शनिवार, 9 जनवरी 2021

केंद्रीय प्रोत्साहन योजना से होगा जम्मू-कश्मीर का औद्योगिक विकास

केंद्र ने दी 28,400 करोड़ रुपये की पहली बार केंद्रीय योजना को मंजूरी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कल जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रस्ताव पर विचार किया और इसकी स्वीकृति दी। यह योजना 28,400 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ वर्ष 2037 तक स्वीकृत की गई है। केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र क्षेत्र की योजना के रूप में जम्मू-कश्मीर के लिए नई औद्योगिक विकास योजना यानि जेएंडकेआईडीएस, 2021 तैयार की है। योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन करना है, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के अंतर्गत 31 अक्टूबर 2019 से जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के रूप में पुनर्गठित करने के ऐतिहासिक विकास पर विचार करते हुए वर्तमान योजना इस विजन के साथ लागू की जा रही है, ताकि रोजगार सृजन, कौशल विकास और नए निवेश आकर्षित करके तथा वर्तमान उद्योगों को विकसित करके जम्मू और कश्मीर के उद्योग और सेवा क्षेत्र का विकास हो सके। उधर गृह मंत्रालय ने इस योजना के बारे में बताया कि इस प्रस्तावित योजना का वित्तीय परिव्यय योजना अवधि 2020-21 से 2036-37 के लिए 28,400 करोड़ रुपये है। अभी तक जम्मू और कश्मीर विभिन्न स्पेशल पैकेज योजनाओं के अंतर्गत 1,123.84 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। योजना से किस तरह मिलेगा प्रोत्साहन केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर इस योजना के अंतर्गत पूंजी निवेश प्रोत्साहन संयंत्र और मशीनरी (मैन्युफैक्चरिंग में) निवेश या भवन निर्माण अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) निवेश पर जोन-ए में 30 प्रतिशत तथा जोन-बी में 50 प्रतिशत की दर पर पूंजी निवेश प्रोत्साहन उपलब्ध है। 50 करोड़ रुपये तक निवेश करने वाली इकाइयां इस प्रोत्साहन का लाभ उठाने की पात्र होंगी। जोन-ए तथा जोन-बी में प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा क्रमशः 5 करोड़ रुपये तथा 7.5 करोड़ रुपये है। योजना में किये गये प्रावधानों के अनुसार संयंत्र और मशीनरी (मैन्युफैक्चरिंग में)या भवन निर्माण तथा अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों (सेवा क्षेत्र में) निवेश के लिए 500 करोड़ रूपये तक की ऋण राशि पर अधिकतम 7 वर्षों के लिए 6 प्रतिशत वार्षित दर से पूंजी ब्याज सहायता देना शामिल है। इसी प्रकार जीएसटी से जुड़ा प्रोत्साहन के तहत10 वर्ष के लिए संयंत्र और मशीनरी या भवन निर्माण तथा अन्य सभी स्थायी भौतिक परिसंपत्तियों में वास्तविक निवेश के 300 प्रतिशत पात्र मूल्य तक प्रोत्साहन एक वित्तीय वर्ष में प्रोत्साहन राशि प्रोत्साहन की कुल पात्र राशि से एक दहाई से अधिक नहीं होगी। इसी प्रकार कार्यशील पूंजी ब्याज सहायता के तहत सभी वर्तमान इकाइयों को अधिकतम 5 वर्षों के लिए 5 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये करने का प्रावधान शामिल है। 08Jan-2021

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