शनिवार, 14 मार्च 2020

राज्यसभा मे विधेयक के रूप में आज पेश होंगे दो अध्यादेश

अध्यादेशों पर विपक्ष की आपत्ति के बाद पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित
आज समाप्त हो रही अध्यादेशों की समय सीमा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।                                                                               
दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता तथा खनिज विधि कानून से संबन्धित दो अध्यादेशों से जुड़े विधेयक लोकसभा से पारित होने के बावजूद राज्यसभा में विपक्षी दलों की आपत्ति के कारण पेश नहीं किये जा सके। जबकि इन दोनों अध्यादेशों की अवधि कल गुरुवार को समाप्त हो रही है। विपक्ष ने इन अध्यादेशों को कल गुरुवार को सुबह विधेयक के रुप में पारित कराने का वादा किया है, लिहाजा अब दोनों अध्यादेश गुरुवार को ही पेश करके इन्हें कानून के रूप में पारित कराया जाएगा। वहीं सुबह अलग-अलग मुद्दो पर विपक्ष के हंगामे के कारण छठे दिन भी शून्यकाल व प्रश्नकाल नहीं हो पाए।
अध्यादेशों पर दिखी सत्तापक्ष और विपक्षी में रार
उच्च सदन की बुधवार को दो बजे फिर शुरू हुई कार्यवाही के कुछ देर बाद जब उपसभापति हरिवंश ने सदन को बताया कि लोकसभा में पिछले सप्ताह शुक्रवार को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता तथा खनिज विधि कानून से संबन्धित दो अध्यादेशों से जुड़े विधेयक पारित किये गये है, जिनकी अवधि कल गुरुवार 12 मार्च को खत्म होने जा रही है, जिसके बाद इससे जुड़े कानून को सदन में पेश नहीं किया जा सकता। इसलिए इन अध्यादेशों को सदन में तत्काल पेश किया जाना जरुरी है। इस पर कांग्रेस समेत विभिन्न दलों ने आपत्तियां जताना शुरू कर दिया। इस संबन्ध में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की राय जानी गई, जिन्होंने इन विधेयकों को महत्वपूर्ण करार देते हुए इन्हें कार्यसूची में दोपहर बाद शामिल करने पर आपत्ति जताई और कहा कि इन कानूनों की महत्ता को देखते हुए वे समूचे विपक्ष की ओर से यह वादा करते हैं कि इन अध्यादेशों को गुरुवार सुबह कार्यवाही शुरू होते ही चर्चा कराकर इसे दोपहर एक बजे तक पारित कराने में सहयोग दिया जाएगा, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए पर्याप्त समय होगा। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इन अध्यादेशों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की, लेकिन विपक्ष तत्काल इन अध्यादेशों को पेश करने के लिए राजी नहीं हुआ। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष में सहमति बनाने के लिए कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया, लेकिन इस दौरान उपसभापति कक्ष में हुई चर्चा में सहमति नहीं हो सकी, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। मसलन अब इन अध्यादेशों को गुरुवार सुबह पेश करके पारित कराया जाएगा। जबकि दोपहर बाद दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराई जाएगी। इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद दो बजे शुरू हुई कार्यवाही में सबसे पहले उप सभापति हरिवंश ने विदेश मंत्री डा. सुब्रह्मण्यम जयशंकर को कोरोना वायरस पर विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा को लेकर बयान कराया और उसके बाद विपक्ष के हंगामे के बीच ही संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक पेश कराया।
हंगामे के कारण फिर ठप रहा शून्यकाल व प्रश्नकाल
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में होली के बाद राज्यसभा की सुबह शुरू हुई बैठक में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए, जिसके बाद सदन में शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया गया। इस पर विपक्षी दलों के दिल्ली हिंसा समेत केई मुद्दों पर मिले स्थगन नोटिस खारिज होने से खफा विपक्षी दलों ने अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए नारेबाजी करके हंगामा करना शुरू कर दिया। हालांकि सभापति ने दिल्ली हिंसा पर गुरुवार को उच्च सदन में चर्चा होने की बात कही, लेकिन विपक्षी दलों के जारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को कुछ देर बाद ही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले जब सदन में अनुपूरक अनुदान मांग-2019-20 से जुड़ा एक दस्तावेज को सदन के पटल पर रखने के लिए वित्त राज्यमंत्री अनुराग खड़े हुए तो विपक्षी दलों ने उनके सदन में बोलने का जोरदार विरोध करते हुए हंगामा किया। गौरतलब है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ठाकुर की दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर नाराज चल रहे हैं।
12Mar-2020

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