आखिर पटरी पर आई राज्यसभा की कार्यवाही
फिर भी नहीं हो पाए शून्यकाल व प्रश्नकाल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में दिल्ली हिंसा के मुद्दे को लेकर विपक्षी हंगामे के कारण बाधित होती आ रही
कार्यवाही आखिरकार सातवें दिन पटरी आ सकी। यही कारण है कि गुरुवार को उच्च सदन में
जहां अध्यादेशों से जुड़े दो विधेयकों को मंजूरी दी गई, वहीं दिल्ली हिंसा पर
चर्चा भी हुई। इसके बावजूद सदन में लगातार शून्यकाल व प्रश्नकाल नहीं हो सके।
संसद
के बजट सत्र के दूसरे चरण की पिछले छह दिनों तक दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष
के हंगामे में होम होती रही राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार को पटरी चढ़ पाई। दोपहर
बाद पौने तीन बजे दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराई गई। इससे पहले
गुरुवार को उच्च सदन की शुरू हुई कार्यवाही में सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक
दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाया और कई मंत्रालयों से सबंन्धित संसदीय स्थायी
समिति की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। इसके बाद लोकसभा में पिछले सप्ताह पारित किये
गये दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता तथा खनिज विधि कानून से संबन्धित दो अध्यादेशों
से जुड़े विधेयकों पर चर्चा शुरू कराई गई। नतीजन बिना भोजनावकाश के लगातार चली
उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान दोपहर बाद सवा दो बजे तक केदोनों अध्यादेशों को
विधेयक के रूप में सदन की मंजूरी मिल गई। संसद से पारित हुए दोनों विधेयकों को
सरकार ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया, क्योंकि इन अध्यादेशों की अवधि 12
मार्च गुरुवार की अर्धरात्रि में समाप्त हो रही थी, जिस पर राष्ट्रपति की मुहर
लगते ही ये कानून अध्यादेश का स्थान लेगा।
छोटे उद्योगों को मिलेगा संरक्षक
राज्यसभा में दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता दूसरा
(संशोधन) विधेयक पर डेढ़ घंटा चली चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाया कि इस कानून के
प्रावधानों के तहत घर खरीददारों और छोटे एवं मझोले उद्योगों को हरसंभव
संरक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक के तहत घर
खरीददारों के हितों के संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसी प्रकार छोटे और मंझोले
उद्योगों के हितों को संरक्षित करने के पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। इस दिशा में
लघु एवं मध्यम उद्योग मामलों के मंत्रालय के साथ सामंजस्य कायम कर स्थिति को दुरुस्त
किया जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि संशोध प्रस्ताव लागू होने के बाद अंतिम विकल्प
वाले वित्तपोषण के संरक्षण से वित्तीय संकट का सामना कर रहे सेक्टरों में निवेश को
बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले चर्चा के दौरान अधिकतकर विपक्षी
सदस्यों ने दिवाला और शोधन संहिता में बार बार
संशोधन करने पर सवाल भी उठाए, जिसमें सरकार पर विधेयक पर
संसदीय समिति की सिफारिशों को सरकार द्वारा नजरंदाज करने का
भी आरोप लगाया गया। जबकि भाजपा कानून में संशोधनों
को उचित करार देते हुए कहा कि इससे इससे तत्काल अनुभवों के आधार
पर कमियों को दुरुस्त करने का मौका मिलेगा।
खनन एवं खनिज क्षेत्र में आएगा बदलाव
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी मंजूर हुए खनिज
विधि संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कोयला एवं
खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस विधेयक को महत्वपूर्ण बताते
हुए कहा कि इससे खनन एवं खनिज क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आयेगा। जोशी
का कहना है कि देश में कोयला की प्रचुर मात्रा होने के बावजद
हमें इसका आयात करना पड़ता है। इस विधेयक के पारित होने से अब ऐसी कई प्रकार की बंदिशें समाप्त होंगी। उन्होंने कहा कि
इस विधेयक के माध्यम से खनिज विकास एवं
नियमन अधिनियम 1957 और कोयला खान विशेष
प्रावधान अधिनियम 2015 में संशोधन का
प्रावधान किया गया है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क और क्रोमाइट अयस्क की 334 खानों की बाबत खनन पट्टे 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रहे हैं जिससे 46 गैर प्रतिबद्ध खान कार्यरत हैं। यह देखा गया
है कि कुछ राज्यों ने इन ब्लाकों की नीलामी के लिये कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें
कहा गया है कि फिर भी विभिन्न सरकारी अभिकरणों से बीस से अधिक निकासी प्राप्त करने
के बाद ही नीलामी के माध्यम से खनन आवंटन के लिये कोयला खनन प्रक्रियाएं आरंभ की जा
सकेंगी।
हंसराज भारद्वाज व डा. रणवीर
सिंह को श्रद्धांजलि
राज्यसभा ने उच्च सदन के पूर्व सदस्य हंसराज
भारद्वाज और डा. रणवीर सिंह के पिछले सप्ताह निधन होने पर शोक व्यक्त करते हुये श्रद्धांजलि
अर्पित की। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सदन की बैठक शुरू होने
पर भारद्वाज और डा. सिंह के निधन की जानकारी दी। इसके बाद सदस्यों ने इन दोनों सदस्यों
के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ क्षणों का मौन रखा।
13Mar-2020
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