हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
ने
हिंदी
को
और
ज्यादा
लोकप्रिय
बनाने
पर
बल
देते
हुए
कहा
कि
हिंदी
अन्य
भाषाओं
के
बीच
एक
संपर्क
सेतु
का
काम
कर
ती
है,
जिसकी
तातक
को
हमारे
महापुरुषों
ने
भी
पहचाना
और
स्वतंत्रता
के
बाद
हिंदी
को
राजभाषा
का
दर्जा
दिया
गया।
यह बात राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
ने
गृह
मंत्रालय
के
राजभाषा
विभाग
द्वारा
यहां
विज्ञान
भवन
में
आयोजित
हिंदी
दिवस
समारोह
के
दौरान
हिंदी
भाषा
के
लिए
उत्कृष्ट
कार्य
करने
वाले
मंत्रालयों,
विभागों
और
अन्य
उपक्रमों
को
सर्वोच्च
राजभाषा
गौरव
और
राजभाषा
कीर्ति
पुरस्कार
प्रदान
करने
के
दौरान
कही।
उन्होंने
कहा
कि
हमारी
संविधान
सूची
में
22 भाषाओं
को
मान्यता
दी
गई
है
और
इन
सभी
के
संदर्भ
में
निर्देश
भी
दिए
गए
हैं।
हिंदी
का
अस्तित्व
व
विकास
गैर
हिंदी
भाषी
लोगों
के
बोलने
और
समझने
तथा
उपयोग
करने
पर
बढता
है।
यही
नहीं
विदेशी
मूल
के
विद्वानों
ने
भी
हिंदी
की
सेवा
में
महत्वपूर्ण
योगदान
दिया
है।
रामनाथ
कोविंद
ने
कहा
कि
हिंदी
सभी
भारतीय
भाषाओं
के
बीच
संपर्क
भाषा
की
भूमिका
निभाती
है
ओर
यह
हमारी
राष्ट्रीय
एकता
को
भी
मजबूत
करती
है।
उन्होंने
भाषा
नीति
व
शिक्षा
नीति
में
आपसी
सहयोग
और
आदान-प्रदान
के
आधार
पर
बहुभाषिकता
को
बढ़ावा
देने
व
आम
सहमति
से
हिन्दी
को
संपर्क
भाषा
के
रूप
में
आगे
बढ़ाने
पर
बल
दिया।
इस
मौके
पर
उन्होंने
राजभाषा
विभाग
द्वारा
सी
डैक
के
सहयोग
से
तैयार
किये
गये
‘लर्निंग इंडियन लैंग्वेज
विद
आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस’
(लीला)
के
मोबाइल
एप
का
लोकार्पण
भी
किया।
इस
ऐप
से
देश
भर
में
विभिन्न
भाषाओं
के
माध्यम
से
जन
सामान्य
को
हिंदी
सीखने
में
सुविधा
और
सरलता
होगी
तथा
हिंदी
भाषा
को
समझना,
सीखना
तथा
कार्य
करना
संभव
हो
सकेगा।
देश को जोड़ने वाली भाषा है हिंदी: राजनाथ
समारोह की अध्यक्षता
कर
रहे
गृहमंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
कहा
कि
हिंदी
देश
को
जोड़ने
वाली
भाषा
है
और
इतिहास
गवाह
है
कि
जब-जब
देश
को
एकजुट
करने
की
आवश्यकता
पडी,
हिंदी
भाषा
ने
हमेशा
महत्वपूर्ण
भूमिका
अदा
की
है।
देश
के
स्वतंत्रता
आंदोलन
में
हिंदी
ने
राष्ट्रप्रेम
और
स्वाभिमान
की
अद्भुत
भावना
जागृत
करने
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी।
भारत
के
स्वतंत्रता
संग्राम
में
विभिन्न
क्षेत्रों
के
लोगों
को
साथ
लाने
में
इस
भाषा
ने
मदद
दी
है।
उन्होंने
कहा
कि
राष्ट्र
के
एकीकरण
के
लिए
सर्वमान्य
भाषा
से
प्रभावशाली
और
बलशाली
तत्व
और
कोई
नहीं
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
संविधान
के
अनुच्छेद
351 के
अनुसरण
में
क्षेत्रीय
भाषाओं
के
प्रचलित
एवं
लोकप्रिय
शब्दों
को
ग्रहण
करके
हिंदी
के
शब्द
भंडार
को
निरंतर
समृद्ध
करने
की
आवश्यकता
है।
समारोह
में
गृह
राज्यमंत्री
किरेन
रिजिजू
और
हंसराज गंगाराम
अहीर
ने
भी
हिंदी
भाषा
के
ज्यादा
से
ज्यादा
इस्तेमाल
पर
जोर
दिया।
एनएचपीसी को राजभाषा कीर्ति सम्मान
एनएचपीसी लिमिटेड को
गृह
मंत्रालय
द्वारा
वर्ष
2016-17 के
लिए
‘क’
श्रेणी
में
स्थित
सार्वजनिक
उपक्रमों
के
बीच
उत्कृष्ट
राजभाषा
कार्यान्वयन
के
लिए
सर्वोच्च
राजभाषा
कीर्ति
पुरस्कार
योजना
के
अंतर्गत
प्रथम
पुरस्कार
से
सम्मानित
किया
गया
है।
यह
पुरस्कार
भारत
के
राष्ट्रपति
राम
नाथ
कोविंद
के
कर-कमलों
से
एनचपीसी
के
अध्यक्ष
एवं
प्रबंध
निदेशक
रतीश
कुमार
ने
ग्रहण
किया।
इसके
अलावा
संस्था
की
राजभाषा
पत्रिका
राजभाषा
ज्योति
को
भी
सर्वोच्च
राजभाषा
कीर्ति
पुरस्कार
(गृह
पत्रिका)
के
अंतर्गत
‘क’
क्षेत्र
में
द्वितीय
पुरस्कार
से
सम्मानित
किया
गया।
15Sep-2017
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