मंगलवार, 31 मार्च 2020

पांच हजार ट्रेन कोचों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करने की योजना


कोरोना वायरस: रेलवे ने तेज की चिकित्सा सहायता मुहैया कराने की तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कोविड-19 को रोकने के लिए भारतीय रेल जहां आवश्यक सामानों को गंतव्य तक पहुंचाने और रेलवे स्टेशनों पर लोगों को भोजन कराने, रेलवे अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड स्थापित करने के अलावा रेलगाड़ियों के कोचों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करने में जुटा है, जिसके लिए पांच हजार ट्रेनों के कोचों को अस्पताल बनाने की योजना तैयार की है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने संक्रमित लोगों के इलाज के लिए यात्री ट्रेनों के कोचों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करना शुरू कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने सोमवार को इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद फैसला किया है कि देशभर में चलते फिरते अस्ताल के रूप में ट्रेनों के पांच हजार कोचों को चरणबद्ध तरीके से आईसोलशन वार्ड के रूप में बदला जाएगा। भारतीय रेलवे केंद्र सरकार द्वारा आवश्यकता पड़ने पर कोरोना रोगियों को आईसोलेशन वार्ड में रखने के मद्देनजर ट्रेनों के पांच हजार यात्री कोचों चिकित्सा सहायता मुहैया कराने की योजना बना रहा है। रेलवे इन कोचों में चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों के दिशानिर्देशों के अनुसार चिकित्सीय और आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से लैस करते हुए बदलाव कर रहा है। रेलवे ने ऐसे कोचों को बदलने की प्रक्रिया में उन्हें मच्छरदानी से लैस करते हुए उनमें मोबाइल और लैपटॉप के लिए चार्जिंग पॉइंट, पैरामेडिक्स जैसी सुविधाओं को जोन वार तैयारी की जा रही है।
रेलवे अस्पतालों में 6500 बेड की व्यवस्था
रेल मंत्रालय के अनुसार देश में रेलवे के 125 अस्पतालों में से 70 से अधिक अस्पतालों को किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रखने की योजना बनाई जा रही है, जहां कोरोना से संक्रमित रोगियों के लिए पहले ही आईसोलेशन वार्ड बनाए गये हैं, लेकिन रेलवे के इन अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संभावित जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 6500 अस्पताल के बिस्तर तैयार किए जा रहे हैं। इस दिशा में भारतीय रेलवे कोविड-19 से मुकाबला करने हेतु जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा रेलवे अस्पताल तैयार हैं, जहां आकस्मिकताओं को पूरा करने के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था के साथ अतरिक्त चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मचारियां की भर्ती पर फोकस किया जा रहा है, वहीं रेलवे के चिकित्सा सहायता की दिशा में सेवानिवृत्त चिकित्सकों की मदद लेने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है।
31Mar-2020

कोरोना: गैस की आपूर्ति में जुटे कर्मचारियों की मृत्यु पर पांच लाख देने का ऐलान

तेल कंपनियों के इस निर्णय को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया स्वागत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के संकट के बावजूद रसोई गैस की निर्बाध जारी आपूर्ति कर रही सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने इस कार्य में लगे अपने कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण ऐलान किया है। तीनों तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनियों ने इस ऐलान में कहा है कि यदि कोरोना वायरस के संक्रमण से शो-रूम स्टाफ, गोदाम कीपर्स, मैकेनिक्स और गैस सिलेंडरों को घर-घर तक पहुंचा रहे किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके आश्रितों को पांच लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
तेल कंपिनयों के इस फैसे का स्वागत करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा लिया गया यह फैसला मानवीय निर्णय निर्णय के साथ सद्भावना का संकेत है, जो इन प्रयासों में हमारे कर्मियों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की पहचान है। उन्होंने कहा कि सरकार का भी ऐसे कार्यकर्ताओं का कल्याण सर्वोपरि है, यह करुणामयी कदम हमारे कार्यबल के सुरक्षा जाल को मजबूत करेगा जिससे भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का समर्थन होगा। गौरतलब है कि तेल कंपनियों ने देशभर में लॉकडाउन के बावजूद गैस उपभोक्ताओं की रसोई को बहाल रखने के लिए अपनी डयूटी कर रहे गैस कर्मियों द्वारा लगातार रसोई गैस सिलेंडरों की आपूर्ति को निर्बाध रूप से जारी रखा हुआ है। ऐसे में तेल कंपनियों ने सोमवार को ऐलान किया है कि यदि गैस आपूर्ति में जुटे स्टाफ में किसी कर्मचारी की कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत होती है तो निधन के ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण मामले में प्रत्येक के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और यह निर्णय रसोई गैस डिलीवरी बॉय के लिए भी लागू होगा।
15 दिन के अंतर पर होगी गैस बुकिंग
कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान रसोई गैस की मांग तेजी के साथ बढ़ी है। इस मांग को सीमित करने की दिशा में तेल कंपनियों ने फैसला किया है कि किसी भी रसोई गैस उपभोक्ता की गैस सिलेंडर की बुकिंग 15 दिन से पहले नहीं की जाएगी। तेल कंपनियों ने यह भी भरोसा दिया है कि देश में रसोई गैस समेत किसी भी पेट्रोलियम उत्पादों की कोई कमी नहीं है और पूरे देश में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जा रही है। इसलिए उपभोक्ताओं से भी अपील की गई है कि वे कम से कम 15 दिन के अंतर से पहले ग्राहक रिफिल बुकिंग न कराएं।
31Mar-2020

देश के 20 रेलमार्गो पर चलेगी विशेष पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनें

आठ रेल मार्गो पर शुरू इन ट्रेने से शुरू हुई सामानों की ढुलाई
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस संकट के कारण संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल आकारों में आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए 20 रेलमार्गो पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने की योजना तैयार की है। फिलहाल आठ रेलमार्गो पर पार्सल ट्रेनें शुरू कर दी गई हैं।
रेल मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के कारण आम जनता के लिए देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय रेल ने आठ रेल मार्गो पर विशेष पार्सल ट्रेनें शुरू करने के बाद ऐसे ही 20 रेलमार्गो पर ऐसी ही व्यवस्था कराने की योजना तैयार की है। रेलवे ने उम्मीद जताई है कि ये पार्सल ट्रेने -कॉमर्स कंपनियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। देशभर में बड़े पैमाने पर त्वरित परिवहन के रूप में इन विशेष पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनें के जरिए देशभर में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, मास्क, खाद्य पदार्थों के अलावा डेयरी उत्पाद, सब्जी-फल, किराने का सामान, खाद्य तेल और अन्य आवश्यक सामानों को पहुंचाया जा रहा है। इस दिशा में भारतीय रेलवे ने रेलवे पार्सल वैन को जरूरतमंद ई-वाणिज्य संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों के लिए त्वरित माल परिवहन के लिए उपलब्ध कराया है ताकि इस तरह के माल का परिवहन किया जा सके।
ई-कॉमर्स कंपिनयां आई आगे
रेल मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध ढुलाई और निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय रेलवे देश के नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक वस्तुओं और अन्य वस्तुओं के राष्ट्रव्यापी परिवहन के लिए ऐसी पार्सल ट्रेनों की बिना लाइसेंस वाली सेवाओं की पेशकश की है, जिसमें ई-कामर्स कंपनियां तेजी के साथ आगे आ रही हैं। देश में कोरोना संकट में लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल साइज में मेडिकल सप्लाई, मेडिकल इक्विपमेंट, फूड आदि महत्वपूर्ण जरूरी सामान लोगों की जरुरतों को पूरी करेगा। इसके लिए औद्योगिक घराने, कंपनियां, कोई भी इच्छुक समूह, संगठन के अलावा अन्य कारोबारियों को इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए पंजीकरण के लिए रेलवे पार्सल कार्यालयों और डिवीजनों से संपर्क करने की अपील की गई है। इन सेवाओं को मौजूदा नियमों के अनुसार और पार्सल या माल भाड़े के भुगतान पर चलाया जाएगा।
इन बीस रेलगामार्गो पर चलेंगी विशेष पार्सल ट्रेनें
रेल मंत्रालय के अनुसार इन पार्सल ट्रेनों को चलाने के लिए भारतीय रेलवे के विभिन्न रेलवे जोन अपनी-अपनी योजनाओं के तहत आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए विभिन्न तरीकों से संभावित ग्राहकों के बीच प्रसार व प्रचार भी कर रहे हैं। जिन 20 रेलमार्गो पर विशेष पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने की योजना तैयार की गई है, उनमें उत्तर रेलवे नई दिल्ली-गुवाहाटी, नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल, नई दिल्ली-कल्याण, नई दिल्ली- हावड़ा, चंडीगढ़-जयपुर और मोगा-छंगसारी छह रेल मार्ग पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाएगा। जबकि दक्षिणी रेलवे ने चार रेल मार्गो कोयंबटूर-पटेल नगर (दिल्ली क्षेत्र)-कोयंबटूर, कोयंबटूर-राजकोट-कोयंबटूर, कोयंबटूर-जयपुर-कोयंबटूर और सलेम-बटिंडा का चयन किया है। इसी प्रकार मध्य रेलवे  कल्याण-नई दिल्ली, नासिक-नई दिल्ली, कल्याण-संतरागाछी तथा कल्याण-गुवाहाटी तक इन ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव किया है इसी प्रकार दक्षिण पूर्व रेलवे ने तीन रेल मार्गो शंकरिल गुड्स टर्मिनल यार्ड/ शालीमार से कल्याण, शंकरिल गुड्स टर्मिनल यार्ड शालीमार से गुवाहाटी गुड्स शेड तथा शंकरिल गुड्स टर्मिनल यार्ड/ शालीमार से बेंगलुरु के बीच विशेष पार्सल ट्रेने चलाने का फैसला किया है। जबकि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे भी लोगों की मांग के आधार पर मुंबई और कोलकाता के बीच ऐसी दो विशेष ट्रेने चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है।

रेलवे ने पिछले दो दिन में 71261 वैगनों से की ढुलाई
मालगाड़ियों में अपलोड किये गये आवश्यक वस्तुओं के 1379 रेक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
कोरोना वायरस की महामारी के कारण जहां देश पूरी तरह से बंद है, वहीं भारतीय रेलवे अपनी निर्बाध माल ढुलाई सेवाओं के जरिए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए पिछले दो दिन में 71261 वैगनों से हुई ढुलाई करते हुए
रेल मंत्रालय के अनुसार देश में लॉकडान के कारण आवश्यक सामानों की चौबिसों घंटे माल ढुलाई करके उन्हें देश के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए भारतीय  रेलवे की मालगाड़ियां निर्बाध तरीके से चलाई जा रही हैं। पिछले दो दिन में 71261 वैगनों में लोगों की जरुरत के आवश्यक सामान के 1379 रेक अपलोड किये गये हैं। मसलन 28 मार्च को 695 रेक में 35942 वैगनों को लोड किया गया था, जिसमें से 442 रेक 24412 वैगनों को आवश्यक वस्तुओं के लिए लोड किया गया थाइसमें खाद्यान्न के 54 रेक 2405 वैगनों, चीनी के 3 रेक 126 वैगनों, नमक का एक रेक 42 वैगनों, खाद्यान्न तेल का एक रेक में 50 वैगनों, कोयला के 356 रेक 20519 वैगन तथा पेट्रोलियम उत्पाद के 27 रेक 1270 वैगनों में अपलोड किये गये। इसी प्रकार 29 मार्च  आवश्यक सामानों के 684 रेक 35319 वैगनों को लोड किये गये, खाद्यान्न के 40 रेक 1727 वैगनों, चीनी के 5 रेक 210 वैगनों, नमक का एक रेक 42 वैगनों, खाद्य तेल का एक 1 रेक 42 वैगन, कोयले के 363 रेक  20904 वैगनों तथा पेट्रोलियम उत्पाद के  27 रेक 1277 वैगन शामिल हैं। रेलवे के अनुसार गृह मंत्रालय ने आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह से चालू रखने के लिए देशभर में माल की आवाजाही की अनुमति दी है। रेल मंत्रालय और एमएचए के अधिकारी टर्मिनलों पर सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए परिचालन मुद्दों को सुलझाने के लिए राज्य सरकारों के निरंतर संपर्क में रहते हुए इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
31Mar-20230

अब कर्मचारी खातों से निकाल सकेंगे तीन माह का वेतन


ईपीएफ नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा तीन माह के लिए कर्मचारियों के लिए की गई घोषणा के तहत ईपीएफ योजना के नियमों में संशोधन कर दिया गया है। इस संशोधन के तहत ईपीएफओ के अंशधारक कर्मचारी अब ईपीएफ खातों से तीन माह का वेतन निकाल सकेंगे।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन के मद्देनतर किए गये ऐलान के अनुसार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना यानि ईपीएफ योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि योजना—1952 में संशोधन के लिए नियमों में संशोधन करने के बाद रविवार को अधिसूचना जारी कर दी है, ताकि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी अपने खाते से अग्रिम रुप से तीन माह का वेतन निकाल सकते हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा ईपीएफ योजना में संशोधन के लिए जारी की गई अधिसूचना में जीएसआर 225(ई) के तहत देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ईपीएफ सदस्यों द्वारा गैर-वापसी योग्य अग्रिम धन निकासी की अनुमति प्रदान की गई है। महामारी या वैश्विक महामारी के फैलने की स्थिति में यह अधिसूचना धननिकासी की अनुमति दी गई है, जो तीन महीनों के मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते या सदस्य के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिसूचना जारी होने के बाद ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि परिस्थिति का सामना करने में सहायता प्रदान करने के लिए ईपीएफ सदस्यों के आवेदनों पर त्वरित निर्णय लिए जाने चाहिए। ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ईपीएफ सदस्यों के दावों पर अधिकारी और कर्मचारी जल्द निर्णय लें ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कामगारों और उनके परिजनों तक राहत जल्द से जल्द पहुंचे।
ये किया गया संशोधन
मंत्रालय के अनुसार देश के प्रतिष्ठानों और कारखानों के कर्मचारी, जो ईपीएफ योजना के सदस्य हैं और गैर-वापसी योग्य अग्रिम के लाभ प्राप्त कर सकेंगे। ईपीएफ योजना—1952 के अनुच्छेद 68एल में उप-अनुच्छेद(3) जोड़ा गया है। संशोधित योजना-कर्मचारी भविष्य निधि (संशोधन) योजना—2020 को 28 मार्च 2020 से लागू किया गया है। यह अधिसूचना तीन महीने के लिए मूल मजदूरी और महंगाई भत्ते से अधिक नहीं है या महामारी या महामारी के फैलने की स्थिति में ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट के लिए खड़ी राशि का 75 फीसदी तक की निकासी की अनुमति देती है।
30Mar-2020