गडकरी ने एक घंटे में निपटाया यूपी-एमपी का विवाद
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में
नदियों को आपस में जोड़ने वाली परियोजनाओं में केन-बेतवा परियोजना की शुरूआत में
एनवक्त पर रोड़ा बने जिस मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उमा
भारती मनाने में नाकाम रही, उन्हें नए जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने एक घंटे की
बैठक में ही मनाकर इस परियोजना को शुरू करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है।
देश में
सूखे और बाढ़ की समस्या से निपटने की दिशा में नदियों को आपस में जोड़ने वाली
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को केन-बेतवा
परियोजना को जुलाई में ही शुरू करना था, लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच
जल बंटवारे को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने अनापत्ति पत्र नहीं सौंपा और इस परियोजना
के पहले चरण में बदलाव की मांग करना शुरू कर दिया। इसके लिए तत्कालीन जल संसाधन
मंत्री सुश्री उमा भारती ने पीएमओ का हस्तक्षेप करार शिवराज सिंह को मनाने को भरकश
प्रयास किया, लेकिन एमपी सरकार टस से मस नहीं हुई। एक माह पहले ही मोदी कैबिनेट
में हुए फेरबदल के तहत केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय का कार्यभार भी केंद्रीय सड़क
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपा गया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही गडकरी ने
जल संबन्धी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में ऐलान कर दिया कि तीन माह में केन-बेतवा
समेत नदियों को आपस में जोड़ने वाली तीन परियोजनाओं की शुरूआत कर दी जाएगी।
जल्द कैबिनेट में होगा प्रस्ताव
सूत्रों
के अनुसार केन-बेतवा पर बरकरार यूपी व एमपी के जल बंटवारे के विवाद को निपटाने के
लिए नितिन गडकरी ने प्रयास शुरू किये, तो इसी बीच नई दिल्ली में हुई भाजपा की
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों आदित्यनाथ योगी
और शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक करके इस मुद्दे को सुलझान के प्रयास किये। बैठक
के बाद गडकरी ने दोनों राज्यों के पक्षों को सुना और संकट में फंसी केन-बेतवा परियोजना
को शुरू करने की राह आसान करने में कामयाबी हासिल की। इस संबन्ध में केन्द्रीय मंत्री
नितिन गडकरी ने दावा किया है कि केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की इस महत्वाकांक्षी
परियोजना को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई सालों से चल रहे गतिरोध को सुलझा लिया
गया है, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के पहले चरण की योजना में बदलाव की
मांग को वापस लेने का फैसला कर लिया है। उन्होंने बताया कि नदियों को आपस में
जोड़ने के लिए मंत्रालय में इस साल तीन परियोजनाओं को शुरू करने के लक्ष्य के
परियोजनाओं से संबन्धित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें सबसे
पहले शुरू की जाने वाली केन-बेतवा को दोनों राज्यों ने हरी झंडी दे दी है और
उम्मीद है कि जल्द ही केन-बेतवा परियोजना को कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया
जाएगा, जिसके बाद जल्द ही इसके पहले चरण की शुरूआत कर दी जाएगी।
क्या था विवाद
गौरतलब है
कि इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश को 1700 मिलियन क्यूबिक पानी देने का प्रावधान
किया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश यूपी को इससे कम पानी देने पर अड़ा हुआ था, जबकि
उत्तर प्रदेश 2200 मिलियन क्यूबिक पानी देने की मांग करता रहा है। वहीं मध्य
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने गत चार जुलाई को ही मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव
और उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव ने इस परियोजना की स्थिति को लेकर
हुई समीक्षा बैठक में यह प्रस्ताव पेश करके संकट खड़ा कर दिया था कि दूसरे चरण के
हिस्से में शामिल कौथा बैराज, बीना काम्पलैक्स और निचले आर्रे बांध को भी परियोजना
के पहले चरण में शामिल किया जाए। यही विवाद में इस परियोजना को आरंभ करने में
विलंब का कारण बना रहा।