सोमवार, 30 मार्च 2020

राज्यसभा में फिर उठी संसद सत्र स्थगित करने की मांग


राज्यसभा: शून्यकाल में गूंजे लोकमहत्व के मुद्दे
संसद की बैठके स्थगित करना कोरोना का समाधान नहीं: नायडू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए राज्यसभा में कुछ सदस्यों ने फिर से संसद को जल्द से जल्द स्थगित करने की मांग की। वहीं सदन में कांग्रेस के फोन टेपिंग के मामले में सरकार ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी नेता के फोन को टेप या रिकार्डिंग नहीं करा रही है। इसके अलावा शून्यकाल के दौरान विभिन्न दलोंने अलग अलग लोकमहत्व के मुद्दे उजागर करते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के तहत गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा आवश्यक दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाने के बाद शून्यकाल शुरू कराया, जिसमें विभिन्न दलों के सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दे उठाए, जिनमें कुछ विशेष उल्लेख के तहत उठाए गये। इसी दौरान देश में कोरोना वायरस का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के पी. भट्टाचार्य ने कहा कि संसद सत्र के दौरान रोजाना सदस्यों को कई प्रकार के दस्तावेज मिलते हैं, जिनमें साफ-सफाई का किसी को कुछ पता नहीं चलता। इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से कोरोना वायरस के बचाव के लिए देशभर में किये गये इंतजामों में स्कूल कालेज और भीड़भाड़ वाली जगहों को बंद करने का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे में संसद के मौजूदा सत्र को भी जल्द स्थगित करना जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि संसद में आगुंतकों के प्रवेश के प्रतिबंध के बावजूद न जाने सरकार संसद सत्र को क्यों स्थगित करना नहीं चाहती? हालांकि इस पर सभापति नायडू ने कहा कि संसद सत्र में सदन की कार्यवाही को स्थगित करना कोरोना वायरस का समाधान नहीं है।
किसी की नहीं हो रही कॉल रिकार्डिंग
राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने शून्यकाल के दौरान फोन टेपिंग व रिकार्डिंग का मुद्दा उठाते हुए कॉल रिकार्ड से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख किया और कहा कि उनमें कॉल रिकार्डिंग करने का ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके तहत किसी सरकारी विभाग को नियमित आधार पर सीडीआर मांगने की अनुमति है। शर्मा ने कहा कि भारत एक निगरानी राज्य में तब्दील हो रहा है और लोगों की निजता प्रभावित हो रही है। कांग्रेस सदस्य ने दूरसंचार विभाग द्वारा कॉल डाटा रिकार्ड मांगे जाने का मुद्दे पर कहा कि सरकार देश को निगरानी राज्यमें बदलने का प्रयास कर रही है। आंनद शर्मा के इस मुद्दे पर सदन में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कॉल ड्रॉप समस्या से निपटने के लिए सीडीआर मांगे गए हैं। वहीं रविशंकर प्रसाद ने सदन में भरोसा दिलाया कि किसी नेता या अन्य की न तो कोई निगरानी हो रही और न ही कोई फोन टैपिंग या कॉल रिकार्डिंग हो रही है। कांग्रेस के आरोप को निराधार करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संबन्ध में किसी की निजता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
गंगा सफाई पर अनशन का मामला उठा
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह ने निर्मल और अविरल गंगा यानि गंगा स्वच्छता की मांग कर रहे मातृ सदन, हरिद्वार के स्वामी शिवानंद के अनशन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार नमामि गंगे के रूप में गंगा स्वच्छता की परियोजनाएं चला रही है, लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्मल और अविरल गंगा के लिए मातृ सदन के संत लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं और 80 साल के स्वामी शिवानंद पिछले 10 दिनों से अनशन पर बैठे है। इसके अलावा निर्मल और अविरल गंगा के लिए मातृ सदन के संत लंबे समय से आंदोलन करते रहे जिसमें चार संतों स्वामी निगमानंद, स्वामी गोकुलानंद, स्वामी नाभनाथ व स्वामी सानंद ने अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। संजय सिंह ने कहा कि नमामि गंगे मिशन के महानिदेशक ने आंदोलनकारियों से मिलकर भरोसा दिया था कि कुछ परियोजनाएं गंगा प्रदूषित कर रही है जिन्हें बंद किया जाएगा, लेकिन अभी तक गंगा को प्रदूषित करने वाली परियोजनाएं बंद नहीं हुई। इसलिए सरकार को चाहिए कि अनशन पर बैठें संतों की बात भी सुने।
कैंसर की रोकथाम की मांग
सपा के रेवती रमन सिंह ने शून्यकाल के दौरान देश में कैंसर के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि आजकल कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है, लेकिन देश में हर साल 12 लाख लोगों की मौत कैंसर जैसी बीमारी के कारण हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में हर रोज 1300 लोग कैंसर से मौत का शिकार हो रहे हैं, जिसे देखते हुए यदि रोकथाम के उपाय न किये गये तो वर्ष 2030 तक कैंसर सूनामी का रूप ले लेगी और हर साल मरने वालों की संख्या 70 लाख तक पहुंच जाएगी। उन्होंने सरकार से आरंभिक जांच कराने पर बल देते हुए  65 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा जांच कराने का अनुरोध किया। गरीबों को इलाज के लिए उन्होंने सरकार से आयुष्मान योजना की सीमा पांच लाख रूपये से बढ़ाकर 10 लाख करने का भी अनुरोध किया।
कोबू हो सकती है थैलेसीमिया
राज्यसभा में शून्यकाल में ही भाजपा के विनय पी सहस्त्रबुद्धे ने देश में थैलेसीमिया के बढ़ते मामलों का जिक्र किया और कहा कि यह एक वंशानुगत बीमारी है जिस पर काबू पाया जा सकता है। भाजपा सदस्य ने कहा कि अगर पति और पत्नी दोनों इस बीमारी से पीड़ित हैं तो उनके बच्चे के इस बीमारी से पीड़ित होने की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने साइप्रस के कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि साइप्रस के कानून का अध्ययन करके भारत में भी कुछ जिलों में प्रायोगिक आधार पर उसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने इस बीमारी के संबंध में जागरूकता पैदा करने और शादी के पहले जांच कराने का सुझाव दिया।
कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी
सपा के रेवती रमन सिंह ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों का जिक्र किया और कहा कि हर साल 12 लाख लोगों की मौत इस बीमारी के कारण हो जाती है। उन्होंने आरंभिक जांच कराने पर बल देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति संवेदनशील है जहां जांच नहीं होती। सिंह ने आगाह करते हुए कहा कि अगर जल्दी ही कार्रवाई और रोकथाम के उपाय नहीं किए गए तो आने वाले वर्षों में स्थिति भयावह हो सकती है। उन्होंने आयुष्मान योजना की सीमा पांच लाख रूपये से बढ़ाकर 10 लाख किए जाने का सुझाव दिया ताकि गरीबों को इलाज कराने में आसानी हो।
शून्यकाल में ही भाजपा नेता राकेश सिन्हा ने फास्ट फूड के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने इसका बाजार तेजी से बढ़़ने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कई कंपनियां अमेरिका में कुछ और मापदंड अपनाती हैं जबकि यहां उनके मापदंड बदल जाते हैं।
पासपोर्ट का मुद्दा
भाजपा की सदस्य कांता कर्दम ने शून्यकाल में पासपोर्ट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मेरठ शहर से बाहर कैंट क्षेत्र में जर्जर भवन में बने पासपोर्ट कार्यालय में पीने के पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। वहीं आय दिन कंप्यूटर हमेशा खराब रहते हैं और वहां मोबाईल कनेक्टिविटी भी नहीं है। जिसके कारण लोगों को बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने में कठिनाईयों का सामाना करना पड़ता है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि पासपोर्ट कार्यालय को मेरठ शहर में स्थानांतरित किया जाए, ताकि आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मिल सके।
􀇛इन मुद्दो की भी हुई गूंज
राज्यसभा में शून्यकाल में बीजद के ही प्रशांत नंदा ने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या पांच को जल्द विकसित किए जाने की मांग की, तो कांग्रेस के टी सुब्बीरामी रेड्डी ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा मुद्दा उठाया भाजपा के कैलाश सोनी ने सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के दायरे में लाए जाने की मांग की। सोनी ने विशेष उल्लेख के जरिए यह मांग की। कांग्रेस के शमशेर सिंह ढिल्लों ने शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के छात्रों की छात्रवृत्ति से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि समय से छात्रवृत्ति नहीं मिलने से बड़ी संख्या में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष उल्लेख के जरिए ही कांग्रेस सदस्य बी के हरिप्रसाद, माकपा के के सोम प्रसाद, भाजपा के विजय गोयल, तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भूइयां, बीजद के अमर पटनायक आदि सदस्यों ने भी अलग अलग मुद्दे उठाए। 
20Mar-2020

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