शनिवार, 30 जनवरी 2021

केवडिया को रेल संपर्क मुहैया कराने पर खर्च हुई 811 करोड़ की रकम

रेलवे परियोजना में सात नए रेलवे स्टेशनों समेत अत्याधुनिक सुविधाओं को दिया गया अंजाम ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया के लिए विभिन्न राज्यों के अलग अलग शहरों के लिए जिन 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है, उसके लिए रेलवे ने विशेष परियोजना के तहत 811 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अंजाम दिया है, जिसमें नए रेलवे स्टेशन, रेलवे लाइन, विद्युतीकरण व आमान परिवर्तन जैसे काम शामिल रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केवड़िया के लिए विभिन्न स्थानों से 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है, इसके लिए भारतीय रेलवे ने 811 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अंजाम दिया है। रेलवे के 50 किमी लंबे दभोई-चंदोद-केवड़िया खंड, जिसमें 18 किलोमीटर लंबी दभोई-चंदोद छोटी लाइन को बड़ी लाइन में परिवर्तित करने के अलावा चंदोद से केवड़िया तक 32 किलोमीटर लंबी नई बड़ी रेल लाइन का विस्तार किया गया है। वहीं प्रतापनगर-केवडिय़ा खंड (80 आरकेएम) पर 80 किमी लंबे ट्रैक का नया विद्युतीकरण किया गया है। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना में सात नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है ,जिसमें 3 प्रमुख (क्रॉसिंग) स्टेशन केवड़िया, दभोई जंक्शन और चंदोद के अलावा 4 छोटे (पड़ाव) मोरिया, तिलकवाड़ा, गरुड़ेश्वर और केवड़िया स्टेशन बनाए गये हैं। इस रेल संपर्क को स्थापित करने की दिशा में 8 बड़े पुल, 79 छोटे पुल, 9 सड़क के ऊपर बने पुल और 31 सड़क के नीचे पुल भी बनाए गये हैं। ---रेल गति का विस्तार---- रेलवे के अनुसार प्रतापनगर-दभोई के बीच मंजूर की गई गति को केवल 75 दिन के भीतर 75 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 110 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है और दभोई-केवड़िया खंड को 110 किमी प्रति घंटे के साथ बनाया गया है। जबकि प्रतापनगर-केवड़िया के पूरे खंड की गति को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जाएगा। दभोई जंक्शन, चंदोद और केवड़िया में स्टेशन भवनों को स्थानीय विशेषताओं और आधुनिक यात्री सुविधाओं को शामिल करते हुए खूबसूरतीके साथ डिजाइन किया गया है। इसके अलावा केवड़िया स्टेशन भारत का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसे निर्माण के समय से ही ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणपत्र दिया गया है। आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक और उपकरण जैसे कि मोबाइल फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन, रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी), हैवी अर्थ मूविंग उपकरण, हैवी ड्यूटी रोड क्रेन और ट्रैक मशीनें तैनात की गई हैं ताकि सिविल इंजीनियरिंग कार्य की गति को तेज किया जा सके। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध आरसीसी ह्यूम पाइपों का उपयोग करके छोटे पुलों के डिजाइन के लिए एक अनूठा तकनीकी समाधान अपनाया गया है, जिसकी वजह से जहां समय की बचत हुई, वहीं करीब 27 करोड़ रुपये की बचत भी हुई है। ----केवडि़या स्टे शन की प्रमुख विशेषताएं---- केवड़िया रेलवे स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) के साथ पंजीकृत किया गया है। यह भारत का पहला रेलवे स्टेशन है जिसे निर्माण शुरू होने पर ही आईजीबीसी द्वारा ग्रीन बिल्डिंग के रूप में प्रमाणित किया जा रहा है। एलईडी लाइटें और स्टार रेटेड ब्रांडेड विद्युत उपकरण बिजली की बचत करेंगे। वर्षा जल संचयन, मल शोधन संयंत्र, इको-वाटरलेस यूरिनल और ड्रिप सिंचाई के माध्यम से जल प्रबंधन। स्रोत पर अलग-अलग हरे रंग के कचरे का उपयोग खाद बनाने और कचरा कम करने के लिए किया जाएगा। पहले 2 स्तरों में एसी वेटिंग रूम और वीवीआईपी लाउंज जैसी यात्री सुविधाएं हैं। तीसरे स्तर पर एक देखने वाली गैलरी है जहाँ से पर्यटकों को स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का अच्छा दृश्य दिखाई दे सकता है और यहाँ एक जनजातीय आर्ट गैलरी भी विकसित की जा रही है।स्टेशन के प्रमुख भाग में'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की 12 फीट लंबी प्रतिकृति स्थापित की गई है। इसे भी मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया है जिन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का डिजाइन और निर्माण किया है। आसपास के क्षेत्र में विशाल पार्किंग स्थान, प्राकृतिक दृश्य, थीमैटिक पार्क, सौर प्रकाश पोल, विस्तृत ट्रैफ़िक मार्ग, बागवानी पौधे, सेल्फी ज़ोन के साथ थीमैटिक पार्क, फूड कोर्ट और बच्चों के खेलने का स्थाटन शामिल है। ---इस परियोजना से मिलेगा विशेष लाभ--- देश की विभिन्न दिशाओं से दुनिया की सबसे ऊंची 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के लिए निर्बाध रेल संपर्क मुहैया कराया गया है। नया केवड़िया रेलवे स्टेशन स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से लगभग 6.5 किमी दूरी पर स्थित है। सड़क का नक्शा जनजातीय बेल्ट-चंदोद-मोरिया-तिलकवाड़ा-गरुड़ेश्वर से गुजरता है और इससे इलाके व क्षेत्र का विकास होगा। यह पवित्र नदी नर्मदा के किनारे बसे महत्वपूर्ण धार्मिक और प्राचीन तीर्थ स्थानों से भी जोड़ेगा जैसे कि करनाली, पोइचा और गरुड़ेश्वर में प्राचीन मंदिर आदि। 18Jan-2021

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