शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

आपदा से निपटने के एनडीएमए के फार्मूले का दुनिया ने माना लोहा



केंद्र सरकार एनडीएमए को और सशक्त करेगा:राजनाथ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में भी आपदा की स्थिति में बचाव का कार्य करते हुए अपना लोहा मनवाया है। इसी कारण एनडीएमए की सामूहिक तैयारी को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त शहरी भूकम्प खोज व बचाव कार्य से संबंधित एक प्रस्ताव को शंघाई सहयोग संगठन ने भी एकमत से स्वीकार किया है।
यह बात गुरुवार को यहां विज्ञान भवन में ‘स्कूल संरक्षा’ थीम के साथ मनाए गये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 13वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कही और प्राधिकरण की सराहना करते हुए पीठ भी ठोकी है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे और भी सशक्त बनाने की योजना पर काम कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने 13 सालों के कार्यकाल में एनडीएमए ने लंबी यात्रा करते हुए पूरे विश्व में भारत की विश्वसनीयता स्थापित की है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गौरव का क्षण रहा जब पिछले महीने किर्गिस्तान में आपदा प्रबंधन विषय पर हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)में एनडीएमए के आपदा प्रबंधन की क्षमताओं का बढ़ाने के लिए बेहतर कार्यों के कारण भारत को प्रशंसा मिली। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने सामूहिक तैयारी को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त शहरी भूकम्प खोज व बचाव कार्य से संबंधित एक प्रस्ताव भी दिया था और इस प्रस्ताव को एससीओ के सभी सदस्यों ने एकमत से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2014 में नेपाल में आए भूकम्प में राहत के लिए सहायता प्रदान की थी और इसी प्रकार एनडीआरएफ टीम को मदद के लिए जापान भेजा गया था। राजनाथ सिंह ने कहा कि बाढ़ की विपदा-प्रबंधन के लिए राजनयिक प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि नदियों के जल विज्ञान संबंधी आंकड़े पड़ोसी देशों के साथ साझे किए जाने चाहिए। इस संबंध में एकमत होना आवश्यक है। अगले महीने बिम्सटेक आपदा प्रबंधन बैठक में इसकी शुरूआत की जा सकती है।
‘स्कूल संरक्षा’ सुरक्षित भारत का द्योतक
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस वर्ष के थीम ‘स्कूल संरक्षा’ पर एनडीएमए को बधाई देते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत बच्चों की संरक्षा को लाना प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि बच्चे इस क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं और उनकी ऊर्जा व कल्पना एनडीएमए के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। रूचि के अनुसार बच्चों को जोड़ा जाना चाहिए। आपदा संरक्षा के लिए एनडीएमए को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह संगठन ‘सुरक्षित भारत’ के स्वप्न को पूरा करेगा।

स्कूली पाठ‍्यक्रम मे हो आपादा: रिजिजू
समारोह के समापन संबोधन में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने किसी आपदा के दौरान त्वरित एवं प्रभावी प्रत्युत्तर सुनिश्चित करने के लिए प्रथम उत्तरदाता की क्षमता को मजबूत बनाने की जरूरत रेखांकित की है। रिजिजू ने कहा कि आपदा जोखिम में कमी लाने (डीआरआर) की शिक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे कि आपदा की तैयारी की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके। रिजिजू ने पिछले वर्ष आपदा जोखिम में कमी पर एशियाई मंत्रीस्तरीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आपदा जोखिम कमी (डीआरआर) के लिए दस सूत्रीय एजेंडा का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार एक सुरक्षित, मजबूत और गतिशील भारत के विजन के प्रति वचनबद्ध है।
इन्होंने लिया समारोह में हिस्सा
समारोह में केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरूप, एनडीएमए के सदस्य आर.के. जैन के अलावा  एनडीएमए के सदस्यों और अधिकारियों, एनडीएमए के पूर्व सदस्यों, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अधिकारियों, एनडीआरएफ, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम), केंद्र सरकार व राज्य सरकार के मंत्रालयों व विभागों, जिला अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों, एनसीआरईटी के प्रतिनिधियों, तकनीकी संस्थाओं, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षक और स्कूली बच्चों ने भाग लिया। 
29Sep-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें