गुरुवार, 7 मई 2020

देश की अर्थव्यवस्था पर फोकस करने लगी केंद्र सरकार


लॉकडाउन में ठप पड़ी गतिविधियों से निराश देश के कारोबारी!
सरकार के योद्धा के रूप में मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं नितिन गडकरी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।  
कोरोना संकट के कारण पूरा देश लॉकडाउन होने के कारण तमाम आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई है, जिसके लिए केंद्र सरकार हालांकि धीरे-धीरे छूट भी दे रही है, लेकिन छोटे और बड़े सभी उद्यम ठप होने के कारण तमाम कारोबारियों में बढ़ती निराशा को कम करने की दिशा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एमएसएमई मंत्री के रूप में लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग और ओडियो से बातचीत करके उनके मनोबल को यह कहकर बढ़ाने में जुटे हैं कि मैं हूं ना.. सब समस्याएं हल हो जाएगी।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के जरिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ​गठित टास्क फोर्स कमेटी की भूमिका को खत्म करने का फैसला करके एक समूची समूची प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय के तहत योजना तैयार की है, ताकि देश में रोजगार सृजन की गति तेज की जा सके और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों जैसी आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जा सके। इसमें मंत्रालय ने संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार पीएमईजीपी योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद भावी उद्यमियों के प्रस्तावों व आवेदनों को सीधे मंजूरी देने का फैसला किया है। इसके आधार पर ऐसी योजनाओं के लिए ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रस्तावों को मंत्रालय बैंकों को भेजेगा, जिसमें किसी भी प्रस्तावों को डीएलटीएफसी द्वारा छानबीन के बिना मंजूरी दी जाएगी। यही नहीं गडकरी मंत्रालय में मोदी सरकार की अर्थव्यस्था को दुरस्त करने की नीति के तहत लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप होने से निराश उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मसलन हर दिन इस संकट घड़ी में वह उद्यमियों से बात करके उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार गडकरी कारोबारियों को अहसास करा रहे हैं कि वे चिंता न करें क्योंकि मैं हूं ना..! मंत्रालय की माने तो लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अब तक अपने एमएसएमई और सड़क परिवहन मंत्रालयों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा हितधाराकों और उद्यमियों तक वेबिनार, ऑडियो-वीडियो कांफ्रेंसिंग और सोशल मीडिया के सहारे अपना यह संदेश संदेश पहुंचा चुके हैं। मसलन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अब तक एसोचैम, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स, फिक्की, एसएमई, क्रेडाई मुंबई, एसएमई, सीईओ क्लब ऑफ इंडिया, एआईपीए, भारतीय शिक्षण मंडल, यंगी प्रेसीडेंट्स ऑर्गनाइजेशन, महाराष्ट्र आर्थिक विकास परिषद जैसे प्रमुख संगठनों से जुड़े लोगों के अलावा छोटे व बड़े कारोबारियों से सुझाव ले चुके हैं। इन सुझावों में समस्याओं को डायरी में नोट करके समाधान तलाशने का प्रयास करते आ रहे हैं।
संवाद से ही निकलेगा समाधान
मंत्रालय के एक अधिकारी की ताने तो लॉकडाउन के गडकरी कारोबारियों और उद्यमियों से ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों और कामकाज को फिर से पटरी पर लाने के लिए सुझाव भी एकत्र कर रहे हैं ताकि सरकार ऐसी योजना को अंजाम दे सके कि आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जा सके। यही नहीं गडकरी ने सात समंदर पार यानि ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया समेत 43 देशों के प्रवासी भारतीय प्रतिभाशाली छात्रों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 'इंडिया रिस्पॉन्स टू ग्लोबल पैन्डेमिकरू रोडमैप फॉर इंडिया' विषय के तहत संवाद करके देश की बेहतरी के लिए सुझाव मांगे, जिनका मानना है कि सीधे संवाद और बातचीत से ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न निकल सके। केंद्रीय मंत्री गडकरी के ऐसे संकट के समय इस प्रकार के संवाद का असर उनके मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी नजर आ रहा है।
उद्योग संगठनों व कंपनियां को दिये मंत्र
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लॉकडाउन के दौरान अपने विजन को एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लोगों को लगातार साझा करने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं, जिन्होंने इसी दौरान एसोचैम के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेश बाहर निकालकर कहीं दूसरी जगह स्थानांतिरत करने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज की पेशकश की है, तो भारत के लिए इसे भुनाने का इससे बड़ा अवसर नहीं हो सकता। वहीं उन्होंने कहा कि कंपनियों को भारत में संयुक्त उपक्रमों को स्थापित करने के लिए वैश्विक फर्मों को आकर्षित कर उनके साथ नई भागीदारी करने की की जरुरत समय की मांग है। इससे न केवल भारतीय मांग को, बल्कि वैश्विक बाजार की मांग को भी पूरा करने के प्रयासों को बल मिलेगा। इसी प्रकार गडकरी ने हाल में कई निवेशकों के साथ ऑनलाइन कांफ्रेंसिंग करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मेट्रो शहरों के बजाय दूसरे क्षेत्रों में औद्योगिक क्लस्टरों का विस्तार किए जाने की जरूरत पर फोकस करें।
सड़क निर्माण अर्थव्यवस्था की रीढ
गडकरी ने उद्योग जगत से जुड़े लोगों को ऐसे प्रस्ताव बनाकर सरकार तक पहुंचाने के भी सुझाव दिये हैं, जिसमें देश में 22 एक्सप्रेस-वे के निर्माण की तैयारियों में औद्यौगिक समूहों को खासकर पार्कों और लॉजिस्टिक्स पार्कों आदि में निवेश का बेहतर मौका मिल सकेगा और देश में ऐसे राजमार्गों से जुड़ीं हुई दो हजार से भी ज्यादा सुविधाओं का सृजन होगा, जिसमें रोजगार सृजन भी होगा। उनका मानना है कि सड़क निर्माण देश की अर्थव्यव्स्था की रीढ माना जाता है। 
03May-2020

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