
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने देश में
जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों व अन्य लोगों को उनके घरो तक जाने की राह
आसान बनाने के लिए एक मई को विशेष श्रमिक ट्रेने चलाना शुरू किया था, जिसमें अभी
तक 62 ट्रेनों के जरिए करीब 70 हजार प्रवासी अपने गंतव्य तक पहुंचाए जा चुके हैं।
वहीं मंगलवार को भी 13 विशेष ट्रेनों को करीब 14 हजार प्रवासियों को अलग-अलग जगह
से सवार करके रवाना किया जाएगा।

अब तक 62 विशेष श्रमिक ट्रेनों
में करीब 70 हजार प्रवासियों को भारतीय रेलवे उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है। गृह
मंत्रालय के अनुसार मंगवार को भी 13 विशेष
श्रमिक ट्रेने चलाई जा रही है, जिनमें करीब 14 हजार प्रवासियों के सफर करने की
संभावना है। एक ट्रेन में एक हजार से 1200 यात्रियों को सवार होने के दिशा निर्देश
दिये गये हैं, ताकि कोरोना महामारी से बचाव के उपायों को अपनाया जा सके।
पूर्वी राज्यों के ज्यादा
प्रवासी
उधर रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एक मई से शुरू की गई विशेष श्रमिक ट्रेनों से अब तक अपने
घरों तक पहुंचे प्रवासियों को रेलवे कोरोना महामारी के बचाव और सुरक्षा के उपायों का पालन
करने के लिए सभी प्रक्रिया अपना रहा है।
अब तक करीब पांच दर्जन से ज्यादा ट्रेनों
के जरिए महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और केरल जैसे कई राज्यों से प्रवासी श्रमिक अपने अपने घर लौट चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों
के
शहरों के शामिल हैं। हालांकि रेलवे का ऐसे श्रमिकों द्वारा अब तक इन विशेष ट्रेनों
में सफर करने का आंकड़ा गृह मंत्रालय के विपरीत है, जिसमें रेलवे का दावा है कि अब
तक 55 हजार से ज्यादा प्रवासी इन ट्रेनों में सवार होकर अपने अपने घरों या गंतव्य
की ओर जा चुके हैं।
रेलवे के अनुसार ट्रेन के एक कोच की क्षमता 72 सीटों की है, लेकिन उसमें सुरक्षा
मानकों के तहत घटाकर 54 किया गया है, जिसमें एक सीट के अंतर से यात्री को सीट दी
जा रही है ताकि सामाजिक दूरी कायम रह सके। मसलन 22 से 24 कोच वाली ट्रेनों में एक
हजार से 1200 तक के यात्रियों को ही सफर कराया जा रहा है।
06May-2020
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