मंगलवार, 31 जनवरी 2017

जेटली की पोटली पर होगी उम्मीदों की नजरें!

 संसद में आज पेश होगा आम बजट
आम लोगों पर मेहरबान हो सकती है सरकार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद के शुरू हुए बजट सत्र के तहत कल बुधवार को आम बजट पेश किया जाना है, जिस पर पूरे देश की उम्मीदभरी नजरें लगी हुई हैं। मोदी सरकार के इस बार बदलते केंद्रीय बजट के स्वरूप में आम आदमी को राहत मिलने की संभावनाएं हैं, जिसके सरकार की ओर से लगातार संकेत भी मिल रहे हैं।
देश के इतिहास में संसद में पेश होने वाला आम बजट एक बदले स्वरूप का दस्तावेज होगा, जिसमें बजट पेश करने का समय में हो रहे बदलाव के साथ ही 93 साल बाद आम बजट में ही रेल बजट का समायोजन किया गया है। ऐसे बदलावों के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली कल एक फरवरी को लोकसभा में जैसे-जैसे अपना बजट भाषण पढ़ेंगे, वैसे ही देश और आम लोगों की नजरें बजट से जुड़े सभी विषयों के बिंदुओं पर होगी। देश में नोटबंदी के बाद इस बजट से वैसे भी आम जनता को राहत की उम्मीदें हैं,जिसके लिए सरकार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। मलसन इस बार का आम बजट न सिर्फ कई मायनों में नया होगा, बल्कि आम लागों के अलावा इस बजट से तमाम क्षेत्रों को फाकी उम्मीदें भी हैं। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में सुधार के साथ देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में सुधार, गांवों और किसानों की हालत में सुधार पर फोकस कर रही है। देश के युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं नौकरी से जुड़ी हर घोषणा में कुछ खास उम्मीद है। अब सवाल है कि आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली देश व जनता की लगी उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं, इसके पत्ते तो बुधवार का बजट पेश किये जाने के दौरान ही खुल पाएंगे।
रेलवे को बड़ी उम्मीद
आम बजट में ही रेलवे का बजटीय प्रावधान और योजनाओं का ऐलान होगा। लिहाजा रेलवे को सरकार से रेलवे के बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने और रेल यात्रियों को अत्याधुनिक राहत की योजनाओं को गति देने के लिए भारी भरकम बजट की उम्मीद लगी हुई है। हालांकि सरकार देश में बढ़ते रेल हादसों की चुनौती से निपटने की दिशा में इस बजट में रेल सुरक्षा व संरक्षा पर ज्यादा फोकस रख सकती है। फिर भी रेलवे को इस बजट में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 1.3 से 1.4 लाख करोड़ का बजटीय आवंटित होने की उम्मीद है।
कृषि क्षेत्र में सौगात
केंद्र सरकार के आम बजट 2017-18 में नोटबंदी के बाद कृषि क्षेत्र में दो-चार होने के मजबूर हुए किसानों की भी वित्तमंत्री अरुण जेटली की पोटली पर नजरें लगी हुई हैं। उममीद है कि सरकार किसानों की समस्याओं को देखते हुए कृषि क्षेत्र और उनसे जुड़े किसानों के हित में ज्यादा से ज्यादा योजनाओं की सौगात दे सकती है। दूसरी तरफ एक रिपोर्ट पर भरोसा करें तो बीते वर्ष की तुलना में साल 2016 के दौरान बुआई अच्छी रही है। जबकि सरकार पहले ही किसानों के मौजूदा लोन पर (खरीफ और रबी की फसल के लिए) 60 दिन का ब्याज माफ कर चुकी है।

स्टार्टअप्स को बढ़ावा
केंद्रीय बजट में स्टार्ट-अप क्षेत्र को भी बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार देश के स्टार्टअप्स को और मजबूती देने के लिए इंसेंटिव की घोषणा कर सकती हैं, जिसमें तीन साल की कर मुक्त अवधि को पांच साल करने की उम्मीद है। वहीं इसकी मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी ऐलान हो सकता है। वहीं देश में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने की दिशा में सरकार का इस बजट में चमड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए टैक्स इंसेटिव जैसी कई सौगात देने पर फोकस हो सकता है। इसका कारण है कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की पहल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी।
डिजिटल लेन-देन
सरकार की डिजिटल पेमेंट पर बनाई गई समिति के सुझाव पर भारत में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने पर आगे बढ़ रही डिजिटल पेमेंट पर सरकारी विभाग की ओर से लिए जा रहे तमाम तरह के कर और अन्य उपयोगिताओं को हटाने का ऐलान भी कर सकती है,जिसकी लागत को सरकार खुद वहन करने का ऐलान कर सकती है। इसलिए सरकार की ओर से इन मशीनों पर दी जा रही उत्पाद शुल्क सीमा को बढ़ाया जा सकता है, ताकि डिजिटल पेमेंट और बढ़ावा दिया जा सके।
बुनियादी ढ़ांचे पर फोकस
केंद्र सरकार का देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार सृजन के मद्देनजर बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने पर है। इस लिहाज से सरकार ने अगले तीन सालों के भीतर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 25 ट्रिलियन रुपए निवेश करने की योजना का ऐलान कर सकती है। इस दिशा में सरकार ने वित्त अधिनियम 2016 के तहत उद्यमों और कंपनियों को दायरे में लेने की योजना बनाई है।
आयकर छूट का ऐलान
केंद्र सरकार ने बजट-2017 में मौजूदा 2.50 लाख रुपये की आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने के संकेत दिये है,जिसके कारण हर व्यक्ति को राहत मिल सकती है। पिछले दो साल से आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, लेकिन नोटबंदी के बाद सरकार इस बार आयकर स्लैब में परिवर्तन करके इसे सालाना चार लाख रुपये की आय को छूट के दायरे में ला सकती है।
आम आदमी को राहत
जैसा की अरुण जेटली द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण में भी अनुमान लगाया गया है कि रियल एस्टेट में लोगों को घर का सपना पूरा करने का मौका मिलेगा। सरकार पहले ही होम लोन के ब्याज दरे घटाने का संकेत दे चुकी है। मसलन होम लोन सस्ते होने की उम्मीदभरी नजर से भी लोग आने वाले केंद्रीय बजट को देख रहे हैं। नौकरीपेषा महिलाओं, छात्रों, गृहणियों,वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में राहत की उम्मीद है।
01Feb-

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