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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020
ट्राइब्स इंडिया में मिली ‘जाइंट रॉक बी’ हनी को जगह
‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान: मलयाली जनजातीय उत्पाद को मिलेगा बाजार
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान चलाया हुआ है। ट्राइब्स इंडिया के जरिये इस अभियान का मकसद जनजातीय उत्पादों को बाजार मुहैया कराना है। इसी मुहिम के तहत ट्राइब्स इंडिया में तमिलनाडु के मलयाली जनजातीय ऑर्गेनिक उत्पाद जाइंट रॉक बी हनी यानि शहद को शामिल किया गया है।
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को ट्राइब्स इंडिया के आउटलेटों तथा आठवें ‘हमारे घर से आपके घर’ अभियान में इसकी वेबसाइट में 35 से अधिक नए आकर्षक, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पाद शामिल किए गए हैं। ट्राइफेड द्वारा 8 सप्ताह पहले शुरू किये गये इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश के विभिन्न जनजातीय समूह से कारगर, प्राकृतिक तथा आकर्षक उत्पादों को मंगाना है ताकि इन उत्पादों की पहुंच विभिन्न प्रकार के लोगों तक हो सके। मंत्रालय के अनुसार इस सप्ताह के प्रमुख उत्पादों में तमिलनाडु के मलयाली जनजाति का प्राकृतिक, ताजा और ऑर्गेनिक उत्पाद के रूप में ‘जाइंट रॉक बी हनी भी प्रमुख जनजातीय उत्पादों में शामिल है। यह शहद ज्वार, इमली तथा काली मिर्च के रस से तैयार होता है। मलयाली जनजातीय समूह उत्तर तमिलनाडु में पूर्वी घाट से आता है। उस क्षेत्र में इनकी आबादी लगभग 3.58 लाख है और सबसे बड़े जनजातीय समूह हैं। जनजातीय लोग सामान्य रूप से पर्वतीय किसान हैं और विभिन्न प्रकार के ज्वार उत्पादन करते हैं।
---मध्य प्रदेश के आभूषण भी शामिल:
मंत्रालय के अनुसार जनजातीय समूह से प्राप्त अन्य उत्पादों में मुख्यतः गले की शोभा वाले आकर्षक बारीक मालों से बने आभूषण हैं, जिसे मध्य प्रदेश के पतेलिया जनजातीय लोग तैयार करते हैं। इन लोगों का मुख्य आधार कृषि है, लेकिन झाबुआ के दस्तकारों द्वारा बनाए गए सुंदर रंगीन जेवर यानि आभूषण उनकी असाधारण दस्तकारी दिखाते हैं। अन्य उत्पादों में जैविक दाल और मसाले हैं जो गुजरात के वसावा जनजातीय लोगों से प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार ट्राइब्स इंडिया में शामिल अन्य उत्पादों में शहद, जैम तथा झारखंड के खरवार तथा ओराव जनजातीय लोगों द्वारा उपजाए गए दो विशिष्ट प्रकार के चावल तथा झारखंड के आदिम जनजातीय लोगों तथा लोहरा जनजाति द्वारा तैयार उत्पाद (चकला और बेलन) तथा धातु की बनी जालियां हैं। मंत्रालय के अनुसार इसका उद्देश्य 5 लाख जनजातीय उद्यमों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना, उनके जनजातीय उत्पादों और दस्तकारियों को दिखाना है ताकि देशभर के उपभोक्ताओं तक पहुंच सकें। अनेक प्रकार के प्राकृतिक और स्थायी उत्पादों के साथ ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केट प्लस हमारे जनजातीय भाइयों की सदियों पुरानी परम्पराओं को दिखाता है।
29Dec-2020
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