रेलवे प्रवासियों से नहीं वसूल
रहा किराया, बल्कि मुहैया करा रही हैं सुविधाएं
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देशभर में जगह-जगह फंसे प्रवासी
श्रमिकों के रेल किराए को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गये सवाल और भाजपा सांसद
सब्रह्मण्यम स्वामी के ट्वीट के बाद शुरू
हुई हंगामे की सियासत के मद्देनजर भारतीय रेलवे को सफाई देनी पड़ी। रेलवे ने
स्पष्ट किया कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों या अन्य लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान
तक ले जाने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेनों में उनसे कोई किराया नहीं ले रहा है,
बल्कि यात्रियों को ट्रेन में खाना-पीना, पानी की बोतले जैसी सुविधाएं भी फ्री
मुहैया कराई जा रही है।
भारतीय रेलवे में कार्यकारी
निदेशक आर.डी. वाजपेयी ने सोमवार को इस संबन्ध में हरिभूमि संवाददाता को बताया कि
गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के बाद रेलवे ने विशेष श्रमिक ट्रेनों को शुरू करने
का ऐलान किया, ताकि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों व अन्य परेशान लोग
अपने-अपने घर जा सके। वाजपेयी ने स्प्ष्ट रूप से कहा कि रेलवे जिस राज्य से ट्रेन
को चलाया जा रहा है उसे ट्रेन के टिकट सौंप रही है, जिनका कोई शुल्क नहीं है,
बल्कि उसी टिकट के आधार पर श्रमिक यात्रियों को ट्रेन में खाना-पीना और पानी की
बोतले तथा अन्य सुविधाएं भी मुफ्त प्रदान की जा रही है। उन्होंने श्रमिकों व इन
ट्रेनों में जा रहे यात्रियों से रेलवे द्वारा किराया वसूलने की खबरे पूरी तरह से
निराधार है। रेल अधिकारी वाजपेयी ने इस संबन्ध में बताया कि भारतीय रेलवे और
राज्यों के बीच आंतरिक रूप से तय हुआ है कि श्रमिकों की यात्रा के लिए एक ट्रेन पर
जो खर्च आएगा, राज्य उसकी लागत का 15 फीसदी खर्च वहन करेंगी, जिसकी रेलवे ने
आधिकारिक कोई घोषणा नहीं की है। उन्होंने बताया कि कोरोना जैसे संकट को देख्तो हुए
संबन्धित ट्रेन को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाता है और और उसमें यात्रियों के
बचाव के लिए उनकी जांच, साबुन, मास्क के अलावा रेलवे स्टाफ पर जो खर्च आना है उसकी
कुल लागत का 85 फीसदी खर्च खुद रेलवे वहन करेगा। जबकि श्रमिकों की यात्रा और टिकट
समेत उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधएं पूरी तरह से मुफ्त दी जा रही है।
रेलवे ने चलाई विशेष श्रमिक
ट्रेनें
दरअसल देश में कोरोना संकट के
कारण लागू लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों और अन्य
लोगों को उनके घर भेजने की अनुमति के बाद राज्यों की मांग पर भारतीय रेलवे ने उनके
आवागमन के लिए एक मई को विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था। पिछले चार
दिन में अब तक दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों के जरिए हजारों प्रवासियों को संबन्धित
राज्यों के नियत स्थानों तक भेजा जा चुका है। भारतीय रेलवे इसके लिए गृह मंत्रालय
के दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है, जिसमें एक ट्रेन में करीब 1200 लोगों को
यात्रा कराई जा रही है। गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार यात्रा करने से
पहले श्रमिकों व अन्य लोगों की जाचं की जा रही है और उन्हें सामाजिक दूरी तथा अन्य
बचाव के लिए जागरुक भी किया जा रहा है, ताकि लॉकडाउन के नियमों को अनुपालन किया जा
सके।
विपक्ष ने की मौका भुनाने की
कोशिश
सोमवार को अचानक प्रवासी
श्रमिकों के रेल किराए को लेकर सियासत गर्म होने लगी और कांग्रेस द्वारा सवाल खड़े
किये गये, तो वहीं सत्तापक्ष के राज्यसभा सांसद
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाकर श्रमिकों से
किराया वसूलने को अनैतिक करार देते हुए एक ट्वीट किया। जब यह सियासत चरम पर जाती
दिखी तो भारतीय रेलवे को सोमवार को सफाई देनी पड़ी कि वह प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट
नहीं बेच रहा और न ही उनसे किराए की वसूली कर रहा है। सत्तापक्ष ने कांग्रेस के इन आरोपों
पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल प्रवासियों की मदद करने के बजाए अपनी सियासत को पुनर्जीवित करने के लिए एक
कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि सोमवार की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था
कि इस संकट की घड़ी में भी सरकार श्रमिकों से रेल टिकट की कीमत वसूल रही है। इसके बाद भाजप नेता
सुब्रह्मण्यम स्वामी का भी इसी प्रकार के सुर में एक ट्वीट सामने आया। हालांकि
इसके बाद भाजपा नेताओं ने विपक्ष के इस हमलो पर पलटवार भी किये, जिसमें अन्य दलों
ने भी कांग्रेस के इन बयानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किये।
05May-2020
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