शनिवार, 14 मार्च 2020

गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता सुधारने का सबब बना नमामि गंगे मिशन


गंगा आमंत्रण अभियान’ समारोह में बोले गृहमंत्री अमित शाह                                      
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के नमामि गंगे मिशन को गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वचछता के लिए कारगर अभियान करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गंगा नदी के जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह अभियान सबब बना है, जो देश की नदियों के जल की धारा को अविरल बनाने में एक उदाहरण बनेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को यहां नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत आयोजित ‘फ्लैग-इन गंगा आमंत्रण अभियान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। अमित शाह ने कहा कि हजारों साल से यह मान्यता थी, कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप दूर होते हैं, परंतु गंगा के बढ़ते प्रदूषण के कारण उसका आचमन करने और जल दूषित होने के कारण गंगा में डुबकी लगाने में भी झिझक होने लगी थी। वर्ष 2014 में केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा को स्वच्छ करने के उपाय के तहत केवल प्रदूषण रोकने के लिए नहीं, बल्कि देश के अंदर संस्‍कार निर्मित करने के मकसद से नमामि गंगे मिशन के नाम से अभियान शुरू किया, जिसमें समग्र देशवासियों को शामिल करते हुए जिस प्रकार की परियोजनाओं को लागू किया गया उससे 5 साल के अंदर इतना बड़ा परिवर्तन होता सामने आया और गंगा के पानी की गुणवत्ता में बेहद काफी सुधार आया। शाह ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता को कायम रखने के लिए आमजन को इस अभियान से जुड़ना आवश्यक है। शाह ने यह भी कहा कि नमामि गंगे की सफलता तभी पूरी होगी जब हम 15 साल से कम उम्र के बच्चों के मन में गंगा के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करेंगे, संरक्षण और संवर्धन का संस्कार पैदा करेंगे। अमित शाह ने कहा कि गंगा का नाम लेते ही एक बड़ी जनसंख्या के मन में पूज्य भाव आता है, श्रद्धा आती है और एक विशेष प्रकार का लगाव उत्पन्न होता है। उन्‍होंने कहा कि गंगा के 2300 किलोमीटर से ज्यादा लंबे किनारे पर करोड़ों लोगों को जीवन मिलता है और गंगा नदी ने अपने किनारे हजारों गांवों, शहरों और महानगरों को जीवन दिया है। भारत के अध्यात्म, ज्ञान, संस्कृति और भारतीय अर्थतंत्र में गंगा का विशेष स्‍थान को देखते हुए और मां को सजाना, संवारना उसका संरक्षण करना हम सबका दायित्व है।
सरकार ने बढ़ाया बजट
अमित शाह ने कहा कि वर्ष 1985 से 2014 तक 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए। जबकि वर्ष 2014 के बाद 20 हजार करोड़ के आवंटन के साथ शुरू किये गये नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने का काम किया गया, जिसमें 116 प्रोजेक्ट आज पूरे हो चुके हैं तथा आने वाले समय में गंगा की सहायक नदियों को भी संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। शाह ने बताया कि 2020-21 के बजट में जल शक्ति मंत्रालय को 30700  करोड रुपए आवंटित किए गए हैं। इस कार्यक्रम के दौरान जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया तथा सचिव यूपी सिंह और जल शक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
फ्लैग-इन गंगा आमंत्रण अभियान
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार ‘फ्लैग-इन गंगा आमंत्रण अभियान उत्तराखंड के देवप्रयाग से लेकर पश्चिम बंगाल के गंगासागर तक करीब नदी में 2510 किलोमीटर की दूरी तय करने का महीने भर का खुले पानी में राफ्टिंग और कायकिंग (छोटी नाव से नौकायन) अभियान था। यह कार्यक्रम पिछले साल 10 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चला था और नौसेना, वायुसेना एवं नौसेना के कर्मियों ने राफ्टिंग एवं नौकायन जागरूकता अभियान में हिस्सा लिया था। इस अभियान का लक्ष्य लोगों के बीच नदी के महत्व और इतिहास के बारे में जागरूकता फैलाना है।
14Mar-2020

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