हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

गृहमंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अयोध्या मामले पर सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के बाद गृहमंत्रालय ने नौकरशाहों की एक टीम का गठन करके राम मंदिर
निर्माण के लिए गठित किये जाने वाले ट्रस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी। मंत्रालय ट्रस्ट के
गठन की दिशा में कानून मंत्रालय के अधिकारियों और विशेषज्ञों से भी सुझाव ले रहा
है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गत शनिवार को अयोध्या मामले में श्रीराम मंदिर के
निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर एक एक ट्रस्ट का गठन करने का आदेश
दिया है। इसी दिशा में केंद्र सरकार ने अपनी प्रक्रिया को शुरू कर दिया है, ताकि
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया को विशेषज्ञों के अध्ययन के आधार आगे
बढ़ाया जा सके।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस संबन्ध में देश में अन्य धार्मिक और
तीर्थस्थलों का संचालन कर रहे ट्रस्टों के आधार का भी अध्ययन किया जा रहा है, ताकि
इस ट्रस्ट में कितने सदस्य होने चाहिए और किस क्षेत्र के विशेषज्ञ ट्रस्ट के
सदस्यों में शामिल किये जाएं। हालांकि सरकार गुजरात के सोमनाथ मंदिर
ट्रस्ट की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम मंदिर ट्रस्ट बनाने
पर विचार कर रही है, जिसमें छह सदस्य हैं, लेकिन अयोध्या के मामले में ट्रस्ट के
सदस्यों की संख्या इसलिए बढ़ाई जाने की अधिक संभावनाएं हैं, क्योंकि अयोध्या विवाद
से जुड़े रहे राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य धर्मगुरुओं,
संगठनों के सदस्यों को भी श्रीराम मंदिर ट्रस्ट में जगह दी जा सकती है, जबकि
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी इस ट्रस्ट का हिस्सा होंगे।
12Nov-2019
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