केंद्र को राज्य ने सौंपी 2020-21 की वार्षिक कार्य योजना
राज्य के 20 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केद्र सरकार के देश में प्रत्येक
ग्रामीण घरों में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता का पेय जल मुहैया
कराने की दिशा में शुरु किए गए ‘जल जीवन
मिशन’ के तहत छत्तीसगढ़ को वर्ष
2020-21 में इसके कार्यान्वयन के लिए 445 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। वर्ष 2024 तक हर घर को नल का पानी मुहैया कराने के मकसद से केंद्र सरकार की देशभर में जल
जीवन मिशन की इस योजना के कार्यान्वयन हेतु 3.60 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार
छत्तीसगढ़ राज्य ने 2020-21 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना
जल शक्ति मंत्रालय के विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की है। देश के प्रत्येक ग्रामीण
घर में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता का पेय जल पर्याप्त मात्रा
में उपलब्ध कराने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के तहत शुरू किए गए ‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य 2024 तक पूरा करने का है। जीवन में परिवर्तन लाने वाले इस मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य
ने 2023-24 तक 100 प्रतिशत
फंक्शनल टैप वॉटर कनेक्शन (एफएचटीसी) की योजना बनाई है। राज्य के 45 लाख घरों में से 20 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की
योजना है। घरों के सम्पूर्ण कवरेज की योजना बनाते समय पानी के अभाव वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के प्रभुत्व
वाली बस्तियों,गांवों,महत्वाकांक्षी जिलों, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है। केंद्र सरकार ने
वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ राज्य में जल जीवन
मिशन के कार्यान्वयन के लिए 445 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।
जल गुणवत्ता की निगरानी पर जोर
मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य
जल गुणवत्ता निगरानी और निरीक्षण पर जोर दे रहा है। छत्तीसगढ़ कई वर्षों से तेजी से
घटते भूजल और पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड, आयरन आदि के रासायनिक संदूषण की समस्या से जूझ रहा है।
इसलिए स्थिति का संज्ञान लेते हुए राज्य को इन बस्तियों में पीने योग्य पानी की व्यवस्था
सुनिश्चित करने की सलाह दी गई। जल जीवन मिशन के तहत, समुदाय को शामिल करने के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी
के माध्यम से जल की गुणवत्ता पर नजर रखने पर जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों
में उपलब्ध कराए जा रहे पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए स्कूल और कॉलेज के
छात्रों को फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
समितियों का गठन
राज्य में ग्राम स्तर पर नियोजन
के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में जीपी या उनकी उप-समिति यानी ग्राम जल और स्वच्छता
समितियों का गठन किया गया है। गांवों के लिए ग्राम कार्य योजनाएं चलाई गई हैं, जिसके आधार पर कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है।
राज्य जल स्रोतों को मजबूत बनाने, जलभृत पुनर्भरण, अपशिष्ट जल प्रबंधन इत्यादि से संबंधित कार्य करने के
लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, 15वें वित्त आयोग के अनुदान से लेकर ग्रामीण स्थानीय निकायों, एसबीएम आदि जैसे विभिन्न स्रोतों से धन जुटाना सुनिश्चित
कर रहा है।
प्राथमिकता के आधार पर कनेक्शन
मंत्रालय के अनुसार मौजूदा कोरोना
महामारी के दौरान सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण घरों में प्राथमिकता के आधार पर नल
कनेक्शन प्रदान किए जाएं, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक
स्टैंड-पोस्टों से पानी लाने और लंबी कतार में खड़े होने की तकलीफे न उठानी पड़ें। सरकार की मंशा है कि समाज के गरीब और हाशिए पर मौजूद
लोगों को उनके घर के अंदर नल कनेक्शन के जरिए पानी मिले और वे स्टैंड-पोस्ट पर जाने
से बचें और सामाजिक दूरी सुनिश्चित हो सके, जिससे ग्रामीण समुदायों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
प्रवासियों को मदद जरुरी
इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है और
मॉनसून निकट है तथा देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में अपने पैतृक गांवों में लौटे प्रवासी कामगारों
के लिए आजीविका उपलब्ध कराना और भी जरूरी हो गया है। ये प्रवासी कामगार मूल रूप से
कुशल और अर्ध-कुशल हैं, उन्हें प्रत्येक गांव में
जलापूर्ति, विशेष रूप से प्लंबिंग, फिटिंग, जल संरक्षण
कार्य आदि से संबंधित रोजगार उपलब्ध करवाकर गांवों में उनकी सेवाओं का प्रभावी ढंग
से उपयोग किया जा सकता है, ताकि गांवों में पर्याप्त
मात्रा में भूजल उपलब्धता सुनिश्चित हो सके, जिससे जल सुरक्षा, कृषि के लिए पानी की उपलब्धता
और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक ग्रामीण घर को पीने के पानी की आपूर्ति
करने में मदद मिलेगी।
31May-2020