रविवार, 8 मार्च 2020

राज्यसभा: हंगामे के बीच पेश विधेयक पर शुरू हुई चर्चा


सदन में विधेयक के प्रावधानों की जानकारी देने को केंद्रीय मंत्री निशंक को बदलनी पड़ी सीट
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा नारेबाजी कर हंगामा करने के बावजूद राज्यसभा में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक पेश कराया गया और उस पर चर्चा भी शुरू कराई गई, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिने के लिए स्थगित करना पड़ा।
दरअसल संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो पिछले सप्ताह दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरते हुए हंगामा शुरू कर दिया था, जिसके कारण सदन की एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बाद दो बजे बैठक फिर राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को चर्चा एवं पारित कराने के लिए पेश करने हेतु केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का नाम पुकारा। इसी कके साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा, आंखों पर काली पट्टी बांधे तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और अन्य दलों के सदस्य सुबह की तरह ही हंगामा करते हुए आसन के करीब आ गये, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इस विधेयक को पेश करते हुए उस पर चर्चा और पारित कराने का प्रस्ताव किया और इस विधेयक में देश के तीन मानद् संस्कृत विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने और अन्य प्रावधानों की जानकारी देना शुरू किया। आसन के करीब हंगामे के शोर के कारण केंद्रीय मंत्री निशंक को अगली पंक्ति की सीट से हटकर तीसरी पंक्ति में खड़े होकर विधेयक के प्रावधानों की पूरी जानकारी सदन को देनी पड़ी। विधेयक पेश होने के बाद उपसभापति ने भाजपा सांसद सत्यनारायण जटिया को इस पर चर्चा की शुरूआत करने को कहा, जिन्होंने इस हंगामे के बीच ही चर्चा पूरी की, लेकिन करीब ढ़ाई बजे सदन में बढ़ती नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदस्य एवी स्वामी को श्रद्धांजलि
राज्यसभा में सोमवार का सुबह कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व सदस्य एवी स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को स्वामी के पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुए निधन की जानकारी देते हुए दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने बताया कि 91 वर्षीय स्वामी का ओडिशा में नौपाड़ा जिले में निधन हो गया था। सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्वामी ने राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य के रूप में अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 तक ओडिशा का प्रतिनिधित्व किया था। राज्यसभा सदस्यों ने स्थानों पर खड़े होकर नायडू के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी
03Mar-2020

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