मंगलवार, 5 मई 2020

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देगी सरकार!


मानूसन का मुकाबला करने को तैयार जल शक्ति अभियान
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश में कोरोना संकट से निपटने और ग्रामीया अर्थव्यस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए आगामी मानसून के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम बल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और जल संकट से जूझ रहे देश के जिलों में जल शक्ति अभियान को तेजी के साथ चलाने का फैसला किया गया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार जल शक्ति अभियानअपने विभिन्न अंगों के माध्यम से मौजूदा कोरोना यानि स्वास्थ्य संकट से उबरने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस साल कोविड-19 संकट और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी श्रम बल की उपलब्धता को देखते हुए आगामी मॉनसून के मद्देनजर अभियान के तहत तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन, नदी विकास, गंगा संरक्षण विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इस साल शुरू होने वाले मॉनसून के मद्देनजर सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को संयुक्त परामर्श जारी किया है। वहीं जल संरक्षण व पुनःसंग्रहण के लिए की जाने वाली तैयारियों के बारे में सचेत किया गया है ताकि मौजूदा हालातों को देखते हुए ऐसी व्यवस्था देश के लिए बेहद अहम होगी। देश में मौजूदा कोरोना संकट को देखते हुए मंत्रालय ने एक मजबूत रणनीति बनाई है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मानसून के दौरान वर्षा जल के संरक्षण हेतु सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल किया जा सके, जिसके लिए संबन्धित गतिविधियों की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
जनांदोलन बना अभियान
जल शक्ति मंत्रालय ने बीते साल जल शक्ति अभियान शुरू करते हुए देश के ऐसे 256 जिलों को इसके दायरे में शामिल किया था, जो जल संकट से जूझ रहे हैं। इसके लिए सभी हितधारकों को जल संरक्षण अभियान के दायरे में लाने के लिए इस अभियान को जनांदोलन का रुप देकर जागरूकता को बढ़ावा दिया गया, जिसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आए। केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों, सामाजिक संगठनों, पंचायती राज संस्थानों और समुदायों सहित साढ़े छह करोड़ लोग अब तक इस अभियान से जुड़ चुके हैं, लेकिन मौजूदा स्वास्थ्य संकट को देखते हुए इन गर्मियों में इस अभियान में केंद्र सरकार के अधिकारियों को नहीं लगाया जाएगा। अभियान के तहत देशभर में 75 लाख पारंपरिक और अन्य जल स्रोत तथा तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। वहीं करीब एक करोड़ जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन ढांचे तैयार किए गये हैं।
इन कार्यो पर होगा फोकस
मंत्रालय के अनुसार इस अभियान के तहत देशभर में पारंपरिक जल स्रोतों का जीर्णाद्धार, जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाए जाने, झीलों और तालाबों से गाद निकालने, प्रवेश, निर्गम मार्गों के निर्माण, मजबूत बनाना, जल ग्रहण क्षेत्र की मरम्मत जैसे कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जा सकते हैं। इसी प्रकार छोटी नदियों के जीर्णोद्धार के लिए सामुदायिक नदी बेसिन प्रबंधन प्रक्रियाओं की भी शुरुआत की जा सकती है। ऐसी गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों का स्थायित्व सुनिश्चित होगा और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लागू किए जा रहे जल जीवन मिशन को मजबूती मिलेगी। वहीं जल जीवन मिशन के लिए स्थानीय समुदायों द्वारा तैयार ग्राम कार्य योजना (वीएपी) इसके अलावा ग्रामीण गतिविधियों के लिए ठोस तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
लॉकडाउन के दौरान मिली स्वीकृति
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिंचाई और जल संरक्षण कार्यों को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा कार्यों, पेयजल तथा स्वच्छता कार्यों को कराए जाने के लिए छूट के साथ स्वीकृति प्रदान कर दी है। केन्द्र और राज्य क्षेत्र की योजनाओं में मनरेगा कार्यों में सामंजस्य के साथ सिंचाई और जल संरक्षण क्षेत्रों को शामिल करने की इजाजत भी मिली है। गृह मंत्रालय की मंजूरी में इन गतिविधियों के लिए कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के नियमों यानि सामाजिक दूरी के नियमों, फेस कवर या मास्क के उपयोग और अन्य आवश्यक सावधानियों के साथ उपायों का पालन करना आवश्यक है।  
30Apr-2020

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