छाया वर्मा ने उइया रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि का
मुद्दा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में उठाए गये लोकमहत्व के मुद्दों में छत्तीसगढ़ में नेशनल हाइवे पर 96 किमी लंबी
अंबिकापुर-पत्थल गांव की सड़क परियोजना पिछले चार साल में भी पूरी नहीं हो सकी है,
जिसे भाजपा सांसद राम विचार नेताम ने सरकार से जल्द पूरा कराने की मांग की है।
वहीं कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने रसोई गैस के बढ़े हुए दामों पर चिंता जताते हुए
इन्हें वापस करने की मांग की है।
संसद
के बजट सत्र में राज्यसभा की मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही सभापति एम.
वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए, जिसके बाद शुरू हुए
शून्यकाल के दौरान सांसदों ने लोकमहत्व के मुद्दे उठाए। इसमें छत्तीसगढ़ से भाजपा
सांसद राम विचार नेताम ने छत्तीसगढ़ में कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर 450
करोड़ रुपये की लागत से 96 किमी लंबाई की अंबिकापुर-पत्थल गांव सड़क परियोजना वर्ष
2016 में शुरू हुई थी, लेकिन चिंता का विषय है कि यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो
सकी है। नेताम ने कहा कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग ओडीशा से दिल्ली को जोड़ता है और
व्यावसायिक दृष्टि से यह हाइवे अत्यंत व्यस्त मार्ग है। हालांकि उन्होंने इस
परियोजना के विलंब को निर्माण कंपनी के डिफाल्टर होने का कारण भी बताया। लेकिन इस
अधूरी पड़ी परियोजना के कारण जहां लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है वहीं
बारिश के कारण इस हाइवे पर चलना मुश्किल बना हुआ है। नेतान में वहीं एनएच5343 पर
अंबिकापुर से गढ़वा-रामानुजगंज के बीच की क्षतिग्रस्त सड़क पर चिंता जताते हुए कहा
कि यह मार्ग नक्सल प्रभावित क्षेत्र से गुजरते हुए महाराष्ट्र को बिहार से जोड़ता
है। इसलिए करीब 110 किमी मार्ग को जल्द से जल्द दुरस्त कराने की मांग की। नेताम ने
सरकार से मांग की है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अधूरी सड़क परियोजनाओं को जल्द से
जल्द पूरा कराया जाए, ताकि राज्य के यातायाता को जनता के लिए सुगम बनाया जा सके।
रसोई
गैस की कीमतों को वापस करने की मांग
शून्यकाल के दौरान मंगलवार को राज्यसभा में छत्तीसगढ़
की कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने देश में रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के मुद्दे को
उठाते हुए उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार की नीति और नीयत पर सवाल
खड़े किये। श्रीमती वर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उज्जवला योजना का
जिस प्रकार स देशभर में प्रचार-प्रसार किया गया, लेकिन उस गैस सिलेंडर की कीमत हर
पांच से आठ माह में कीमत बढ़ाकर गरीबों पर आर्थिक बोझ बढ़ाने का काम किया जा रहा
है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले ही 145 रुपये की बढ़ोतरी
की गई। उन्होंने तर्क दिया जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे ईंधन की कीमत कम हो
रही है तो रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ाकर रसोई को महंगा किया जा रहा है। इसलिए
उन्होंने सरकार से मांग की है की रसाई गैस की बढ़ी हुई कीमतों को वापस किया जाए।
वहीं उन्होंने सरकार से गरीबों की आर्थिक हालत को देखते हुए राशन कार्ड के जरिए मिलने वाले बंद किये गये कैरोसीन का कोटा खोलते
हुए उसे बढ़ाने की भी मांग की है।
सरकारी वाहनों की वीआईपी कल्चर खत्म हो
शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में भाजपा सदस्य सुरेन्द्र सिंह
नागर ने पीएम मोदी वीआईपी कल्चर खत्म करने का काम किया और इसका असर राजनीतिक
क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। इसके विपरीत दूसरी ओर लोक सेवकों में अभी भी
वीआईपी संस्कृति की ललक खत्म नहीं हो पा रही है यानि नौकरशाही में अभी भी विशिष्ट
संस्कृति को प्रकट करने का लालच खत्म नहीं हुआ है। नागर ने तर्क दिया कि दिल्ली की
सड़को या कार्यालयों में ही जितनी भी कारें नजर आती है, उन पर भारत सरकार या
दिल्ली सरकार लिखे शब्द नजर आते हैं। सदन में उन्होंने सरकार से मांग की है कि लोक
सेवक और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में भी आम व्यक्ति और विशेष
व्यक्ति के अंतर को खत्म किया जाए।
जया ने उठाया शिक्षकों की पेशंन का मामला
राज्यसभा में सपा सदस्य जया बच्चन ने केंद्रीय
विद्यालयों के रिटायर्ड शिक्षकों की पेंशन और ग्रेच्युटी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि शिक्षकों
को उनका सम्मान देने की दृष्टि से उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़ी
समस्याओं को दूर करने की मांग की है, जिसमें पेंशन की राशि बढ़ाने पर भी बल दिया। जदयू
की कहकंशा प्रवीन ने बिहार में शिक्षा से संबन्धित शिक्षण संस्थानों को मामला
उठाया। शून्यकाल के दौरान तेदेपा के रविन्द्र कुमार ने अमरावती व विशाखापत्तनम की मैट्रो परियोजना का मुद्दा
उठाया, तो भाजपा के विनय तेंदुलकर ने गोवा व तमिलनाडु में पशुओं की लड़ाई जैसी
परंपरा का मामला उठाया।
18Mar-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें