रविवार, 31 जनवरी 2021

ग्रामीण निकायों को अनुदान की दूसरी किस्त में 12,351 करोड़ जारी

केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में अब तक जारी की 45,738 करोड़ रुपये की राशि हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के 18 राज्यों के ग्रामीण निकायों को सामुदायिक संपत्ति विकसित करने और उनकी वित्तीय क्षमता में सुधार करने की दिशा में मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अनुदान के रूप में दूसरी किस्त में 12,351.5 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। जबकि इस मद में अब तक वित्त वर्ष 2020-21 में सभी 28 राज्यों को 45,738 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय के व्यय विभाग ने 18 राज्यों के ग्रामीण निकायों को 12,351.5 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह राशि वित्त वर्ष 2020-21 में जारी किए गए मूलभूत अनुदानों की दूसरी किस्त है। यह अनुदान उन 18 राज्यों को जारी किया गया है, जिन्होंने पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिश पर पहली किस्त के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया है। ग्रामीण निकायों को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर अनुदान जारी किया जाता है। इसके तहत स्थानीय निकायों को सामुदायिक संपत्ति विकसित करने और उनकी वित्तीय क्षमता में सुधार जैसे कदम उठाने पड़ते हैं। यह अनुदान पंचायती राज प्रणाली के गांव, ब्लॉक और जिले यानि तीन स्तर पर दिए जाते हैं, जिसके जरिए वह गांव और ब्लॉक स्तर पर संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। पंद्रहवे वित्त आयोग ने दो प्रकार से ग्रामीण निकायों को अनुदानों देने की सिफारिश की है, जिसमें मूलभूत और अनुबंध के आधार पर दिए जाने वाले अनुदान शामिल हैं। मूलभूत अनुदान को स्थानीय निकायों द्वारा अपनी स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाता है। हालांकि इसके तहत निकाय वेतन और निर्माण संबंधी जरूरतों के लिए अनुदान का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जबकि अनुबंधित अनुदान का इस्तेमाल मूलभूत सुविधाओं सफाई और खुले में शौच मुक्त सुविधाओं के मरम्मत और वर्षा जल के संरक्षण और पानी को पीने योग्य बनाने आदि सें संबंधित कार्यों के लिए दिया जाता है। छत्तीसगढ़ को 1090.50 करोड़ जारी केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण निकायों को सामुदायिक संपत्ति विकसित करने और उनकी वित्तीय क्षमता में सुधार जैसी गतिविधियों के लिए 28 राज्यों को अब तक दो किस्तों में जारी की गई 45,738 करोड़ रुपये की राशि में से छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 1090.50 करोड़ जारी की जा चुकी है। जबकि मध्य प्रदेश को 2988 करोड़ रुपये और हरियाणा को 948 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। सर्वाधिक अनुदान राशि उत्तर प्रदेश को 7314 करोड़ रुपये और सबसे कम 31.50 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। इसके अलावा पंजाब को 2233.91 करोड़, हिमाचल प्रदेश को 321.75 करोड़, उत्तराखंड को 430.50 करोड़, राजस्थान को 1931 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। अनुबंधित अनुदान में जारी 15,187.50 करोड़ मंत्रालय के अनुसार ग्रामीण निकायों को दिया जाने वाला यह अनुदान केंद्र और राज्य द्वारा स्वच्छ भारत और जल जीवन मिशन जैसी प्रायोजित योजनाओं के तहत दी जाने वाली राशि से अलग होता है। इससे पहले ग्रामीण निकायों को मूल अनुदानों के तहत पहली किस्त और 14वें वित्त आयोग की बकाया 18,199 करोड़ रुपये सभी राज्यों को जून 2020 में जारी किया गया था। इसके बाद अनुबंधित अनुदान के तहत 15,187.50 करोड़ रुपये की राशि की पहली किस्त भी जारी की जा चुकी है। इस प्रकार सभी राज्यों के ग्रामीण निकायों को राज्यों के व्यय विभाग द्वारा कुल 45,738 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। अब तक जारी अनुदानों की राज्यों के आधार पर सूची निम्नलिखित है। 28Jan-2021

कोपरा की एमएसपी में 375 रुपये का किया इजाफा

दक्षिण राज्यों के किसानों की आय में बढ़ोतरी करने की कवायद हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में नारियल का उत्पादन करने वाले किसानों को तोहफा दिया है, जिसमें सरकार ने कोपरा यानि सूखा नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 375 रुपये की वृद्धि कर 10,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कोपरा (सूखा नारियल) की एमएसपी को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कोपरा का उत्पादन मुख्यत: दक्षिण भारत राज्यों में होता है। समिति ने वर्ष 2021 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 375 रुपये की वृद्धि कर 10,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय समिति की इस मंजूरी के तहत पिसाई (मिलिंग) के लिए उपयुक्त उत्तम औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले कोपरे के एमएसपी में इस वृद्धि को करने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में कोपरा 9960 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसमें 375 रुपये की वृद्धि होने से देश के 30 लाख किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। इसके अलावा सरकार ने गोल कोपरे के एमएसपी में भी 300 रुपये की वृद्धि की गयी है, जो 2020 के 10300 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2021 सीजन के लिए 10600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। जावडेकर ने बताया कि इस घोषित मूल्य उत्पादन के अखिल भारतीय औसत लागत की तुलना में पिसाई वाले कोपरे के लिए 51.87 प्रतिशत और गोल कोपरे के लिए 55.76 प्रतिशत अधिक मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित हो गई हैं। उन्होंने बताया कि यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्य (सीएसीपी) आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। वर्ष 2021 सीजन के लिए कोपरे के एमएसपी में वृद्धि, एमएसपी को उत्पादन के अखिल भारतीय औसत लागत के 1.5 गुणा पर निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसकी सरकार ने 2018-19 के बजट में घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम है। उन्होंने कहा कि नारियल का उत्पादन करने वाले राज्यों में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) नारियल उत्पादक राज्यों में किसानों से समर्थन मूल्य पर कोपरा की खरीद करती हैं। भारत विश्व में कोपरा उत्पादन और उत्पादकता में नंबर एक है। 28Jan-2021

सीमा सुरक्षा बल BSF के 71 जवानों पदक

चार जवानों को मरणोपरांत मिलेगा सम्मान हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल के 71 जवानों को साहस, शौर्य, पराक्रम और बलिदान सहित उनकी विशष्ट एवं सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर सीमा सुरक्षा बल के 71 जवानों में 20 को वीरता के लिए पुलिस पदक, जिनमें चार जवानों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है। जबकि पांच जवानों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 46 जवानों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। जिन चार जवानों को मरणोपरांत वीरता के लिए पुलिस पदक से नवाजा रहा है, उनमें कैप्टन अमरेश कुमार व अभिजीत नंदी, एसी गजेन्द्र सिंह तथा एसएसआई ब्रज किशोर यादव शामिल हैं। इनके अलावा वीरता के लिए पुलिस पदक से डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया, डीआईजी हरी लाल, एसी रमन गुप्ता, प्रतीक वशिष्ठ, एसआई वालकुंडे शांतिलाल देवीदास, सुरज करण मीना, एएसआई रमेशन, रोहित जोशी, हेडकांस्टेबल मो. यूसूफ, श्याम सिंह, कांस्टेबल मुदित कुमार, जयदीप भीम सिंह, सावंत सचिन सांभाजी, रेंतु मोलिक, मुकेश यादव, व अनिर्बन चटर्जी को सम्मान दिया गया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित होने वाले पांच बीएसएफ के डीआईजी उमेश कुमार नायल, सुरजीत सिंह, धर्मेन्द्र पारीक, अजीत कुमार टेटे तथा रणवीर संह शेखावत शामिल हैं। आईटीबीपी के बहादुर को वीरता पुरस्कार इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस को 17 पदक दिये जा रहे हैं। इनमें 2 वीरता के लिए पुलिस पदक, 3 को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं 12 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। आईटीबीपी के प्रवक्‍ता विवेक पांडेय ने महानिदेशक एस.एस देसवाल के हवाले से यह जानकारी देते हुए बताया कि असिस्टेंट कमांडेंट (जीडी) फर्स्ट बार टू पी.एम.जी अनुराग कुमार सिंह को वीरता के लिए पुलिस पदक सम्‍मानित किया जाएगा। जम्‍मू-कश्‍मीर के जिला पुलवामा के गांव तहाब में 30 जुलाई 2017 को 55 राष्ट्रीय राइफल्स (आर0आर0) की टुकड़ी के साथ एक ऑपरेशन के दौरान अधिकारी द्वारा उच्च कोटि की वीरता एवं कौशल का परिचय देते हुए हिजबुल मुजाहिदीन के 2 दुर्दान्त आतंकवादियों को मार गिराया गया था। उन्‍हें असाधारण नेतृत्व क्षमता, सजगता, साहस व शौर्य का परिचय देने पर उनको वीरता के लिए पुलिस पदक (फर्स्ट बार) से सम्मानित किया जा रहा है। असिस्टेंट कमांडेंट/जीडी (अब डिप्‍टी कमांडेंट सेनानी) राजेश कुमार लूथरा को भी वीरता के लिए पुलिस पदक सम्‍मानित करने की घोषणा की गई है। जबकि विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्‍मानित होने वाले अधिकारियों में आईजी दीपम सेठ, डीआईजी सुनील चंद्र ममगई व मनोहर सिंह रावत शामिल हैं। सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक के लिए डीआईजी श्रीमती अपर्णा कुमार, डॉ. सुधाकर नटराजन, उप महानिरीक्षक(वेटनरी) सुरिन्दर खत्री के अलावा डॉ. राकेश कोठियाल, शिव लाल, हफिजुल्ला सिद्दीकी, राजेंद्र प्रसाद सुन्दरियाल, धन प्रकाश त्यागी, गोविन्द सिंह, लाल सिंह, निरीक्षक (जीडी), निरीक्षक दयाल सिंह, कांस्टेबल विकुल ठाकुर का चयन किया गया है। 26Jan-2021

देशभर में 946 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक

छत्तीसगढ़ को 19, मध्य प्रदेश को 23 व हरियाणा को 14 पदक मिलेंगे हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। इस बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित करने के लिए 946 पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है। इसमें तीन श्रेणियों में छत्तीसगढ़ को 19, मध्य प्रदेश को 23, हरियाणा को 14 व पंजाब को 21 पुरस्कार दिये जा रहे हैं। गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस बार गणतंत्र दिवस पर देश के विभिन्न राज्यों के 946 पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के चयन में दो सुरक्षाकर्मियों को मरणोपरांत राष्ट्रपति पुलिस पदक, वीरता के लिए 205 पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 89 राष्ट्रपति पुलिस पदक और 650 सराहनीय सेवा पुलिस पदक प्रदान किये जाएंगे। राष्ट्रपति पुलिस पदक झारखंड मे एएसआई स्व. भानु ओरांव तथा सीआरपीएफ के एएसआई मोहनलाल को दिया जा रहा है। बाकी तीन श्रेणियों के लिए शेष 944 पदकों में छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ को 19, मध्य प्रदेश को 23, हरियाणा को 14 व पंजाब को 21, उत्तर प्रदेश को 87, उत्तराखंड को 6 तथा चंडीगढ़ को एक पुरस्कार दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के हिस्से में इन पुरस्कारों में वीरता के लिए आठ पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए एक राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 10 पुलिस पदक दिये जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के हिस्से में आए 23 पदकों में वीरता के लिए 2 पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 4 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 17 पुलिस पदक आए हैं। वहीं हरियाणा को दिये जाने वाले 14 पुरस्कारों में विशिष्ट सेवा के लिए 2 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 12 पुलिस पदक शामिल हैं। जबकि चंडीगढ़ के हिस्से में सराहनीय सेवा के लिए केवल एक पुलिस पदक आया है। छत्तीसगढ़ के पदक विजेता छत्तीसगढ़ को वीरता के लिए दिये जा रहे आठ पुलिस पदक के हकदार निरीक्षक अजय सोनकर, अब्दुल समीर खान, रमन उसेंडी व लीलायधर राठौड, उप निरीक्षक संतोष हेमला, एएसआई रमेश कुमार सोरी, हेड कांस्टेबल टीपी दिलीप तथा कंपनी कमांडर ओमप्रकाश सेन बने हैं। जबकि विशिष्ट सेवा के लिए एक राष्ट्रपति पुलिस पदक राज्य की राजधानी रायपुर में एफएसएलन के निदेशक प्रदीप गुप्ता को दिया जा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पुलिस पदक के लिए छत्तीसगढ़ के हिस्से में आए दस पदकों में बघेरा दुर्ग एसटीएफ के उप पुलिस अधीक्षक सोहन लाल व उपनिरीक्षक पीडी अशोक कुमार, जगदलपुर एसपी कार्यालय की निरीक्षक श्रीमती मनीषा सिंह नयन, पीटीएस राजदनगांव की उपनिरीक्षक श्रीमती वर्षा शर्मा, व कमलेश कुमार सोनबाइर, राजनंदगांव के एसएसआई तुलाराम बांक, बलरामपुर सीएएफ के हेडकांस्टेबल अरुण बहादुर, बीजापुर पुलिस लाइन के हेडकांस्टेबल केशव कुमार ध्रुव, कांकेर में चारमा थाने के कांस्टेबल रविन्द्र कुमार भूरिया तथा एसएसबी भिलाई दुर्ग के हेडकांस्टेबल अश्वनी कुमार सिंह का नाम शामिल है। मध्य प्रदेश को 23 पुलिस पदक मध्य प्रदेश के हिस्से में आए 23 पदकों में वीरता के लिए 2 पुलिस पदक पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सक्सेना व अतिरिक्त पुलिस अधीकक्षक धर्मवीर सिंह को दिया जा रहा है। जबकि विशिष्ट सेवा के लिए 4 राष्ट्रपति पुलिस पदक के सम्मान से भोपाल पुलिस मुख्यालय में एडीजी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव तथा प्रशासनिक एडीजी/आईजी नरेन्द्र कुमार गंगराडे और निरीक्षक अजय तुरकाई के अलावा इंदौर के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार उपाध्याय को नवाजा जा रहा है। जबकि सराहनीय सेवा के लिए 17 पुलिस पदकों में मध्य प्रदेश के रायसेन के पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला, भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह, भोपाल विशेष प्रकोष्ठ के एसपी अमित सक्सेना, इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेन्द्र सिंह, डीएसपी अल्का शुक्ला, रीवा के लोकायुक्त संगठन में एसपी राजेन्द्र कुमार वर्मा, इंदौर में लोकायुक्त संगठन में एसपी सबेशची सर्राफ के अलावा देवास के एएसपी जगदीश सिंह डावर, भोपाल पुलिस मुख्यालय में डीएसपी डा. लक्ष्मी कुशवाह, उज्जैन यातायात के डीएसपी सुरेन्द्रपाल सिंह राठौर, इंदौर पीटीसी में निरीक्षक श्रीमती संगीता जोशी, भोपाल मुख्यालय में ईओडब्ल्यू में निरीक्षक सुधीर कुमार श्रीवास को दिया जा रहा है। यह पुरस्कार इंदौर में उपनिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद लॉट व प्रकाश सूर्यवंशी, भोपाल में एएसआई संतोष कुमार पटेल तथा भिंड में हेडकांस्टेबल विश्वनाथ सिंह तथा भोपाल में हेडकांस्टेबल जगत सिंह यादव को भी दिया जा रहा है। हरियाणा को 14 पुलिस पदकों का सम्मान विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के सम्मान के लिए हरियाणा को दो पुरस्कार दिये जा रहे हैं, जिनमें पंचकूला के एडीजी (कानून व्यवसथा) नवदीप गुप्ता तथा रोहतक के एडीजी संदीप खिरवार इस सम्मान के हकदार बने हैं। वहीं हरियाणा के हिस्से में राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पुलिस पदक के लिए 12 पुरस्कारों में नारनौल के डीएसपी अंग्रेज सिंह, मधुबन के उप निरीक्षक अरुण देशवाल, रोहतक के उपनिरीक्षक सुरेश कुमार, पंचकूला अपराध शाखा की महिला उपनिरीक्षक श्रीमती कुलविंदर कौर, पंचकूला मुख्यालय में उपनिरीक्षक हरदेव सिंह, एसएसआई जोगिन्द्र सिंह, बिजिलेंस पंचकूला में एसएसआई अमित कुमार, चखरी दादरी के एसएसआई, प्रवीण कुमार, करनाल के एएसआई दीपक कुमार, पंचकूला में एएसआई दीदार सिंह व हरीश कुमार कके अलावा अंबाला में उपनिरीक्षक जोगिन्द्र सिंह के नाम शामिल हैं। 26Jan-2021

मध्य प्रदेश के पांच लोगों को जीवन रक्षा पदक का सम्मान

गणतंत्र दिवस: देशभर के 40 लोगों को नवाजा जाएगा हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश में जीवन रक्षा पदक के लिए 40 व्यक्तियों का चयन किया गया है, जिसमें पांच मध्य प्रदेश और चार उत्तर प्रदेश के उन व्यक्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा, जिन्होंने किसी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए मानव स्वभाव के सराहनीय कार्य किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने जिन 40 लोगों को जीवन रक्षा पदक को तीन श्रेणियों में प्रदान करने के लिए मंजूरी दी है, उनमें सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक के लिए एक, उत्तम जीवन रक्षा पदक के लिए आठ और जीवन रक्षा पदक के लिए 31 व्यक्तियों को शामिल किया गया है। इन पुरस्कारों के लिए चयनित 40 लोगों में एक मात्र सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक का सम्मान केरल के मोहम्मद मुहिसन को दिया जा रहा है। जबकि उत्तम जीवन रक्षा पदकों के इस पुरस्कार के लिए मध्य प्रदेश की श्रीमती हिमानी बिस्वास, यूपी के मास्टर टिंकू निषाद व भुवनेश्वर प्रजापति, पंजाब की सुश्री अमनदीप कौर, गुजराज रमेशभाई रतनाभाई समाद, महाराष्ट्र के परमेश्वर बालाजी, तेलंगाना के कोरीपेल्ली सृजन रेड्डी और आंध्र प्रदेश की सुश्री कालागर्ला साहिथी शामिल है। इसके अलावा तीसरी श्रेणी के 31 पुरस्कारों में मध्य प्रदेश के गौरीशंकर व्यास, जगदीश सिंह सिद्धू, पुष्पेन्द्र सिंह रावत, और राजेश कुमार राजपूत को किसी की जीवन रक्षा के लिए सराहनीय कार्य करने के लिए पुरस्कार दिया जा रहा है। जबकि यूपी के सुनील कुमार, निहाल सिंह, रिंकू चौहान, पंजाब के मोहिन्दर सिंह, राजस्थान के मुकेश चौधरी, महाराष्ट्र के अनिल दशरिा खुले, व बालासाहेब धन्यांदे, गुजरात के भावेश कुमार सतजी, ईश्वरलाल संगाडा, मनमोहन सिंह राठौड, प्रकाश कुमार वेकरिया, रहावीर वीरभद्रसिंह, राकेशभाई जादव, विजय अजीत छरिया, रविन्द्र कुमार व वाणी हिरेन कुमार के अलावा जम्मू-कश्मीर के अशोक सिंह राजपूत, परमजीत सिंह और रणजीत चन्द्रा इशोर को जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया जा रहा है। इस श्रेणी के सम्मान के लिए मणिपुर के अबुजम रॉबेन सिंह, केरला के मास्टर रोजीन रॉबर्ट, मास्टर अरुण थामस, शीजू पी. गोपी, एसवी जोश व बाला नाइक बनवाथ, कर्नाटक के एसएम रफी, अंडमान निकोबार के मास्टर फेडरिक को भी जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया जा रहा है। 26Jan-2021

योगी ने किया नोएडा के नवनिर्मित इण्डोर स्टेडियम का लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने कुश्ती चैंपियनशिप का शुभारंभ भी किया हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र नोएडा में तैयार हुए नवनिर्मित इण्डोर स्टेडियम का शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए लोकार्पण किया। इसी के साथ इस स्टेडियम में आयोजित की जा रही 65वीं नेशनल फ्री स्टाइल सीनियर कुश्ती चैम्पियनशिप (पुरुष) का शुभारम्भ भी किया गया। मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित सरकारी आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस स्टेडियम का लोकार्पण करने के साथ ही नरसिंह यादव, सुमित, गौरव बालियान सहित विभिन्न पहलवानों के साथ संवाद भी किया और सभी खिलाड़ियों से प्रतियोगिता में खेल भावना के साथ प्रतिभाग करने का आह्वान करते हुए उनकी सफलता की कामना की। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री योगी ने इण्डोर स्टेडियम के लोकार्पण को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लिए विशेष अवसर बताते हुए कहा कि विकास के सम्बन्ध में यह क्षेत्र मानक बना है। इस इलाके का तेजी से विकास हो रहा है। इण्डोर स्टेडियम का लोकार्पण नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तेजी से चल रही विकास गतिविधियों की एक कड़ी है। कुश्ती फेडरेशन के सहयोग से राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन के साथ ही कोरोना के कारण 10 महीने से स्थगित खेल गतिविधियां पुनः प्रारम्भ हो रही हैं। यह प्रतियोगिता देश व प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिसमें ‘खेलो इण्डिया खेलो’ के माध्यम से अनेक प्रकार की खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है। राज्य सरकार द्वारा भी खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जनपद मेरठ में स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्मित बहुउद्देशीय इण्डोर स्टेडियम अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इस इण्डोर स्टेडियम का कुल क्षेत्रफल 8,040 वर्गमीटर है। इसके निर्माण पर 101 करोड़ रुपये की लागत आयी है। इस बहुउद्देशीय इण्डोर स्टेडियम में कुल 4,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। स्टेडियम में बैडमिन्टन, टेबल-टेनिस, बास्केटबॉल, हैण्डबॉल, वॉलीबॉल, जिमनास्टिक, जूडो, रेसलिंग, फेन्सिंग, बॉक्सिंग, वेट लिफ्टिंग, ताइक्वाण्डो आदि खेल गतिविधियां संचालित हो सकती है। नोएडा में इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर सांसद तथा कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह, विधायक पंकज सिंह, धीरेन्द्र सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित थे। 24Jan-2021

हलवा रस्म: शुरू हुई बजट के डिजिटल दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया

वित्त मंत्री ने हलवा वितरण के साथ लांच किया ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2021-22 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया का अंतिम चरण शुरू हो गया है यानि वैश्विक कोरोना महामारी ने केंद्रीय बजट तैयार करने की प्रक्रिया को बदलने पर मजबूर कर दिया। हालांकि बजट दस्तावेज छापने के लिए हलवा रस्म की परंपरा अपनाई गई और हलवा वितरण के साथ इस बार छपाई के बजाए बजट के डिजिटल दस्तावेज के रूप में ‘लॉक इन’ प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में नॉर्थ ब्लॉक में हलवा रस्म समारोह के साथ बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत ‘लॉक इन’ प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के एक अभूतपूर्व पहल के तहत केंद्रीय बजट 2021-22 को पेपरलेस (प्रिटिंग नहीं होगी) रूप में यानि इस बार सांसदों को बजट दस्तावेज डिजिटल स्वरूप में दिए जाएंगे। इससे पहले हर साल हलवा समारोह के आयोजन से बजट दस्तावेजों का प्रकाशन शुरू होता था। यह पहला मौका है, जब बजट दस्तावेजों का प्रकाशन नहीं होगा। हलवा रस्म के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा वित्त सचिव और राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय, व्यय सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामले के सचिव तरुण बजाज, डीआईपीएएम सचिव तुहिन कांता पांडे, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव देबाशीष पांडा, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. सुब्रमण्यन, अतिरिक्त सचिव (बजट) रजत कुमार मिश्रा,और मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे। वहीं सीबीडीटी के चेयरमैन पी.सी. मोदी, सीबीआईसी के अध्यक्ष, एम.अजीत कुमार के अलावा वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी, जो बजट की तैयारी और उसको बनाने की प्रक्रिया में शामिल है, वह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। समारोह के बाद वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2021-22 के तैयारियों की समीक्षा की और हलवे का वितरण किया गया। ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ लॉन्च केंद्रीय बजट 2021-22 को एक फरवरी 2021 को पेश किया जाएगा। इस मौके पर वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद सदस्यों और आम लोगों को आसानी से और तेजी से बजट से संबंधित दस्तावेज मिल सके, इसके लिए ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ लॉन्च किया। मोबाइल ऐप में केंद्रीय बजट से संबंधित सभी 14 दस्तावेज उपलब्ध होंगे। इसके तहत वार्षिक वित्तीय विवरण (आमतौर पर इसे बजट के रूप में जाना जाता है), अनुदान की मांग (डीजी), वित्त विधेयक आदि जैसे दस्तावेज उपलब्ध होंगे जो कि संविधान के अनुसार तय किए गए हैं। ऐप में डाउनलोडिंग, प्रिंटिंग, सर्च, जूम इन और आउट, बाईडायरेक्शनल स्क्रॉलिंग, कंटेंट और एक्सटर्नल लिंक की तालिका आदि के साथ उपयोगकर्ताओं के अनुकूल इंटरफेस उपलब्ध है। ऐप अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। वहीं यह एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म में उपलब्ध होगा। ऐप को केंद्रीय बजट के वेब पोर्टल www.indiabudget.gov.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप को आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किया गया है। बजट दस्तावेज, वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी, 2021 को संसद में बजट भाषण पूरा होने के बाद मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे। क्या है हलवा परंपरा गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने कई चीजें बदल दी हैं। यही वजह है कि इस बार का आम बजट डिजिटल मोड में पेश होने वाला है। परंतु इससे पहले हर साल बजट के लिए उसके दस्तावेजों की छपाई से पहले हलवा बनाने की परंपरा रही है। हलवा तैयार होने के बाद इसका वितरण वित्त मंत्री समेत अन्य मंत्रियों और अधिकारियों में होता है। सामान्य तौर पर हलवा बनाने की रस्म में बजट निर्माण में लगे अधिकारी ही शामिल होते हैं। हलवा बनने के बाद से वित्त मंत्रालय के 50 से अधिक लोग बजट बनाने में दिन रात लग जाते हैं। बजट पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले से तो इन लोगों को 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है। एक बार कैद होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा लोक सभा में बजट पेश होने के बाद ही इन्हें नॉर्थ ब्लॉक से बाहर जाने की इजाजत मिलती है। बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। इससे जुड़ी जाटिल प्रक्रिया को हल्का-फुल्का करने के लिए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं। इन 50 अधिकारियों व कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। 24Jan-2021

नई विशेष रेलगाड़ियां चलाने का ऐलान, कई ट्रेनों की अवधि में किया विस्तार

दिल्ली व वाराणसी के बीच चल रही विशेष ट्रेन होगी निरस्त हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के बीच भारतीय रेलवे ने रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने की रणनीति में तेजी लाने का निर्णय लिया है। मसलन जल्द ही दर्जनों नई विशेष रेलगाड़ियां शुरू करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत देश के एक कोने से दूसरे कोने तक विशेष रेलगाड़ियों को संचालित करने का ऐलान किया है, तो वहीं पहले से चलाई जा रही कई विशेष ट्रेनों के फेरों में विस्तार करने का फैसला किया गया है। भारतीय रेलवे के इस फैसले के बाद रेल यात्रियों को ज्यादा सहुलियत के साथ सुविधा के मद्देनजर नई स्पेशल ट्रेनों की संचालन अवधि में विस्तार करने के निर्णय के मुताबिक, जिन ट्रेनों के फेरे बढ़ाए गए हैं उनके लिए टिकट की बुकिंग शनिवार से शुरू कर दी गई है। रेलवे ने जिन ट्रेनों की अवधि बढ़ाई है, उनमें हावड़ा से धनबाद होकर चलने वाली हावड़ा-बाड़मेर-हावड़ा साप्ताहिक सुपरफास्ट त्योहार स्पेशल ट्रेन हावड़ा से बाडमेर तक 29 जनवरी से 26 मार्च 2021 तक और बाड़मेर से हावडा तक 3 फरवरी से 31 मार्च तक चलेंगी। जबकि गोमो होकर चलने वाली भुवनेश्वर-आनंद विहार स्पेशल एक्सप्रेस 02 फरवरी से 21 मार्च तक और आनंदविहार-भुवनेश्वर एक्सप्रेस 04 फरवरी से 02 अप्रैल चलाई जाएगी। इसी प्रकार हावड़ा-जम्मूतवी हिमगिरि एक्सप्रेस 30 जनवरी से 30 मार्च तक और जम्मूतवी-हावड़ा हिमगिरि एक्सप्रेस 01 फरवरी से 01 अप्रैल तक चलेगी। रेलवे ने हावड़ा-काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस को 31 जनवरी से 31 मार्च तक और काठगोदाम-हावड़ा बाघ एक्सप्रेस को 02 फरवरी से 02 अप्रैल तक के अलावा मदार-कोलकाता-मदार साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 1 फरवरी से 22 फरवरी तक प्रत्येक सोमवार को एवं कोलकाता से 04 फरवरी से 25 फरवरी तक प्रत्येक गुरुवार को विस्तार देने का फैसला किया है। वहीं हावड़ा-कालका-हावड़ा मेल अपने परिवर्तित “नेताजी एक्सप्रेस” के नाम से शनिवार को शुरू कर दी गई है। मेरठ सिटी-प्रयागराज के बीच स्पेशल रेलगाड़़ी उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे आरक्षित रेलगाडी के रूप में मेरठ सिटी-प्रयागराज के बीच दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी चलाएगा। मसलन 31 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रयागराज-मेरठ सिटी दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी को प्रयागराज से सांय 05.45 बजे प्रस्थान करके अगले दिन सुबह 06.25 बजे मेरठ सिटी पहुँचेगी। वापसी दिशा में एक फरवरी से मेरठ सिटी-प्रयागराज दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी आगामी सूचना तक मेरठ सिटी से सांय 07.00 बजे प्रस्थान करके अगले दिन सुबह 08.35 बजे प्रयागराज पहुँचेगी। पुरी-योगनगरी ऋषिकेश तक दैनिक रेल सेवा हरिद्वार कुम्भ के मौके पर रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे 27 जनवरी से पुरी तथा योगनगरी ऋषिकेश के बीच दैनिक स्पेशल रेलगाड़़ी चलाएगा। इसके के तहत पुरी-योगनगरी ऋषिकेश दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी 27 जनवरी से 30 अप्रैल तक पुरी से रात्रि 08.45 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन रात्रि 09.50 बजे योगनगरी ऋषिकेश पहुँचेगी। वापसी दिशा में योगनगरी ऋषिकेश-पुरी दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी 30 जनवरी से 03 मई तक योगनगरी ऋषिकेश से सुबह 05.35 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन तड़के 03.25 बजे पुरी पहुँचेगी। दिल्ली-बीकानेर के बीच दैनिक रेलगाडी दिल्ली सराय रौहिल्ला-बीकानेर एक्सप्रेस स्पेशल 27 जनवरी से अग्रिम सूचना तक दिल्ली सराय रौहिल्ला से रात्रि 10.45 बजे प्रस्थान करके अगले दिन दोपहर 01.20 बजे बीकानरे पहुँचेगी। वापसी दिशा में बीकानेर-दिल्ली सराय रौहिल्ला एक्सप्रेस स्पेशल 28 जनवरी से बीकानेर से सांय 04.45 बजे प्रस्थान प्रतापगढ-लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक दो दिन सेवा लोकमान्य तिलक टर्मिनस-प्रतापगढ सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी 31 जनवरी से प्रत्येक रविवार और मंगलवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से सांय 04.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सांय 07.35 बजे प्रतापगढ़ पहुँचेगी। वापसी दिशा में प्रतापगढ़-लोकमान्य तिलक टर्मिनस सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी 02 फरवरी से प्रत्येक मंगलवार और वीरवार को प्रतापगढ़ से मध्यरात्रि 01.50 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 05.30 बजे लोमान्य तिलक टर्मिनस पहुँचेगी। इसके अलावा अहमदाबाद से पुणे, भुज-पुणे तथा भगत की कोठी-पुणे के बीच अतिरिक्त साप्ताहिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। दो ट्रेने होंगी निरस्त उत्तर रेलवे के अनुसार नई दिल्ली-वाराणसी-नई दिल्ली क्लोन एक्सप्रेस 29 जनवरी से नई दिल्ली की ओर तथा 30 जनवरी से वाराणसी की ओर से अग्रिम सूचना तक रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर-आनंद विहार टर्मिनल-मुजफ्फरपुर क्लोन एक्सप्रेस 31 जनवरी से मुजफ्फरपुर से तथा 01 फरवरी से आनंद विहार टर्मिनल की ओर से अग्रिम सूचना तक रद्द रहेगी। 24Jan-2021

शनिवार, 30 जनवरी 2021

आजादी के बलिदानियों को एक साथ याद करेगा पूरा देश!

केंद्र सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस पर दो मिनट के मौन के लिए जारी किये दिशानिर्देश हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। राष्ट्रपति महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानि 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के सम्मान में केंद्र सरकार ने नया फैसला लेते हुए एक दिशानिर्देश जारी किया है। सरकार के इस नए आदेश में शहीद दिवस पर देश की आजादी में बलिदान देने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय की ओर से सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक जरूरी दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसमें देश की आजादी में बलिदान देने वालों शहीदों की याद में मनाए जाने वाले शहीद दिवस पर 30 जनवरी को 11 बजे से दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक 30 जनवरी को सुबह 11 बजे से दो मिनट का मौन रखने के साथ ही पूरे देश में उन दो मिनट के लिए कोई कामकाज या आवाजाही नहीं होगी यानि उस दौरान पूरा देश थम जाएगा। पूरे देश में अलर्ट करने की व्यवस्था गृह मंत्रालय के आदेशों के अनुसार इस दिन 11 बजे से पहले दो मिनट का मौन रखने के लिए अलर्ट दिया जाएगा और जहां जैसी व्यवस्था है, वहां उस तरीके से 10.59 पर अलर्ट कर दिया जाया करेगा। जिन जगहों पर सायरन की व्यवस्था है, वहां सायरन बजाकर मौन की याद दिलाई जाएगी। कुछ जगहों पर आर्मी गन से फायर करके संदेश दिया जाएगा। दिशानिर्देशों के अनुसार राज्यों से आग्रह किया गया है कि सरकारी कार्यालयों में भी इस दिशानिर्देशों का पालन कराया जाए, जहां दो मिनट के लिए काम रोककर मौन धारण करने संबन्धी आदेशों को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा के दौरान गोली मार हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में बापू को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस मौके पर विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया जाता है। 21Jan-2021

‘वोकल फॉर लोकल’ थीम पर लखनऊ में कल से ‘हुनर हाट’

स्वदेशी उत्पादों के साथ 31 राज्यों के 500 दस्तकारों व शिल्पकार होंगे शामिल हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में अल्पसंख्यक समुदाय के दस्तकारों व शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए बाजार मुहैया कराने के लिए 24वां ‘हुनर हाट’ यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित अवध शिल्पग्राम में 22 जनवरी से शुरू होगा, जिसकी थीम ‘वोकल फॉर लोकल’ होगी। इस आयोजन में देशभर से 31 राज्यों के करीब 500 दस्तकार और शिल्पकार स्वदेशी उत्पाद लेकर शामिल होंगे। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश के दस्तकारों-शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को मौका-मार्किट मुहैया कराने के मकसद से 24वे ‘हुनर हाट’ का आयोजन ‘वोकल फॉर लोकल’ थीम के साथ अवध शिल्पग्राम, लखनऊ (यूपी) में 22 जनवरी से 04 फरवरी 2021 तक किया जा रहा है। इस ‘हुनर हाट’ का औपचारिक उद्घाटन 23 जनवरी को को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन वी.के. सक्सेना, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, यूपी के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता, विधाई-न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, महिला कल्याण बाल विकास मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और अल्पसंख्यक कल्याण हज राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा भी मौजूद रहेंगे। मंत्रालय के अनुसार लखनऊ के ‘हुनर हाट’ में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाण, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओड़िशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनर के उस्ताद शामिल हो रहे हैं। इसमें देश के दस्तकार व शिल्पकार, अजरख, ऍप्लिक, आर्ट मेटल वेयर, बाघ प्रिंट, बाटि, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी बूटियां, ब्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बेंतबांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूड़ियाँ, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी-आयरन के खिलौने, कांथा एम्ब्रोइडरी, ब्रास पीतल के प्रोडक्ट, क्रिस्टल ग्लास आइटम, चन्दन की कलाकृतियां आदि के स्वदेशी हस्तनिर्मित शानदार उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए ले कर आये हैं। ---‘आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर मनोरंजन-- लखनऊ के ‘हुनर हाट’ में आने वाले लोग देश के पारंम्परिक लजीज़ पकवानों का लुत्फ़ भी उठाएंगे, वहीँ देश के जाने माने कलाकारों द्वारा हर दिन प्रस्तुत किये जाने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे। ‘हुनर हाट’ में प्रतिदिन सांयकाल जाने माने कलाकारों द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर गीत संगीत के कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों में प्रसिद्द कलाकार जैसे कैलाश खेर, विनोद राठौर, सुश्री शिबानी कश्यप, भूपेंद्र भुप्पी, मिर्ज़ा सिस्टर्स, प्रेम भाटिया, सुश्री रेखा राज, हमसर हयात ग्रुप, मुकेश पांचोली आदि अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। देश के विभिन्न स्थानों में आयोजित हो रहे ‘हुनर हाट’ दस्तकारों व शिल्पकारों के लिए बहुत उत्साहवर्धक और लाभदायक साबित हो रहे हैं। 21Jan-2021

संसद भवन में अब माननीयों को भी नहीं मिलेगा सब्सिडी वाला खाना

संसद का बजट सत्र: दो पारियों में होगी लोकसभा व राज्यसभा की बैठक हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। संसद भवन के बजट सत्र का आयोजन भी मानसून सत्र की तर्ज पर कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों के तहत होगा, जिसमें संसद सत्र के दौरान हर दिन राज्यजसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी। वहीं संसद की कैंटिनों में सांसदों के भोजन पर दी जाने वाली सब्सिड़ी को भी समाप्त कर दिया गया है, जिससे अब सांसदों को भी महंगा भोजन करना पड़ेगा। संसद भवन में बजट सत्र की तैयारियों के बारे में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 29 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सांसदों को मिलने वाले सब्सिडी वाले भोजन पर रोक लगा दी गई है, जिसके कारण उन्हें अब महंगा भोजन करना होगा। वहीं उन्होंने संसद के बजट सत्र के आयोजन की जानकारी देते हुए कहा कि बजट सत्र में सभी सांसदों, अधिकारियों और मीडिया या अन्य लोगों को कोरोना महामारी के दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। मसलन कोरोना काल में संसद के मानसून सत्र के दौरान जिस तरह की कोरोना महामारी दिशानिर्देशों के तहत व्यवस्था की गई थी, ठीक उसी तरह संसद के बजट सत्र के दौरान सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। बिरला ने कहा कहा कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यनसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। जबकि लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चलाई जाएगी, दोनों सदनों की बैठक में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी होगा। दो चरणों में आयोजित बजट सत्र के पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। ----कोरोना जांच के बाद मिलेगा प्रवेश--- संसद के बजट सत्र में कोरोना संकट के कारण सुरक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के कोरोना महामारी को लेकर लागू दिशानिर्देशों के अलावा संसद के दोनों सदनों द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करना उसी तरह अनिवार्य किया जा रहा है, जिस प्रकार से मानसून सत्र के दौरान व्यवस्था की गई थी। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही इस बार संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था। बिरला ने बताया कि इस सत्र के लिए सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। जबकि संसद परिसर में 27 व 28 जनवरी को आरटी-पीसीआर स्तर की कोराना जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच के लिए सांसदों के परिवार, कर्मचारियों के लिए भी व्यवस्था की गई है। इस कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र व राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी। मसलन संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी। मसलन इस सत्र के दौरान भी पीएम कैबिनेट, सभी सांसदों, संसदीय और मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों को कोरोना टेस्ट कराए बिना संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए प्रवेश नहीं मिलेगा। ----अब आईटीडीसी चलाएगी संसद की कैंटीन--- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अभी तक संसद की कैंटीनों का संचालन उत्तर रेलवे द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब इसके बजाय संसद की कैंटीनों को चलाने का जिम्मदा आईटीडीसी को सौंपा गया है और संसद की कैंटीनों के भोजन पर लागू सब्सिडी को समाप्त कर दिया गया है, जिसमें सांसदों को भी बिना सब्सिडी का भोजन मिलेगा। उन्होंने कहा कि संसद में भोजन पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने से लोकसभा सचिवालय को हर साल आठ करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी। संसद में अन्य लोगों के लिए कैंटीन के भोजन पर सब्सिडी पहले ही समाप्त कर दी गई थी। ---एक फरवरी को केंद्रीय बजट--- लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद के बजट सत्र में की शुरूआत 29 जनवरी को केंद्रीय कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी। जबकि केंद्रीय बजट 2021-22 एक फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे पेश किया जायेगा। लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद की स्थायी समिति को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान की मांगों पर विचार करना सुगम बनाने के लिये 15 फरवरी को सत्र का पहला चरण स्थगित कर दिया जायेगा। 20Jan-2021

आदिवासी स्कूली बच्चों के लिए छह लाख मीटर खादी कपड़ा देगा केवीआईसी

खादी और ग्रामोद्योग आयोग और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने किया करार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने आपस में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें एक समझौते के तहत देश में एकलव्य आवासीय विद्यालयों के बच्चों की ड्रेस के लिए जनजातीय मंत्रालय केवीआईसी से वर्ष 2020-21 में केवीआईसी से 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का छह लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। देश में पीएम मोदी के आव्हान पर आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में यहां नई दिल्ली में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर आयोजित एक समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावा एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी व जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह के अलावा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार की उपस्थिति में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इसमें एक समझौते के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में केवीआईसी से 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का छह लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। इस कपड़े का इस्तेमाल एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों की ड्रेस के लिए किया जाएगा। जबकि दूसरा समझौता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम यानि एनएसटीएफडीसी को पीएमईजीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में तैयार करने के लिए किया जाएगा। यह निगम जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है, जो देश में जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए धन मुहैया कराती है। ---देशभर के स्कूलों में खादी को प्रोत्साहन की योजना--- इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि देश में खादी को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी चर्चा चल रही है, ताकि देश में सीबीएसई और अन्य संबन्धित विद्यालयों में भी खादी के कपड़े की ड्रेस के प्रति ट्रेंड शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का यही सपना है कि जब खादी का ज्यादा इस्तेमाल होगा तो हैंडलूम और बुनकरों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा, जिसमें रोजगार की अपरा संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मंडा से आव्हान किया कि वे आदिवासी क्षेत्र के हर गांव में खादी को प्रोत्साहित करने के लिए कम से कम 25 लोगों को रोजगार के लिए तैयार करें, इसके लिए एमएसएमई मंत्रालय उनकों आर्थिक मदद मुहैया कराएगा। ---आदिवासियों के उत्पादों को बढ़ावा---- इस मौके पर जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अर्जुन मुंडा ने दूसरे समझौते के तहत एनएसटीएफडीसी और केवीआईसी के इस सहयोग से पीएमईजीपी योजना के बारे में कहा कि कहा कि भारत में आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए ज़िम्मेदार जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक एजेंसी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम को पीएमपीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में चुना जाएगा। यह निगम अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के इच्छुक उद्यमों के वित्तपोषण के लिए रियायती ऋण योजनाएं प्रदान करता है। इस समझौते से आदिवासियों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों में संलग्न करके और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुंडा ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत के लिए प्रधान मंत्री के आह्वान के साथ जुड़े इन समझौतों का उद्देश्य देश भर में खादी कारीगरों और आदिवासी आबादी के एक बड़े हिस्से को मजबूत करके स्थानीय रोजगार का निर्माण करना है। 20Jan-2021

हरियाणा में सड़क हादसों में हुई मौतों में आई 12फीसदी कमी

परिवहन विकास परिषद की 40वीं बैठक 
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने दावा किया है कि देश में नया मोटर वाहन कानून लागू होने और राज्य सरकार द्वारा परिवहन व्यवस्था में सुधार करने से राज्य में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में हुए सड़क हादसों में 16 फीसदी की कमी आई है। जबकि सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 12 फीसदी कमी आने से अंकुश लगा है। यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को आयोजित परिवहन विकास परिषद की 40वीं बैठक में बोलते हुए यह जानकारी हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने दी है। उनका मानना था कि हरियाणा में सड़क हादसों व उसके कारण होने वाली असामयिक मौतों में कमी का कारण केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया नया मोटर वाहन कानून है, जिसमें देश की परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए सख्त प्रावधान किये गये हैं। राज्य सरकार भी ऐसे प्रावधान वाले कानूनों का पालन कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जागरूकता फैलाने का का कार्य कर रही है। मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य में सडक दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा इसी प्रकार के कार्य लगातार किए जा रहें है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में सडक सुरक्षा की दिशा में परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्य करके लोगों को सुरक्षित परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
राज्य में ट्रामा सेंटरों की स्थापना
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों व राज्य राजमार्गों पर कुल 34 ट्रामा सेंटरों स्थापित किए गए हैं। वहीं हरियाणा में ओवर लोडिड वाहनों को नियंत्रित करने की दिशा में जिलों में पोर्टेबल भार तोलक यंत्रों की व्यवस्था की गई है। यातायात नियमों और सुरक्षित परिवहन की दिशा में हरियाणा में तीन चालक प्रशिक्षण व अनुसंधान केन्द्रों की भी स्थापना की गई है और 09 अनुसंधान केन्द्र और स्थापित किए जा रहे हैं। वहीं हरियाणा में एक निरीक्षण एवं प्रमाणिकरण केंद्र भी स्थापित है, जिनका विस्तार करके इनकी संख्या 06 की जा रही है। हरियाणा के परिवहन मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के दृष्टिकोण आवश्यक सावधानियों के लिए विशेष दिशा निर्देश क्रियान्वित हैं। हरियाणा में 26 नवंबर 2020 से हरियाणा राज्य परिवहन की कुल 2176 बसों का पूर्ण क्षमता के साथ संचालन किया जा रहा है। इनमें से कुल 960 बसें विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल के क्षेत्रों संचालित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 18 जनवरी से 17 फरवरी तक 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह' आयोजित किया जा रहा है। 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह' के अंतर्गत नई दिल्ली में विज्ञान भवन में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी की अध्यक्षता में हुई परिवहन विकास परिषद की 40वीं बैठक में राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने भाग लिया। परिवहन विकास परिषद की 40वीं बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी के सिंह भी मौजूद रहे। राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने उनके संबंधित राज्यों में सड़क सुरक्षा के संदर्भ में किए जा रहे कार्यो के विवरण के अतिरिक्त आवश्यकताओं के संदर्भ में अनुरोध किया। 
20Jan-2021

अगले पांच साल में सड़क हादसों में मौतों को आधा करने का लक्ष्य

ाष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह अभियान शुरू करते हुए बोले केंद्रीय नितिन गडकरी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में दुनिया के मुकाबले सड़क हादसों में मरने वालों की सर्वाधिक संख्या पर अंकुश लगाने की दिशा में केंद्र सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल के भीतर 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार ने नए मोटर वाहन व सड़क सुरक्षा कानून में इस प्रकार के विशेष प्रावधान किये हैं, जिसमें देश की परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करना पूरी तरह से संभव है। यह बात सोमवार को यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पहले राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा महीने की शुरूआत के लिए आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कही है। गडकरी ने कहा कि अगर हम 2030 तक इंतजार करते, तो सड़क दुर्घटना में छह-सात लाख लोग और मर जाएंगे। इसलिए मंत्रालय ने एक संकल्प लिया है कि 2025 से पहले सड़क दुर्घटनाओं और इसके कारण से होने वाली मौतों को 50 फीसदी से नीचे लाया जाए। इसके लिए सड़क सुरक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों और संस्थाओं के अलावा अन्य संस्थाओं की सहायता ली जा रही है, जिसमें तकनीकी सहायता भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियमों में व्यापक बदलाव करने के साथ हर साल मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को विस्तार देकर एक माह का जागरूता अभियान शुरू किया गया है। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार सड़क की चोटों और मौतों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न पहलों के साथ नीतिगत सुधारों और सुरक्षित प्रणालियों को अपना कर 2030 तक भारतीय सड़कों पर शून्य सड़क घातक दृष्टि प्राप्त करने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा सरकार मानती है कि इस लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है, जब सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता में जनभागीदारी शामिल हो। गडकरी ने सुझाव दिया कि सभी सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से एक मंच प्रदान करना चाहिए। वहीं पुलिस, डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, पेशेवरों, गैर सरकारी संगठनों, छात्रों और सभी व्यक्तियों को एक मिशन मोड पर सड़क सुरक्षा लेने के लिए शामिल करना जरुरी है। ----दुर्घटना से 3 फीसदी जीडीपी प्रभावित: राजनाथ--- इस अवसर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सड़क जागरूकता शामिल है। केवल ड्राइवरों को ही नहीं, बल्कि सवारों को भी उन्हें रोकने के लिए दुर्घटनाओं के कारणों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में होने वाली दुर्घटनाएं न केवल एक परिवार को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि राष्ट्रीय संसाधनों की भी गंभीर क्षति होती हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा जागरूकता फैलाकर जीडीपी के लगभग 3 प्रतिशत नुकसान को बचाया जा सकता है। वहीं डॉ. वीके सिंह ने कहा, सड़क सुरक्षा एक महीने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह जीवन भर का मामला है। उन्होंने कहा कि किसी को भी वाहन चलाते समय और सड़क पर अन्य वाहनों के चालकों से सतर्क रहना होगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सड़क सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस दिशा में बड़ी संख्या में पहल की गई हैं। उन्होंने देश के मानकों को वैश्विक स्तर पर उन्नत करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए निगरानी प्रणालियों के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत किया जाना आवश्यक है ----सेफ स्पीड चैलेंज को हरी झंडी---- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री डा. वीके सिंह और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गड़करी के साथ मिलकर अमृतसर से कन्याकुमारी तक एक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप सेफ स्पीड चैलेंज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सड़क सुरक्षा पर एक फिल्म शुरू की गई। राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और बीमा कंपनियों ने भी सेमिनार, वॉकथॉन, पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिताओं आदि के साथ जागरूकता पैदा करने वाली गतिविधियों में भाग लिया। ----सड़क सुरक्षा में पुरस्कार वितरित---- इस समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को बधाई दी, जिसमें सड़क सुरक्षा कार्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य, अच्छा सामरी पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ राज्य परिवहन निगम, सुरक्षित राजमार्ग विकास में सर्वश्रेष्ठ कार्य, बाहरी क्षेत्र के अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा सड़क सुरक्षा में सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में कुल 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जबकि हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 4.5 लाख से अधिक लोग घायल हुए, जिसके परिणामस्वरूप हर साल सकल घरेलू उत्पाद के 3.14 फीसदी के बराबर दुर्घटना से होने वाली सामाजिक-आर्थिक हानि हुई। उन्होंने कहा कि 70 फीसदी मौतें 18 से 45 साल के लोगों की होती हैं, जो भारत में प्रति दिन लगभग 415 लोग मर रहे हैं। 19Jan-2021

अब एकलव्य विद्यालयों के छात्र भी पहनेंगे खादी ड्रेस

आत्मनिर्भर भारत: जनजातीय मंत्रालय आज करेगा केवीआईसी से दो समझौते हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग कल मंगलवार को दो समझौते करेगा, जिसमें पहला समझौता ज्ञापन जनजातीय छात्रों के लिए खादी का कपड़ा खरीदने और दूसरा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में केवीआईसी और जनजातीय कार्य मंत्रालय भागीदार बनाने के लिए होगा। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के अनुरुप केवीआईसी और जनजातीय कार्य मंत्रालय के बीच इन दोनों समझौतों पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे। इन समझौतों का मकसद पूरे देश में खादी कारीगरों और जनजातीय आबादी के एक बड़े भाग को मजबूत करते हुए स्थानीय रोजगारों का सृजन करना है। मंत्रालय के अनुसार पहले समझौता ज्ञापन के एक भाग के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में केवीआईसी से 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का छह लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। यह कपड़ा मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों के लिए खरीदा जाएगा, ताकि जनजातीय व आदिवासियों में खादी के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके। जैसे-जैसे सरकार हर साल एकलव्य विद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी करती है उसी अनुपात में खादी के कपड़े की खरीदारी भी बढ़ती है। दूसरे समझौता ज्ञापन के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम यानि एनएसटीएफडीसी को पीएमईजीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में तैयार किया जाएगा। यह निगम जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक एजेंसी है, जो देश में जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए जिम्मेदार है। यह निगम अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में इच्छुाक अनुसूचित जनजातियों के लोगों के उद्यमशीलता उपक्रमों के वित्तपोषण के लिए रियायती ऋण योजनाएं उपलब्ध कराता है। इस समझौता ज्ञापन से जनजातीय लोगों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों में शामिल करते हुए स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करके लाभान्वित किया जा सकेगा। एनएसटीएफडीसी और केवीआईसी के इस सहयोग से पीएमईजीपी योजना में जनजातीय लोगों की संख्यात में बढ़ोतरी होगी। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत के आव्हान के बाद देशभर में खादी उत्पादों के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है। खादी कारीगरी सबसे आरामदायक कपड़ा होने के कारण काफी वर्षों से खादी का ट्रेंड हो गया है। उन्होंने कहा कि सामान्यजन ही नहीं, विशेषकर युवाओं और सरकारी निकायों द्वारा खादी को अपनाया जा रहा है। यह दूरदराज के कताई और बुनाई करने वाले दस्तकारों को बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। 19Jan-2021

दिल्ली से जबलपुर के बीच चलेगी महाकौशल विशेष रेलगाड़ी

अब रोजना चलेगी सीएसटीएम-मुम्बई-हज़रत निज़ामुद्दीन राजधानी स्पेशल ट्रेन रेलवे का कुछ और विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का भी निर्णय हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से निरस्त हुई रेल यात्री सेवाओं को विशेष ट्रेनों के रूप में धीरे-धीरे बहाल करने के जारी सिलसिले के तहत अब जबलपुर और हजरत निजामुद्दीन दिल्ली के बीच 21 जनवरी से जबलपुर-हज़रत निज़ामुद्दीन-जबलपुर महाकौशल दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी चलाई जाएगी। इसके अलावा रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने पोरबंदर-मुजफ्फरपुर, छपरा-गोमती नगर, जयपुर-दिल्ली सराय रौहिल्ला-श्रीगंगानगर-दिल्ली जं. के बीच भी विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। देश में यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही विशेष ट्रेनों की जानकारी देते हुए सोमवार को उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि रेलवे लगातार सिलसिलेवार विशेष रेलगाड़ियों का निरंतर संचालन कर रहा है। इसी योजना के तहत रेलवे ने जबलपुर-हज़रत निजामुद्दीन के बीच स्पेशल रेलगाड़ी चलाने का फैसला किया है। जबलपुर-हज़रत निज़ामुद्दीन-जबलपुर महाकौशल दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी के लिए समयसारिणी के मुताबिक 21 जनवरी से जबलपुर-हज़रत निज़ामुद्दीन महाकौशल दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी जबलपुर से सांय 06.10 बजे प्रस्थान करके अगले दिन पूर्वाह्न 11.10 बजे हज़रत निजामुद्दीन दिल्ली पहुँचेगी। वापसी दिशा में 22 जनवरी से हज़रत निज़ामुद्दीन-जबलपुर महाकौशल दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दोपहर 02.33 बजे प्रस्थान करके अगले दिन सुबह 07.55 बजे जबलपुर पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी दोनों दिशाओं में सिहोरा रोड, कटनी, मैहर, सतना, जैतवार, मझगांव, ओहन, चित्रकूट, अत्तरा, बांदा, मोहबा, बेला ताल, हरपालपुर, मऊरानीपुर, झाँसी, दतिया, डबरा, ग्वालियर, मुरैना, धौलपुर, आगरा छावनी, राजाकी मंडी, मथुरा जं0, कोसी कलां, बल्लभगढ़ तथा फ़रीदाबाद स्टेशनों पर ठहरेगी। वहीं सप्ताह में चार दिन चलाई जा रही सीएसटी मुम्बई-हज़रत निजामुद्दीन-सीएसटी मुम्बई राजधानी स्पेशल ट्रेन को अब 19 जनवरी से प्रतिदिन चलाने का निर्णय लिया गया है। ----पोरबंदर-मुजफ्फरपुर व गोमती नगर-छपरा सेवा-- इसके अलावा 21 जनवरी से पोरबंदर-मुजफ्फरपुर सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी अग्रिम सूचना तक प्रत्येक वीरवार और शुक्रवार को पोरबंदर से सांय 07.40 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन सांय 06.09 बजे मुजफ्फरपुर पहुँचेगी। वापसी दिशा में मुजफ्फरपुर-पोरबंदर सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी दिनांक 24 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक रविवार और सोमवार को मुजफ्फरपुर से दोपहर 03.15 बजे प्रस्थान कर तीसरे दिन दोपहर 03.45 बजे पोरबंदर जबकि छपरा कचेरी-गोमती नगर दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी 27 जनवरी से छपरा कचेरी स्टेशन से सांय 07.20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 06.35 बजे गोमती नगर पहुँचेगी। वापसी दिशा में गोमती नगर-छपरा कचेरी दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी 28 जनवरी गोमती नगर से रात्रि 09.10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 08.40 बजे छपरा कचेरी पहुँचेगी। ---जयपुर से दिल्ली के लिए विशेष ट्रेन--- उत्तर रेलवे के अनुसार इसी प्रकार 31 जनवरी से रेलवे जयपुर व दिल्ली सराय रौहिल्ला के बीच दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी चलाएगा। इसके तहत जयपुर व दिल्ली सराय रौहिल्ला दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी 31 जनवरी को जयपुर से प्रात: 07.35 बजे प्रस्थान कर उसी दिन दोपहर 01.45 बजे दिल्ली सराय रौहिल्ला पहुँचेगी। वापसी दिशा में उसी दिन से दिल्ली सराय रौहिल्ला-जयपुर दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी दिल्ली सराय रौहिल्ला से दोपहर 02.45 बजे प्रस्थान कर उसी दिन रात्रि 08.20 बजे जयपुर पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी गांधीनगर जयपुर, गेटोर, दौसा, बांदीकुई, अलवर, रेवाड़ी, गुडगांव तथा दिल्ली छावनी स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। इसके अलावा श्रीगंगानगर-दिल्ली जं. दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी तत्काल प्रभाव से श्रीगंगानगर से रात्रि 08.30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 08.45 बजे दिल्ली जं. पहुँचेगी। वापसी दिशा में दिल्ली जं.-श्रीगंगानगर दैनिक स्पेशल रेलगाड़ी तत्काल प्रभाव से दिल्ली जं. से सांय 06.00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 05.50 बजे श्रीगंगानगर पहुँचेगी। 19Jan-2021

केंद्रीय बजट में हरियाणा को चाहिए पांच हजार करोड़ की राशि

मुख्यमंत्री ने राज्य में परियोजनाओं में वित्तीय जरुरतों की दी जानकारी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होगा, जिसे अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ परामर्श करके परियोजनाओं की जानकारी एकत्र कर रही है। इसी के तहत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार से केंद्रीय बजट में हरियाणा के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने की मांग की है। नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित बजट पूर्व बैठक के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन को हरियाणा प्रदेश की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए वित्तीय आवश्यकताओं के बारे में अवगत करवाया। इन योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु आकलन के आधार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वित्त मंत्री से केंद्रीय बजट 2021-22 में प्रदेश की विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए 5000 करोड़ रूपये की मांग की गई है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बैठक में इस मांग के बारे में कहा कि उन्होंने केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार ने हरियाणा के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के प्रावधान करने करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लघु सिचाई परियोजनाओं व तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए केंद्रीय बजट में 1000 करोड़ रूपये प्रदान करने की मांग पेश की गई है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 1000 करोड़ रूपये की मांग के अलावा हरियाणा द्वारा ग्रामीण विकास, कोविड-19 प्रबंधन, स्वास्थ्य व आधारभूत मेडिकल सुविधाओं के लिए 3000 करोड़ रूपये प्रदान करने की मांग की गई। इस बजट पूर्व बैठक में मुख्यमंत्री के साथ हरियाणा के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद भी मौजूद रहे। ---रेल मंत्री के साथ भी बैठक--- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय में बजट पूर्व बैठक में हिस्सा लेने के रेल भवन में रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा से संबंधित विभिन्न रेल परियोजनाओं के संदर्भ में विचार विमर्श किया और कुछ लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट के रेल संबन्धी परियोयजनाओं में हरियाणा को प्राथमिकता देने की मांग की। ----------------------------------------- रोहतक की तर्ज पर कैथल में भी होगा एलीवेटिड रेलवे लाइन का निर्माण रेल मंत्रालय ने दी परियोजना की सैद्धांतिक मंजूरी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। हरियाणा में करनाल से यमुनानगर रेल लाईन परियोजना के निर्माण की रेल मंत्रालय द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गई है। कैथल में 04 किलोमीटर लंबी एलीवेटीड रेलवे लाइन निर्माण की भी रेल मंत्रालय द्वारा सहमति दी गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को रेल भवन में रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर हरियाणा प्रदेश से संबंधित विभिन्न रेल परियोजनाओं के संदर्भ में गहन विचार विमर्श किया। बैठक में रेलवे के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हरियाणा से संबंधित विभिन्न रेल परियोजनाओं की स्वीकृति दी। बैठक के बाद हरियाणा भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा करनाल से यमुनानगर रेल लाईन परियोजना के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। रोहतक की भांति कैथल में भी 04 किलोमीटर लंबी एलीवेटीड रेलवे लाइन निर्मित किए जाने के संदर्भ में रेल मंत्रालय द्वारा सहमति दी गई है। पंचकूला रेलवे स्टेशन को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की भांति विकसित किया जाएगा। रोहतक में एलीवेटीड रेलवे लाइन के नीचे हरियाणा के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्मित किए जाने की सहमति दी गई है। रोहतक रेलवे स्टेशन के मालगाड़ियों के शेड को लाहली स्थानांतरित किए जाने के लिए सर्वेक्षण करवाया जाएगा। भिवानी से हरिद्वार जाने वाली सवारी रेलगाड़ी का कलानौर में हाल्ट के लिए स्वीकृती दी गई है। 19Jan-2021

केवडिया को रेल संपर्क मुहैया कराने पर खर्च हुई 811 करोड़ की रकम

रेलवे परियोजना में सात नए रेलवे स्टेशनों समेत अत्याधुनिक सुविधाओं को दिया गया अंजाम ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया के लिए विभिन्न राज्यों के अलग अलग शहरों के लिए जिन 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है, उसके लिए रेलवे ने विशेष परियोजना के तहत 811 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अंजाम दिया है, जिसमें नए रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन, विद्युतीकरण व आमान परिवर्तन जैसे काम शामिल रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केवड़िया के लिए विभिन्न स्थानों से 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है, इसके लिए भारतीय रेलवे ने 811 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अंजाम दिया है। रेलवे के 50 किमी लंबे दभोई-चंदोद-केवड़िया खंड, जिसमें 18 किलोमीटर लंबी दभोई-चंदोद छोटी लाइन को बड़ी लाइन में परिवर्तित करने के अलावा चंदोद से केवड़िया तक 32 किलोमीटर लंबी नई बड़ी रेल लाइन का विस्तार किया गया है। वहीं प्रतापनगर-केवडिय़ा खंड (80 आरकेएम) पर 80 किमी लंबे ट्रैक का नया विद्युतीकरण किया गया है। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना में सात नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है ,जिसमें 3 प्रमुख (क्रॉसिंग) स्टेशन केवड़िया, दभोई जंक्शन और चंदोद के अलावा 4 छोटे (पड़ाव) मोरिया, तिलकवाड़ा, गरुड़ेश्वर और केवड़िया स्टेशन बनाए गये हैं। इस रेल संपर्क को स्थापित करने की दिशा में 8 बड़े पुल, 79 छोटे पुल, 9 सड़क के ऊपर बने पुल और 31 सड़क के नीचे पुल भी बनाए गये हैं। ---रेल गति का विस्तार---- रेलवे के अनुसार प्रतापनगर-दभोई के बीच मंजूर की गई गति को केवल 75 दिन के भीतर 75 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 110 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है और दभोई-केवड़िया खंड को 110 किमी प्रति घंटे के साथ बनाया गया है। जबकि प्रतापनगर-केवड़िया के पूरे खंड की गति को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जाएगा। दभोई जंक्शन, चंदोद और केवड़िया में स्टेशन भवनों को स्थानीय विशेषताओं और आधुनिक यात्री सुविधाओं को शामिल करते हुए खूबसूरतीके साथ डिजाइन किया गया है। इसके अलावा केवड़िया स्टेशन भारत का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसे निर्माण के समय से ही ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणपत्र दिया गया है। आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक और उपकरण जैसे कि मोबाइल फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन, रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी), हैवी अर्थ मूविंग उपकरण, हैवी ड्यूटी रोड क्रेन और ट्रैक मशीनें तैनात की गई हैं ताकि सिविल इंजीनियरिंग कार्य की गति को तेज किया जा सके। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध आरसीसी ह्यूम पाइपों का उपयोग करके छोटे पुलों के डिजाइन के लिए एक अनूठा तकनीकी समाधान अपनाया गया है, जिसकी वजह से जहां समय की बचत हुई, वहीं करीब 27 करोड़ रुपये की बचत भी हुई है। ----केवडि़या स्टे शन की प्रमुख विशेषताएं---- केवड़िया रेलवे स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) के साथ पंजीकृत किया गया है। यह भारत का पहला रेलवे स्टेशन है जिसे निर्माण शुरू होने पर ही आईजीबीसी द्वारा ग्रीन बिल्डिंग के रूप में प्रमाणित किया जा रहा है। एलईडी लाइटें और स्टार रेटेड ब्रांडेड विद्युत उपकरण बिजली की बचत करेंगे। वर्षा जल संचयन, मल शोधन संयंत्र, इको-वाटरलेस यूरिनल और ड्रिप सिंचाई के माध्यम से जल प्रबंधन। स्रोत पर अलग-अलग हरे रंग के कचरे का उपयोग खाद बनाने और कचरा कम करने के लिए किया जाएगा। पहले 2 स्तरों में एसी वेटिंग रूम और वीवीआईपी लाउंज जैसी यात्री सुविधाएं हैं। तीसरे स्तर पर एक देखने वाली गैलरी है जहाँ से पर्यटकों को स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का अच्छा दृश्य दिखाई दे सकता है और यहाँ एक जनजातीय आर्ट गैलरी भी विकसित की जा रही है।स्टेशन के प्रमुख भाग में'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की 12 फीट लंबी प्रतिकृति स्थापित की गई है। इसे भी मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया है जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का डिजाइन और निर्माण किया है। आसपास के क्षेत्र में विशाल पार्किंग स्थान, प्राकृतिक दृश्य, थीमैटिक पार्क, सौर प्रकाश पोल, विस्तृत ट्रैफ़िक मार्ग, बागवानी पौधे, सेल्फी ज़ोन के साथ थीमैटिक पार्क, फूड कोर्ट और बच्चों के खेलने का स्थाटन शामिल है। ---इस परियोजना से मिलेगा विशेष लाभ--- देश की विभिन्न दिशाओं से दुनिया की सबसे ऊंची 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के लिए निर्बाध रेल संपर्क मुहैया कराया गया है। नया केवड़िया रेलवे स्टेशन स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से लगभग 6.5 किमी दूरी पर स्थित है। सड़क का नक्शा जनजातीय बेल्ट-चंदोद-मोरिया-तिलकवाड़ा-गरुड़ेश्वर से गुजरता है और इससे इलाके व क्षेत्र का विकास होगा। यह पवित्र नदी नर्मदा के किनारे बसे महत्वपूर्ण धार्मिक और प्राचीन तीर्थ स्थानों से भी जोड़ेगा जैसे कि करनाली, पोइचा और गरुड़ेश्वर में प्राचीन मंदिर आदि। 18Jan-2021

गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ केवड़िया से जुड़े देश के कई शहर

पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाकर आठ विशेष ट्रेनों को रवाना भारतीय रेल का विजन और सरदार पटेल के मिशन हुआ पूरा: मोदी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पर्यटन क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध हुए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ केवड़िया को देश के विभिन्न हिस्सोंा से जोड़ने के लिए रविवार को शुरू की गई आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। वहीं पीएम मोदी ने केवड़िया रेलवे स्टेशन समेत गुजरात में विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। पीएम मोदी ने रविवार को यहां नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवडिया गुजरात को रेल संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे की परियोजनाओं के तहत आठ विशेष ट्रेनों को हरी झंडी देकर रवाना किया। शायद रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ अलग-अलग शहरों से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों की शुरूआत की गई हो। पीएम मोदी ने केवड़िया के लिए देश के कई शहरों से स्पेशल ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के अलावा गुजरात की रेल परियोजनाओं के तहत दाभोई से चंदोद के बीच अमान परिवर्तन के बाद ब्रॉड गेज रेल लाइन, चंदोद-केवडिया नई ब्रॉड गेज रेल लाइन, नया विद्युतीकृत प्रतापनगर-केवड़िया खंड और दाभोई, चंदोद और केवड़िया में नए स्टेशन भवनों का उद्घाटन किया। केवड़िया स्टेशन देश का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसके भवन को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन प्राप्त है। ----इन आठ ट्रेनों की हुई शुरूआत--- पीएम मोदी ने जिन आठ जोड़ी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है, उनमें केवडिया-वाराणसी महामना एक्सप्रेस (साप्ताहिक), दादर-केवडिया एक्सप्रेस (दैनिक), अहमदाबाद-केवडिया जनशताब्दी एक्सप्रेस (दैनिक), हजरत निजामुद्दीन-केवडिया संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (द्वि-साप्ताहिक), केवडिया-रीवा एक्सप्रेस (साप्ताहिक), चेन्नई-केवडिया एक्सप्रेस (साप्ताहिक), प्रतापनगर-केवडिया मेमू ट्रेन (दैनिक), केवडिया-प्रतापनगर मेमू ट्रेन (दैनिक) शामिल हैं। इन ट्रेनों के जरिए केवडिया से दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों के कई शहर रेल परिवहन के जरिए सीधे जुड़ गये हैं। भारतीय रेलवे द्वारा केवडिया के लिए शुरू की गई आठ ट्रेनों को रवाना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने वाले आभासी समारोह में हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में रेल मंत्री पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। वहीं केवडिया रेलवे स्टेशन से गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी शामिल रहे। जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे भी शामिल हुए। ----एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र--- इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केवड़िया की पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल से होती है। उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने वालों की संख्या स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा है, इसलिए इन ट्रेनों के जरिए केवड़िया के आदिवासी भाई-बहनों को रोजगार मिलेगा। कि देश के जिन क्षेत्रों से सम्प र्क स्था पित नहीं हो सका है और जो पीछे छूट गए थे, उन्हें रेलवे के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। इसी मकसद से आजादी के बाद हमारी ज्यादातर ऊर्जा पहले की रेल व्यवस्था को सुधारने में लगी रही। उस दौरान नई सोच और नई तकनीक पर फोकस कम रहा। ये अप्रोच बदली जानी बहुत जरूरी थी, इसलिए बीते सालों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है। मोदी कहा है कि देश के जिन क्षेत्रों से सम्पऊर्क स्थाकपित नहीं हो सका है और जो पीछे छूट गए थे, उन्हें रेलवे के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। ---रामचंद्रन का किया स्मरण--- पीएम मोदी ने कहा कि आज केवड़िया के लिए निकल रही ट्रेनों में एक ट्रेन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भी आ रही है। ये भी सुखद संयोग है कि आज भारत रत्न एमजी रामचंद्रन की जयंती भी है। आज का ये आयोजन सही मायने में भारत को एक करती, भारतीय रेल के विजन और सरदार वल्लभ भाई पटेल के मिशन दोनों को परिभाषित कर रहा है। केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है। 18Jan-2021

रेलवे पांच जोड़ी और विशेष रेलगाड़ियां चलाएगा

नई दिल्ली से यूपी, मप्र, उत्तराखंड के लिए शुरू होगी रेल सेवा हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। रेल यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर रेलवे लगातार विशेष रेलगाड़ियों के रूप में रेल सेवा में विस्तार कर रहा है। इसी के तहत रेलवे द्वारा नई दिल्ली-कानपुर, प्रयागराज-उधमपुर, ग्वालियर-बरौनी, टनकपुर-सिंगरौली तथा टनकपुर-शक्तिनगर के बीच स्पेशल रेलगाड़ियों का संचालन करने का फैसला किया है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस निर्णय के तहत नई दिल्ली-कानपुर सेन्ट्रल-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस स्पेशल सप्ताह में 6 दिन चलाई जाएगी, जिसमें एक फरवरी से 27 फरवरी तक कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी स्पेशल सप्ताह में 6 दिन रविवार को छोडकर कानपुर से प्रात: 06.00 बजे प्रस्थान कर उसी दिन पूर्वाह्न 11.20 बजे नई दिल्ली पहुँचेगी। वापसी दिशा में नई दिल्ली-कानपुर सेन्ट्रल शताब्दी स्पेशल नई दिल्ली से दोपहर 03.50 बजे प्रस्थान कर उसी दिन रात्रि 08.50 बजे कानपुर सेन्ट्रल पहुँचेगी। दोनों दिशाओं में यह रेलगाड़ी मार्ग में यह रेलगाड़ी इटावा, अलीगढ़ तथा ग़ाज़ियाबाद स्टेशनों पर रूकेगी। इसी प्रकार प्रयागराज-उधमपुर सुपर फास्ट स्पेशल एक्सप्रेस प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को दो फरवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज से सांय 04.00 बजे प्रस्थान करके अगले दिन दोपहर 12.45 बजे उधमपुर पहुँचेगी। वापसी दिशा में उधमपुर-प्रयागराज सुपर फास्ट स्पेशल एक्सप्रेस प्रत्येक बुधवार और रविवार को 03 फरवरी से 28 फरवरी तक उधमपुर से दोपहर 03.40 बजे प्रस्थान करके अगले दिन दोपहर 01.00 बजे प्रयागराज पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी फतेहपुर, कानपुर सेन्ट्रल, इटावा, टुंडला, अलीगढ, खुर्जा, बुलंदशहर, हापुड, मेरठ सिटी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अम्बाला छावनी, लुधियाना, जलंधर छावनी, पठानकोट छावनी और जम्मूतवी स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। जबकि ग्वालियर-बरौनी दैनिक स्पेशल एक्सप्रेस एक फरवरी से 28 फरवरी तक ग्वालियर से दोपहर 12.00 बजे प्रस्थानन करके अगले दिन दोपहर 12.50 बजे बरौनी पहुँचेगी। वापसी दिशा में बरौनी-ग्वालियर दैनिक स्पेशल एक्सप्रेस दो फरवरी से एक मार्च तक बरौनी से सांय 06.45 बजे प्रस्थाठन करके अगले दिन रात्रि 08.35 बजे ग्वालियर पहुँचेगी। उत्तर रेलवे के अनुसार सप्ताह में तीन दिन टनकपुर-सिंगरौली-टनकपुर स्पेशल एक्सप्रेस चलाने का भी फैसला किया गया है, जिसमें टनकपुर-सिंगरौली स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन तीन फरवरी टनकपुर से प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 08.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 07.55 बजे सिंगरौली पहुँचेगी। वापसी दिशा में सिंगरौली-टनकपुर स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन 04 फरवरी को सिंगरौली से प्रत्येक मंगलवार, वीरवार और शनिवार को सांय 04.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सांय 03.25 बजे टनकपुर पहुँचेगी। इसके अलावा टनकपुर-शक्तिनगर स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन तीन फरवरी से अग्रिम सूचना तक टनकपुर से प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 08.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 08.20 बजे शक्तिनगर पहुँचेगी। वापसी दिशा में शक्तिनगर-टनकपुर स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में 3 दिन चार फरवरी से अग्रिम सूचना तक शक्तिनगर से प्रत्येक मंगलवार, वीरवार और शनिवार को सांय 03.45 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सांय 03.25 बजे टनकपुर पहुँचेगी। 17Jan-2021

तमिलनाडु में भी लागू हुई ‘एक देश-एक राशन’ प्रणाली

आत्मनिर्भर भारत: आर्थिक सुधारों की योजना में 11वां राज्य बना हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्यों में आर्थिक सुधार की दिशा में शुरू की गई चार नागरिक केंद्रित सुधार योजना के तहत तमिलनाडु ऐसा 11वां राज्य बना, जिसने वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली को लागू किया है। इसलिए केंद्र सरकार ने योजना के प्रावधान के तहत तमिलनाडु को तमिलनाडु को 4,813 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार जुटाने की अनुमति जारी कर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली, व्यापार को आसान बनाने के सुधार, शहरी स्थानीय निकाय सुधार तथा विद्युत क्षेत्र सुधार जैसे चार नागरिक केंद्रित सुधार योजना एक योजना शुरू की थी, जिसके तहत तमिनाडु ने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली’ को राजय में सफलतापूर्वक लागू किया है। इस प्रणाली को लागू करते ही मध्य प्रदेश व हरियाणा समेत उन दस राज्यों के क्लब में तमिलनाडु 11वें राज्य के रूप में शामिल हो गया, जिसे आर्थिक सुधार के लिए राज्य में 4,813 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार जुटाने की अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा इन सभी 11 राज्यों को इस सुधार को पूरा करने के बाद इसके कार्यान्वयन हेतु 30,709 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार की इस योजना के चार लोक सुधारों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली’ को लागू करने वाले 11 राज्यों में तमिलनाडु, मध्य प्रदेश व हरियाणा के अलावा आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरला, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश शामिल है। केंद्र सरकार द्वारा इन सभी 11 राज्यों को इस सुधार को पूरा करने के बाद इस प्रणाली के कार्यान्वयन हेतु 30,709 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए चार नागरिक केंद्रित सुधार लागू करने की योजना शुरू की थी, जिसमें ‘वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली’ के अलावा व्यापार को आसान बनाने के सुधार, शहरी स्थानीय निकाय सुधार तथा विद्युत क्षेत्र सुधार शामिल है। मंत्रालय के अनुसार इन चार सुधारों में अब तक 8 राज्यों ने व्यापार सुधार करने में आसानी की है। जबकि 4 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार लागू करके अतिरिक्त उधार जुटाने का हक हासिल किया है। ----क्या है ‘वन नेशन वन राशन कार्ड--- देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली’ एक ऐसा महत्वपूर्ण नागरिक केंद्रित सुधार है, जिसके कार्यान्वयन से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों विशेषकर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को देशभर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर राशन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। सुधार विशेष रूप से ज्यादातर आबादी के मजदूरों, दैनिक मजदूरों, शहरी गरीबों जैसे रैग पिकर, सड़क पर रहने वाले, संगठित और असंगठित क्षेत्रों में अस्थायी श्रमिकों, घरेलू श्रमिकों आदि को सशक्त बनाता है, जो अक्सर खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर होने के लिए अपने निवास स्थान को बदल देते हैं। इस तकनीक से संचालित सुधार प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी अपनी पसंद के उचित इलेक्ट्रॉनिक मूल्य की बिक्री के किसी भी ई-पीओएस से खाद्यान्न का कोटा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। 16Jan-2021

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ केवड़िया तक कल से चलेंगी आठ विशेष ट्रेनें

पीएम मोदी रविवार को हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने सरदार सरोवर बांध के निकट केवडिया (गुजरात) में सरदार वल्लभ भाई पटेल की गगनचुंबी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात’ तक देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटकों की पहुंच आसान बनाने के लिए वहां तक रेलवे लाइन बछाने जैसे कार्यो को पूरा करके विशेष ट्रेनें चलाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। मसलन कल रविवार से देश के विभिन्न शहरों से आठ विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा, जिन्हें पीएम मोदी खुद हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास स्थित बसे केवडिया गांव में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात’ लगाई गई सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा और आसपास के क्षेत्र को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां देश के विभिन्न राज्यों और शहरों से ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात’ के दर्शन के लिए लोगों को आकर्षित किया जा रहा है। इसी लिहाज से भारतीय रेलवे ने केवडियां तक नई रेलवे लाइनें बिछाने का तेजी के साथ काम किया है और ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन वाला केवड़िया स्टेशन भी बनाया गया है, जो भारत का पहला ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन वाला पहला रेलवे स्टेशन होगा। यह काम पूरा होने के बाद अब रेलवे 17 जनवरी से केवडिया गांव तक आठ विशेष ट्रेने शुरू कर रहा है। रेलवे के अनुसार देश के विभिन्न शहरों से केवडिया के लिए चलाई जाने वाली इन 8 स्पेशल ट्रेनों को वर्चुअल तरीके से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी देकर रवाना करेंगे। 17 जनवरी को इन ट्रेनों को शुरू करने के लिए आयोजित समारोह में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी समेत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। रेलवे के अनुसार इन ट्रेनों को शुरू करने का मकसद देश के लोगों की केवडिया तक पहुंच को आसान बनाना है। पहुंच अब देश के किसी भी शहर से आसान हो जाएगी। देश के कई स्थानों से केवडिया के लिए चलने वाली जिन आठ स्पेशल ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी, उन शहरों में वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, दिल्लीू, रीवा, प्रतापनगर और चेन्नै शामिल हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अहमदाबाद-केवड़िया जनशताब्दी् ट्रेन में एक विस्टारडोम कोच भी लगाया गया है। ----केवडिया तक कहां से चलेगी ट्रेनें--- गुजरात के केवडिया तक विभिन्न शहरों से शुरू हो रही इन आठ ट्रेंनों में केवडिया से वाराणसी के बीच साप्ताहिक महामना एक्सकप्रेस (साप्तायहिक) ट्रेन, दादर से केवडिया तक दैनिक दादर-केवडिया एक्स प्रेस, अहमदाबाद से केवडिया तक दैनिक जन शताब्दीे एक्सकप्रेस, केवडिया व नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के बीच सप्ताह में चार दिन निजामुद्दीन-केवडियासंपर्क क्रांति एक्सप्रेस, केवडिया व रीवा के बीच साप्ताहिक केवडिया–रीवा एक्सवप्रेस, चेन्नई से केवडिया के बीच चेन्नई-केवडियाएक्सडप्रेस और प्रताप नगर बिहार से केवडिया के बीच दैनिक एमईएमयू ट्रेन के अलावा केवडिया से केवडिया से प्रतापनगर के बची रोजाना एमईएमयू ट्रेन चलाई जा रही है। -----कई रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन---- उधर प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 जनवरी को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केवडिया से जोड़ने वाली आठ विशेष ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के अलावा गुजरात में रेलवे की कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे, जिसमें दाभोई से चंदोद के बीच अमान परिवर्तन के बाद बनाई गई बड़ी लाइन भी शामिल है। इसी प्रकार चंदोद-केवडिया नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन, नव विद्युतीकृत प्रतापनगर-केवडिया खंड और दाभोई, चंदोद और केवडिया के नए स्टेशन भवनों का उद्घाटन करेंगे। इन इमारतों को स्थानीय विशेषताओं और आधुनिक यात्री सुविधाओं को शामिल करते हुए सौंदर्य से जाइन किया गया है। रेलवे की ये परियोजनाएं आस-पास के जनजातीय क्षेत्रों में विकास गतिविधियों के लिए उत्साहवर्धन करेंगी, नर्मदा नदी के किनारे बसे महत्वपूर्ण धार्मिक और प्राचीन तीर्थ स्थानों से संपर्क बढ़ाएंगी, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दोनों को बढ़ाएंगी, समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेंगी यह क्षेत्र नए रोजगार और व्यापार के अवसरों को उत्पन्न करने में भी मदद कर रहा है। 16Jan-2021

गुरुवार, 28 जनवरी 2021

संसद में एक फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट

राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ 29 जनवरी से शुरू होगा संसद का बजट सत्र हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी की वजह से शीतकालीन सत्र के बिना अब सीधे 29 जनवरी से बजट सत्र शुरू होगा, जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने अंतिम मुहर लगा दी है। मसलन राष्ट्रपति अभिभाषण से के साथ शुरू होने वाले संसद में एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेगी। संसद के बजट सत्र आयोजित करने की पुष्टि करते हुए लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होगा और सत्र के दौरान एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की इस सत्र के लिए की गई सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने अंतिम रूप दे दिया है। लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद का यह बजट सत्र दो चरणों में आयोजित होगा। इसमें पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक आयोजित होगा। बजट सत्र के पहले चरण की शुरूआत 29 जनवरी को होगी, जिसमें 29 जनवरी को केंद्रीय कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे पेश किया जायेगा। लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसद की स्थायी समिति को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदान की मांगों पर विचार करना सुगम बनाने के लिये 15 फरवरी को सत्र का पहला चरण स्थगित कर दिया जायेगा। संसद के बजट सत्र के दौरान कोविड-19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया गया था। सरकार ने कहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया गया। यह भी गौरतलब है कि पिछले साल बजट सत्र को कोरोना महामारी के कारण पहले भाग के निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दिया गया था और दूसरा भाग नहीं हो सका था। ----प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य-- सूत्रों के अनुसार संसद के बजट सत्र में कोरोना संकट के कारण सुरक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अलावा दोनों द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करना उसी तरह अनिवार्य किया जा रहा है, जिस प्रकार की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान लागू की गई थी। बताया जा रहा है कि इस सत्र के दौरान भी पीएम कैबिनेट, सभी सांसदों, संसदीय और मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों को कोरोना टेस्ट कराए बिना संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए प्रवेश नहीं मिलेगा। संसद के मानसून सत्र के लिए दोनों सदनों में सीटों के बीच कोरोना संक्रमण के रोधी फाइबर बिछाने की व्यवस्था की जा रही है। फिर भी सामाजिक दूरी जैसे कोरोना महामारी के उपायों का पालन करना जरुरी होगा। सांसदों की उपस्थिति के लिए मोबाईल एप ‘अटेन्डेंस रिजस्टर’ तैयार किया गया है। ----ऐसे बदलाव में हुआ था मानसून सत्र--- वैश्विक कोरोना महामारी संकट की वजह से संसद के मानसून सत्र को पिछले साल 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक संसद के इतिहास में पहली बार खास बदलाव यानि कोरोना महामारी के विशेष प्रोटोकॉल की व्यवस्थाओं के बीच आयोजित किया गया था, लेकिन तय समय से 23 सितंबर को ही दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करके महज एक औपचारिकता पूरी की गई थी। हालांकि औपचारिकता कहना भी कई मायनों में ठीक नहीं, क्योंकि इस दौरान संसद में अध्यादेशों समेत 25 विधेयक पारित करने के अलावा आवश्यक सरकारी कामकाज का निपटान तक किया गया। हालांकि संसद सत्र के नियमों के मद्देनजर कोविड-19 के कारण तय सीमा से पहले ही जरुरी कामकाज निपटाने के बाद समाप्त कर दिया गया था। 16Jan-2021

छत्तीसगढ़ राज्य में खुलेंगे 10 ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र

ट्राईफेड ने राज्य में जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की जांच-पड़ताल हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में जनजातीय समुदाय के कारीगरों व दस्तकारों की आमदनी बढ़ाने के लिए ट्राईफेड द्वारा कई जनजातीय विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य में जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की वास्तविक स्थिति की जांच पड़ताल करने के बाद राज्य में दस ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र खोलने की योजना पर विचार किया जा रहा है। वहीं अगले वित्त वर्ष में वन धन विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 231, हाट बाजारों की संख्या 370, गोदामों की संख्या 74 और तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या 13 करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने ट्राईफेड अधिकारियों के एक दल के साथ हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य का दौरा करके वहां जनजातीय विकास कार्यक्रमों की प्रगति की वास्तविक स्थिति पर चर्चा जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लिया और जनजातीय विकास के विभिन्न पहलुओं पर राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक कर गहन चर्चा की। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में संचालित नई जनजातीय विकास योजनाओं की प्रगति की निगरानी करने और भविष्य की कार्यवाही के लिए प्वाइंट तैयार करने के लिए छत्तीसगढ़ की संचालन समिति को दिशानिर्देश दिये गये हैं। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा जनजातीय समुदाय की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों जैसे लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना, वन धन योजना, और जनजातीय समुदाय के ईएसडीपी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत की गई प्रगति पर चर्चा करते हुए ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा पिछले कुछ वर्षों में लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत के किए गए प्रदर्शन की सराहना की और वन धन चरण-2 मॉडल में विभिन्न नए ट्राईफेड कार्यक्रमों की योजना के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के जनजातीय समुदाय को लाभ प्रदान करने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, एकाग्रचित्त विपणन और सामरिक ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से प्रकाश डाला कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में अभी भी आजीविका सृजन गतिविधियों के विस्तार की एक बड़ी गुंजाइश विद्यमान है। व्यापक योजना और चर्चा के आधार पर अगले वित्त वर्ष में वन धन विकास केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 231, हाट बाजारों की संख्या 370, गोदामों की संख्या 74 और तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या 13 करने का निर्णय लिया गया है। ----जगदलपुर में ट्राईफूड इकाई का काम जारी--- मंत्रालय के अनुसार फिलहाल जगदलपुर में स्थापित की जा रही ट्राईफूड इकाई पर जोरशोर से काम चल रहा है। लघु वनोपज (एमएफपी) कटाई की व्यस्ततम अवधि के दौरान छत्तीसगढ़ में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जहां इस चैंपियन राज्य द्वारा अपनाई गई कार्य प्रक्रियाओं और प्रणालियों को अन्य राज्यों के अधिकारियों के समक्ष उनके द्वारा अनुकरण करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान यह सिफारिश की गई है कि छत्तीसगढ़ राज्य, जिला खनिज निधि (डीएमएफ) और अनुच्छेद 275(1) के तहत उपलब्ध धनराशि का 10 प्रतिशत ट्राईफूड इकाइयों के माध्यम से उद्यमशीलता विकास और जनजातीय आजीविका विकसित करने के लिए आवंटित करने पर विचार कर सकता है। 25 जनजातीय समूहों की पहचान की जानी है ताकि उन्हें स्फूर्ति योजना के तहत संस्थाओं के रूप में विकसित किया जा सके। राज्य में 10 ट्राईफूड इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव है और इसके लिए स्थापन स्थलों की पहचान की जानी हैयह भी सिफारिश की गई कि राज्य द्वारा लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत लघु वनोपजों (एमएफपी) की सूची में 15 अन्य वस्तुओं को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। इसके अलावा जनजातीय हथकरघा, हस्तकला और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने पर गंभीर चर्चा हुई। इसके लिए ट्राईफेड सभी राज्य संघों के साथ मिलकर गठजोड बना रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में 10 ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्र खोलने पर भी विचार किया जा रहा है, जिनमें से दो ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्रों का शुभारंभ इस दौरे के दौरान ही कर दिया गया था। 15Jan-2021

स्कूली बच्चों में तेजी से बढ़ रही है तंबाकू सेवन की लत!

एक अध्ययन की रिपोर्ट का खुलासा: देश के 25 शहरों स्कूलों के पास 72 फीसदी बिक्री आठ साल तक के बच्चों को मुफ्त तंबाकू उत्पादों की पेशकश का हुआ खुलासा ओ.पी. पाल.नई दिल्ली। भारत में 13-15 साल के स्कूली बच्चों में 14.6 फीसदी तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें लड़कों में 11 फीसदी धूम्रपान या बगैर धुंए वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। जबकि लड़कियों में 6 फीसदी बिना धुंए वाले तंबाकू का इस्तेमाल करती हैं, तो 3.7 फीसदी बीड़ी सिगरेट पीती हैं। द ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे, इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट से ऐसे साफ संकेत मिलते हैं। सर्वेक्षण की इस नई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि भारत में तंबाकू कंपनियां युवाओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बना रही हैं। शिक्षा संस्थाओं के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उनका प्रचार करके आठ साल के बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। देश के 25 शहरों में स्कूलों के आस-पास 72 फीसदी बिक्री केंद्र सिगरेट, बीड़ी और बगैर धुंए वाले तंबाकू उत्पादों को प्रदर्शित करते पाए गए। ये सब कैंडीज और मिठाइयों के आस-पास रखे थे, जहां बच्चे उन्हें आसानी से देखते हैं। यहां सिगरेट की खुली बिक्री हो रही थी और कोई भी जेब खर्च के पैसे से इन्हें आसानी से खरीद सकता है। यही नहीं उन्हें मुफ्त और छूट पर तंबाकू उत्पादों की भी पेशकश की जा रही थी। ऐसे और अन्य प्रबल तरीकों का उपयोग कंपनियां देश भर में कर रही हैं। इसका खुलासा करने के लिए बिग टोबैको, टाइनी टारगेट्स (नुकसानदेह तंबाकू, बच्चे निशाना) नामक अध्ययन इस बात का सूबत जुटाने के लिए किया गया है कि कैसे भारत सरकार के कोटपा कानून 2003 (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) में ऐसी खामियां हैं, जिससे बिक्री की जगह पर प्रचार और उत्पाद का प्रदर्शन संभव होता है तथा तंबाकू कंपनियां इसका दुरुपयोग युवाओं तथा बच्चों को निशाना बनाने के लिए कर रही हैं। इस अध्ययन के तहत देशभर के 10 राज्यों में कुल 1011 शिक्षा संस्थाओं और 885 बिक्री की जगहों की जांच की गई। उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था कंज्यूमर वॉयस और वालंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इडिया ने इस अध्ययन के लिए एक मोबाइल ऐप्प का उपयोग किया। ---अध्ययन के निष्कर्ष-- कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी असीम सन्याल ने बताया कि इस अध्ययन के तहत देशभर के 10 राज्यों में कुल 1011 शिक्षा संस्थाओं और 885 बिक्री की जगहों की जांच की गई। शिक्षा संस्थाओं के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री शिक्षा संस्थाओं के पास 100 गज के अंदर पाई गई, कोटपा कानून की धारा 6 (बी) का उल्लंघन है। बच्चों और युवाओं को आकर्षित करने के लिए तंबाकू उत्पादों का प्रदर्शन में 640 यानि 72.32 फीसदी सिगरेट का प्रदर्शन कैंडीज और अन्य मीठी चीजों के पास कर रहे थे, ताकि बच्चों को आकर्षित किया जा सके। जबकि 669 यानि 75.59 फीसदी बिक्री केंद्रों में तंबाकू उत्पादों को ऐसी जगह प्रदर्शित किया गया था, जहां से बच्चों को वे आसानी से दिखते हैं। जबकि बिक्री की 885 जगहों में 678 यानि 76.61 फीसदी जगह पर क्लासिक, गोल्ड फ्लेक, विल्स नेवी कट, फ्लेक और ब्रिसटल जैसे आईटीसी के ब्रांड थे। वहीं तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन प्रचार बिक्री के 117 जगहों पर आउटडोर थे, जबकि 369 यानि 41.69 फीसदी जगहों पर पोस्टर थे और 107 जगहों पर बड़े बैनर लगे थे। इस तरह प्रचार करना कोटपा की धारा 5(2) और अधिसूचना संख्या जीएसआर 345 (ई) का उल्लंघन है, जबकि इसके तहत तंबाकू की बिक्री वाली जगह के प्रवेश द्वाप पर इस तरह के डिसप्ले बोर्ड के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। ----कानून को सख्त बनाने की उठी मांग--=- राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि तंबाकू कंपनियां बच्चों और युवाओं को निशाना बना रही हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा कानून को बेहतर किया जाए तथा जुर्माने के मजबूत प्रावधान किए जाएं ताकि स्वस्थ भारत के लिए हमारे बच्चों और युवाओं को तंबाकू के नुकसान से बचाया जा सके। सांसद डॉ. किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी ने दावा किया कि भारत में रोज 5500 बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं जो आगे चलकर इसके आदी हो सकते हैं। इसलिए कानून और जुर्माने के प्रावधान मजबूत करना जरुरी है। कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी असीम सन्याल ने कहा कि तंबाकू कंपनियां कानून में कमजोरी का लाभ उठाती रही हैं और शिक्षा संस्थाओं के आस-पास अपने उत्पादों की बिक्री के साथ-साथ उनका प्रचार करके हमारी युवा पीढ़ी की जान खतरे में डालती रही हैं। वालंट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना बी मुखोपाध्याय ने कहा कि हमारी शिक्षा संस्थाओं के आस-पास जोरदार बिक्री तथा विज्ञापन प्रयासों के लिए तंबाकू उद्योग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक तंबाकू उद्योग हमारे बच्चों और युवाओं को अपने घातक उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित करने का काम कर रहा है तब तक हमारे शिक्षा संस्थान सुरक्षित नहीं हैं। 15Jan-2021

रेलवे का यूपी के लिए चार जोड़ी विशेष ट्रेने चलाने का निर्णय

आनंद विहार से कानपुर, मऊ, गोरखपुर व बांद्रा से गोरखपुर के बीच चलेगी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की कोरोना महामारी संकट के कारण प्रभावित रेल सेवाओं को यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर धीरे-धीरे विशेष ट्रेनों के रूप में बहाल करने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में रेलवे ने तीन जोड़ी ओर विशेष ट्रेनों का संचालन करने का ऐलान किया है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे गोरखपुर-आनंद विहार टर्मिनल, मऊ जं.-आनंद विहार टर्मिनल तथा बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर के बीच स्पेशल रेलगाड़ियों का संचालन करेगा। इस निर्णय के तहत 17 जनवरी से बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस सुपर फास्ट साप्ताहिक स्पेशल रेलगाड़ी चलाई जाएगी। इसकी समयसारिणी के अनुसार बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर सुपर फास्ट स्पेशल साप्ताहिक रेलगाड़ी 17 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक रविवार को बांद्रा टर्मिनस प्रात: 05.10 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन दोपहर 03.45 बजे गोरखपुर पहुँचेगी। वापसी दिशा में गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस सुपर फास्ट स्पेशल साप्ताहिक रेलगाड़ी 19 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक मंगलवार को गोरखपुर से तड़के 03.25 बजे प्रस्थान कर दूसरे दिन दोपहर 02.25 बजे बांद्रा टर्मिनस पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी बोरवली, वापी, सूरत, वडोदरा, रतलाम जं., कोटा जं., भरतपुर जं., अछनेरा जं., मथुरा जं., कासगंज, फर्रूखाबाद, कानपुर सेन्ट्रल, लखनऊ, गोंडा जं., बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, एवं आनंद नगर स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। रेलवे ने कानपुर सेन्ट्रल-आंनद विहार टर्मिनल साप्ताहिक स्पेशल रेलगाड़ी चलाने का भी ऐलान किया है। यह विशेष रेलगाड़ी 17 जनवरी अग्रिम सूचना तक प्रत्येक रविवार को कानपुर से सुबह 07.50 बजे प्रस्थान कर उसी दिन सांय 06.20 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुँचेगी। वापसी दिशा में आंनद विहार टर्मिनल-कानपुर सेन्ट्रल साप्ताहिक स्पेशल रेलगाड़ी 17 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक रविवार को आनंद विहार टर्मिनल से रात्रि 08.45 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 06.20 बजे कानपुर सेन्ट्रल पहुँचेगी। जबकि 24 जनवरी से अग्रिम सूचना तक मऊ-आनंद विहार टर्मिनल सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी प्रत्येक रविवार और मंगलवार को मऊ से पूर्वाह्न 10.50 बजे प्रस्थान कर अगले दिन तड़के 03.00 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुँचेगी। वापसी दिशा में 25 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार आनंद विहार टर्मिनल-मऊ सप्ताह में 2 दिन स्पेशल रेलगाड़ी आनंद विहार टर्मिनल से दोपहर 01.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन प्रात: 05.40 बजे मऊ पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी मोहम्मदाबाद, आजमगढ, शाहगंज जं., अकबरपुर, फैजाबाद, लखनऊ, कानपुर सेन्ट्रल, अलीगढ़ जं. तथा ग़ाज़ियाबाद स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। इसी प्रकार आनंद विहार टर्मिनल-गोरखपुर साप्ताहिक स्पेशल रेलगाड़ी 27 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक बुधवार को आनंद विहार टर्मिनल से सांय 05.10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 07.20 बजे गोरखपुर पहुँचेगी। वापसी दिशा में गोरखपुर-आनंद विहार टर्मिनल साप्ताहिक स्पेशल रेलगाड़ी 28 जनवरी से अग्रिम सूचना तक प्रत्येक वीरवार को गोरखपुर से रात्रि 08.55 बजे प्रस्थान कर अगले दिन पूर्वाह्न 10.40 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुँचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी खलीलाबाद, बस्ती, गोंड़ा, लखनऊ, मुरादाबाद और ग़ाज़ियाबाद स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। 15Jan-2021

देश में लागू होगी स्मार्ट जलापूर्ति एवं निगरानी प्रणाली

ग्रैंड चैलेंज के जरिए प्रोटोटाइपों को विकसित करेगी सरकार हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत देश के ग्रामीण घरों में जल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पानी मुहैया कराने के लक्ष्य में जलापूर्ति के मापन एवं उसकी निगरानी के लिए जहां आईसीटी ग्रैंड चैलेंज शुरू करके ‘स्मार्ट जल आपूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली’ विकसित करने की कवायद शुरू की है। वहीं अब बंगलुरु में जल परीक्षण बैड की स्थाेपना करके प्रोटोटाइपों को विकसित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार पेयजल और स्वच्छता विभाग के राष्ट्री य जल जीवन मिशन ने इलेक्ट्रॉ निक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 15 सितंबर 2020 को ‘स्मार्ट जल आपूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली’ विकसित करने के लिए एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज की शुरूआत की थी। इस प्रतियोगिता में देशभर से उत्सा्हजनक भागीदारी देखी गई, जिसमें एलएलपी कंपनियों, भारतीय टेक स्टा र्टअपों, व्यवक्त्यिों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से कुल 218 आवेदन प्राप्त किए गए थे। शिक्षा जगत, उद्योगजगत, जल जीवन मिशन, सी-डैक, एसटीपीआई, सीओई, इलेक्ट्रॉ निक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आदि के विशेषज्ञों को मिलाकर एक जूरी गठित की गई थी। मंत्रालय के जल जीवन मिशन को इस ग्रैंड चैलेंज में शामिल हुए उपभोक्ताग एजेंसी और सी-डैक, बेंगलूर कार्यान्वयन एजेंसी है, जो इस चैलेंज के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। जूरी की सिफारिशों के आधार पर 20 नवंबर 2020 को आईसीटी ग्रैंड चैलेंज के परिणाम घोषित किए गए और शुरूआती अवधारणा तैयार करने के लिए 10 आवेदकों का चयन किया गया है और इनमें से प्रत्येक को 7.50 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। इलेक्ट्रॉ निक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की आर्थिक सहायता से संचालित ग्रैंड चैलेंज जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल द्वाराजल कनेक्शन प्रदान करना है। ----इसी माह होगा प्रोटोटाइपों का मूल्यांकन--- मंत्रालय ने जानकारी दी कि फिलहाल प्रोटोटाइपों को विकसित किया जा रहा है,जिनका मूल्यांकन जूरी द्वारा जनवरी 2021 के अंतिम सप्ताह में किया जाना है। इन मूल्यांकनों के लिए सी-डैक बेंगलूर स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी कैम्पस में एक जल परीक्षण बैड की स्थामपना की गई है। तकनीकी और आर्थिक तौर पर व्यवहार्य चार प्रोटोटाइपोंका उत्पाद विकास के लिए चयन किया जाएगा और प्रत्येक टीम को उपभोक्ता एजेंसी की आवश्यकता के अनुसार उनका समाधान तैयार करने के लिए 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। ----देश में 25 जगह होगा क्षेत्रीय परीक्षण--- मंत्रालय ने बताया कि जल जीवन मिशन द्वारा चयनित देशभर में लगभग 25 स्थानों में क्षेत्रीय परीक्षण, परीक्षण तथा तैनाती और प्रदर्शन किया जाएगा। मूल्यांकन के आधार पर एक विजेता और दो उपविजेताओं का चयन किया जाएगा और इसके लिए विजेता को 50 लाख रुपये और उप विजेता को 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। 14Jan-2021

रेलवे ने चलाई तीन जोड़ी फैस्टिवल विशेष रेलगाड़ी

हावड़ा-अमृतसर, कोलकता-अमृतसर तथा कोलकता-नंगलडैम हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना संकट के बीच रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार विशेष ट्रेनें चला रहा है। इसी क्रम में अगले सप्ताह 18 जनवरी से हावड़ा-अमृतसर, कोलकता-अमृतसर तथा कोलकता-नंगलडैम के बीच फैस्टिवल स्पेडशल रेलगाडि़यों को चलाने का निर्णय लिया गया है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा 18 जनवरी से शुरू की जा रही इन तीन जोड़ी फैस्टिवल स्पेकशल रेलगाडि़यों के संचालन के लिए गये निर्णय के तहत हावड़ा-अमृतसर-हावड़ा फैस्टिवल स्पेीशल दैनिक रेलगाड़ी 18 जनवरी से 20 जनवरी तक प्रतिदिन हावड़ा से सांय 07.15 बजे प्रस्थाचन कर तीसरे दिन सुबह 08.40 बजे अमृतसर पहुंचेगी। वापसी दिशा में अमृतसर-हावड़ा फैस्टिवल स्पेिशल दैनिक रेलगाड़ी 20 जनवरी से 22 जनवरी तक प्रतिदिन अमृतसर से सांय 06.25 बजे प्रस्थाीन कर तीसरे दिन सुबह 07.30 बजे हावड़ा पहुंचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी वर्धमान, दुर्गापुर, रानीगंज, आसनसोल, चितरंजन, मधुपुर, जसीदीह, झाजा, क्यिूल, मोकामा, बख्ती यारपुर, पटना साहेब, पटना, दानापुर, आरा, डुमरान, बक्सर, दिलदारनगर, जमनियां, पं. दीन दयाल उपाध्याीय जं., काशी, वाराणसी, भदोही, जंघई, बादशाहपुर, परतापगढ़, अमैठी, गौरीगंज, जैस, रायबरेली, बछरांवा, लखनऊ, बालामऊ, हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, धामपुर, नगीना, नजीबाबाद, लक्सर, रूडकी, सहारनपुर, यमुनानगर जगाधरी, अम्बा ला छावनी, राजपुरा, लुधियाना, फिल्लौनर, फगवाड़ा, जलंधर छावनी, जलंधर सिटी तथा ब्यापस स्टेरशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। इसी प्रकार कोलकता-अमृतसर-कोलकता फैस्टिवल स्पे,शल रेलगाड़ी 20 जनवरी को कोलकता से सुबह 07.40 बजे प्रस्थातन कर दूसरे दिन सांय 05.20 बजे अमृतसर पहुंचेगी। वापसी दिशा में अमृतसर-कोलकता फैस्टिवल स्पे शल रेलगाड़ी 22 जनवरी को अमृतसर से सुबह 05.55 बजे प्रस्थापन कर दूसरे दिन दोपहर 02.45 बजे कोलकता पहुंचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी आसनसोल, मधुपुर, जसीदीह, झाजा, क्यिूल, मोकामा, पटना साहेब, पटना, पं0 दीनदयाल उपाध्यााय जं0, वाराणसी, सुल्तावनपुर, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, नजीबाबाद, सहारनपुर, अम्बा ला छावनी, सरहिंद, लुधियाना, जलंधर सिटी तथा ब्या स स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। जबकि तीसरी फैस्टिवल स्पेाशल रेलगाड़ी के रूप में कोलकता-नंगलडैम फैस्टिवल स्पेजशल रेलगाड़ी 21 जनवरी को कोलकता से सुबह 07.40 बजे प्रस्थाेन कर दूसरे दिन सांय 03.55 बजे नंगलडैम पहुंचेगी। वापसी दिशा में नंगलडैम-कोलकता फैस्टिवल स्पे शल रेलगाड़ी दिनांक 23.01.2021 को नंगलडैम से सुबह 06.50 बजे प्रस्थादन कर दूसरे दिन दोपहर 02.45 बजे कोलकता पहुंचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी आसनसोल, जसीदीह, झाजा, क्यिूल, पटना, पं. दीनदयाल उपाध्याीय जं., वाराणसी, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, अम्बा्ला छावनी, सरहिंद, रूपनगर तथा आनंदपुर साहिब स्टे,शनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। ---- गोरखपुर-प्रयागराज-रामबाग के लिए विशेष ट्रेन --- उत्तर रेलवे के अनुसार रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे गोरखपुर-प्रयागराज-रामबाग तथा भटनी-प्रयागराज-रामबाग के बीच भी स्पेठशल रेलगाडि़यों का संचालन करने का फैसला लिया गया है। रेलवे की समयसारिणी के अनुसार गोरखपुर-प्रयागराज रामबाग-गोरखपुर स्पे,शल रेलगाड़ी अगले माह 10 फरवरी को गोरखपुर से सांय 03.30 बजे प्रस्थाखन कर अगले दिन मध्य रात्रि 00.45 बजे प्रयागराज रामबाग पहुंचेगी। वापसी दिशा में प्रयागराज रामबाग-गोरखपुर स्पे शल रेलगाड़ी 11 फरवरी को प्रयागराज रामबाग से सुबह 05.20 बजे प्रस्थासन कर उसी दिन दोपहर 02.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी चोरी-चौरा, देवरिया, भटनी, सलेमपुर, बेलथरा रोड़, किरिहारापुर, मऊ, दुल्हा।पुर, जखनियां, सादत, ओंडिहार, सारनाथ, वाराणसी सिटी, वाराणसी, मंडुआडीह, माधोसिंह, ज्ञानपुर, हंदिया खास तथा झूंझी स्टे्शनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। जबकि भटनी व प्रयागराजरामबाग के बीच चलने वाली स्पेवशल रेलगाड़ी के रूप में भटनी-प्रयागराजरामबाग स्पेसशल रेलगाड़ी 10 फरवरी को भटनी से रात्रि 08.00 बजे प्रस्थामन कर अगले दिन सुबह 04.05 बजे प्रयागराज रामबाग पहुंचेगी। वापसी दिशा में प्रयागराज रामबाग-भटनी स्पेरशल रेलगाड़ी 11 फरवरी को प्रयागराज रामबाग से सुबह 09.00 उसी दिन सांय 04.00 बजे भटनी पहुंचेगी। मार्ग में यह विशेष रेलगाड़ी सलेमपुर, बेलथरा रोड़, किरिहारापुर, मऊ, दुल्हा पुर, जखनियां, सादत, ओंडिहार, सारनाथ, वाराणसी सिटी, वाराणसी, मंडुआडीह, माधोसिंह, ज्ञानपुर, हंदिया खास तथा झूंझी स्टे,शनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। 14Jan-2021

पीएम नरेंद्र मोदी से मिले दुष्यंत चौटाला

किसानों के मुद्दों के साथ राज्य के विकास येाजनाओं पर हुई चर्चा हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब डेढ़ माह से जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ एक दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद बुधवार को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। करीब एक घंटे तक पीएम मोदी के साथ चौटाला की हुई बातचीत में कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन और किसानों के अन्य मुद्दो पर चर्चा की। पीएम से मुलाकात के बाद उनकी और किन मुद्दों पर चर्चा हुई इसकी जानकारी मीडिया को दिये बिना ही वह चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ इस अहम अहम मुलाकात में उन्होंाने पीएम संग किसानों से जुड़े मुद्दों के हलावा राज्य के अन्य विकास संबन्धी अन्य मामलों पर भी चर्चा की है। जेजेपी के सूत्रों ने बताया कि पीएम से मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा की विकास योजनाओं में टैक्सटाइल हब, एयरपोर्ट, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर जैसे मुद्दों पर बातचीत की है। ---किसानों के मुद्दे पर दबाव में जेजेपी--- हरियाणा की भाजपा सरकार में सहयोगी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर किसानों के आंदोलन को लेकर दबाव बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि जजपा के कुछ विधायक पहले से आंदोलनकारी किसानों के दबाव में हैं। इससे पहले करनाल की घटना के बाद मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। बैठक के बाद खट्टर और चौटाला ने कहा था कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और यह सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने बैठक में राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में बातचीत की। 14Jan-2021