एमएसएमई मंत्रालय ने शुरू किया प्रौद्योगिकी सूचना प्रणाली
पोर्टल
केंद्रीय सूक्ष्म,लघु एंव मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)
के
अनुसार मंत्रालय में सचिव ए.के. शर्मा ने मंगलवार को चैंपियन्स पोर्टल की शुरूआत की, जो एक प्रौद्योगिकी आधारित प्रबंधन
सूचना प्रणाली है। पोर्टल की शुरूआत करते हुए सचिव एके शर्मा ने कहा कि इसका मकसद एमएसएमई क्षेत्र को राष्ट्रीय
और वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाने,गुणवत्ता
हासिल करने और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने में मदद करना है। सरकार द्वारा आधुनिक तकनीक के सांमजस्यपूर्ण
अनुप्रयोंगों के साथ छोट उद्योगों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाने के
मूल लक्ष्य के अनुरुप इस पोर्टल को चैंपियन्स का नाम दिया गया है। इस पोर्टल के माध्यम
से एमएसएमई क्षेत्र से जुडी समस्त जानकारियां एक स्थान पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसके लिए मंत्रालय
उन्होंने 9 मई को अपने
अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच चैंपियंस प्रणाली का परीक्षण शुरू किया, जिससे देश के लगभग 120 स्थानों को वीडियो कॉन्फ्रेंस
के माध्यम से जोड़ा गया था। शर्मा ने कहा कि यह एमएसएमई इकाइयों और उन पर निर्भर लोगों के लिए है।
कोरोना
संकट के कारण कठिनाईयों से घिरे इन छोटे उद्योगों को दोबारा कारोबार शुरु करने तथा पूरी
तरह से इनका कायाकल्प करने के लिए सरकार सुधारात्मक कदम उठा रही है। इसी दिशा में
मौजूदा कोरोना संकट की कठिन परिस्थितियों में देश के छोटे उद्योगों की मदद करने के लिए यह आईसीटी आधारित प्रणाली स्थापित की
गई है,
जो उन्हें
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारेाबारी क्षमता बढाने में मदद करेगी। गौरतलब है कि एमएसएमई मंत्रालय के नए सचिव
एके शर्मा ने 30 अप्रैल
को पदभार ग्रहण करते समय ही ऐसे संकेत दिये थे कि मौजूदा कोरोना
संकट की कठिन परिस्थितियों
में देश के छोटे उद्योगों की मदद करने के लिए एक आईसीटी आधारित प्रणाली स्थापित की
जाएगी, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर कारेाबारी क्षमता बढाने में मदद करेगी।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश के सूक्ष्म,लघु एंव मध्यम उद्यमियों की मदद के लिए
प्रौद्योगिकी आधारित एक प्रबंधन सूचना प्रणाली के रूप में चैंपियन पोर्टल की
शुरूआत की है, जो एमएसएमई क्षेत्र को राष्ट्री और वैश्विक स्तपर सक्षम बनाने और
गुणवत्ता हासिल करने के साथ प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने में भी मददगार साबित
होगा।
केंद्रीय सूक्ष्म,लघु एंव मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)
के
अनुसार मंत्रालय में सचिव ए.के. शर्मा ने मंगलवार को चैंपियन्स पोर्टल की शुरूआत की, जो एक प्रौद्योगिकी आधारित प्रबंधन
सूचना प्रणाली है। पोर्टल की शुरूआत करते हुए सचिव एके शर्मा ने कहा कि इसका मकसद एमएसएमई क्षेत्र को राष्ट्रीय
और वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाने,गुणवत्ता
हासिल करने और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने में मदद करना है। सरकार द्वारा आधुनिक तकनीक के सांमजस्यपूर्ण
अनुप्रयोंगों के साथ छोट उद्योगों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सक्षम बनाने के
मूल लक्ष्य के अनुरुप इस पोर्टल को चैंपियन्स का नाम दिया गया है। इस पोर्टल के माध्यम
से एमएसएमई क्षेत्र से जुडी समस्त जानकारियां एक स्थान पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसके लिए मंत्रालय
उन्होंने 9 मई को अपने
अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच चैंपियंस प्रणाली का परीक्षण शुरू किया, जिससे देश के लगभग 120 स्थानों को वीडियो कॉन्फ्रेंस
के माध्यम से जोड़ा गया था। शर्मा ने कहा कि यह एमएसएमई इकाइयों और उन पर निर्भर लोगों के लिए है।
कोरोना
संकट के कारण कठिनाईयों से घिरे इन छोटे उद्योगों को दोबारा कारोबार शुरु करने तथा पूरी
तरह से इनका कायाकल्प करने के लिए सरकार सुधारात्मक कदम उठा रही है। इसी दिशा में
मौजूदा कोरोना संकट की कठिन परिस्थितियों में देश के छोटे उद्योगों की मदद करने के लिए यह आईसीटी आधारित प्रणाली स्थापित की
गई है,
जो उन्हें
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारेाबारी क्षमता बढाने में मदद करेगी। गौरतलब है कि एमएसएमई मंत्रालय के नए सचिव
एके शर्मा ने 30 अप्रैल
को पदभार ग्रहण करते समय ही ऐसे संकेत दिये थे कि मौजूदा कोरोना
संकट की कठिन परिस्थितियों
में देश के छोटे उद्योगों की मदद करने के लिए एक आईसीटी आधारित प्रणाली स्थापित की
जाएगी, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर कारेाबारी क्षमता बढाने में मदद करेगी।
क्या है चैंपियन्स पोर्टल
एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार
चैंपियन्स पोर्टल एक प्रौद्योगिकी पैक नियंत्रण कक्ष-सह-प्रबंधन सूचना प्रणाली है, जिसे टेलीफोन, इंटरनेट और वीडियो कॉन्फ्रेंस जैसे
आईसीटी टूल्स के अलावा आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग
द्वारा सक्षम बनाया गया है। इसे भारत सरकार की मुख्य केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण
और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) और एमएसएमई मंत्रालय की अन्य वेब प्रणालियों के
साथ सीधे जोड़ा गया है।
इस पूरी प्रणाली को बिना किसी लागत के एनआईसी की मदद से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया
गया है। इसकी भौतिक अवसंरचना रिकॉर्ड समय में मंत्रालय में ही तैयार की गई है।
मंत्रालय होगा हब केंद्र
सूचना प्रणाली में कंट्रोल रूम का
एक नेटवर्क हब एंड स्पोक मॉडल में बनाया गया है। हब नई दिल्ली में एमएसएमई सचिव के
कार्यालय में स्थित है और राज्यों में मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों को इससे जोडा
गया है। इस नियंत्रण प्रणाली के हिस्से के रूप में अब तक 66 राज्यों में स्थानीय स्तर के नियंत्रण
कक्ष बनाए जा चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार इस पोर्टल के लिए एक विस्तृत परिचालन प्रक्रिया जारी की गई है,जिसके लिए अधिकारियों की विशेष तौर पर
नियुक्ति की गई है और उन्हें प्रशिक्षण देने का काम किया गया है।
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अब सिर्फ एक घंटे से पहले
आ सकती है कोरोना जांच रिपोर्ट
एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंदों ने बनाई रियल टाइम जांच
मशीन
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में अब कोरोना की जांच की
जो रिपोर्ट 24 घंटे में आती रही है, अब ऐसी चिकित्सा जांच का परिणाम एक घंटे से कम
समय में आ सकेगा। इसके लिए रियल टाइम गुणात्मक माइक्रो पीसीआर प्रणाली के तहत एमएसएमई के प्रौद्योगिकी
केंद्रों ने एक ऐसी मशीन विकसित की है, जिसमें एक घंटे से कम समय ही कोरोना जांच
की रिपोर्ट आ सकती है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम
उद्यम मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि एमएसएमई के भुवनेश्वर, जमशेदपुर एवं कोलकाता स्थित प्रौद्योगिकी केंद्र रियल टाइम गुणात्मक माइक्रो
पीसीआर प्रणाली के महत्वपूर्ण हिस्सों का विनिर्माण कर रहे हैं। जिन्होंने एक ऐसी मशीन का निर्माण किया है जो एक घंटे से भी कम समय में
कोविड-19 जांच परिणाम दे सकती है, जबकि सामान्य जांच परिणाम न्यूनतम
24 घंटे में सामने आता है। इस मशीन का डिजाइन एक निजी एमएसएमई उपक्रम
द्वारा तैयार किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि ये ये मशीनें सुसम्बद्ध हैं और कहीं भी, किसी भी वक्त, रियल टाइम में जांच के लिए ले जाई जा सकती हैं। इसके लिए कोरोना संकट के दौरान
इन प्रौद्योगिकी
केंद्रों की टीमें 600 टेस्टिंग मशीनों के लिए कंपोनेंट
की आपूर्ति करने के मकसद से 2 से 3 शिफ्ट में काम करते हुए जुटी हुई हैं। एएमटीजेड को पहले ही टेस्टिंग
मशीन कंपोनेंट की आपूर्ति की जा चुकी है। पांच माइक्रोन की सटीकता वाले स्टेनलेस स्टील के कंपोनेंट का विश्व की सर्वश्रेष्ठ मशीनों
पर विनिर्माण किया जा रहा है, जो कोरोना
जांच उपकरण किफायती लागत पर जांच किए जाने में सहायक होगा।
मंत्रालय के अनुसार ये प्रौद्योगिकी केंद्र मेडिकल
इक्विपमेंट, पीपीई, मास्क, सैनिटाइजर
आदि के विनिर्माण में सहायता पर काम करने के द्वारा वर्तमान कोविड संकट में सक्रिय
रहे हैं। इन एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंदों
का
उद्देश्य फ्रेशर्स
एवं इस क्षेत्र से पहले से ही जुड़े कार्मिकों दोनों के लिए ही नवीनतम प्रौद्योगिकीयों
के साथ टूल एवं डाई निर्माण कोर्स के क्षेत्र में युवाओं को दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक
प्रशिक्षण प्रदान करना है। वहीं एमएसएमई इकाइयों की उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से टूल इंजीनियरिंग के
क्षेत्र में मुख्य रूप से एमएसएमई इकाइयों को परामर्शी सेवाएं भी कर रहे हैं।
13May-2020

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