बुधवार, 11 जनवरी 2017

महंगा हुआ ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना!

परिवहन विभाग ने फीस में किया छह गुना इजाफा
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए चालकों की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को आसान किया है। वहीं ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को महंगा करते हुए इनकी फीस में छह गुणा इजाफा कर दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों की माने तो सरकार के इस फैसले के पीछे देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाना है, ताकि सक्षम चालक ही वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस बनवाने के लिए आगे आये। दरअसल वाहनों को रखने वाले परिवारों में उनके परिवार के सदस्य बालिग होते ही शौंक के तौर पर भी लाइसेंस बनवाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं और बिना किसी प्रशिक्षण के वाहनों को चलाकर दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि नए कानून में नाबालिग के वाहन चलाते समय दुर्घटना होने के अपराध में अब उनके अभिभावकों को भी हिस्सेदार बनाने का प्रावधान किया है। ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण की फीस में बढ़ोतरी करने के पीछे भी सरकार की यही मंशा है।
वाहन चलाने पर होगी जेब ढ़ीली
सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग ने नये साल से एक दिन पहले 31 दिसंबर से ही इस फीस वृद्धि को लागू कर दिया है। मसलन अब हर किसी के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और वाहनों का पंजीकरण कराना आसान नहीं होगा, बल्कि जेब हल्की करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। परिवहन विभाग ने नए साल से ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सहित ड्राइविंग स्कूल खोलने की फीस में कई गुना इजाफा कर दिया है। मसलन अभी तक जिस स्थाई डाइविंग लाइसेंस के लिए करीब 300 रुपए खर्च होते थे, अब उसके लिए 700 रुपए तक खर्च करना होगा। इसी प्रकार लाइसेंस नवीनीकरण के लिए यह फीस बढ़ाकर 250 रुपये से 400 रुपये कर दी गई है। यही नहीं ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परीक्षा में असफल होने पर भी 50 रुपये के बजाए 300 रुपये खर्च करना जरूरी होगा। इसके तहत मोटर साइकिल के पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रेशन 300 के बजाए 500 और कार के पंजीकरण के 500 के बजाए 800 रुपये चुकता करना होगा।
ड्राइविंग स्कूल भी महंगा
देश में ड्राइविंग सीखने के लिए निजी ड्राइविंग स्कूलों का बेसुमार संख्या में संचालन हो रहा है, जहां निरीक्षण के बाद सामने आए एक सर्वे में ऐसी स्थिति उजागर हुई कि बिना प्रशिक्षण दिये उन्हें ऐसे स्कूल प्रमाणपत्र देते रहे है, जिनके आधार पर परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है। सरकार ने ऐसे ड्राइविंग स्कूलों पर भी आर्थिक शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मसलन ऐसे ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए जहां एक हजार रुपये की फीस जमा करनी होती थी, अब उसे बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है, जबकि ऐसे स्कूल का पंजीकरण कराने के लिए अलग से खर्च होने वाले 1500 रुपये के बजाए अब पांच हजार रुपये का भुगतान फीस के तौर पर जमा करानी होगी।
नए कानून में कसेगा शिकंजा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव की माने तो ई-प्रणाली की सुविधा के लिए इसी सप्ताह सरकार ई-चालान एप शुरू कर सकता है, जिसमें ई-चालान मशीन वाली सभी जानकारियां सुरक्षित रहेंगी। सभी राज्य इसे अपने-अपने क्षेत्र में लागू कर सकते हैं। इस एप के जरिए यह सूचना मिलना आसान होगा कि किस चालक ने पहले कहां पर नियम तोड़ा था। ऐसी सुविधाओं को कारगर बनाने के लिए ही नए मोटर-वाहन अधिनियम में जुमार्ना राशि बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
11Jan-2017

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