सोमवार, 25 मई 2020

राज्यों को अधिकार देने का मतलब लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट देना नहीं!

गृह मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किये स्पष्ट दिशानिर्देश
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देशभर में लॉकडाउन-4 के लिए जारी दिशानिर्देशों को लेकर राज्यों को दिये गये अधिकारों को लेकर बने भ्रम के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को सोमवार को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश देश में 31 मई तक बढ़ाए लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों में और रियायत नहीं दे सकेगा।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 17 मई को लॉकडाउन प्रतिबंधों के बारे में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाते हुए कुछ प्रतिबंधों में व्यापक छूट दी गई। सोमवार से प्रभावी हुए इन दिशानिर्देशों के अब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मद्देनजर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का परिसीमन या निर्धारण करेंगे, जिसमें रेड या ऑरेंज जोन के भीतर कंटेनमेंट (सील) और बफर (नियंत्रित) जोन की पहचान करने का काम स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा ही स्थानीय स्तर की तकनीकी जानकारियों एवं सूचनाओं और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर किया जाएगा। 
सोमवार को दोहराए गये दिशानिर्देशों में कहा गया कि कंटेनमेंट जोन के भीतर पहले की तरह अब भी सख्त परिधि या दायरे को बनाए रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों या कार्यों की ही अनुमति होगी। जबकि सीमित संख्‍या में गतिविधियां या कार्य अब भी पूरे देश में प्रतिबंधित रहेंगे। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत विशेष रूप से निषिद्ध क्षेत्र के भीतर लोगों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी, जहां आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। दरअसल लॉकडाउन-4 को जारी दिशानिर्देशों में राज्यों को दिये गये इन अधिकारों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हुई तो गृह मंत्रालय को सोमवार को फिर से स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने पड़े।
राज्यों को सख्त हिदायत
गृह मंत्रालय के ताजा दिशानिर्देशों के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुन: यह हिदायत दी गई है कि वह संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन प्रतिबंधों में व्यापक छूट दिए जाने के बावजूद गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में लगाए गए प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकते हैं। यही नहीं राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वर्तमान स्थिति के जमीनी स्तर के विश्लेषण के आधार पर आवश्यक समझने पर कुछ अन्य गतिविधियों या कार्यों को निषिद्ध कर सकते हैं या पाबंदियां लगा सकते हैं। 
इसके अलावा राज्यों से कहा गया है कि राज्योंकेंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय स्तर पर विभिन्‍न जोन का परिसीमन या निर्धारण करते समय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा द्वारा जारी किए गए संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत मानदंड या सीमा को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। इतना ही नहीं जनता की सहूलियत के लिए केंद्र और संबंधित राज्य के दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार स्थानीय स्तर पर करने का आग्रह किया गया है। गृह सचिव भल्ला ने पत्र में दोहराया कि राज्य कंटेनमेंट जोन के अंदर सख्त मापदंडों का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे, जहां चिकित्सा आपात स्थिति, आवश्यक वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के अलावा व्यक्तियों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। 
19May-2020



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