बुधवार, 11 जनवरी 2017

चुनावी राज्यों में सियासी दलों पर शिकंजा!


सरकारी विज्ञापनों में नहीं होगा पीएम व सीएम के फोटो
राजनीतिक हार्डिंग्स हटाने के जारी किये निर्देश
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हो रहे चुनावों में आदर्श अचार संहिता का लागू होने के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सियासी दलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इन पांच राज्यों में सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के फोटों छापने या चैनलों पर दिखाने पर रोक लगा दी है, वहीं इन राज्यों में लगे हुए सभी राजनीतिक हार्डिंगों को हटाने के निर्देश दिये हैं।
चुनावो में सुधार की दिशा में नई व्यवस्था को अंजाम देने में लगे केंद्रीय चुनाव आयोग ने अगले महीने से पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर व गोवा में चुनाव की घोषणा करते ही आचार संहिता लागू कर दी थी, जिसका उल्लंघन करने पर इस बार आयोग ने सख्त नियम लागू किये हैं। इसी के तहत मंगलवार को जारी किये गये दिशानिर्देशों में आयोग ने चुनावी आदर्शन आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए कहा है कि इन पांचों राज्यों में इलेक्ट्रानिक चैनलों तथा अखबारों के अलावा अन्य किसी भी रूप में जारी सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के फोटों दिखाने या प्रकाशित करने पर पूरी तरह रोक रहेगी। आयोग ने जनता के धन से सरकारी योजनाओं वाले विज्ञापनों में नेताओं के फोटो का प्रदर्शन आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है, इसलिए ऐसे विज्ञापनों के इन राज्यों में लगे हुए सभी हार्डिंग्स को ढांपने या उन्हें हटाने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि चुनाव वाले इन पांच राज्यों की चुनाव मशीनरी को निर्देश जारी किये गये हैं कि ऐसे राजनीतिक नेताओं के सभी होडिंर्गों और विज्ञापनों को ढक दिया जाए अथवा उन्हें हटाने की कार्यवाही तत्काल शुरू की जाए। ऐसे आदेश चुनाव आयोग ने गत 12 दिसंबर को भी जारी किये थे, लेकिन इन राज्यों में राजनीतिक दलों व उनके पदाधिकारियों की उपलब्धियों को दर्शाने वाले हार्डिंग लगे हुए है, जिन पर सख्त ऐतराज करते हुए आयोग ने तत्काल प्रभाव से हटाने को कहा है।
धनबल पर पूरी तरह रोक
चुनाव आयोग के जारी ताजा निर्देश के अनुसार कोई भी राजनीतिक दल या पदाधिकारी अपनी सराहना तथा अपनी या किसी राजनीतिक दल के नेता की छवि चमकाने के लिए सार्वजनिक कोष से धन नहीं ले सकता या सार्वजनिक धन व्यय नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि गत चार जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, गोवा एवं मणिपुर में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी, जहां अगले महीने चार फरवरी का से आठ मार्च तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार चुनाव में आयोग ने धनबल पर पूरी तरह से शिकंजा कसा हुआ है, जिसके लिए आयोग ने कई विभागों और वित्तीय एजेंसियों की टीमों को भी इन राज्यों में निगराने के लिए तैनात कर दिया है।
साक्षी महाराज को कारण बताओ नोटिस
चुनाव आयोग के प्रवक्ता के अनुसार भाजपा के सांसद साक्षी महाराज को जनसंख्या संबंधी उनकी कथित टिप्पणी के लिए आयोग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें भाजपा सांसद ने कथित तौर पर कहा कि ‘चार पत्नियों और 40 बच्चों’ की बात करने वाले जनसंख्या की समस्या के लिए जिम्मेदार हैं। आयोग का कहना है कि साक्षी की यह टिप्पणी प्रथम दृष्ट्या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्हें बुधवार सुबह तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है अन्यथा नके खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। आयोग ने साक्षी महाराज की टिप्पणियों को आदर्शन आचार संहिता के उल्लंघन का कारण माना है, वहीं उच्चतम न्यायालय के उस आदेश की अव्हेलना भी बताया है जिसके तहत कोई भी राजनीतिक दल और उम्मीदवार धर्म या जाति के आधार पर वोट नहीं मांग सकता है।
11Jan-2017

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