गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

किसानों के ‘भारत बंद’ पर सतर्क केंद्र सरकार

सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामों के लिए राज्यों को जारी किये दिशानिर्देश हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन के तहत कल मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आव्हान किया गया है। किसानों के इस आंदोलन के समर्थन में जहां विपक्षी दल लामबंद हैं, वहीं ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है। इस प्रस्तावित ‘भारत बंद’ के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों को दिशानिर्देश जारी करके राज्यों शांति व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम सुनिश्चत करने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी दिशानिर्देशों में कहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और उनके समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शांति व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। राज्यों को मंत्रालय के जारी इस परामर्श के अनुसार राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि इस आंदोलन के दौरान भी कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों का पालन कराते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखने का प्रयास किया जाए। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इस भारत बंद के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखते हुए एहतियाती तौर पर सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। मसलन ऐसे कदम उठाए जाएं ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो और अशांति फैलाने का प्रयास करने वाले वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखते हुए उचित कदम उठाने का प्रयास हो। मंत्रालय ने राज्यों को यह भी सुझाव दिया है कि यदि किन्ही तत्वों से शांति भंग होने की संभावना नजर आती है तो उन्हें आंदोलन का हिस्सा बनने से पहले उचित कार्रवाही अमल में लाना जनहित में होगा। विपक्ष व ट्रेड यूनियनों का समर्थन गौरतलब है कि पिछले 12 दिनों से दिल्ली और सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के तहत समाधान निकालने की दिशा में केंद्र सरकार और किसान संगठनों में कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है, लेकिन उनका अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। केंद्र सरकार पर नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाब बनाने के प्रयास में किसानों ने मंगलवार आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। इस ऐलान के तहत हरियाणा-पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान व तमिलनाडु के किसानों ने भी बंद का समर्थन किया है। वहीं कांग्रेस समेत किसानों के समर्थन में लामबंद हो रहे हैं, तो भारत बंद को समर्थन देने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेड यूनियन भी सामने आ गई हैं। दिल्ली में कुछ ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है। इस कारण शहर में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कई अन्य संघों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के बावजूद सेवाएं सामान्य तौर पर जारी रखने का निर्णय लिया है। टीएमसी का समर्थन नहीं कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों के बावजूद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने किसानों के भारत बंद को समर्थन न देने का फैसला किया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने इसकी पुष्टि करते हुए सोमवारो कहा कि तृणमूल कांग्रेस किसानों के आंदोलन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, लेकिन उनके भारत बंद को बंगाल में पार्टी कोई समर्थन नहीं करेगी, क्योंकि टीएमसी के सिद्धांत ‘भारत बंद’ के खिलाफ है। खुलेंगे देश के बाजार व ट्रांसपोर्ट? इसी प्रकार देश में व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि कैट ने सोमवार को ऐलान किया है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के ‘भारत बंद’ के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। वहीं ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टस वेलफेयर एसोसिएशन ने भी घोषणा की है कि ‘भारत बंद’ के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन भी सामान्य रहेगा। कैट और एआईटीडब्ल्यूए ने सोमवार को यह बयान संयुक्त रुप से जारी करते हुए कहा कि उनसे किसी भी किसान नेता या संगठन ने उनसे इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मांगा है। ऐसे में व्यापारी और ट्रांसपोर्टर ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होंगे। 08Dec-2020

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