शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

अब 15 फरवरी तक सुधार कार्य पूर्ण होने पर राज्यों को मिलेगी अतिरिक्त ऋण की अनुमति

राज्यों में सुधारों को लागू करने की बढ़ी समय-सीमा 11 राज्यों ने चार में से कम से कम एक क्षेत्र में पूरा किया सुधार कार्य हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने की समय सीमा को 15 फरवरी तक बढ़ा दिया है। मसलन इस तिथि तक जो राज्य सुधार कार्य पूरा कर लेंगे तो उन्हें अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति दी जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय के व्यय विभाग ने बुधवार को राज्यों को विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक केंद्रित सुधारों को पूर्ण करने के लिए समय-सीमा बढ़ा दी है। यानि अब यदि सुधार के कार्यान्वयन के संबंध में नोडल मंत्रालय की सिफारिश 15 फरवरी 2021 तक प्राप्त हो जाती है, तो राज्य सुधार से जुड़े लाभों के लिए पात्र होगा। इन सुधार कार्यो में प्रमुख रूप से चार योजनाओं एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन, कारोबारी सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय अथवा उपयोगिता सुधार के आलवा विद्युत क्षेत्र में सुधार करना शामिल है। केंद्र सरकार ने इन सुधार के क्षेत्रों के संबंध में कोरोना संकट के बीच गत 17 मई को राज्यों को सूचित किया गया था। ऐसे राज्यों को प्रत्येक सुधार को पूरा करने के लिए उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 0.25 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त ऋण की सुविधा मिलती है। इस सुविधा के तहत सभी चार सुधारों को पूरा करने पर राज्यों को 2.14 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण का लाभ मिलता है। कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों की ऋण सीमा को उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य राज्यों को 4.27 लाख करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में सक्षम बनाना था। --तीन सुधारों के लिए अतिरक्त वित्तीय सहायता-- केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा गत 12 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 2.0 के ऐलान के एक हिस्से के रूप में इन चार में से तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों को दूसरा लाभ पूंजीगत व्यय के रूप में अतिरिक्त वित्तीय सहायता का प्रावधान है। इस योजना के तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। केंद्र सरकार का कोरोना महामारी से उत्पन्न कर राजस्व की कमी से जूझती राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया है, जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा कुल 12 हजार करोड़ रुपये की राशि निकाली गई है। --नौ राज्यों में लागू वन नेशन वन राशन कार्ड-- मंत्रालय के अनुसार अब तक 9 राज्यों ने वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली को लागू किया है। जबकि 4 राज्यों ने कारोबारी सुगमता सुधार और एक राज्य ने शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुधार किए हैं। इन राज्यों को 40,251 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण की अनुमति दी गई है। सुधारों को पूरा करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने से अन्य राज्यों को भी सुधार प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और जुड़े हुए वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित होने की संभावना है। 17Dec-2020

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