गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिये
दिशानिर्देशों के साथ लिखा पत्र
गृह मंत्रालय ने राज्यों के लिख पत्र
में इस बात का भी जिक्र किया है कि संबन्धित रलेवे स्टेशनों पर पहुंच रहे श्रमिक
घर जाने का कोई साधन न मिलने की स्थिति में रेलवे पटरी या सड़क के रास्ते पैदल ही
घर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को परामर्श दिया
है कि सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को चाहिए कि श्रमिकों के
सामने ऐसी स्थिति न आ सके। इसलिए जब तक उन्हें उनके मूल स्थानों तक जाने के लिए विशेष 'श्रमिक' रेलगाड़ियों या बसों की सुविधा न
मिले, तब तक उन्हें निकट के आश्रयों
में ले जाकर भोजन और जल जैसी मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
अपने गृह राज्य पहुंच रहे
प्रवासी प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए केंद्र
सरकार ने राज्यों को दिशानिर्देश दिये हैं कि सभी राज्य ऐसे प्रवासी श्रमिकों को
रेलवे स्टेशनों के निकटतम आश्रय गृहों में रखकर उनके ठहरने, भोजन, पानी जैसी
मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना सुनिश्चित करें।
गृह मंत्रालय के अनुसार गृह
सचिव अजय भल्ला द्वारा सभी राज्यों व केंद्रशासित
प्रदेशों को पत्र लिखकर उन दिशानिर्देशों का स्मरण कराया जो श्रमिक विशेष ट्रेनों से अपने
राज्यों में पहुंच रहे प्रवासियों के सामने आ रही कठिनाईयों के समाधान के संबन्ध
में गत 11 मई को जारी किये गये थे। उन दिशानिर्देशों के तहत राज्यों से कहा गया है
कि वे देश में विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों या अन्य लोगों को उनके मूल स्थानों पर पहुँचाने
की
व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। इसके लिए राज्य सरकार बसों या अन्य परिवहन की
व्यवस्था करे। गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि राज्यों में श्रमिक
विशेष ट्रेनों से पहुंच रहे प्रवासियों के लिए जब तक टेन अथवा बस की व्यवस्था न हो
तो उन्हें निकटतम आश्रय गृहों में ठहरने की व्यवस्था के साथ उन्हें भोजन और पानी
जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराना सुनिश्चित करें।

नजरअंदाज हो रहे हैं
दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में इस
बात का जिक्र किया है कि देश के विभिन्न भागों से प्रवासी श्रमिकों द्वारा सड़कों, रेलव पटरियों और ट्रकों में यात्रा
करने की खबरें अभी भी मिल रही हैं, इसके कारण श्रमिकों के साथ हादसे भी सामने आ रहे
हैं। जबकि इसके लिए राज्यों को पहले ही दिशानिर्देश जारी किये गये थे, जिन्हें
शायद नजरअंदाज किया जा रहा है और श्रमिकों को ऐसे हालातों से गुजरना पड़ रहा है।
मंत्रालय ने ऐसी स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों व केंद्रशासित
प्रदेशों को परामर्श दोहराते हुए हिदायद दी है कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हालत
में है ताकि यह ये प्रवासी श्रमिक अपनी घर वापसी के
लिए पैदल या
ट्रक जैसे निजी वाहनों में यात्रा न कर सकें।
17May-2020
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