शनिवार, 30 नवंबर 2019

राज्यसभा: वॉट्सऐप जासूसी पर विपक्ष को मिला करारा जवाब


भारतीयों की निजता की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध सरकार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार देश में नागरिकों के निजता के अधिकार और डाटा की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और डिजिटल सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगी। वहीं यदि पड़ोसी देश, आतंकवादी या भ्रष्टाचारी लोग डिजिटल आधार पर देश को तोड़ने का प्रयास करेंगे तो उनके खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए भी सरकार सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बात गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ व्यक्तियों के फोन डाटा से खिलवाड़ करने के लिए स्पाईवेयर पेगासस के कथित उपयोग मुद्दे पर पेश किये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही। इस चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पिछले दिनों भारतीय मीडिया में व्हाट्सएप के जरिए नेताओं, पूर्व मंत्रियों, जजों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों की जासूसी कराने और उनके फोन डाटा के साथ छेड़छाड़ के लिए इजराईल द्वारा विकसित स्पाइवेयर पेगासस के प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार का कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। इस चर्चा के दौरान सरकार पर उठाए गये सवालों का करारा जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्च सदन में कहा कि ऐसी खबरों का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने दो नवंबर को व्हाट्सएप को एक मेल भेजा। उन्होंने कहा कि इस संबन्ध में सरकार ने सभी पहलुओं को गंभीरता से लेते हुए कदम उठाए हैं। दिग्विजय सिंह के सरकार द्वारा स्पईवेयर खरीदने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार की एक मानक परिचालन प्रकिया (एसओपी) होती है और सरकार उसी के तहत काम करती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि पड़ोसी देश, आतंकवादी या भ्रष्टाचारी लोग देश को डिजिटल आधार पर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो सरकार उनसे कड़ाई से निबटेगी। प्रसाद ने कहा कि सरकार डाटा संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी और अमेरिका सहित किसी भी देश के दबाव में नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सरकार डाटा संरक्षण विधेयक तैयार कर रही है। वह विधेयक जब संसद में आएगा
रविशंकर को नहीं डिगा पाए दिग्विजय
दरअसल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने स्पष्टीकरण पूछते हुए मंत्री से जानना चाहा कि क्या सरकार ने इजराइल से कोई स्पाईवेयर खरीदा है? इसके लिए उन्होंने दोहराया कि देश की संभुता के लिए सरकार की एक मानक परिचालन प्रकिया (एसओपी) होती है और सरकार उसी के तहत काम करती है। इस सवाल का जवाब देने के लिए दिग्विजय सिंह सीधा जवाब मांगते रहे और उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि व्हाट्सएप के जरिए इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कराकर सरकार या उनकी एसेंसियों ने देश के नागरिकों के डाटा की जासूसी कराई है। ऐसे सवालों के जवाब को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रसाद और दिगविजय के बीच झड़पे भी हुई, लेकिन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के झांसे में नहीं आए, जो उनसे घुमा फिराकर इन सवालों का जवाब मांगने का प्रयास कर रहे थे। चर्चा में हिस्सा लेकर सरकार से जवाब मांगने के लिए इसी तर्ज पर इस मामले में सरकार पर आरोप लगाते हुए पर द्रमुक के एम डमुगम, तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक, माकपा के के के रागेश, राजद के मनोज कुमार झा, बसपा के वीर सिंह, जदयू के कहकशां परवीन, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, द्रमुक के पी विल्सन, मनोनीत राकेश सिन्हा, कांग्रेस के पी भट्टाचार्य और सपा के रविप्रकाश वर्मा ने भी स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराने और मानक परिचालन की प्रक्रिया का उल्लंघन पर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गये कदमों की जानकारी दी।
चिटफंड विधेयक को राज्यसभा ने भी दी मंजूरी  
शून्यकाल में सांसदों ने उठाए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दे                         
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में चिटफंड के पैसे को सुरक्षित करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गये चिट फंड विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है, जिसे लोकसभा के बाद गुरुवार को राज्यसभा ने भी ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया है।
राज्यसभा में गुरुवार को दोपहर तीन बजे बाद चिट फंड (संशोधन) विधेयक की अधूरी चर्चा को पूरा कराया गया। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा चर्चा का जवाब देने के बाद इस विधेयक का ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई, जिसे लोकसभा में गत 20 नवंबर को पारित किया जा चुका है। अब राष्ट्रपति की मुहर लगते ही एक अधिसूचना के जरिए इस विधेयक के प्रावधानों में किये गये संशोधन देशभर में लागू हो जाएंगे। चर्चा के जवाब के दौरान अनुराग ठाकुर ने बताया कि चिट फंड क्षेत्र की मौद्रिक सीमा को तीन गुना बढ़ाने तथा फोरमैनके कमीशन को सात प्रतिशत करने के प्रावधान किये गये हैं। वहीं इस विधेयक के जरिए अब गरीबों से जुड़ा पैसा सुरक्षित रहने के कारण कोई अवरोध भी नहीं आएगा। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि इसके तहत व्यक्ति के रूप में चिट की मौद्रिक सीमा को एक लाख रूपये से बढ़ाकर तीन लाख रूपये किया गया है जबकि फर्म के लिये इसे छह लाख रूपये से बढ़ाकर 18 लाख रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चिट फंड सालों से छोटे कारोबारों और गरीब वर्ग के लोगों के लिए निवेश का प्रमुख स्रोत रहा है, लेकिन इसमें अनियमितताओं के कारण 1982 के मूल कानून को चिट फंड के विनियमन का उपबंध करने का फैसला किया गया। इस विधेयक के संशोधनों पर संसदीय समिति ने भी जांच की है जिसकी सिफारिश पर कानून में संशोधन के लिए विधेयक को लाया गया है।
मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा की मांग
राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस की सांसद विप्लव ठाकुर ने मध्यान्ह भोजन योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बच्चों को समुचित पोषण प्रदान करना एवं स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के मकसद से इस योजना का संप्रग सरकार के कार्यकाल में लाया गया था। लेकिन पिछले दिनों इस योजना में अनियमिताओं और अन्य गडबड़ी की देश के विभिन्न क्षेत्रों से आ रही खबरो को देखते हुए इस योजना की समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों से इस योजना की रिपोर्ट मंगाकर तथ्यों की जांच करने की भी मांग की।
टाइगर रिजर्व में रोपवे बनाने की मांग
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान बीजू जनता दल की सरोजिनी हेम्ब्रम ने ओडिशा के मयूरभंज में स्थित सिमलीपाल जंगल के टाइगर रिजर्व में रोपवे बनाए जाने की मांग की। उन्होंने माना कि सिमलीपाल के जंगल में बने टाइगर रिजर्व में ऑल वेदर रोडबनाना संभव नहीं है, लेकिन टाइगर रिजर्व में रोपवे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी लोगों को मिलेंगे।
अंग्रेजी भाषा का विरोध
भाजपा के सांसद जीवीएल नरसिंह राव ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आंध्रप्रदेश में छठवीं कक्षा तक की  शिक्षा में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य करने का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए, चूंकि तेलुगु प्राचीन भाषाओं में शामिल होने के बावजूद उपेक्षा का शिकार हो रही है। राव ने सरकारी स्कूलों में प्रादेशिक भाषा में पढ़ाई सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि आंध्रप्रदेश का गठन ही भाषा के आधार पर हुआ था और संविधान में भी प्रादेशिक भाषा का जिक्र है।
छात्रवृत्ति का मामला
शून्यकाल के दौरान माकपा सदस्य के सोमप्रसाद ने मांग करते हुए अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपये सालाना होने की सीमा खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह आय सीमा बेहद कम है और इस सीमा की वजह से कई जरूरतमंद छात्र अपनी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते हैं।
29Nov-2019

राज्यसभा में उठी नकली दूध के कारोबरियों को फांसी देने की मांग


जहरीले दूध पीने से देश की आबादी पर कैंसर का खतरा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर राज्यसभा ने नकली यानि जहरीले दूध के कारोबार पर चिंता जताते हुए तमाम दलों के सांसदों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मिलावट खोरी के खिलाफ कानून में सख्त प्रावधान करके नकली दूध के कारोबारियों के लिए फांसी या आजीवन कारावास का प्रावधान किया जाए। सांसदों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि जहरीले दूध के कारोबार पर लगाम न लगाई गई तो 2025 तक देश की 87 फीसदी आबादी जानलेवा कैंसर से पीडित हो जाएगी।
राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए भाजपा सांसद हरनाथ यादव ने कहा कि देश में नकली दूध का कारोबार तेजी के साथ फलफूल रहा है, जिसमें ब्रांडेड कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे दूध के नमूने भी मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। यादव ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि जिस प्रकार से भारत में नकली और जहरीले दूध का व्यापक पैमाने पर उत्पादन हो रहा है उसे मानव के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव ही नहीं पड़ रहा, बल्कि वर्ष 2025 तक 87 फीसदी देश की आबादी पर जानलेवा कैंसर का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि यूरिया, भारी धातु, क्रोमियम, बेंजामिन, वनस्पति और वॉशिंग पाउडर मिलाकर देश में जहरीला दूध बनाया जा रहा है जो बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में बहुत कम गांव ही बचा होगा, जहां इस तरह का दूध नहीं बन रहा है। ऐसा नकली दूध का कारोबार से देश के 130 करोड़ लोगों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। उन्होंने नकली दूध के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए इस कारोबार में लिप्त लोगों को फांसी या आजीवन कारावास की सजा दिये जाने के प्रावधान करके कानून को सख्त बनाने की मांग की है, जिसमें इसके लिए संबन्धित जिले के कलेक्टर को  जिम्मेदार ठहराया जाना जरुरी है। भाजपा सांसद हरनाथ यादव ने सदन में कहा कि खाद्य नियामक (एफएसएसआई) द्वारा उठाए गए दूध के नमूनों में 37.7 प्रतिशत मानक के विपरीत पाए गए हैं, जिनमें ब्रांडेड के दूध वाले नमूने भी शामिल हैं। नकली दूध कारोबारियों के खिलाफ फांसी या आजीवन कारावास की सजा की मांग का समर्थन करते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी दलों ने अपने आपको संबद्ध करते हुए ऐसी स्थिति पर चिंता जाहिर की। भाजपा सांसद हरनाथ यादव ने दूध की खपत और उत्पादन के अंतर पर आई एक सर्वेक्षण रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 31 मार्च 2018 तक देश म􀈂 14 करोड़ 68 लाख लीटदूध का प्रतिदिन उत्पादन होता था और दूध की प्रतिदिन खपत 64 करोड़ लीटसे ज्यादा थी यानी दूध की खपत, उसके उत्पादन से चार गुना ज्यादा थी, अर्थात प्रतिदिन 50 करोड़ लीटदूध जहरीले पदार्थ􀈙 से बना हुआ, जिसे पूरा देश पीता है।
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अब पंजीकरण हुआ अनिवार्य
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के मौके पर बुधवार का भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने देश में दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक एक्शन प्लान का विमोचन किया। प्राधिकरण ने कहा है कि दूध भी खाद्य पदार्थों की श्रेणी में आता है और इसे बेचने वालों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए प्राधिकरण दुग्ध उत्पाद बेचने वालों के लिए पंजीकरण के लिए जागरुकता अभियान चलाएगा। प्राधिकरण ने पहले चरण में न्यूनतम एक लाख दूधियों रजिस्ट्रेशन कराने का लक्ष्य रखा है। 
28Nov-2019

संविधान दिवस पर मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों में संतुलन पर बल


संविधान निर्माताओं की बदौलत सभी नागरिक सुरक्षित: राष्ट्रपति
देशवासियों के लिए हमारा संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ: मोदी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय संविधान की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संसद के संयुक्त सत्र में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने देशवासियों का अधिकारों के साथ कर्तव्यों के पालन करने पर बल दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिकारों और कर्तव्यों को एक सिक्के के दो पहलू करार देते हुए कहा कि आज संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता की बदौलत ही देश में सभी नागरिक सुरक्षित हैं और उन्हें संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल अधिकार भी है। इसलिए अधिकारों व कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखने की जरुरत है।
संसद के शीतकालीन सत्र के बीच मंगलवार को केंद्रीय कक्ष में संविधान की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर संयुक्त सत्र आयोजित किया गया, जिसमें दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत का संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आधार-ग्रंथ के रूप में हमारे देश की लोकतांत्रिक संरचना का सर्वोच्च कानून भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का उद्गम भी है और आदर्श भी। राष्ट्रपित ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने दूरदर्शी और परिश्रम के द्वारा कालजयी प्रति का निर्माण किया, जिसकी बदौलत हम सभी नागरिक सुरक्षित हैं। उन्होंने संविधान निर्माताओं और महापुरुषों का जिक्र करते हुए संविधान में मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को एक सिक्के के दो पहलू बताते हुए कहा कि हमारी संसद ने मूल कर्तव्यों के प्रावधानों को संविधान में शामिल करके यह स्पष्ट किया है कि नागरिकों को अपने अधिकारों के बारे में सचेत रहने के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहना है। राष्ट्रपति का कहना था कि संविधान की मूल प्रस्तावना, मूल अधिकारों, निदेशक तत्वों और मूल कर्तव्यों में संविधान की अंतरात्मा विद्यमान है। इसलिए हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना भी जरूरी है।
राष्ट्रपति कोविंद ने वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठकर, संविधान-सम्मत प्रक्रियाओं का पालन करने को संवैधानिक नैतिकता का सार-तत्व करार देते हुए कहा कि देश में हर प्रकार की परिस्थिति का सामने करने के लिए संविधान सम्मत रास्ते उपलब्ध हैं और इसलिए संविधान की मर्यादा, गरिमा और नैतिकता के अनुरूप काम करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी को संवैधानिक मूल्यों, ईमानदारी को अपनाते हुए भय, प्रलोभन, पक्षपात, राग द्वेष एवं भेदभाव से मुक्त रहकर काम करने की आवश्यकता है। ऐसे में संविधान निर्माताओं की भावना को शुद्ध अंत:करण से अपनाना चाहिए।
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देशवासियों के लिए हमारा संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ: मोदी
संसद की संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि भारतीय संविधान को देशवासियों के लिए बड़ा और पवित्र ग्रंथ बताते हुए कहा कि संविधान ने दो मंत्रों भारतीयों के लिए गरिमाऔर भारत की एकताको साकार किया है। उन्होंने देशवासियों से आव्हान किया है कि हम सब देश के नव नागरिक और नेक नागरिक बनें। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की मजबूती के कारण ही हम एक भारत-श्रेष्ठ भारतकी तरफ आगे बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान अधिकारों के प्रति सजग एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहते हुए सभी से नागरिक के तौर पर अधिकारों एवं कर्तव्यों में संतुलन बनाने की अपील की है।
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संवैधानिक मूल्यों से ही विकास संभव: नायडू
इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिकानामक पुस्तक को जारी करते हुए कहा देश के नागरिकों का आह्वान किया कि यदि वे प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभायें तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है। नायडू नेदेशवासियों से संविधान की मान्यताओं और मर्यादाओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रति पुन: संकल्पबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभायें तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें, तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विद्यालयों को बच्चों को उनके कर्तव्यों के बारे में अवगत कराना चाहिए। हमारा लक्ष्य 'रिफॉर्म','परफॉर्म' और 'ट्रांसफॉर्म' होना चाहिए। हमें देश की अखंडता और एकता के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति का उत्थान सबसे पहले होना चाहिए। साथ ही हमें अपने मातृभाषा की इज्जत करनी चाहिए और इसका प्रसार करना चाहिए।
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कर्तव्यों के बिना असंतुलन
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुशासनको मौलिक अधिकारों द्वारा प्रदान की गई स्वतंत्रता और शक्तियों के प्रयोग की एक जरूरी शर्त बताते हुए कहा कि कर्तव्यों से विमुख होकर सिर्फ अधिकारों की बात करने से एक प्रकार का असंतुलन पैदा होगा। उन्होंने कहा संविधान में जहां एक तरफ मौलिक अधिकारों के रूप में हमें पर्याप्त स्वतंत्रता और शक्तियां दी गई हैं, वहीं दूसरी तरफ संतुलन बनाते हुए मौलिक कर्तव्यों का निर्देश करके हमें अनुशासित भी किया है।
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स्मारक सिक्के और डाक टिकट का विमोचन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान दिवस के अवसर पर 250 रुपये के स्मारक सिक्के और एक विशेष डाक टिकट और लोकसभा का 2020 का कलैंडर भी जारी जारी किया। वहीं उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर राष्ट्रीय युवा संसद योजना के पोर्टल की शुरुआत की और संसद भवन के पुस्तकालय में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में संविधान के निर्माण से लेकर उसके 70 साल की यात्रा की जानकारी को दर्शाया गया है। केंद्रीय कक्ष में संविधान लागू होने के 70 साल पूरे होने के मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिकानामक पुस्तक को जारी करते हुए उसकी एक प्रति राष्ट्रपति कोविंद को भेंट की। इस मौके पर राज्यसभा के महासचिव देशदीपक वर्मा ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र के दौरान 250 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जा रहा है। यह सिक्का 40 ग्राम वजनी और 44 मिलीमीटर परिधि का है। इसमें अशोक स्तंभ और संसद भवन के चित्रों के साथ ही गांधीजी की तस्वीर है और सत्यमेव जयते लिखा है। यहां जारी किये गये वृत्ताकार डाक टिकट पर संसद के स्थापत्य की जालीनुमा आकृतियों और संसद भवन का चित्र है।
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विपक्ष ने किया संविधान दिवस पर संयुक सत्र का बहिष्कार
संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को संविधान दिवस पर आयोजित सयुंक्त बैठक का कांग्रेस की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया और संसद परिसर में संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया। 'संकट में संविधानऔर संविधान की हत्या बंद करोलिखे बैनर लेकर किये गये इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमले बोले। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद प्रमुख रूप से शामिल हुए।
27Nov-2019