संसद में आज पेश होगा आम बजट
आम लोगों पर मेहरबान हो सकती है सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शुरू हुए बजट सत्र के तहत कल बुधवार को आम बजट पेश किया जाना है, जिस पर पूरे देश की उम्मीदभरी नजरें लगी हुई हैं। मोदी सरकार के इस बार बदलते केंद्रीय बजट के स्वरूप में आम आदमी को राहत मिलने की संभावनाएं हैं, जिसके सरकार की ओर से लगातार संकेत भी मिल रहे हैं।
देश के इतिहास में संसद में पेश होने वाला आम बजट एक बदले स्वरूप का दस्तावेज होगा, जिसमें बजट पेश करने का समय में हो रहे बदलाव के साथ ही 93 साल बाद आम बजट में ही रेल बजट का समायोजन किया गया है। ऐसे बदलावों के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली कल एक फरवरी को लोकसभा में जैसे-जैसे अपना बजट भाषण पढ़ेंगे, वैसे ही देश और आम लोगों की नजरें बजट से जुड़े सभी विषयों के बिंदुओं पर होगी। देश में नोटबंदी के बाद इस बजट से वैसे भी आम जनता को राहत की उम्मीदें हैं,जिसके लिए सरकार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। मलसन इस बार का आम बजट न सिर्फ कई मायनों में नया होगा, बल्कि आम लागों के अलावा इस बजट से तमाम क्षेत्रों को फाकी उम्मीदें भी हैं। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में सुधार के साथ देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में सुधार, गांवों और किसानों की हालत में सुधार पर फोकस कर रही है। देश के युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं नौकरी से जुड़ी हर घोषणा में कुछ खास उम्मीद है। अब सवाल है कि आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली देश व जनता की लगी उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं, इसके पत्ते तो बुधवार का बजट पेश किये जाने के दौरान ही खुल पाएंगे।
रेलवे को बड़ी उम्मीद
आम बजट में ही रेलवे का बजटीय प्रावधान और योजनाओं का ऐलान होगा। लिहाजा रेलवे को सरकार से रेलवे के बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने और रेल यात्रियों को अत्याधुनिक राहत की योजनाओं को गति देने के लिए भारी भरकम बजट की उम्मीद लगी हुई है। हालांकि सरकार देश में बढ़ते रेल हादसों की चुनौती से निपटने की दिशा में इस बजट में रेल सुरक्षा व संरक्षा पर ज्यादा फोकस रख सकती है। फिर भी रेलवे को इस बजट में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 1.3 से 1.4 लाख करोड़ का बजटीय आवंटित होने की उम्मीद है।
कृषि क्षेत्र में सौगात
केंद्र सरकार के आम बजट 2017-18 में नोटबंदी के बाद कृषि क्षेत्र में दो-चार होने के मजबूर हुए किसानों की भी वित्तमंत्री अरुण जेटली की पोटली पर नजरें लगी हुई हैं। उममीद है कि सरकार किसानों की समस्याओं को देखते हुए कृषि क्षेत्र और उनसे जुड़े किसानों के हित में ज्यादा से ज्यादा योजनाओं की सौगात दे सकती है। दूसरी तरफ एक रिपोर्ट पर भरोसा करें तो बीते वर्ष की तुलना में साल 2016 के दौरान बुआई अच्छी रही है। जबकि सरकार पहले ही किसानों के मौजूदा लोन पर (खरीफ और रबी की फसल के लिए) 60 दिन का ब्याज माफ कर चुकी है।
आम लोगों पर मेहरबान हो सकती है सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शुरू हुए बजट सत्र के तहत कल बुधवार को आम बजट पेश किया जाना है, जिस पर पूरे देश की उम्मीदभरी नजरें लगी हुई हैं। मोदी सरकार के इस बार बदलते केंद्रीय बजट के स्वरूप में आम आदमी को राहत मिलने की संभावनाएं हैं, जिसके सरकार की ओर से लगातार संकेत भी मिल रहे हैं।
देश के इतिहास में संसद में पेश होने वाला आम बजट एक बदले स्वरूप का दस्तावेज होगा, जिसमें बजट पेश करने का समय में हो रहे बदलाव के साथ ही 93 साल बाद आम बजट में ही रेल बजट का समायोजन किया गया है। ऐसे बदलावों के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली कल एक फरवरी को लोकसभा में जैसे-जैसे अपना बजट भाषण पढ़ेंगे, वैसे ही देश और आम लोगों की नजरें बजट से जुड़े सभी विषयों के बिंदुओं पर होगी। देश में नोटबंदी के बाद इस बजट से वैसे भी आम जनता को राहत की उम्मीदें हैं,जिसके लिए सरकार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। मलसन इस बार का आम बजट न सिर्फ कई मायनों में नया होगा, बल्कि आम लागों के अलावा इस बजट से तमाम क्षेत्रों को फाकी उम्मीदें भी हैं। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में सुधार के साथ देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में सुधार, गांवों और किसानों की हालत में सुधार पर फोकस कर रही है। देश के युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं नौकरी से जुड़ी हर घोषणा में कुछ खास उम्मीद है। अब सवाल है कि आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली देश व जनता की लगी उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं, इसके पत्ते तो बुधवार का बजट पेश किये जाने के दौरान ही खुल पाएंगे।
रेलवे को बड़ी उम्मीद
आम बजट में ही रेलवे का बजटीय प्रावधान और योजनाओं का ऐलान होगा। लिहाजा रेलवे को सरकार से रेलवे के बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने और रेल यात्रियों को अत्याधुनिक राहत की योजनाओं को गति देने के लिए भारी भरकम बजट की उम्मीद लगी हुई है। हालांकि सरकार देश में बढ़ते रेल हादसों की चुनौती से निपटने की दिशा में इस बजट में रेल सुरक्षा व संरक्षा पर ज्यादा फोकस रख सकती है। फिर भी रेलवे को इस बजट में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 1.3 से 1.4 लाख करोड़ का बजटीय आवंटित होने की उम्मीद है।
कृषि क्षेत्र में सौगात
केंद्र सरकार के आम बजट 2017-18 में नोटबंदी के बाद कृषि क्षेत्र में दो-चार होने के मजबूर हुए किसानों की भी वित्तमंत्री अरुण जेटली की पोटली पर नजरें लगी हुई हैं। उममीद है कि सरकार किसानों की समस्याओं को देखते हुए कृषि क्षेत्र और उनसे जुड़े किसानों के हित में ज्यादा से ज्यादा योजनाओं की सौगात दे सकती है। दूसरी तरफ एक रिपोर्ट पर भरोसा करें तो बीते वर्ष की तुलना में साल 2016 के दौरान बुआई अच्छी रही है। जबकि सरकार पहले ही किसानों के मौजूदा लोन पर (खरीफ और रबी की फसल के लिए) 60 दिन का ब्याज माफ कर चुकी है।