शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

रेलवे कर्मचारियों को दिया 78 दिन के बोनस का तोहफा



केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए कई अहम फैसले
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कैबिनेट ने रेलवे के कर्मचारियों के बोनस के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए दीवाली से पहले ही रेल कर्मचारियों को 72 के बजाए 78 दिन की दीहाडी का बोनस देने का ऐलान किया है। कैबिनेट की बैठक में हुए अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के तहत आईटीडीसी के तीन और होटलों को राज्यों को सौंपने की मंजूरी दी है। वहीं सरकार ने खेलो इंडिया योजना के पुनरूद्धार को मंजूरी देते हुए खेल व खिलाड़यों को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गैर राजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने का प्रस्ताव मंजूरी कर लिया गया, जिसके तहत रेलवे के करीब 12 लाख 30 हजार कर्मचारियों को दीवाली से पहले प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस के रूप में बड़ा तोहफा मिलेगा। एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 6 साल पहले रेलकर्मियों को 78 दिनों का बोनस देने का फार्मूला था। इसीलिए सरकार ने इसी के तहत  बोनस देने का फैसला किया है जिसमें रेल कर्मचारियों को कुल रेल कर्मचारियों के लिए 78 दिनों का पीएलबी भुगतान करने में 2245.45 करोड़ रूपए के वित्तीय व्यय के खर्च अनुमान है। पीएलबी के भुगतान के लिए मजूरी की गणना करने की अधिकतम सीमा सात हजार रूपए प्रति माह निर्धारित है। प्रत्‍येक पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये रूपए है।
तीन आईटीसी होटल राज्य सरकारों को सौंपे
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय पर्यटन विकास निगम लि. की यूनिट अशोक होटल जयपुर तथा ललिता महल पैलेस होटल मैसूर को क्रमशः राजस्थान सरकार एवं कर्नाटक सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। वहीं सरकार ने आईटीडीसी के डॉनई पोलो अशोक होटल कार्पोरेशन ईटानगर के 51 प्रतिशत इक्विटी शेयरों को अरूणाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में विनिवेश को मंजूरी दे दी है। आईटीडीसी होटलों व संपत्तियों को उन राज्यों को जहां ये मौजूद हैं, पट्टे-उपपट्टे पर दे दिया जाए और जहां राज्य पट्टे-उपपट्टे पर इन्हें लेने के लिए सहमत न हो, वहां इन संपत्तियों को सरकारी मूल्यांकित कीमत पर राज्यों को वापस लौटा दिया जाए। इस नीति के तहत इससे पहले पर्यटन मंत्रालय ने होटल लेक व्यू अशोक भोपाल, होटल ब्रह्मपुत्र अशोक गुवाहाटी तथा होटल भरतपुर अशोक भरतपुर की संपत्तियों या यूनिटों को संबंधित राज्य सरकारों को हस्तांतरित किया था।
सरकारी प्रिटिंग प्रेसों का मर्जर
में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के 17 मुद्रणालयों (जीआईपी) व उनकी इकाइयों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से विलय एवं आधुनिकीकरण को मंजूरी दी है। इसके जरिये भारत सरकार के इन 17 मुद्रणालयों (जीआईपी) को पांच मुद्रणालयों में मर्जर करेगी। जिन पांच मुद्रणालयों में बाकी सभी प्रिटिंग प्रेसों में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन, मिंटो रोड एवं मायापुरी के अलावा महाराष्ट्र के नासिक और पश्चिम बंगाल में कोलकाता में टेम्पल रोड स्थित मुद्रणालय शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इन पांच मुद्रणालयों की अतिरिक्त भूमि को भुनाकर उनका आधुनिकीकरण और नए सिरे से विकास किया जाएगा। अन्य एकीकृत मुद्रणालयों की 468.08 एकड़ भूमि शहरी विकास मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय को सौंप दी जाएगी। चंडीगढ़, भुवनेश्वर और मैसूर स्थित भारत सरकार पाठ्य पुस्तक मुद्रणालयों की 56.67 एकड़ भूमि संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दी जाएगी।
स्टेडियमों के साथ खिलाडियों का निर्माण
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए 1,756 करोड़ रूपये के ‘खेलो इंडिया’ योजना के पुनरूद्धार को मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम को व्‍यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्‍ट्रीय विकास के रूप में खेलों को मुख्य धारा से जोड़े जाने के फलस्‍वरूप भारतीय खेलों के इतिहास में यह एक उल्‍लेखनीय उपलब्‍धि का क्षण है। पुनरूद्धार किए गए कार्यक्रम का प्रभाव संरचना, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की खोज, उत्‍कृष्‍टता के लिए कोचिंग, प्रतिस्‍पर्धागत ढांचा तथा खेल की अर्थव्‍यवस्‍था सहित सम्‍पूर्ण खेल प्रणाली पर पड़ेगा। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इस योजना के तहत ना सिर्फ स्टेडियम तैयार किए जाएंगे, बल्कि नए खिलाड़ियों का विकास किया जाएगा।

पोषाहार की लागत संशोधित
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंगनबाड़ी सेवाओं और अवयस्क लड़कियों के लिए योजनांर्गत अनुपूरक पोषाहार के संशोधित लागत मानदंडों को मंजूरी दी है। इस मंजूरी के बाद अब सरकार गर्भवती एवं स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं, 0-6 वर्ष के बच्‍चों, और स्‍कूल से इतर अवयस्क लड़कियों के लिए पोषाहार पर अगले 3 वर्षों में 12 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। इसके तहत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत नकद लाभ और यह महिलाओं और बच्‍चों के पोषाहार के स्तर में सुधार होने का दावा किया गया है। आंगनबाड़ी सेवाओं के लाभार्थियों के लिए अनुपूरक आहार हेतु लागत मानदंडों में संशोधन के परिणाम  स्वरूप 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए भारत सरकार के अंशदान के चलते 9900 करोड़ रूपये तथा अवयस्क लड़कियों के लिए इस 2267.18 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा।
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दंतचिकित्सक (संशोधन) विधेयक को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में दंतचिकित्सक (संशोधन) विधेयक-2017 को संसद में पेश करने की मंजूरी दी है, जो दंतचिकित्सक अधिनियम-1948 (1948 के 16) में विधि निर्माण विभाग द्वारा आवश्यक संशोधन पर आधारित होगा। यह संशोधन कानून को सरल बनाएगा और उससे अनावश्यक प्रावधान हटाए  जाएंगे। मौजूदा कानून के तहत भारतीय दंतचिकित्सक परिषद में केंद्र सरकार के नामित व्यक्ति के तौर पर पार्ट बी में पंजीकृत दंतचिकित्सकों का प्रतिनिधित्व और राज्य या संयुक्त राज्य दंतचिकित्सा परिषदों में पार्ट बी से चार या  सदस्यों का चयन आवश्यक है। इसे  अप्रासंगिक मानते हुए उनके प्रतिनिधित्व के प्रावधानों की बहुलता को घटाने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इन बेकार प्रावधानों को खत्म करने का निर्णय लिया है।
21Sep-2017

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