रविवार, 17 जनवरी 2021

राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन: मोदी

युवाओं को राजनीति की इस प्रथा को जड़ से खत्म करने की जरुरत हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में भाई-भतीजावाद और वंशवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि भारत के युवाओं को परिवार-आधारित राजनीति की इस प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश करने की जरुरत है। युवाओं को संसद के केंद्रीय कक्ष तक पहुंचने की जरूरत है और भविष्य में राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए हमें अपना अगला गेन तैयार करना होगा,क्योंकि हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं को बचाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दरअसल मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय युवा संसद के समापन सत्र में शामिल हुए देशभर के प्रतिभागी युवाओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के तीनों युवा विजेताओं के विचार भी सुनने के बाद स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। स्वामी जी ने अध्यात्म को लेकर, राष्ट्रवाद-राष्ट्र निर्माण को लेकर, जनसेवा-जगसेवा को लेकर जो कहा, वह आज भी हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होता हैं। मोदी ने कहा कि लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। इंडिविजुअल से इंस्टीटूशन्स और इंस्टीटूशन्स से इंडिविजुअल का ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है। -----युवाओं में देश व समाज में बदलाव की क्षमता---- प्रधान मंत्री मोदी ने युवाओं के बीच खासकर इस बात का उल्लेख किया कि देश में यह धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है, क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था कि झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग यहां तक कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है, लेकिन सियासत नहीं बदल सकती। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है और इस धारणा में बदलाव हो रहा है, कि राजनीति अनैतिक गतिविधियों की जगह है। उन्होंने कहा कि ऑनेस्टी और परफॉरमेंस आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ बदलाव बाकी हैं और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि राजनीतिक वंशवाद देश के सामने ऐसी ही चुनौती है, जिसे जड़ से उखाड़ना जरुरी है। क्योंकि राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि वंशवाद भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है। इसलिए युवाओं को राजनीतिक वंशवाद जैसी प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए राजनीति में आना जरुरी है। इस मौके पर उन्होंने हाल ही में घोषित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश में एक इकोसिस्टम बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसका अभाव अक्सर युवाओं को शिक्षा के लिए विदेशों की ओर देखने के लिए मजबूर करता है। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय तथा लोक सभा सचिवालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, युवा कार्य और खेल मंत्री किरेन रिजीजू और लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। -----सकारात्मक बदलावों के नवाचारों में युवा आगे: बिरला---- युवा संसद के समापन से पहले मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम देश के पुनरूत्थान एवं संविधान और संसद को सशक्त करने के लिए युवा ऊर्जा और युवा शक्ति का अधिकतम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि देश में सकारात्मक बदलावों के नवाचारों के साथ युवा आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए उत्साहजनक संकेत है। बिरला ने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे संसदीय प्रक्रियाओं और मूल्यों को देश में अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के सक्रिय प्रयास करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा यहां से जो शक्ति और ऊर्जा का स्रोत लेकर जाएंगे, वह देश के अलग-अलग क्षेत्रों में लोकतंत्र को मजबूत करेगा और उसके साथ ही देश की समस्याओं और कठिनाइयों के समाधान का मार्ग भी इसी लोकतंत्र के माध्यम से निकलेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मौके पर राष्ट्रीय युवा संसद 2021 प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया। इस महोत्सव में 7 लाख युवाओं ने 24 विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। 13Jan-2021

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