मंगलवार, 5 नवंबर 2019

आदिवासी हस्तशिल्प और कला को प्रोत्साहन देगी सरकार


दिल्ली में 16 से आयोजित होगा आदि महोत्‍सव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के दस्तकारों और अन्य व्यवसाय में कला चित्रकारी करके जो उत्पाद बना रहे हैं उन्हें उचित बाजार मुहैया कराकर उनकी आय बढ़ाने के लिए देशभर में मौजूदा वित्‍त-वर्ष के दौरान ऐसे 26 उत्‍सवों की योजना बनाई हुई है। इसी योजना के तहत 16 से 30 नवंबर तक दिल्ली स्थित दिल्ली हाट में आदि महोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी सोमवार को यहां नई दिल्ली में आयोजित ट्राइफड के महानिदेशक प्रवीण कृष्ण ने देते हुए बताया कि दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में आगामी 16 से 30 नवम्बर तक आदि महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। जबकि समारोह की अध्यक्ष केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में  जनजातीय कार्य राज्‍य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरूता शामिल होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस महोत्सव में 27 राज्‍यों से एक हजार से अधिक जनजातीय शिल्‍पकार और कलाकार हिस्‍सा लेंगे। इस दौरान देश के 20 राज्‍यों की संस्‍कृति तथा जनजातीय रिवाजों, उत्‍सवों, मार्शल-ऑर्ट आदि का प्रदर्शन किया जायेगा। इस समारोह की विषय-वस्‍तु में जनजातीय शिल्‍प, संस्‍कृति और व्‍यापार का भाव-उत्‍सवतय किया गया है, जिसमें जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होगी। इस उत्‍सव में 200 स्‍टॉलों के जरिये जनजातीय हस्‍तशिल्‍प, कला, चित्रकारी, वस्‍त्र, आभूषण इत्‍यादि की प्रदर्शनी लगाई जायेगी और उन्‍हें बिक्री के लिए पेश किया जायेगा, ताकि आदिवासी कारीगरों को बाजार मुहैया कराया जा सके। गौरतलब है कि जनजातीय मंत्रालय ने मौजूदा मौजूदा वित्‍त-वर्ष के दौरान ऐसे 26 उत्‍सवों की योजना तैयार की गई है। इनमें से आठ उत्‍सव शिमला, ऊटी, लेह-लद्दाख, विशाखापत्‍तनम, नोएडा, इंदौर, पुणे और भुवनेश्‍वर में आयोजित हो चुके हैं। इनमें लगभग 900 जनजातीय शिल्‍पकारों ने हिस्‍सा लिया और 5 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई। प्रवीण कृष्ण ने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के ट्राइफेड संगठन ने आदि महोत्‍सव-राष्‍ट्रीय जनजातीय उत्‍सवके आयोजन की एक नई अवधारणा शुरू की है, ताकि महानगरों तथा राज्‍यों की राजधानियों के बाजारों तक जनजातीय उस्‍ताद शिल्‍पकारों और महिलाओं की सीधी पहुंच हो सकें।
आय बढ़ाने को प्रोत्साहन नीति
ट्राइफेड के महानिदेशक ने कहा कि आदिवासी उत्पादों को बाजार मुहैया कराकर जनजातीय कारीगरों की आय बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार की प्रोत्साहन नीति के तहत ट्राइफेड हथकरघा और हस्‍तशिल्‍प के अलावा प्रधानमंत्री वन-धन योजना के जरिये वन्‍य उत्‍पादों के प्रसंस्‍करण तथा मूल्‍यसंवर्धन को प्रोत्‍साहन दे रहा है। जनजातीय उपक्रमों और उतपादों को बढ़ावा देने के लिए इसे विशेष योजना का दर्जा दिया गया है। इस दिशा में इस साल 27 अगस्‍त से लेकर अब तक केंद्र सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत 17 राज्‍यों में 662 वन-धन विकास केन्‍द्रों की स्‍थापना हो चुकी है, जो 2 लाख जनजातियों को को प्रोत्‍साहित कर रहे हैं। दिव्‍यांग जनजातीय कलाकारों और शिल्‍पकारों को प्रोत्‍साहन करने के लिए एक विशेष पहल की गई है। इस योजना के तहत ट्राइफेड ने 45 हजार जनजातीय दिव्‍यांग शिल्‍पकारों को ध्‍यान में रखते हुए आगामी पांच महीनों में देश में कम-से-कम 150 केन्‍द्र खोलने का प्रस्‍ताव किया है।
05Nov-2019

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