मंगलवार, 24 जनवरी 2017

ऐसे मिलेगी कुलियों को सामाजिक सुरक्षा

यात्रियों के रेल टिकट उपकर लगाने की तैयारी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दो साल पहले पेश किये रेल बजट में कुलियों को सम्मान देने के लिए उन्हें ’सहायक’ के रूप में परिभाषित करने की पहल की थी, लेकिन इस बार रेल बजट के सभी प्रावधानों का ऐलान आम बजट में होना है तो इस बार सरकार कुलियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए यात्रियों पर बोझ ड़ालने की तैयारी कर रही है, भले वह मामूली ही क्यों न हो।
सूत्रों के अनुसार एक फरवरी को पेश किये जाने वाले केंद्रीय बजट में रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले देशभर में करीब 20 हजार कुलियो(सहायकों) की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करके उन्हें ईपीएफओ के दायरे में लाने की योजना बना रही है, जिसका ऐलान बजट में किया जा सकता है। मसलन कुलियों की सामाजिक सुरक्षा तय करने के लिए सरकार रेल यात्रियों के टिकट पर उपकर लगा सकती है। सरकार इस मुहिम में कुलियों सामाजिक सुरक्षा योजना को कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफओ) के जरिए देने का फैसला सुना सकती है। संसद में पेश होने वाले बजट के लिए ऐसा एक प्रस्ताव केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ऐसा प्रस्ताव ईपीएफओ की केन्द्रीय न्यासी समिति के चेयरमैन और सदस्यों के सुझाव के बाद किया है।
सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे
केंद्र सरकार की यह योजना ‘सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे’ जैसी कहावत को चरितार्थ करती नजर आ रही है। मसलन सरकार के इस प्रस्ताव में कुलियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए प्रत्येक रेलवे टिकट पर मात्र 10 पैसे का उपकर लगाने का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव की पुष्टि कर रहे श्रम मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि इससे कुलियों को सामाजिक दायरे में लाया जा सकेगा और यात्रियों पर भी कोई आर्थिक बोझ पड़ता भी नजर नहीं आएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना का से एकत्र धन को कुलियों की सामाजिक सुरक्षा में खर्च किया जाएगा। दरअसल केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव ठीक उसी उसी निर्णय का हिस्सा है जिसमें सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे देश मेें करीब 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की योजना को अंजाम दिया है। प्रस्ताव के जरिए इन कामगारों को ई.पी.एफ.ओ. और ईएसआईसी के दायरे में लाया जा सकेगा।
उपकर से बनेगा सुरक्षाचक्र
सूत्रों की माने तो यदि सरकार की कुलियों के लिए बनाई गई यह योजना सिरे चढ़ी तो प्रत्येक रेलवे टिकट पर 10 पैसे का उपकर लगाने से हर साल करीब करीब साढ़े चार करोड़ रुपए एकत्र होने का अनुमान है। सरकार यह मानकार चल रही है कि चार से साढ़े चार करोड़ रुपये के जरिए कुलियों को भविष्य निधि, पेंशन और समूह बीमा जैसी मूलभूत सुविधायें मुहैया कराना आसान होगा। एक अनुमान के तहत भारतीय रेल रोजाना 10 से 12 लाख रेल टिकटों की बिक्री करती है, इसमें 58 प्रतिशत आरक्षित टिकटें भी शामिल हैं। इस लिहाज से रेलवे दैनिक 1.2 लाख रुपए तक जुटा सकता है।
24Jan-2017

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