शनिवार, 26 दिसंबर 2020

जल्द जारी होगा राष्ट्रीय रेल योजना का मसौदा

भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने का खींचा खाका हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे का कायाकल्प कर विश्व स्तरीय रेल सुविधाओं और विकास योजनाओं का विस्तार करने की दिशा में राष्ट्रीय रेल योजना का मसौदा तैयार किया है, जिसे रायशुमारी के लिए जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। इस मसौदे में 2024 विजन के तहत रेलवे के विकास और बुनियादी ढांचे के साथ मालभाड़ा क्षेत्र में ऐसी परियोजनाओं को गति देने का प्रयास है, जो वर्ष 2030 तक मांग के आगे क्षमता का निर्माण करके 2050 तक मांग में वृद्धि को पूरा कर सके। भारतीय रेलवे के कायाकल्प की दिशा में तैयार किये गये राष्ट्रीय रेल परियोजना की जानकारी देते हुए शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने बताया कि राष्ट्रीय रेल योजना का अंतिम मसौदा तैयार है और जल्द ही इसे संबद्ध पक्षों को उनके विचार जानने के लिये भेज दिया जायेगा। इसके बाद एक माह के समय में हम इसे अंतिम रूप दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से माल ढुलाई में पिछले साल की अपेक्षा कमी आई है, वहीं यात्री किराए से होने वाली आमदनी में भी रेलवे को 87 फीसदी कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय रेल योजना के खींचे गये खाके में 2030 तक के विजन के तहत उन योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें 2050 तक की मांगों को पूरा किया जा सके। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि सबसे पहले रेलवे राष्ट्रीय रेल योजना के दृष्टिकोण-2024 के तहत अपनी विभिन्न ढांचागत सुव़िधाओं का विस्तार करके उन्हें मजबूत बनाने का काम करेगा। इसमें 202.40 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास होगा। इस योजना में राष्ट्रीय रेल योजना में माल ढुलाई को समर्पित तीन गलियारों की परियोजना भी शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,958 किलोमीटर होगी। --रेलवे नेटवर्क का विस्तार-- इस योजना के तहत रेलवे देशभर में रेलवे रेलवे लाइनों का विस्तार और नई रेलवे लाइन बिछाकर मालगाड़ियों के परिचालन का ज्यादा से ज्यादा विस्तार करेगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में करीब 58 सुपर क्रिटिकल, 68 क्रिटीकल परियोजनाओं और 46 अधिक भीड़भाड़ नेटवर्क वाली 46 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं अन्य जारी परियोजना को भी तेजी के साथ पूरा करने की योजना है। वहीं माल ढुलाई क्षेत्र में इस योजना के तहत रेलवे अपनी हिस्सेदारी को 2030 तक मौजूदा 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तयकर चल रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रेलवे कोयला खदानों से संपर्क वाली 20 अतिरिक्त परियोजनाओं को पूरा करने जा रहा है। वहीं दिसंबर 2023 तक रेलवे विद्युतीकरण की 146 परियोजनाओं को शतप्रतिशत पूरा हो जायेगा। रेलवे की जारी परियोजनाओं को लेकर यादव ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में संपर्क की 288 किलोमीटर की परियोजनाओं को 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा, जबकि उधमपुर- श्रीनगर-बारामुला की शेष 111 किलोमीटर की रेल लाइन परियोजना दिसंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। यादव ने कहा कि रेलवे के विजन 2024 में नई दिल्ली से हावड़ा और नययी दिल्ली से मुंबई रेल मार्गों पर रेलगाड़ियों की गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा किये जाने की भी योजना शामिल है। इसके साथ ही स्वर्ण चतुर्भुज (जीक्यू) और स्वर्णिम कोणीय (जीडी) मार्ग पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाने की योजना है। --माल ढुलाई को बढ़ाने का लक्ष्य-- रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि खासतौर से माल ढुलाई के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कारोबारी विकास योजनाओं के जरिए रेलवे अपनी हिस्सेदारी को 27 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं पर कुल 2.90 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय होने का अनुमान है। माल ढुलाई के लिए 3,958 किमी लंबी तीन समर्पित माल गलियारों की परियोजना के तहत खड़गपुर से विजयवाड़ा तक 1,115 किलोमीटर का पूर्वी तटीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा, 1,868 किलोमीटर का पूर्वी-पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (भुसावल-नागपुर-खड़गपुर-राजखरसावन-अंडल-दानकुनी) शामिल है। तीसरी योजना 975 किलोमीटर की उत्तर-दक्षिण मालढुलाई गलियारा शामिल है जो कि इटारसी-नागपुर-विजयवाड़ा के बीच होगी। 19Dec-2020

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