केंद्रीय कैबिनेट ने दी रेल परियोजना को मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
रेल मत्रालय की अलीगढ़-हरदुआगंज फ्लाईओवर परियोजना को
अब जल्द ही शुरु करने का रास्ता साफ हो गया है। 1285 करोड़ रुपये की लागत से 22 किमी लंबाई की इस परियोजना को केंद्र
सरकार की मंजूरी मिल गई है।
रेल मंत्रालय के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने
रेल मंत्रालय द्वारा अलीगढ़-हरदुआगंज फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू किए जाने को अपनी
मंजूरी दे दी है। इस रेलवे फ्लाईओवर की कुल लंबाई 22 किलोमीटर
होगी। यह परियोजना 1285 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत
से वर्ष 2024-25 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। मंत्रालय
के अनुसार अलीगढ़ जंक्शन स्टेशन पर एक ब्रांच रेल लाइन बरेली-अलीगढ़ समाप्त होती है।
हावड़ा की ओर से आने वाली और हरदुआगंज/बरेली जाने वाली ट्रेनें हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य
मार्ग से गुजरती हैं, जो भारतीय रेलवे का सबसे व्यस्त
खंड है। भारी यातायात के कारण हावड़ा की ओर से आने वाली और हरदुआगंज/बरेली जाने वाली
लोडेड मालगाड़ियों को सतह पार करने के लिए कोई रास्ता उपलब्ध नहीं होता है। इससे अलीगढ़
जंक्शन पर ट्रेनों को काफी देर तक रुकना पड़ जाता है। यह स्थान एक अवरोध बन गया है
और ट्रेनों के परिचालन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है जिससे देरी होती है तथा ट्रेनों
को काफी देर तक रुकना पड़ता है। यही नहीं, इस वजह से वैगन पर माल चढ़ाना एवं उतारना भी कम होता जा रहा है। अलीगढ़ में फ्लाईओवर
का मौजूदा दिल्ली-हावड़ा मुख्य लाइन के ऊपर से गुजरना एक परिचालन अनिवार्यता है और
इसके साथ ही यह यातायात में अवरोध को दूर करने के लिए भी आवश्यक है। अलीगढ़ को हरदुआगंज
से जोड़ने वाले इस फ्लाईओवर के बन जाने से ट्रेनों के परिचालन में देरी और उनके लंबे
ठहराव से बचा जा सकेगा।
रेलवे क्षेत्र मे जर्मनी तकनीक सहयोग देगा
केन्द्रीय मंत्रिमंडल को रेल मंत्रालय और जर्मनी की डीबी
इंजीनियरिंग एंड कंसल्टिंग जीएमबीएच के बीच रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए
एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से अवगत कराया गया। रेल मंत्रालय ने सहयोग के
पहचाने गए क्षेत्रों के संबंध में विभिन्न विदेशी सरकारों और राष्ट्रीय रेलवे के साथ
रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू),सहयोग के ज्ञापनों (एमओसी),प्रशासनिक प्रबन्धों(एए) और आशय की संयुक्त घोषणाओं (जेडीआई) पर हस्ताक्षर किए
हैं। सहयोग के क्षेत्रों में हाई स्पीड रेल, मौजूदा मार्गों पर गति बढ़ाना, विश्व स्तर
के स्टेशनों का विकास, भारी ढुलाई संचालन और रेल
के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण आदि शामिल हैं।
27Mar-2020
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