मध्य प्रदेश समेत पांच राज्य
निजी खाद्यान्न लदान में अग्रणी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान
अपनी माल और पार्सल सेवाओं के माध्यम से देश भर में खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं
की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अपने प्रयास में जारी है।
देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद भारतीय रेलवे ने
यात्री रेल सेवाएं रद्द करते हुए मालगाड़ियों के परिचालन को जारी रखा हुआ है,
जिसका मकसद लॉकडाउन की अवधि में देशभर में अपने घरो के दायरे में रह रहे लोगों के
लिए आवश्यक सामान की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। मसलन गत 25 मार्च से ही लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे ने सभी भारतीय घरों की रसोई सामान्य
रूप से चालू
रखने हेतु अपने इस प्रयास को जारी रखा हुआ है। इस दिशा में देशभर में खाद्यान्न,
चीनी खाद्य तेल, नमक, गेंहू व चावल के अलावा कृषि उत्पादों की आपूर्ति को निर्बाध
बनाने में निजी खाद्यान्नों यानि पीएफसी का भी योगदान शामिल है। लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 28 अप्रैल तक भारतीय रेलवे ने पीएफसी
खाद्यान्न की आपूर्ति में 7.75 लाख टन मामल की 303 रेक का लदान किया है, जो पिछले
साल की इस अवधि में किये गये लगभग 6.62 लाख टन (243 रेक) के
लदान की तुलना में एक रिकार्ड है। पीएफजी यानि निजी खाद्यान्न के मामले में मध्य
प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु माल
लदान में अग्रणी राज्य के रुप में उभरे हैं।
माल लदान का काम जारी
भारतीय रेल देशव्यापी लॉकडाउन के
दौरान खाद्यान्न जैसे कृषि उत्पादों का समय पर उठाव और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए
सभी प्रयास कर रही है। लॉकडाउन अवधि के दौरान भारतीय रेल द्वारा इन आवश्यक वस्तुओं
का लदान, परिवहन और उतारे जाने का काम पूरे
जोर शोर से किया जा रहा है। भारतीय रेल ने फलों, सब्जियों, दूध और डेयरी उत्पादों जैसी
जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं तथा कृषि के लिए बीज भेजने के लिए पार्सल स्पेशल रेलगाड़ियों
के लिए अलग मार्ग चिन्हित किए हैं। उन मार्गों पर भी ऐसी रेल गाड़िया चलाई जा रही हैं
जहाँ माँग कम है, ताकि देश का कोई भी हिस्सा
इनसे बिना जुड़े नहीं रह सके। सभी संभावित स्थानों पर ऐसी रेलगाड़ियों का ठहराव सुनिश्चित
किया गया है ताकि पार्सल की अधिकतम संभव निकासी हो सके।
30Apr-2020
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