रविवार, 1 मार्च 2020

मुजफ्फरनगर-देवबन्द दोहरीकृत ट्रैक पर जल्द दौडेगी ट्रेनें


रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होने को तैयार
छह मार्च को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त करेंगे निरीक्षण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे के उत्तर रेलवे के अंतर्गत मुज़फ़्फ़रनगर-देवबन्द सेक्शन के दोहरीकरण का कार्य पूरा होने को तैयार है, जिस पर जल्द ही ट्रेनें दौडती नजर आएगी। दिल्ली-सहारनुपर तक दोहरीकरण की रेलवे परियोजना में दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर के ट्रैक को पिछले साल ही शुरू कर दिया गया था।
उत्तर रेलेवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर-देवबंद सेक्शन के रेलवे मार्ग के दोहरीकरण होने से ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने से पहले उसकी सुरक्षा के लिहाज से जांच पडताल की जाएगी। इसी दृष्ट से 6 मार्च को इस रेलवे ट्रैक का इस सेक्शन का मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक अपनी टीम के साथ सुरक्षा व संरक्षा निरीक्षण करेंगे। सुरक्षा व सरंक्षा निरीक्षण में यह काम दुरुस्त पाए जाने के बाद इस दोहरीकृत रेल लाईन सेक्शन को खोले जाने की संभावना है। रेलवे के अनुसार बजट में मुजफ्फरनगर-देवबन्द रेल सेक्शन के दोहरीकरण के लिए 1100 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी गई थी। वहीं मेरठ से मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरनगर से टपरी और देवबंद से रुड़की रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए 500 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इस संबंध में रेलवे एवं राज्य सरकार के अधिकारियों के मध्य लगातार सामंजस्य बना हुआ है और जल्द ही दोहरीकरण का कार्य सुचारू रूप से होने की सम्भावना है। गौरतलब है कि इससे पहले पिछले माह जनवरी में दिल्ली रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) एससी जैन ने भी मुजफ्फरनगर से देवबंद के बीच 22 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण किया, जिसके साथ उन्होंने मुजफ्फरनगर स्टेशन की निर्माणधीन नई इमारत को भी देखा था। यह 22 किमी मार्ग के दोहरीकरण लगभग पूरा हो चुका है, जिसके बाद देवबंद से टपरी के बीच अगले चार माह में दोहरीकरण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। इस दोहरीकरण से दिल्ली से वाया मेरठ-मुजफ्फरनगर सहारनपुर तक का रेलवे सफर आसान होगा और दिल्ली से सहारनपुर के बीच ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी।
आम नागरिकों को किया गया सतर्क
इस सेक्शन की रेलवे लाईन की आस-पास की जनता से अपील की गई है कि एक मार्च के बाद इस लाईन के आस-पास न आएँ तथा फाटकों से आने-जाने के दौरान अधिक सावधानी बरते। रेलवे लाईन को पार करने हेतु उस पर बने हुए उपरिगामी सेतु या अधोगामी सेतु का अधिक से अधिक उपयोग करें, क्योंकि इस दौरान रेलवे की विभिन्न प्रकार की मशीनों एवं इंजनों द्वारा लाईनों पर स्पीड निरीक्षण का कार्य किया जाता है। रेलवे के दोहरीकरण कार्य से इस क्षेत्र के आम जनता को रेलवे यातायात संबंधी सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी एवं रेल परिचालन को समय से चलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी इस दोहरीकरण कार्य का सकारात्मक लाभ होगा।
दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर के ट्रैक पिछले किया शुरू
उत्तर रेलवे के अनुसार दिल्ली से सहारनपुर तक रेलवे के दोहरीकरण की मांग अरसों से की जा रही थी, जिसके लिए मोदी सरकार ने नई परियोजनाओं के तहत 2016 में इस रेल मार्ग के दोहरीकरण की परियोजना को मंजूरी दी। इस परियोजना के तहत पिछले साल मई 2019 में दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका था, जिसके बाद अब मुजफ्फरनगर से देबबंद और अगले चार माह के भीतर देवबंद से टपरी(सहारनपुर) तक के रेलमार्ग के दोहरीकरण करने के काम को पूरा कर लिया जाएगा। पिछले साल मई माह में दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर रेल ट्रैक पर रेल संरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने ट्रैक पर 140 किमी प्रति घंटा से ट्रेन चलाकर ट्रायल किया था,लेकिन जांच के बाद इस ट्रैक पर अधिकतम 110 किमी प्रति घंटा की गति को अनुमति दी गई थी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मेरठ-सहारपुर रेलवे ट्रैक पर शताब्दी, जनशताब्दी, जम्मूतवी, फ्रंटियर मेल, शालीमार एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, उत्कल एक्सप्रेस, देहरादून-बांद्रा, देहरादून-उज्जैन, देहरादून-इंदौर व उत्कल एक्स्रपेस सहित कई महत्वपूर्ण ट्रेन चलती हैं।
01Mar-2020


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