गुरुवार, 7 जनवरी 2021

मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश नागरिक केंद्रित सुधारों में अव्वल

दोनों राज्यों ने निर्धारित चार सुधारों में से पूरे किये तीन सुधार पुरस्कार में मिली 1,004 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्यों के लिए चार नागरिक केंद्रित सुधारों की दिशा में पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता का ऐलान किया था। इन चार सुधारों में से मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ऐसे पहले राज्य बने, जिन्होंने तीन सुधारों वन नेशन, वन राशन कार्ड रिफॉर्म, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म और अर्बन लोकल बॉडी रिफॉर्म पूरे कर लिए हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा गत 12 अक्टूबर को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 2.0 जारी करने के दौरान ऐलान किया था कि इस पैकेज के एक हिस्से के रूप में निधारित वन नेशनवन राशन कार्ड रिफॉर्म, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म, अर्बन लोकल बॉडी/यूटीलिटी रिफॉर्म और पॉवर सेक्टर रिफॉर्म में से तीन सुधारों को पूरा करने वाले राज्यों को दूसरा लाभ पूंजीगत व्यय के रूप में दो हजार करोड़ रुपये की राशि अतिरिक्त वित्तीय सहायता के रूप देने का प्रावधान किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश निर्धारित चार नागरिक केंद्रित सुधारों में से तीन सुधारों वन नेशन-वन राशन कार्ड रिफॉर्म, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिफॉर्म और अर्बन लोकल बॉडी रिफॉर्म को सबसे पहले पूरा करने वाले राज्यों का पहला समूह बन गये है। इसलिए इन दोनों राज्यों को पुरस्कार के रूप में योजना में किये गये प्रावधान के मुताबिक राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता के तहत 1,004 करोड़ रूपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसमें पूंजीगत परियोजनाओं के लिए आंध्र प्रदेश 344 करोड़ रुपये तथा मध्य प्रदेश 660 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि प्राप्त करने का हकदार बन गये है। यह राशि इन दोनों राज्यों को इन सुधारों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त ऋण हेतु पहले जारी हो चुकी 14,694 करोड़ रुपये की अनुमति के अलावा एक पुरस्कार के रूप प्रदान की जा रही है। इस पुरस्कार स्वरूप अतिरिक्त राशि में से दोनों राज्यों को मिलने वाली 1,004 से 50-50 फीसदी राशि यानि मध्य प्रदेश को 330 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 172 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। -------- अब तक 27 राज्यों को 4,940 करोड़ रुपये की राशि जारी---- वित्त मंत्रालय के अनुसार राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता योजना का मकसद कोविड-19 महामारी से उत्पन्न कर राजस्व कमी के कारण इस वर्ष कठिन वित्ती्य स्थिति का सामना कर रही राज्य सरकारों के पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्रालय ने 27 राज्योंो के लिए 9880 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत राज्योंय को पहली किस्त के रूप में 4,940 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। कोरोना संकट के दौरान प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में केंद्र सरकार ने प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बावजूद वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय के संबंध में राज्य सरकारों को विशेष सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि इन सुधारों को शुरू करने और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त उधार लेने के लिए और अधिक राज्यों को सुविधा प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने हाल ही में राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक केंद्रित सुधारों को पूरा करने के लिए समय सीमा को बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी है। ------ छत्तीसगढ़ 286 करोड़ की विशेष सहायता--- वित्त मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार की 27 राज्यों् के लिए पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता योजना के तहत मंजूर की गई 9880 करोड़ रुपये की राशि में से छत्तीसगढ़ को 286 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जबकि हरियाणा के लिए 91 करोड़ रुपये, पंजाब के लिए 146.50 करोड़, हिमाचल प्रदेश के लिए 450 करोड़, राजस्थान के लिए 501 करोड़, उत्तर प्रदेश के लिए 1501 करोड़, उत्तराखंड के लिए 434.11 करोड़, पश्चिम बंगाल के लिए 630 करोड़, ओडिशा के लिए 388 करोड़, बिहार के लिए 843 करोड़, झारखंड के लिए 277 करोड़, कर्नाटक के लिए 305 करोड़, गुजरात के लिए 285 करोड़ और महाराष्ट्र के लिए 514 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि का अनुमोदन किया गया है। इन राज्यों के अलावा सात पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 200-200 करोड़ रुपये तथा पहाड़ी राज्यों के लिए 450-450 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 07Jan-2021

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