कारण: 21 मार्च से 14 अप्रैल 2020 से ट्रेनों और टिकट बुकिंग सुविधा
रद्द
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के संकट के कारण सभी यात्री
ट्रेनों और टिकट बुकिंग सुविधा को रद्द करने के कारण फैसला किया है कि 21 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि में जिन यात्रियों
ने टिकट बुक करा रखें हैं उन्हें टिकटों की पूरी राशि वापस की जाएगी। जबकि आईआरसीटीसी
पहले ही ई—टिकटों का पूरा पैसा देने का ऐलान
कर चुका है।
रेल मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया
कि 14 अप्रैल तक सभी यात्री ट्रेनों और
सभी यात्री टिकटों को रद्द करने के मद्देनजर भारतीय रेलवे द्वारा 21 मार्च से 14 अप्रैल तक यात्रा की अवधि के लिए
सभी टिकटों के लिए पूर्ण रिफंड देने का निर्णय लिया गया है। ये निर्देश इसके अतिरिक्त
होंगे। रिफंड नियमों में छूट जारी रखने के लिए 21 मार्च के
निर्देशों की वीडियोग्राफी करें।
ऐसे होगी टिकटों की धन वापसी
रेलवे ने अनुदान की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा
गया है कि काउंटर बुक पीआरएस टिकट के लिए 27 मार्च से
पहले रद्द किए गए टिकटों की टिकट जमा रसीद यात्री को यात्रा विवरण के साथ किसी भी जोनल
रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (दावों) या मुख्य दावा अधिकारी के लिए एक फार्म भरकर
दाखिल करना होगा। बैलेंस रिफंड राशि का लाभ उठाने के लिए 21 जून 2020 तक की अवधि तक रेलवे एक उपयोगिता प्रदान करेगा जिसके माध्यम से यात्री ऐसी टिकटों
को रद्द करने के दौरान कटौती की गई राशि की वापसी का लाभ उठा सकता है।ज बकि 27 मार्च के बाद रद्द किए गए टिकटों के लिए भी सभी निरस्तीकरण के संबंध में पूर्ण
वापसी देय होगी। इसी प्रकार रेलवे के मुताबिक जो ई-टिकट 27 मार्च से
पहले रद्द किए गए हैं उनके बैलेंस रिफंड राशि को उस यात्री के खाते में जमा किया जाएगा, जहां से टिकट बुक किया गया था। आईआरसीटीसी बैलेंस रिफंड
राशि प्रदान करने के लिए एक उपयोगिता तैयार करेगा। जबकि 27 मार्च के
बाद रद्द किए गए ई—टिकट के सभी निरस्तीकरणों
के संबंध में पूर्ण वापसी देय होगी, जिसके लिए
पहले ही प्रावधान किए जा चुके हैं।
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34648 वैगनों ने की आवश्यक सामान की आपूर्ति
रेल मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी संपूर्ण तालाबंदी के तीसरे
दिन भारतीय रेलवे ने अपनी माल सेवाओं के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित
करने के लिए सभी प्रयास जारी रखे। सभी राज्यों में तालाबंदी की स्थिति के दौरान, विभिन्न अच्छे शेडों, स्टेशनों और नियंत्रण कार्यालयों में तैनात भारतीय रेल कर्मचारी 24/7 आधार पर काम करते रहे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्र के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित
न हो। रेलवे के अनुसार कल 27 मार्च को 34648 वैगनों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को कार्यात्मक बनाए रखने
के लिए आपूर्ति की। इनमें से 23682 वैगनों के लिए आवश्यक वस्तुएं
425 रेक में भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान
की गईं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपूर्ति श्रृंखला कार्यशील रहे। पिछले पांच
दिनों के दौरान आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वैगनों की कुल संख्या लगभग 1.25 लाख तक पहुंच गई। आवश्यक वस्तुओं के लिए लोड किए गए कुल
23682 वैगनों में से 1576 वैगन, खाद्यान्न
और 42 वैगन, 42 वैगन, चीनी के 42 वैगन, नमक के
20488 और कोयले के 1492 वैगन थे। भारतीय रेलवे ने कल 15 वैगन दूध भी उतारा है। रेलवे ने बताया कि एमएचए ने पूरे
देश में विभिन्न स्थानों पर आसान लोडिंग और अनलोडिंग की सुविधा के लिए माल की आवाजाही
पर प्रतिबंध हटा दिया है। इसने भारत भर में टर्मिनलों पर विभिन्न प्रकार के सामानों
को लोड करने और उतारने के बारे में अनुमति में जमीनी स्तर के विवेक को हटा दिया है।
भारतीय रेलवे द्वारा लॉक डाउन अवधि में आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए इन सामानों
के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
29Mar-2020
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