अब तक 222 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई:
गृह मंत्रालय
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन में
जगह-जगह पहुंचे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए अब
तक 222 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई
जा चुकी है, जिनमें
देश के विभिन्न स्थानों से 2.5 लाख से
ज्यादा प्रवासी लोगों ने सफर करके अपने गृह राज्य में प्रवेश किया है।
यह जानकारी शुक्रवार को गृह मंत्रालय
ने जारी करते हुए बताया कि कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन के बीच लगभग 2.5 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके
गृह राज्य भेजा गया, जिनके लिए
भारतीय रेलवे द्वारा 222 श्रमिक
विशेष ट्रेनों का संवालन करना पड़ा है। गृह मंत्रालय के अनुसार लोगों की आवाजाही
के लिए रेलवे ने द्वारा चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर करके अब तक 2.5 लाख से ज्यादा लोगों ने इस
सुविधा का इस्तेमाल किया। उधर गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलीला
श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों के तहत
ही लोगों को कुछ छूट देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि 222 विशेष ट्रेनों के ये फेरे
इस दिशा में उठाये गये कदम हैं। श्रीवास्तव ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन
की पटरियों पर शुक्रवार तड़के मालगाड़ी से कटकर 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत होने के संबंध में कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
रेलवे ने दिये औरंगाबाद हादसे
की जांच के आदेश
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले
में शुक्रवार तडके हुए रेल हादसे को गंभीरता से लेते हुए भारतीय रेलवे ने जांच के
आदेश दिये हैं। यह हादसा शुक्रवार सुबह हुआ है, जिसमें 16 श्रमिकों की मौत हो गई।
रेल मंत्रालय के अनुसार की
लॉकडाउन के बावजूद देशभर में रेल पटरियों पर गश्त की जाती है, जिसमें लॉकडाउन के
दौरान खासतौर से लोगों को रेल पटरियों से दूर रखने के दिशानिर्देश दिये गये थे। इस घटना में खासकर पटरियों की गश्त करने वालों
की भूमिका की जांच की जाएगी, क्योंकि उन्हें लॉकडाउन के
दौरान लोगों को पटरियों से दूर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। रेल मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण मध्य सर्किल के रेलवे
संरक्षा आयुक्त राम कृपाल इन श्रमिकों
की मौत के मामले की स्वतंत्र जांच करेंगे। दक्षिण मध्य रेलवे के नांदेड़ रेलवे डिविजन
के परभनी-मनमाड संभाग में श्रमिक मालगाड़ी से कट कर मर गए हैं। हालांकि रेलवे ऐसी
दुर्घटनाओं को रेल दुर्घटना की श्रेणी में नहीं रखती है
और ट्रेन से कट कर मरने की घटनाओं को अनाधिकार प्रवेश का मामला मानती है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले के
अलावा इस प्रकार के हादसों में रेलवे मृतकों के परिजनों को कोई अनुग्रह राशि नहीं
देती, लेकिन पिछले दिनों कुछ ऐसी घटनाएं भी हुई है, जिसमें मानवीय आधार पर ऐसी
घटनाओं में मरने वालों को रेलवे की ओर से आर्थिक मदद दी गई है। हालांकि इस ताजा
घटना के मामले में रेलवे ने अभी तक इस प्रकार के किसी मुआवजे का ऐलान नहीं किया
है।
09May-2020
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