शनिवार, 16 मई 2020

संसद के दोनों सदनों की बैठकों ने पूरा किया 67 साल का सफर


दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों व केंद्रीय मंत्रियों ने किया दौरा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
संसद के दोनों सदनों की बैठकों के सफर को 67 साल पूरे हो गये हैं और 68वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस मौके पर दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों ने केंद्रीय कक्ष के साथ दोनों सदनों के चैंबर का दौरा किया।
लोकसभा सचिवालय के अनुसार देश की स्वतंत्रता बहाल होने के बाद पहली बार 13 मई 1952 को संसद के दोनों सदनों यानि लोकसभा और राज्य सभा की पहली बार बैठक हुई थी, जिसका बुधवार को 68वां  साल शुरू हो गया है। भारत की संसद की प्रथम बैठकों के 68वें वर्ष के अवसर पर उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा केन्द्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य, भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा विदेश और संसदीय कार्य के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लोकसभा और राज्यसभा के चैम्बर्स और ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल का दौरा किया। इस मौके पर नायडू और बिरला ने दोनों सदनों की प्रथम बैठकों के विभिन्न स्मृतियों और अनुभवों के बारे में चर्चा की। इससे पहले लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन भारत के लोकतन्त्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत में प्राचीन काल से ही मजबूत लोकतान्त्रिक परम्पराएँ रही हैं और हमारी लोकतान्त्रिक संस्थाओं ने राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान किया है। उन्होने यह भी कहा कि हमारी संसद संविधान के उच्च आदर्शों, सहभागितापूर्ण लोकतन्त्र, सामाजिक न्याय और देशवासियों को उनके उचित आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकार दिलाने के लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि पिछले सात दशकों में हमने अनेक बाधाओं का सामना किया है और अपने संविधान तथा लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली का सफलतापूर्वक संरक्षण करते हुए इसे और मजबूत बनाया है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि पहले भी हमारे देश को जब भी किसी चुनौती का सामना करना पड़ा है, तो हमारे इस महान देश के लोग ने मिलकर इसका सामना किया है और आज देश के सामने कोविड-19 महामारी की चुनौती है जिसका देशवासी संयुक्त रुप से जिस प्रकार से मुकाबला कर रहे हैं उसमें भारत इस महामारी को परास्त करने में सफल होगा।
14May-2020

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