सोमवार, 25 नवंबर 2019

चेक एंड वैलेंस पर राकांपा व बीजद से सबक लें सियासी दल: मोदी


विशेष रहा राज्यसभा के 250वें सत्र का पहला दिन
भारतीय शासन-व्यवस्था में सदन की भूमिका व सुधारों पर हुई विशेष चर्चा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में चेक एंड बैलेंस के सिद्धांत में राकांपा और बीजद की तारीफ करते हुए कहा कि ये दल बिना वेल में आए अपनी राजनीतिक विकास की राह पर है, जिनसे भाजपा समेत तमाम दलों को सबक लेने की आवश्यकता है। पीएम मोदी का राज्यसभा के 250वें सत्र में विशेष चर्चा में खासकर राकांपा को लेकर कही गई यह बात इसलिए मायने रखती है, क्योंकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर राकांपा कांग्रेस के साथ शिवसेना की सरकार बनवाने की कवायद कर रही है।
संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के 250वें सत्र के उपलक्ष्य में पहले दिन विशेष कार्यवाही के रूप में भारतीय शासन-व्यवस्था में राज्यसभा की भूमिका और सुधारों की आवश्यकता पर विशेष चर्चा कराई गई। इस चर्चा की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में कार्यवाही में रुकावट के लिए आसन के करीब जाकर सांसदों के हंगामे को लेकर कहा कि राज्यसभा में 'चेक ऐंड बैलेंस का सिद्धांत लागू होता है यानि देश को चेक ऐंड बैलेंस सिद्धांत देने में राज्यसभा की भूमिका अहम रही है, जिसमें संविधान के अहम अंग कार्यकारी, विधायी और न्यायपालिका के बीच बैलेंस यानि संतुलन बना रहता है। इसलिए जरूरी है कि हमें रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने राकांपा व बीजद का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों दलों खुद ही तय किया है कि हम वेल में नहीं जाएंगे और इन्होंने इस नियम को कभी नहीं तोड़ा। उन्होंने कहा कि संसद में विरोध जताने के लिए आसन के समक्ष आए बिना भी राजनीतिक विकास हो सकता है। इसलिए उन्होंने अपनी भाजपा समेत अन्य दलों को भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बीजू जनता दल से सीख लेने की नसीहत दी
सपोर्टिव हाउस रहे ऊपरी सदन
उच्च सदन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र के लिए ऊपरी सदन में योगदान करने वालों का अभिनंदन करते हुए कहा कि राज्यसभा भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब है, जिसके लिए उन्होंने वर्ष 2003 में राज्यसभा के 200वें सत्र के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने राज्यसभा को सेकंड हाउस करार दिया था। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन वहीं हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण। राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं। इसलिए राज्यसभा सेकेंड हाउस है सेकेंडरी नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के विकास के लिए उच्च सदन को सपोर्टिव हाउस बने रहना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी है वह कितनी उपयुक्त रही है, जिसमें राज्यसभा का कितना योगदान है। उन्होंने कहा कि संसद में जहां जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है। भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है।
पांच साल में अहम योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया। इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ। सब जगह सहयोग का भाव बना। कश्मीर से धारा 370 को हटाया। इसके अलावा राज्यसभा द्वारा पांच साल में अन्य कई महत्वपूर्ण कानूनों को अंजाम दिया गया।
मार्शलों की बदली गई यूनिफार्म
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कार्यरत मार्शलों के यूनिफार्म का रंग बदल दिया गया है। पहले मार्शलों के यूनिफार्म का रंग मटमैला था। अब इनका रंग गहरा नीला कर दिया गया है। पहले चेंबर अटेंडेंट और मार्शलों के यूनिफार्म का रंग एक ही था। 
19Nov-2019

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