बुधवार, 16 दिसंबर 2020

पहले वर्चुअल आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश का ई-शुभारम्भ

मध्य प्रदेश की समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति, शिल्पों का होगा प्रदर्शन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में जनजातीय शिल्पकारों और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए मंगलवार को ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट पर शुरू हुए पहले वर्चुअल आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश का ई-शुभारम्भ हो गया है। यह महोत्सव दस दिसंबर तक चलेगा। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट (www.tribesindia.com) पर इस दस दिवसीय आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश के वर्चुअल संस्करण का शुभारम्भ किया, जो दस दिसंबर तक जारी रहेगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश का वर्चुअल संस्करण आदिवासियों के जीवन और आजीविकाओं के बदलाव में सहायता देने का एक अन्य प्रयास है। इस समारोह के माध्यम से वर्चुअल रूप में आदिवासी संस्कृति की आत्मा और समृद्धि को उत्सव के रूप में मनाता है और इसे जनजातियों को बड़े बाजारों के साथ जोड़ने की दिशा में उनके प्रयासों के साथ इस साल भी जारी रखा गया है। उन्होंने कहा कि महोत्सव देश की पारम्परिक कला और हस्तशिल्प व सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करता है। ट्राइफेड का अंतिम उद्देश्य आदिवासी उत्पादों के विपणन विकास के द्वारा देश में आदिवासी लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास है और ट्राइफेड के एमडी श्री प्रवीर कृष्ण के नेतृत्व में वास्तव में देश में आदिवासी समुदाय के उत्थान की दिशा में शानदार काम किया जा रहा है। मुंडा ने इन आदिवासियों की सरलता, टिकाऊ जीवन शैली के गुणों की प्रशंसा करते हुए इस तबके की कमजोर आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की और खुशी जताते हुए कहा कि ट्राइफेड की पहलों से बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है और आदिवासियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि ट्राइफेड को इन आदिवासियों को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक पहलों को आगे बढ़ाते रहना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढावा केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि आदिवासियों ने भारतीय रेशम और फैब्रिक्स के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने में खासा अंशदान किया है। उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लगभग 10.5 करोड़ की आबादी के बावजूद, आदिवासी लोग आर्थिक विकास की मुख्यधारा से दूर बने हुए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद आदिवासी लोग खुश रहने की कला जानते हैं। उन्होंने आदिवासियों से “मेरा वन, मेरा धन, मेरा उद्यम” का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासियों को कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग अपनी संस्कृति को प्यार करते हैं और अपनी संस्कृति की रक्षा करना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही बाजार में उनके खास उत्पादों को एक मंच उपलब्ध कराने में सहायता देने की आवश्यकता है। इस महोत्सव का मुख्य फोकस आदिवासी शिल्प और मध्य प्रदेश की संस्कृति पर किया जा रहा है। मध्य प्रदेश की आदिवासी विकास मंत्री सुश्री मीना सिंह ने केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के पूरे भारत में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव आदि महोत्सव के आयोजन के विचार का स्वागत किया। ट्राइफेड के चेयरमैन रमेश चंद मीणा ने आदिवासी कारीगरों को ऐसे व्यवहारिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए ट्राइफेड और उनके दल को बधाई दी और उम्मीद जाहिर की कि यह वर्चुअल आदि महोत्सव एक सफल कार्यक्रम रहेगा। ट्राइफेड के निदेशक प्रवीर कृष्ण ने आदि महोत्सव की व्यापक अवधारणा और वर्तमान ऑनलाइन संस्करण तथा इससे कैसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच आदिवासी संस्कृतिक को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी आदि के बारे में बात की। ट्राइब्स इंडिया मार्केटप्लेस पर 3,500 से ज्यादा आदिवासी शिल्पकारों को जोड़े जाने के साथ, यह वर्चुअल कार्यक्रम आदिवासियों को उनकी संस्कृति और कलाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए एक नए अवसर की पेशकश करता है और उन्हें आत्म-निर्भर बनाता है। 02Dec-2020

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