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। इस दौरान यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे। रेलवे के अनुसार 351 किलोमीटर का न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन यूपी में स्थित है और 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बना है। कानपुर देहात के पुखरायन इलाके की एल्युमिनियम इंडस्ट्री, औरैया जिले के डेयरी सेक्टर, इटावा के टेक्सटाइल और ब्लॉक प्रिंटिंग सेक्टर, फिरोजाबाद जिले की ग्लासवेयर इंडस्ट्री, बुलंदशहर के खुर्जा के पोटरी प्रोडक्ट, हाथरस जिले के हींग प्रोडक्शन और अलीगढ़ के ताले और हार्डवेयर इंडस्ट्री के लिए ये सेक्शन बहुत सारे मौके लाएगा। इस सेक्शन की वजह से कानपुर-दिल्ली रूट का ट्रैफिक भी कम होगा। वहीं यह सेक्शन भारतीय रेलवे को और तेजी से ट्रेनें चलाने में मदद करेगा। 29Dec-2020

31 जनवरी तक जारी लागू रहेंगे कोरोना महामारी के दिशानिर्देश

गृह मंत्रालय ने कोरोना के नए स्ट्रेन से सतर्कता के लिए बढ़ाई अवधि हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के मामलों में भले ही कमी आ रही हो, लेकिन नए स्ट्रेन से सतर्क रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के जारी कोरोना महामारी दिशानिर्देशों को 31 जनवरी तक लागू करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को पूर्व में जारी कोरोना की निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों को 31 जनवरी 2021 तक लागू रखने के लिए आज एक आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश में ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन से सावधान रहने की बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि देश में कोरोना संबन्धी जारी मौजूदा दिशानिर्देश 31 जनवरी तक लागू रहेंगे। मंत्रालय के अनुसार भले ही कोविड-19 के नए और सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मामलों में बढ़ोतरी और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में वायरस के नए संस्करण के सामने आने के बाद निगरानी, रोकथाम और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है। इस इस क्रम में नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों का सावधानी से सीमांकन, इन क्षेत्रों में सुझाए गए रोकथाम के सख्त उपायों के पालन, कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार को प्रोत्साहन और सख्ती से अनुपालन, और विभिन्न स्वीकृत गतिविधियों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का ईमानदारी से पालन जारी रखा गया है। इस प्रकार 25 नवंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देशों में उल्लिखित गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/एसओपी की निगरानी, रोकथाम और सख्ती से पालन पर केंद्रित दृष्टिकोण को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने की जरूरत है। 28Dec-2020

‘कारोबार की सुगमता’ सुधारों में मध्य प्रदेश समेत छह राज्य आगे

केंद्र ने दी 6 राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों की उधार सीमा को उनके जीडीपी के दो प्रतिशत बढ़ाकर उसका आधा हिस्सा राज्यों में ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों में जोड़ दिया था। इस व्यवस्था में अब तक मध्य प्रदेश समेत छह राज्य व्यवसाय की सुगमता सुधारों को सफलतापूर्वक शुरू करने में सफल रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने इन छह राज्यों को खुले बाजार की उधारियों के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति प्रदान कर दी है। वित्त मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 17 मई 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया। चिन्हित सुधारों के लिए एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन, व्यवसाय करने की सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार और बिजली क्षेत्र सुधार जैसे चार लोक केंद्रित क्षेत्र शामिल किये थे। इन चारों सुधारों में अभी तक 6 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना ने सफलता पूर्वक ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों को लागू किया है, जिसमें हाल ही में राजस्थान ऐसा छठा राज्य बना है। वित्त मंत्रालय ने व्यवसाय करने की सुगमता से जुड़े सुधारों को पूरा करने वाले इन सभी राज्यों को 19,459 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है, जिसमें राजस्थान को 2,731 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति मिली है। इससे पहले स्थानीय निकायों में सफलतापूर्वक सुधार लागू करके मध्य प्रदेश पहला स्थान हासिल कर चुका है, जिसके साथ आंध्र प्रदेश भी शामिल रहा। जबकि अब ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ सुधारों का कार्य पूरा करने वाले राज्यों में भी मध्य प्रदेश शामिल हो गया है, जिसके कारण मध्य प्रदेश को 2,373 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश को 2,525 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 4,509 करोड़ रुपये, तमिलनाडु को 4,813 करोड़ रुपये और तेलंगाना को 2,508 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी जा चुकी है। गौरतलब है कि इन सुधारों को शुरू करने और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त उधार लेने के लिए और अधिक राज्यों को सुविधा प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने हाल ही में राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने के लिए समय सीमा तय की थी, जिसे बढ़ाकर 15 फरवरी, 2021 कर दी गई है। ----दस राज्यों ने लागू की वन नेशन वन राशन कार्ड: मंत्रालय के अनुसार अब तक 10 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को कार्यान्वित किया है, जबकि 6 राज्यों ने व्यवसाय करने की सुगमता सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करने वाले दस राज्यों 50,253 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई है। सुधारों को पूरा करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने से अन्य राज्यों को भी सुधार प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और जुड़े हुए वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित होने की संभावना है। ---तीन सुधारों के लिए अतिरक्त वित्तीय सहायता: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा गत 12 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 2.0 के ऐलान के एक हिस्से के रूप में इन चार में से तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों को दूसरा लाभ पूंजीगत व्यय के रूप में अतिरिक्त वित्तीय सहायता का प्रावधान है। इस योजना के तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। 27Dec-2020

जल्द बहाल हो सकती हैं निरस्त की गई सभी ट्रेनें

राज्यों से हरी झंडी मिलने पर चलाई जाएगी पैसेंजर ट्रेने हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देश में कोरोना वायरस के कारण लागू हुए लॉकडाउन के दौरान निरस्त की गई यात्री ट्रेनों का परिचालन खासकर पैसेंजर ट्रेनों को जल्द चलाने की योजना बना रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान ऐसे संकेत दिये हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भारतीय रेलवे ने देशभर में यात्री ट्रेनों को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद मई से पहले विशेष श्रमिक ट्रेने और उसके बाद यात्रियों की सुविधाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से विशेष एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने का सिलसिला जारी है। यादव ने कहा कि इस समय केवल विशेष एक्सप्रेस रेलगाड़ियां ही चलाई जा रही है, जिसकी वजह से अनारक्षित टिकट पर यात्रा करने वालों को हो रही परेशानी के मद्देनजर भारतीय रेलवे अन्य सभी खासकर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए रेलवे के अधिकारी राज्य सरकारों से लगातार चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैसे राज्य सरकारों की सहमति मिल जाएगी, वैसे ही भारतीय रेल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बहाल कर देगा। -----ऐसे होगी परिचालन व्यय की भरपाई: रेलगाड़ियों के परिचालन में बेहद कमी के मामले पर रेलवे की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद माल ढुलाई जैसी गतिविधियों से रेलवे को हो रही आमदनी से परिचालन व्यय को पूरा करने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे खर्च पर नियंत्रण करने के लिए अपनाए जा रहे उपायों और माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से यात्री ट्रेनों के न चलने से हुए नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि कोरोना महामारी की वजह से रेलवे को यात्रियों से होने वाली आय इस साल 87 प्रतिशत यानि 4,600 करोड़ रुपये रह गयी है, जबकि पिछले साल यह आमदनी 53,000 करोड़ रुपये थी। -----माल ढुलाई से बढ़ाई आमदनी: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष यादव ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए ऐसी योजना बनाई जा रही है जिसे खाद्यान्न और उर्वरकों जैसे गैर-पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में वृद्धि की जाए। रेलवे ने इस मद में इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी कम खर्च किया है। मसलन रेलवे ने अपने खर्च पर नियंत्रण करने के लिए ईंधन और अन्य मदों में बचत कर रहे हैं। हालांकि कोविड-19 के बावजूद माल गाड़ियों का परिचालन लगातार जारी रहा और माल लदान व माल ढुलाई की गतिविधियों को को मिशन मोड़ पर बढ़ाई हैं। यही कारण है कि कोरोना संकट के बावजूद भारतीय रेलवे ने पिछले साल की माल लदान और माल ढुलाई से होने वाली आय को पार कर लिया है। इसलिए इस साल माल ढुलाई राजस्व पिछले साल की तुलना में अधिक होगा। ----रेलवे परियोजनाओं पर ज्यादा काम: इस दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में चल रही रेल परियोजनाओं को कोरोना संकट के दौरान अवसर में बदलते हुए ज्यादा काम किया गया है। इसी का नतीजा है कि इस वर्ष रेलवे के विद्युतीकरण कार्य में 4.5 गुना वृद्धि दर्ज की और देश में 960 बड़े रेलवे स्टेशनों की छतों पर 105.7 मेगावाट सोलर पॉवर प्लांट शुरू किए गए हैं। वहीं मानव युक्त रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त करने की दर में 102 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और देशभर में 635 रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गये। -----महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की समस्या: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि मुंबई-गुजरात हाई स्पीड ट्रेन चलाने की परियोजना पर गुजरात में तेजी से काम हो रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में अड़चने सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र में इस समस्या के समाधान में देरी होती है, तो रेलवे मुंबई-गुजरात हाई स्पीड ट्रेन की परियोजना को चरणबद्ध तरीके से चलाने को भी तैयार है। हालांकि रेलवे का प्रयास है पूरे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को एक साथ शुरू किया जाए और इसके मुताबिक ही योजना बनाई गई है। यादव के अनुसार महाराष्ट्र में अभी तक केवल 26 फीसदी भूमि का ही अधिग्रहण हो सका है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसान संगठन और राज्य सरकार इस परियोजना का विरोध कर रही हैं। 27Dec-2020

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

रेलवे के ऑनलाइन टिकट की बुकिंग आसान होगी

आईआरसीटीसी ई-टिकटिंग वेबसाइट में उन्नत फीचर और सरल डिजाइन पर काम शुरू: गोयल हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ई-टिकटिंग प्रणाली को यात्रियों के लिए आसान बनाने पर बल देते हुए कहा कि रेलवे उन्नत फीचर और सरल डिजाइन के साथ अपनी ई-टिकटिंग वेबसाइट को उपभोक्ताओं के अनुकूल और सुगम बनाने के लिए काम कर रहा है। रेल मंत्रालय के अुनसार आईआरसीटीसी ई-टिकटिंग वेबसाइट में यात्रियों द्वारा बुकिंग में आसानी के लिए सभी फीचर उपलब्ध कराने के लिए किये जा रहे कार्य के उन्नयन की समीक्षा करने के बाद रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इच्छा जाहिर की है कि ई-टिकटिंग वेबसाइट में यात्रियों के लिए उनकी रेल यात्रा से संबंधित समग्र सुविधा उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी टिकटिंग वेबसाइट भारतीय रेलवे द्वारा संचालित रेलगाड़ियों में ऑनलाइन यात्री आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराती है। 2014 से टिकटों की बुकिंग के साथ-साथ यात्रा की सुविधाओं में सार्वजनिक अनुभव में सुधार लाने पर जोर दिया जा रहा है। गोयल ने महसूस किया कि आईआरसीटीसी वेबसाइट भारतीय रेल से यात्रा करने वाले नागरिकों का पहला संपर्क बिंदु बना हुआ है और यह अनुभव अनुकूल और सुविधाजनक होना चाहिए। नए डिजिटल इंडिया के तहत अधिक से अधिक लोग अब आरक्षण काउंटरों पर जाने के बजाय ऑनलाइन टिकट बुक करने की ओर बढ़ रहे हैं और इसलिए आईआरसीटीसी वेबसाइट को वास्तव में खुद का लगातार उन्नयन करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता है। गोयल को समीक्षा के दौरान आरबी, क्रिस (सीआरआईएस) और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वेबसाइट के कामकाज में और सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ---रेलवे ने कई ट्रेनों के बदले मार्ग उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने शुक्रवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर सेक्शन पर नॉन-इंटरलॉकिंग के कार्य के कारण आधा दर्जन रेलगाड़ियों को मार्ग परिवर्तन करके चलाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत वाराणसी-जम्मूतवी बेगमपुरा विशेष रेलगाड़ी को शुक्रवार से दो जनवरी तक और जम्मूतवी-वाराणसी बेगमपुरा विशेष रेलगाड़ी को एक जनवरी तक वाया प्रतापगढ़ चलाया जाएगा। इसी प्रकार वाया प्रतापगढ़ चलने वाली ट्रेनों में राजगिर-नई दिल्ली क्लोन हमसफर विशेष ट्रेन का संचालन भी दो जनवरी तक इसी प्रकार रहेगा। इस कार्य के कारण चंडीगढ़-पाटलीपुत्र एक्सप्रेस विशेष ट्रेन और राजगिर-नई दिल्ली श्रमजीवी विशेष ट्रेन को भी वाया प्रतापगढ़ चलाया जा रहा है। इन ट्रेनों के अलावा हावड़ा-जम्मूतवी हिमगिरी एक्सप्रेस विशेष ट्रेन को दोनों दिशाओं में वाया फैजाबाद चलाने का निर्णय लिया गया है। 26Dec-2020

मोदी ने किया वाजपेयी के जीवन पर लिखी पुस्तक का विमोचन

संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में वाजपेयी व मदन मोहन मालवीय की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। संसद भवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के मौके पर केंद्रीय कक्ष में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत अनेक सांसदों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर उनके जीवन पर प्रकाशित पुस्तक ‘संसद में अटल बिहारी वाजपेयी:एक स्मृति खंड’ का विमोचन भी किया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में संसद सदस्यों ने शुक्रवार को पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती के अवसर पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा के अलावा पूर्व संसद सदस्यों और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। वाजपेयी की जयंती के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक ‘संसद में अटल बिहारी वाजपेयी:एक स्मृति खंड’ के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों का विमोचन भी किया। लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में विभिन्न महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के बारे में वाजपेयी के विचारों और मतों का संकलन किया गया है तथा संसद में वाजपेयी द्वारा दिए गए भाषणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की उनकी संकल्पना और एक उत्कृष्ट सांसद के रूप में लोकतान्त्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में उनके द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को दर्शाया गया है। इस प्रकाशन में अटल जी के सार्वजनिक जीवन से जुड़े कुछ दुर्लभ चित्र भी हैं। इस पुस्तक में भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के संदेश शामिल किए गए हैं। पुस्तक का प्राक्कथन भारत के उप राष्ट्रपति ने और आमुख लोक सभा अध्यक्ष ने लिखा है और इसकी प्रस्तावना पूर्व लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने लिखी है। इस कार्यक्रम में गण्यमान्य व्यक्तियों को लोक सभा सचिवालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनवृत्त वाली पुस्तिकाएं भेंट की गईं। लोकसभा सचिवालय के अनुसार राष्ट्र के प्रति पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी की उत्कृष्ट सेवाओं की मान्यतास्वरूप संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके चित्रों का क्रमश 19 दिसंबर 1957 और 12 फरवरी 2019 को अनावरण किया गया था। भारत के राष्ट्रपति ने पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) और श्री अटल बिहारी वाजपेयी को 24 दिसंबर 2020 को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया था। ------------------------------------------- सदैव अटल पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 96वीं जयंती के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्र सरकार के मंत्रियों ने उनके समाधि स्थल 'सदैव अटल' पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अपने दूरदर्शी नेतृत्व में उन्होंने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया। प्रधानमंत्री मोदी ने 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शत-शत नमन करते हुए कहा कि अपने दूरदर्शी नेतृत्व में उन्होंने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया। एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा। ----अमित शाह ने किया नमन: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जयंती पर कहा कि विचारधारा-सिद्धांतों पर आधारित राजनीति एवं राष्ट्र समर्पित जीवन से भारत में विकास, गरीब कल्याण और सुशासन के युग की शुरुआत करने वाले भारत रत्न आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। अटल जी की कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्रसेवा हमारे लिए सदैव प्रेरणा का केंद्र रहेगी। राजनीति में मर्यादाओं का किया पालन: राजनाथ पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूं। उन्होंने भारत में विकास एवं सुशासन के नए मापदण्ड तय किए। अटल जी ने राजनीति में मर्यादाओं का पालन किया। यह देश उनके विचारों से सदैव प्रेरणा लेता रहेगा। 26Dec-2020

कोहरे में रेल परिचालन सुचारू रखने की योजना तैयार

उत्तर भारत में कोहरे की चुनौतियों से निपटने को तकनीक का होगा इस्तेमाल हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। उत्तर भारत में शीतकालीन मौसम के दौरान कोहरे की चुनौतियों के बीच यात्री और माल रेलगाड़ियों के परिचालन प्रणाली के प्रभावित होने से बचाव की दिशा में रेलवे ने व्यापक तैयारियों को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए तकनीकी प्रणालियों को इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें सभी ट्रेनों को जीपीएस नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने शुक्रवार को कहा कि गत वर्षों के दौरान कोहरे के मौसम में आई कठिनाईयों के अनुभवों व व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे द्वारा रेल परिचालन की योजना तैयार की गई है। इस बार सर्दियों में कोहरे के मद्देनज़र रेल परिचालन को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने की प्रस्तावित योजना के तहत एक घंटे से अधिक विलम्ब से प्रस्थान करने वाली रेलगाड़ियों की सूचना यात्रियों को एसएमएस के माध्यम से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर दी जायेगी। वहीं सामान्य कार्य अवधि के उपरांत भी देर तक प्लेटफार्मों पर खान-पान स्टॉलों को खोलने का प्रावधान किया गया है। भीड़-भाड़ प्रबंधन और सुरक्षा मामलों से निपटने के लिए स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जायेगी। ----रेल सरंक्षा पर फोकस: रेलवे के अनुसार रेल संरक्षा की दिशा में रेलवे ने सर्दियों के मौसम में रेल लाइनों पर गश्त बढ़ाकर सतत् निगरानी करने का निर्णय लिया है। मसलन रेल पथ पर गश्त लगाने वाले कर्मचारियों को जीपीएस आधारित हैंड-हैल्ड उपकरण प्रदान किए गए हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक घटना की सूचना वे दोनों ओर के निकटवर्ती स्टेशनों तक तुरंत पहुँचा सकें। वहीं सभी रेल इंजनों में फॉग-सेफ्टी डिवाइस का प्रावधान किया गया और दृश्यता कम होने की स्थिति में ड्राइवर आने वाले सिगनल की ऑडियो-विजुअल सूचना प्राप्त कर सकता है। जीपीएस नेटवर्क से जुडी सभी मॉडिफाइड स्वचालित सिगनल इकाईयों की सिगनल प्रणाली का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। इसी प्रकार साइटिंग बोर्डों, लेवल क्रासिंग बोर्डों, फॉग सिगनल चौकियों इत्यादि को चमकदार पेंट से बेहतर बनाने, रेल पटरियों के साथ लाइम मार्किंग की गई है। ----ऐसे होगी कोहरे की स्थिति की जांच: गंगल ने बताया कि स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोहरे की स्थिति को जांचने के लिए स्टेशन मास्टरों द्वारा विजिबिलिटी टैस्ट किए जाते हैं। कम दृश्यता संबंधी मामलों से निपटने के लिए लोको पायलटों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। वह रेल पथों पर परिस्थिति के अनुसार रेलगाड़ी की गति सीमा को अपने विवेक और सूझ-बूझ के साथ नियंत्रित करेगा। सर्दी के मौसम में कोहरे या धुंध के मौसम में सामान्य जन-जीवन भी प्रभावित होता है। इसका रेल परिचालन प्रणाली पर कम दृश्यता के चलते रेलगाड़ियों का परिचालन भी प्रभावित होता है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए कोहरा प्रभावित क्षेत्रों में रेलगाड़ियों की गति सीमा पर प्रतिबंध लगाने जैसे अनेक उपाय किये जाते है। -----कोहरा रेल परिचालन में चुनौती: रेलगाडियों के विलम्ब से चलने के कारण रैकों का अनियमित आगमन/प्रस्थान के साथ मार्ग अवरोधों और रेलगाड़ियों की धीमी गति के कारण कार्य के घंटों में वृद्धि के चलते चालक दल की कमी की जा सकती है। रेलगाड़ियों के विलम्ब से चलने के कारण रेलगाड़ियों की समय-सारणी, उनके प्लेटफार्मों पर लगाए जाने की योजना, वाशिंग लाइन परिसरों में उनके रख-रखाव के समय पर प्रभाव के कारण रेलगाड़ियों के विलम्ब से चलने के कारण खान-पान सुविधाओं पर असर पड़ता है। प्रमुख रेल टर्मिनलों के प्लेटफार्मों पर प्रतीक्षारत यात्रियों की भीड़ बढ़ना स्वाभाविक है। इसी प्रकार कम क्षमता के कारण अनुरक्षण ब्लॉकों की अनुपलब्धता हो सकती है। वहीं गति सीमा पर प्रतिबंध और क्षमता बाधित होने के कारण परिसम्पतियों के न्यूनतम उपयोग और चालक दल के ओवर टाइम के कारण परिचालन की लागत में वृद्धि करना भी प्रस्तावित है। 26Dec-2020

पोर्टेबल उपकरणों से होगी पानी की गुणवत्ता जांच

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने शुरू की उपकरण विकसित करने की कवायद हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने जल परीक्षण करने वाले पोर्टेबल उपकरणों को विकसित करने के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की साझेदारी से एक नवाचार चुनौती शुरू की है। इसका मुख्य मकसद उठाने में आसान उपकरणों को विकसित करने के वास्ते एक अभिनव, मॉड्यूलर तथा कम लागत वाला प्रभावी समाधान सामने लाना है, जिसका उपयोग घरेलू स्तर पर पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए त्वरित, आसानी और सही तरीके से किया जा सकता है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया क जल गुणवत्ता परीक्षण केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है और इस नवाचार चुनौती का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न स्थानों पर और विभिन्न स्तरों पर जल स्रोतों का परीक्षण किया जाए। इसके अलावा दूषित जल के मुद्दों का स्थाई समाधान प्रदान करने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए नीति निर्धारणकर्ताओं की मदद करना भी इसमें शामिल है। मंत्रालय ने बताया क ज़्यादातर घरों में पाइप के ज़रिये से पानी की आपूर्ति प्राप्त करने वाले लोगों के पास अपने नलों से मिलने वाले जल की गुणवत्ता की जांच करने का कोई साधन मौजूद नहीं होता है। इससे एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें अक्सर लोग नल के पानी का सीधे सेवन करने से घबराते हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में लोग अतिरिक्त खर्च करके घरेलू जल उपचार इकाइयों की स्थापना भी करते हैं। नवाचार चुनौती का मुख्य उद्देश्य इन मुद्दों के समाधान के लिए अभिनव, मॉड्यूलर तथा कम लागत वाला प्रभावी समाधान ढूंढ कर सामने लाना है। ---देश में 2.90 करोड़ को मिले जल कनेक्शन: मंत्रालय के अनुसार जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से लेकर गत 23 दिसंबर तक 2.90 करोड़ परिवारों को नल से जल का कनेक्शन प्रदान किया गया है। इसी प्रकार से देश के ग्रामीण परिवार के लिए नल द्वारा जल की आपूर्ति अगस्त 2019 में 3.23 करोड़ से बढ़ कर 6.13 करोड़ हो गई है। इसके अतिरिक्त देश के 20 जिलों, 425 ब्लॉकों, 34 हजार ग्राम पंचायतों तथा 64 हजार गांवों के हर घर में नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध है। ---भूजल से 80 फीसद जलापूर्ति: मंत्रालय के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति भूजल से 80 फीसदी और सतही जल के 20 फीसदी स्रोतों से होती है। हालांकि घटते भूजल स्तर के कारण विशेष रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सतही जल का उपयोग काफी बढ़ रहा है। भूजल और सतही जल पर आधारित ग्रामीण पेयजल आपूर्ति की दोनों प्रणालियों में पीने योग्य पानी तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिक क्षेत्र-विशिष्ट संदूषण को मापना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यूनिफॉर्म ड्रिंकिंग वॉटर क्वालिटी प्रोटोकॉल 2019 ने बीआईएस आईएस 10500:2012 और अनुवर्ती संशोधनों के अनुसार पीने के पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मापदंडों को निर्दिष्ट किया है। ----2024 तक मिशन का लक्ष्य: जल जीव मिशन वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर को नल द्वारा जल कनेक्शन प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए राज्यों की साझेदारी के साथ काम कर रहा है। इस मिशन का उद्देश्य नियमित तौर पर और लंबे समय तक प्रत्येक ग्रामीण को पीने योग्य नल का पानी पर्याप्त मात्रा में तथा निर्धारित गुणवत्ता में उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन आवेदकों को जल परीक्षण के पोर्टेबल उपकरणों को विकसित करने की नवाचार चुनौती में शामिल होने तथा जीवन को बदल कर रख देने वाले इस जन आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता है। 26Dec-2020

देश में एक जनवरी से सभी वाहनों में अनिवार्य होगा फास्टैग

बिना फास्टैग के टोल प्लाजा नहीं लांघ सकेगा कोई वाहन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही अगले दो साल के भीतर देशभर के टोल प्लाजाओं को खत्म करके जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन उससे पहले शुरू की गई ई-टोल संग्रह प्रणाली के लिए नए साल यानि एक जनवरी से सभी टोल प्लाजाओं को लांघने के लिए तमाम चार या उससे ज्यादा पहिया वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने ऐलान किया है कि एक जनवरी 2021 से टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले चार पहिया और उससे ज्यादा पहिया वाहनेां के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा, क्योंके देश के तमाम टोल प्लाजाओं पर फास्टैग लेन पहले से ही तैयार की गई हैं। मसलन अब सभी वाहनों में फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। गडकरी ने इस घोषणा में कहा कि सभी वाहनों में फास्टैग लगने के बाद टोल प्लाजा पर नकद भुगतान के लिए नहीं रुकना पड़ेगा। हालांकि एक जनवरी से ई-टोल संग्रह प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। इस अधिसूचना के तहत एक जनवरी 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। ऐसे में एक जनवरी से उन पुराने वालों के लिए भी फास्टैग अनिवार्य होगा, जिन्हें एक दिसंबर 2017 से पहले बेचा गया है। इस पूरे फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन करने के बाद अधिसूचना जारी की है। गौरतलब है कि इससे पहले फास्टैग को एक दिसंबर 2017 के बाद से नए चार पहिया वालों के लिए रजिस्ट्रेशन के समय ही अनिवार्य कर दिया गया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र सरकार 31 दिसंबर तक फास्टैग का इस्तेमाल 100 प्रतिशत करना चाहती है। ---बिना फास्टैग के टोल पार नहीं कर सकेगा वाहन: मंत्रालय के अनुसार यदि वाहन मालिक ने अपने वाहन पर फास्टैग नहीं लगाया, तो उन्हें हाईवे पर एक जनवरी से असुविधा हो सकती है, क्योंकि उसे टोल पार नहीं करने दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने फास्टैग के जरिए ई-टोल संग्रह प्रणाली को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था, जिसके बाद वर्ष 2017 तक करीब एक लाख जारी किये जा चुके थे, जिनकी संख्या अब तक करोड़ो में पहुंच चुकी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 31 दिसंबर तक शतप्रतिशत वाहनों में फास्टैग लग जाएगा। मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के अनुसार 1 दिसंबर 2017 से फास्टैग को नए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए अनिवार्य कर दिया गया था और वाहन निर्माताओं और उनके डीलरों को फास्टैग लगाकर नए वाहन की बिक्री करने के आदेश दिये गये थे। नियमों के तहत अब भारी वाहनों के फिटनेस का प्रमाण पत्र उसका नवीकरण भी बिना फास्टैग के नहीं किया जा सकेगा। इसके तहत एक अक्टूबर से राष्ट्रीय परमिट वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था। 25Dec-2020

रेलवे ने 28 किलोमीटर तक ट्रैक पर दौड़ाई 125 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रेन

मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने किया देवबंद-टपरी दोहरीकृत रेल सेक्शन का निरीक्षण हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। उत्तर रेलवे ने दिल्ली मंडल के 28 किलोमीटर लम्बे देवबंद-टपरी रेल सेक्शन के दोहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने इस रेल सेक्शन का गहन निरीक्षण किया और 125 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रेन दौड़ाकर परीक्षण किया। उत्तर रेलवे ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश पाठक ने देवबंद-टपरी दोहरीकृत का काम पूरा होने के बाद इस निरीक्षण के दौरान रेलपथ, पुलों और सिगनल कार्यों की गुणवत्ता की भी परख की, जिसमें उन्होंने संतुष्टि जाहिर करते हुए सराहना भी की। इस दौरान इस रेल सेक्शन पर 125 किलोमीटर प्रति घंटा गतिसीमा पर रेल परिचालन की गुणवत्ता का भी परीक्षण किया। रेलवे के अनुसार मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने 110 किलोमीटर प्रति घंटा पर रेलपथ की फिटनेस को प्राधिकृत किया है, चूँकि कुछ फिनिशिंग कार्य अभी चल रहे हैं अत: बिजली के इंजनों के लिए इस रेल सेक्शन पर गति सीमा कुछ दिनों के लिए 75 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। इस रेल सेक्शन के दोहरीकृत हो जाने से समूचा दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद-मेरठ-सहारनपुर रेल मार्ग दोहरीकृत हो गया है। इस दोहरीकृत रेल सेक्शन से न केवल यात्रा-समय में कमी आयेगी बल्कि इकहरी रेल लाइन होने के कारण रेलगाड़ियों को चलने के लिए पास न मिलने की बाधा भी समाप्त हो जायेगी तथा अब दोहरीकृत रेल लाइन पर रेलगाडियों का निर्बाध संचलन हो सकेगा। उत्तर रेलवे अपनी रेलयात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। ----रेल परिचालन की बढ़ेगी क्षमता: उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि देवबन्द-टपरी रेल सेक्शन के दोहरीकरण का कार्य पूरा करने के लिए 18 दिसंबर से इस कार्य को अंतिम रुप देने के लिए आस-पास की जनता को इस रेलवे लाइन के आसपास न आने के लिए सतर्क किया था और फाटकों से फाटकों से आने-जाने के दौरान अधिक सावधानी बरतने की अपील की थी, जिसमें रेलवे लाईन को पार करने हेतु उस पर बने हुए उपरगामी सेतु या अधोगामी सेतु का उपयोग अधिक से अधिक करने की सलाह जारी की थी, क्योंकि इस दौरान रेलवे की विभिन्न प्रकार की मशीनों एवं इंजनों द्वारा लाईनों पर स्पीड निरीक्षण का कार्य करने की तैयारी में बाधा उत्पन्न न हो। इस दोहरीकृत रेल सेक्शन पर मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण और रेल स्पीड़ के परीक्षण के मद्देनजर इस संबंध में रेलवे एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के मध्य लगातार सामंजस्य बनाए रखा गया। इस रेल दोहरीकरण कार्य से इस क्षेत्र के आम जनता को रेलवे यातायात संबंधी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी एवं रेल परिचालन को समय से चलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी इस दोहरीकरण कार्य का साकारात्मक लाभ होगा। 25Dec-2020

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

हरिद्वार कुंभ मेले की तैयारियों में जुटा केंद्र!

हरिद्वार में पूरी हुई नमामि गंगे की तमाम परियोजनाएं रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कसी कमर ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। हरिद्वार कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं को लेकर केंद्र सरकार बेहतर व्यवस्थाओं के लिए कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटा है। नमामि गंगे की सभी परियोजनाओं का पूरा करने के बाद जल शक्ति मंत्रालय ने अन्य संबन्धित तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। वहीं रेलवे ने भी श्रद्धालुओं और यात्रियों के आवागमन और सुरक्षा जैसी तमाम सुविधाओं को सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के मद्देनजर नमामि गंगे की खासकर हरिद्वार में तमाम परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। इन परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करके हरिद्वार कुंभ के लिए तत्कालीक व्यवस्थाओं के लिए पहले ही 85 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। वहीं अधिकारियों को नमामि गंगे मिशन के माध्यम से उत्तराखंड को हर संभव सहायता जारी रखने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के सभी प्रमुख कार्यों को पूरा करने का दावा किया है, जिसकी पुष्टि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी कर चुके हैं। हरिद्वार कुंभ मेले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी इसी पहलू पर बल रहा है कि हरिद्वार के कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को एक बेहतर सुविधाओं की कोई कमी न हो। केंद्र सरकार पतित पावनी मां गंगे के तट पर लगने वाले हरिद्वार कुंभ मेला के महत्व को समझते हुए उसके आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार के साथ समन्वय बनाते हुए कुंभ मेले की पुरजोर तरीके तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। ------------------------- नमामि गंगे मिशन ने बदली तस्वीर जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा के अनुसार हरिद्वार कुंभ को देखते हुए नमामि गंगे मिशन के तहत सभी सीवरेज परियोजनाएं पूरी होने से हरिद्वार की तस्वीर बदल गई है। मसलन अब हरिद्वार में 145 एमएलडी यानि 14.5 करोड़ लीटर प्रतिदिन की सीवरेज ट्रीटमेंट की क्षमता हो गई है, जो अगले 15 वर्षों के लिए 110 एमएलडी यानि 11 करोड़ लीटर पानी के सीवेज उत्पादन के वर्तमान स्तर को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी। छह साल पहले 2014 में महज 45 एमएलडी ट्रीटमेंट की क्षमता थी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के लिए नमामि गंगे के तहत मंजूर की गई 85 करोड़ रुपये की धनराशि से मेले के दौरान पर्याप्त संख्या में शौचालय, मूत्रालय, डस्टबिन सहित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था, नवनिर्मित एसटीपी, बायोरेमेडिएशन और आईईसी गतिविधियों में सह-उपचार के काम किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इन परियोजनाओं के उद्घाटन करने के दौरान कहा था कि 2019 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कुंभ में देश दुनिया से आए श्रद्धालुओं ने गंगा के पवित्र जल का अनुभव किया। अब पूरी दुनिया फिर से गंगा में पवित्र डुबकी लगाकर हरिद्वार महाकुंभ में गंगा जल की पवित्रता का अनुभव करेगी। वहीं गंगा से जुड़ी विरासत की बारीकियों का विस्तार से वर्णन करने वाली नवनिर्मित गंगा संग्रहालय श्रद्धालुओं में उत्साह का एक नया स्तर जोड़ने वाला है। ______________________________ विशेष ट्रेने चलाने की योजना तैयार उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोश गंगल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हरिद्वार कुम्भ मेला-2021 हेतु व्यवस्थाओं तथा बिजनेस डेवलेपमेंट यूनिट्स की बैठक करके उत्तर रेलवे के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा सभी मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों के साथ विस्तार से चर्चा की। बैठक में अगले महीने जनवरी में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेला हेतु की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिये जारी कार्ययोयजनाओं को त्वरित कार्यवाही करके पूरा कराने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये, कि वे कुम्भ के दौरान विशेष रेलगाड़ियों के संचालन, रेलवे स्टाफ की तैनाती, स्वच्छता तथा यात्रियों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सतर्कता के साथ अंतिम रूप देना सुनिश्चित करें। गंगल ने कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं के तहत उन प्रयासों पर बल दिया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर भीड़भाड़ प्रबंधन के भी उपाय करना आवश्यक कदम होगा। वहीं बी.डी.यू. के विषय में गंगल कहा कि इसके प्रयास सराहनीय हैं तथा हमें व्यापक स्तर पर सम्पर्क स्थापित कर और नये माल भाड़ा यातायात को प्राप्त करने के हर सम्भव प्रयास करने होंगे। उत्तर रेलवे अपने ग्राहकों को आरामदायक एवं सुरक्षित रेल सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 20Dec-2020

जल जीवन मिशन: अब तक 278 लाख परिवारों मुहैया कराए नल जल कनेक्शन

देश के 6 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों में पहुंचा कनेक्शन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के जल जीवन मिश के तहत अब तक देशभर में 278 लाख घरों को नल जल कनेक्शन मुहैया कराया गया। इस मिशन के कार्यान्वयन के बाद अब देश के देश के 6.01 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से पीने योग्य पानी मिल रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गत 15 अगस्त 2019 को ग्रामीण घरो तक नल के जरिए पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। मंत्रालय द्वारा देश के 18 जिलों ने सभी घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान किए हैं और हर घर में नल का जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार मिशन के कार्यान्वयन में मुहैया कराए गये जल नल कनेक्शन समेत अब देशभर में फिलहाल 6.01 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के जरिए लोगों को पीने योग्य पानी मिल रहा है। मंत्रालय के अनुसार देश में 19.05 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 3.23 करोड़ परिवारों को पहले ही नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए थे। शेष 15.81 करोड़ घरों में जल जीवन मिशन के तहत नल जल कनेक्शन दिए जाने हैं। इस प्रकार पहले से ही दिए गए कनेक्शनों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध तरीके से लगभग 16 करोड़ परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है। --क्या है मिशन का उद्देश्य-- मंत्रालय के अनुसार जल शक्ति मंत्रालय देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के लिए पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन को 2024 तक लागू करने में जुटा है। मिशन के अस्तित्व में आने के बाद राज्यों से आधारभूत डेटा के पुनर्मूल्यांकन कार्य का अनुरोध किया गया था। इस मिशन के तहत हर साल लगभग 3.2 करोड़ परिवारों को कवर किया जाना है, यानी दैनिक आधार पर 88 हजार नल जल कनेक्शन प्रदान किए जाने हैं। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। वहीं पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से आपूर्ति किए गए पानी की गुणवत्ता की निगरानी एक महत्वपूर्ण पहलू है और इन प्रयोगशालाओं को सशक्त करने और उन्हें एनएबीएल द्वारा मान्यता दिलाने पर बहुत जोर दिया जाता है। राज्यों की ओर से आम जनता के लिए पानी की गुणवत्ता प्रयोगशाला सुविधाएं स्थापित की जाएंगी, ताकि किसी गांव की एक महिला भी अपने घर में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकें। --मौजूदा वित्त वर्ष में 23,500 करोड़ का आवंटन-- केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2020-21 में 23,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा 2020-21 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग का 50 प्रतिशत अनुदान यानी 30,375 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है, जिसका उपयोग जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाएगा। इससे गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी, ताकि लोगों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी मिलता रहे। 20Dec-2020

नई जरुरतों के हिसाब से तैयार होंगे माल गाड़ी के डिब्बे

केंद्र ने कर्नाटक को दी 33 हाईवे परियोजनाओं की सौगात

गडकरी ने 11 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश के बुनियादी ढांचें को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार की देशभर में चल रही परियोजनाओं के तहत कर्नाटक में करीब 1197 किलोमीटर लंबी 33 नेशनल हाईवे परियोजनाएं पटरी पर उतारी गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली इन परियोजनाओं में तैयार हो चुकी परियोजनाओं का उद्घाटन किया और कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार शनिवार नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कर्नाटक में इन 33 राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कर्नाटक में इस समारोह की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने की। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि कर्नाटक के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हुए ये सड़क परियोजनाएं राज्य में बेहतर संपर्क, सुविधा और आर्थिक विकास को बढ़ाएंगी और राज्य के चौमुखी विकास को गति मिलेगी। नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार आने वाले वर्षों में कर्नाटक में करीब 1,16,144 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-21 के दौरान राज्य में 5083 करोड़ रुपये की 275 किलोमीटर की 11 सड़क परियोजनाएं प्रदान की गई हैं। जबकि राज्य के लिए अब तक 8,330 करोड़ रुपये के सीआरएफ कार्यों को मंजूरी दी गई है। इस वर्ष के दौरान वार्षिक व्यय 435 करोड़ रुपये है, जबकि इस वर्ष के दौरान कुल 217 करोड़ रुपये जारी किये गये है। वहीं गडकरी ने सीआरएफ के तहत इस वर्ष के शेष 218 करोड़ रुपये जारी करने का भी ऐलान किया। --राज्य से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पर बल-- गडकरी ने अपने संबोधन में कर्नाटक सरकार से राज्य में सड़क परिवहन को बेहतर बनाने के लिए इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने का आग्रह किया, ताकि जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गयी है उन पर तेज़ी से निर्माण कार्य आरंभ किया जा सके। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के निर्माण से राज्य में कई महत्वपूर्ण शहरों के बीच आवागमन सुगम होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा औद्योगिक विकास तेज़ी से होगा। इन परियोजनाओं के निर्माण का फायदा किसानों को भी होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में इन 33 परियोजनाओं पर काम पूरा होने के बाद कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई में 1200 किलोमीटर का विस्तार हो जाएगा। परियोजनाओं के निर्माण पर लगभग 11 हजार करोड़ की लागत आने की उम्मीद है। इससे राज्य में सड़क परिवहन क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। --वैकल्पिक ईंधन का उत्पादन संभव-- गडकरी ने राज्य से एथेनॉल का उत्पादन बड़े पैमाने पर करने का आह्वान किया, क्योंकि यह देश में गन्ने के सबसे बड़े उत्पादक में से एक है। उन्होंने कहा कि देश पहले से ही चीनी और चावल का उत्पादन कर रहा है, और सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। अधिशेष को इथेनॉल में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसका उपयोग वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों की आय में सुधार होगा, बल्कि यह देश के लिए ईंधन का एक स्वदेशी स्रोत होगा। --कृषि व औद्योगिक विकास होगा: खडगे-- इस समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिन सड़कों के निर्माण की कर्नाटक में आज शुरुआत की गई है, उससे किसानों का भी फायदा होगा और औद्योगिक विकास को भी गति मिकेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से तीन और महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण को मंजूरी देने का आग्रह किया और कहा कि इस बारे में वह पहले ही उन्हें पत्र लिख चुके हैं। इस समारोह को केंद्रीय सडक परिवहन राज्यमंत्री डा. वीके सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने भी संबोधित किया। 20Dec-2020