गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

भारतीय तटरेखा पर विश्वस्तरीय फ्लोटिंग स्थापित करने की तैयारी

केंद्र सरकार ने मांगे फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स के तकनीकी विनिर्देशों पर सुझाव हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में समुद्री कारोबार को प्रोत्साहन देने की दिशा में केंद्र सरकार ने भारतीय तटरेखा पर विश्व स्तर के फ्लोटिंग बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के उद्देश्य से फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स के तकनीकी विनिर्देशों के लिए मसौदा दिशा-निर्देश तैयार किये हैं, जिसे अंतिम रूप देने के लिए आम लोगों और हितधारकों से सार्वजनिक रूप से सुझाव मांगे गये हैं। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय द्वारा भारतीय तटरेखा पर विश्व स्तर के फ्लोटिंग बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय स्थापित करने की दिशा में इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक मापदंड और मानक विनिर्देश विकसित किए जा रहे हैं ताकि विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद अस्थायी संरचनाओं के तकनीकी विनिर्देशों का संकलन किया जा सके। इसके लिए मंत्रालय ने आईआईटी-चेन्नई को फ्लोटिंग जेटी, वाटर-एयरोड्रोम, फ्लोटिंग मरीना, फिश लैंडिंग सुविधा आदि जैसे टिकाऊ फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स के तकनीकी विनिर्देशों पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि सटीक और कड़े तकनीकी विनिर्देश स्थापित किए जा सकें। इसी मकसद से मंत्रालय ने भारतीय तटरेखा पर विश्व स्तर के फ्लोटिंग बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के उद्देश्य से फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स के तकनीकी विनिर्देशों के लिए मसौदा दिशा-निर्देशों को संकलित करके इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है। इन दिशा निर्देशों के लिए मंत्रालय ने जनता से प्रतिक्रिया और सुझाव मांगने के लिए प्रस्तावित विनिर्देश/तकनीकी जरूरतों की अनुसूची के साथ दिशा-निर्देश का मसौदा जारी किए गए हैं, जिसके आधार पर मानकों के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सी प्लेन सेवाओं को मिलेगा लाभ मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मार्गदर्शन सिद्धांतों का पालन करके हाल ही में कुछ पायलट परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। इनमें गोवा में यात्री फ्लोटिंग जेटी, साबरमती नदी और सरदार सरोवर बांध (सी प्लेन सेवाओं के लिए)पर वाटर-एयरोड्रोमकी स्थापना शामिल हैं जिनका सकारात्मक परिणाम मिल रहा है। पूरी तटरेखा पर तटीय समुदाय के समग्र विकास और उत्थान के लिए मंत्रालय की इस तरह की 80 से अधिक परियोजनाएं योजना के स्तर हैं। मंत्रालय के अनुसार इस जारी मसौदे में कहा गया है कि अपने अंतर्निहित लाभों के कारण फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स एक आकर्षक समाधान हैं और मंत्रालय इसे बढ़ावा दे रहा है। पारंपरिक जेटी की तुलना में फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स काफी तेजी से स्थापित किए जा सकते हैं। आमतौर पर पारंपरिक संरचनाओं की स्थापना में 24 महीने का समय लगता है, इसकी तुलना में फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स 6-8 महीनों में बनाए जा सकते हैं। इस तकनीक से बंदरगाह के नवीनीकरण की स्थिति में इसे आसानी से दूसरी जगहों पर ले जाया जा सकता है। यह जेटी और नौकाओं के बीच निरंतर फ्री बोर्ड प्रदान करता है। फ्लोटिंग जेटी विशेष रूप से उन जगहों पर लगाना काफी आसान है जहां ज्वारीय सीमा ज्यादा है, जहां निचली ज्वारीय अवधि में पारंपरिक क्वे (जहाजी घाट) से समस्याएं आती हैं। ऐसी जगहों पर फ्लोटिंग जेटी निरंतर फ्री बोर्ड प्रदान करते हैं, जहाज के भंडारों की लदाई को आसान करते हैं और इनसे मछुआरों द्वारा पकड़ी गयी मछलियों को नाव से सीधा उतारने में आसानी होती है। इसके परिणामस्वरूप लंबे समय में मछुआरों की सुरक्षा के साथ-साथ उत्पादकता में वृद्धि होती है। 08Dec-2020

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