शुक्रवार, 29 मार्च 2019

हाईस्पीड ट्रेनों में लगेंगे अत्याधुनिक पहिए

सेल ने जारी की एलएचबी व्हील की पहली खेप                   
भारतीय रेलवे को स्वदेशी आपूर्ति से होगी विदेशी मुद्रा की बचत 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र की मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश की देश की सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी इस्पात उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने भारतीय रेलवे की लिंके होफमैन बुस्च (एलएचबी) कोचों के लिए अत्याधुनिक एलएचबी व्हील्स (पहियों) की पहली खेप जारी कर दी है। इन पहियों का इस्तेमाल हाईस्पीड ट्रेनों में किया जा रहा है।
सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी के हवाले जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि इन एलएचबी व्हील का निर्माण सेल के दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में किया गया है और रेलवे को इन पहियों की आपूर्ति लक्ष्य से पहले की गई है।  इन पहियों का इस्तेमाल भारतीय रेलवे की इस अत्याधुनिक ज़रूरत को घरेलू स्तर पर ही पूरा करने की दिशा में यह बड़ी उपलब्धि होगी, जिसके बाद अब भारतीय रेलवे को एलएचबी व्हील्स की घरेलू स्तर पर आपूर्ति आयात घटाने और विदेशी मुद्रा की बचत में मददगार होगी। जर्मन तकनीक से बने लिंके होफमैन बुस्च (एलएचबी) कोचों को इंटग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) कोचों से बदलने की योजना के बाद से एलएचबी व्हील का विकास शुरू किया था, जिसके बाद भारतीय रेलवे ने सेल को ट्रायल रन के लिए 1000 एलएचबी व्हील्स का शुरुआती ऑर्डर दिया। सेल ने भारतीय रेलवे को 30 एलएचबी व्हील्स की पहली खेप के साथ एलएचबी व्हील्स की आपूर्ति शुरू कर दी है।
गुणवत्ता के मानकों पर तैयार
सेल के प्रवक्ता ने कहा कि ये व्हील एलएचबी कोचों की गुणवत्ता और विशेषता के हिसाब से ब्रॉड गेज पर हाईस्पीड आवागमन के लिए डिजाइन किए गए हैं। एलएचबी व्हील को सेल के रिसर्च एंड डिवलपमेंट सेंटर फॉर आयरन एंड स्टील (आरडीसीआईएस) और रेलवे के रिसर्च डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) के मानक गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया गया है, जो टकराव की स्थिति में ट्रेन को पलटने या घूमने से रोकने में सक्षम होंगे। एलएचबी कोच में पहले से ही पलटने या मुड़ने की प्रतिरोधी क्षमता है। इसके साथ ही ये एलएचबी व्हील आधुनिक नूमैटिक डिस्क ब्रेक प्रणाली के अनुरूप हैं, जो तेज गति के दौरान अचानक और प्रभावी ब्रेक को सह सकें और जान तथा माल को असुविधा और नुकसान के बिना आपात स्थिति में रेल या मालगाड़ी को संभाल सकें। उत्पादन की प्रक्रिया और उत्पाद के मानकों की गुणवत्ता के लिए आरडीएसओ से पुष्टि हो गई है।
27Mar-2019

लोकसभा चुनाव: नागालैंड में होता रहा सर्वाधिक मतदान


अतीत का झरोखा
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2014 में ईवीएम का बटन पर पुरुषों से पिछड़ी महिलाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश के लोकतांत्रिक इतिहास में बदलते राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में हो रहे सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के नतीजो के बाद ही यह पता चल सकेगा, कि किस राज्य में मतदाताओं ने कितने  जोश-खरोश के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है, लेकिन पिछले एक दशक में नागालैंड के सर्वाधिक होने वाले सर्वाधिक मतदान से कोई अन्य राज्य पार नहीं पा सका है। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा जाए तो महिलाओं से ज्यादा  पुरुषों ने ईवीएम बटन दबाया था।   
सत्रहवीं लोकसभा में कोई चुनावी इतिहास बनेगा या नहीं! यह अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन जिस प्रकार से बदली सियासत के सामने राजनीतिक दलों के दावों के बावजूद मतदाता अभी खामोश नजर आ रहा है, उससे लगता है कि कुछ चौंकाने वाले ही परिणाम सामने आने वाले हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग की पिछले केई अरसों से ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिहाज से निरंतर मतदाता जागरूक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनका परिणाम पिछले चुनावों में देखने को मिला, जब देशभर में रिकार्ड 66.40 प्रतिशत औसतन मतदान दर्ज किया गया, लेकिन इसमें सर्वाधिक मतदान के मामले में एक लोकसभा सीट वाले नागालैंड राज्य ही ऐसा है, जहां सर्वाधिक 87.82 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि यह मतदान 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में हुए सर्वाधिक 89.99 प्रतिशत की तुलना में कम रहा, जो अभी तक का लोकसभा चुनाव में रिकार्ड है। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के लिए नागालैंड में इस बार 5,96,134 महिलाओं समेत कुल 12,02,307 मतदाताओं का जाल है, जिसमें 19171 नए युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे।
दूसरे पायदान पर रहा लक्ष्यद्वीप
सोलहवीं लोकसभा चुनाव में नागालैंड के बाद 80 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले राज्यों में लक्ष्यद्वीप में 86.61 प्रतिशत, त्रिपुरा में 84.72 प्रतिशत, दादर नागर हवेली में 84.06 प्रतिशत, सिक्किम में 83.37 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 82.16 प्रतिशत, पुडुचेरी में 82.10 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव में सबसे कम 39.68 प्रतिशत मतदान करने वाला राज्य जम्मू-कश्मीर रहा, जहां सबसे कम 25.90 प्रतिशत मतदान श्रीनगर लोकसभा सीट पर किया गया था।
बड़े राज्यों में बढ़ा मतदान
लोकसभा चुनाव 2014 में वर्ष 2009 के आम चुनाव की तुलना में देश के कई बड़े राज्यों भी मतदान बढ़ाने वालों में शामिल रहे, जिसमें गुजरात में 2009 के चुनाव में 47.9 प्रतिशत से ज्यादा 63.60 प्रतिशत मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाया था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में 47.78 प्रतिशत  से बढ़कर 58.35 प्रतिशत, बिहार में 44.46 प्रतिशत से बढ़कर 56.58 मतदान कराया गया था। देश के ज्यादातर राज्यों में पिछले चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था।
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महिलाओं से आगे रहे पुरुष
की अपेक्षा पुरुषों आजाद भारत में हुए लोकतंत्र के महासंग्राम में जहां 2009 में देशभर में लोकसभा चुनाव में औसतन 50.97 प्रतिशत मतदान हुआ था, वहीं सोलहवीं लोकसभा में औसतन सर्वाधिक 66.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इसमें जहां महिलाओं ने 65.30 प्रतिशत मतदान किया, तो वहीं पुरुषों ने 67.09 प्रतिशत ईवीएम का बटन दबाया। यह भी दिलचस्प बात है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं द्वारा डाले गये 65.96 प्रतिशत वोट के मुकाबले सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में भागीदारी में 0.66 कमी दर्ज की गई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2014 के चुनाव के लिए देश की 543 सीटों के लिए 8251 उम्मीदवारों के सामने 83 करोड़ 41 लाख एक हजार 479 मतदाताओं का जाल था, जिसमें से 55 करोड़ 38 लाख एक हजार 801 वोटरों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 
28Mar-2019

मादक पदार्थो की तस्करी पर मजबूत होगा शिकंजा


गतिविधियों से निपटने को भारत को मिला इंडोनेशिया का साथ 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में लगातार बढ़ रहे मादक पदार्थो की तस्करी के मामलों से निपटने के लिए सरकार के गतिविधियों पर कसे जा रहे शिंकजे का और मजबूती मिल सकेगी, जिसके लिए भारत और इंडोनेशियों के बीच हुए करार को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और आवाजाही से निपटने पर भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी गई है। इस करार से मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों के नियमन तथा मादक पदार्थों की तस्‍करी से निपटने के लिए परस्पर सहयोग में मदद मिलेगी। यह करार 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत ने 37 देशों के साथ ऐसे समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत इस सहमति पत्र के अनुसार दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान की जाने वाली सूचना और दस्‍तावेजों की गोपनीयता कायम रखने का प्रावधान किया गया है।
करार की प्रमुख विशेषताएं
मंत्रालय के अनुसार इस समझौते से दोनों देशों भारत और इंडोनेशिया के बीच संयुक्त राष्‍ट्र अंतर्राष्‍ट्रीय ड्रग नियंत्रण संधियों के अनुसार मादक पदार्थों और नशीले पदार्थों तथा मादक पदार्थों की तस्‍करी और इसकी आवाजाही से निपटने में सहयोग और ज्यादा मजबूत होगा। इस सहमति पत्र के तहत सहयोग में मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्‍करी और इसकी आवाजाही से निपटने में दोनों देशों के राष्‍ट्रीय विधान के मौजूदा वैधानिक औजारों पर आधारित विवरण का आदान-प्रदान करना, मादक पदार्थों, नशीले पदार्थों की अवैध तस्‍करी और इसकी आवाजाही तथा अनिवार्य रसायनों, धनशोधन के काम में शामिल लोगों की पहचान करने की दृष्टि से नियंत्रित वितरण संचालन के इस्‍तेमाल में एक दूसरे को अनुमति देना और सहायता देना शामिल हैं।
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जल आयोग की भूमि अधिग्रहण को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सड़क को चौड़ा करके रेडियल रोड नंबर-30 को सुधारने के लिए तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय जल आयोग की भूमि के पूर्वी हिस्‍से में लगभग 200 मीटर की चारदीवारी सहित 10 एकड़ भूमि में से 372 वर्ग गज भूमि के अधिग्रहण के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा। केंद्रीय जल आयोग के लिए यह विकसित मार्ग उपयोगी होगा, क्‍योंकि आवंटित भूमि पर एक विशिष्‍टता केंद्र निर्मित करने का प्रस्‍ताव किया गया है।
28Mar-2019

बुधवार, 27 मार्च 2019

देशभर में नकदी समेत 540 करोड़ की संपत्ति जब्त

चुनाव में धनबल के इस्तेमाल पर कसा चुनाव आयोग की टीमों ने शिकंजा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव में धन के दुरुपयोग और काले धन के इस्तेमाल पर शिकंजा कसने के इरादे से राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग की देशभर में गठित अलग-अलग एजेंसियों की निगरानी टीमों ने अभी तक करीब 143.47 करोड़ रुपये की नकदी समेत 540 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं, जिनमें सोना-चांदी के अलावा अवैध हथियार, नशीले पदार्थ और शराब भी शामिल है।
केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार देश में हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श चुनाव संहिता लागू होने के बाद अब तक देशभर में देश में सक्रिय विभिन्न एजेंसियों की निगरानी दलों ने लोकसभा चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल के लिए इधर से उधर की जा रही नकदी, सोना चांदी और मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब व नशीलें पदार्थो के अलावा अवैध हथियारों समेत 539.99 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। इसमें 143.47 रुपये की नकदी, 89.64 करोड़ रुपये कीमत की शराब, 131.75 करोड़ रुपये कीमत के मादक पदार्थ, सोने-चांदी समेत 162.93 करोड़ रुपये कीमत की बहुमूल्य धातुओं के अलावा 12.202 करोड़ कीमत के हथियार और अन्य गैरकानूनी सामान को जब्त किया है। इन गतिविधियों में सर्वाधिक तमिलनाडु में 107.24 करोड़, उत्तर प्रदेश में 104.53 करोड़ और आन्ध्र प्रदेश में सर्वाधक 55 करोड़ की नकदी समेत 103.40 करोड़ रुपये के सामानों की जब्ती की गई है।  इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 48 लाख की जब्त संपत्ति में 24 लाख रुपये नकद,चार लाख की शराब तथा 20 लाख के हथियार व अन्य सामान शामिल है। जबकि मध्य प्रदेश में 3.54 करोड़ की नकदी, 3.76 करोड़ की शराब, 17 लाख के नशीले पदार्थ, 25 लाख का 59 किलों सोना व चांदी और 1.46 करोड़ के अन्य सामान समेत कुल करीब 9.20 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया गया है। हरियाणा, दिल्ली व जम्मू-कश्मीर ऐसे राज्य रहे, जहां इस प्रकार की कोई गतिविधि निगरानी के दायरे में नहीं आ पाई है।
वित्तीय एजेंसियों की कड़ी नजरें
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव का ऐलान करने के बाद देश में लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के अनुपालन में चुनाव आयोग ने केंद्र स्तर पर वितीय अन्वेषण यूनिट जैसी वितीय एजेंसियों के प्रमुखों के अलावा सीबीडीटी के चेयरमैन, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, केंद्रीय आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो के निदेशकों की एक समिति का गठन किया था, जिनकी निगरानी में राज्य स्तर पर स्थैतिक निगरानी टीमें (स्टेटिक सर्विलांस) भी गठित की गई। चुनाव में धन के दुरुपयोग और काले धन के इस्तेमाल पर शिकंजा कसने के लिए इन टीमों में केंद्रीय सुरक्षा बल, नारकोटिक्स नियन्त्रण ब्यूरो, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल किये गये हैं।
27Mar-2019

लोकसभा चुनाव: दस प्राथमिकताओं में रोजगार का बड़ा मुद्दा!


बेहतर स्वास्थ्य, पेयजल, सड़कें व कानून व्यवस्था भी मतदाताओं की प्राथमिकता
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के देश में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन के दावे के बावजूद लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की प्रमुख दस प्राथमिकताओं में रोजगार के बेहतर अवसर का मुद्दा सबसे बड़ा हो सकता है, जिसके बाद बेहतर स्वास्थ्य, पेयजल, सड़के, कृषि ऋण और फसलों के उचित मूल्य के साथ बेहतर कानून व्यवस्था बनाने का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है।
लोकसभा चुनाव 2019 में पहले चरण के चुनाव हेतु उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल हो चुके हैं, जिसके लिए 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर चुनाव होना है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले पांच सालों में रोजगार सृजन के बेहतर नतीजें बताए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद इस लोकसभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर चुनाव सुधार के लिए कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 543 में से 534 लोकसभा सीटों पर जनसांख्यिकी के 2,73,479 मतदाताओं को शामिल करते हुए विस्तार से एक सर्वेक्षण कराया है, जिसमें मतदाताओं की प्राथमिकताओं के पेयजल, बिजली, सड़कें, भोजन, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन आदि 31 मुद्दों को शामिल किया गया है।
टॉप टेन में बेहतर रोजगार की अपेक्षा
इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक मतदाताओं की शीर्ष 10 प्राथमिकताओं से यह पूर्णतया स्पष्ट है कि भारतीय मतदाता रोज़गार और स्वास्थ्य सेवा, पेयजल, बेहतर सड़कें जैसी मूलभूत सुविधाओं को सभी शासकीय मुद्दों से ऊपर प्राथमिकता देते हैं | सर्वेक्षण में इन दस मुद्दों में सर्वाधिक 46.80 रेटिंग रोजगार के बेहतर अवसर को दी गई है। जबकि बेहतर अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 34.60 प्रतिशत, पेयजल के लिए 30.50 प्रतिशत, बेहतर सड़कों के लिए 28.24 प्रतिशत, बेहतर सार्वजनिक परिवहन के लिए 27.35, कृषि जल की उपलब्धता पर 26.40, कृषि ऋण की उपलब्धता को 25.62 प्रतिशत, फसल मूल्यों की प्राप्ति को 25.41 प्रतिशत, बीजो व उर्वरक सब्सिडी को 25.06 प्रतशित तथा बेहतर कानून व्यवस्था को 23.95 प्रतिशत की रेटिंग सामने आई है।
देश में सुधरा सार्वजनिक परिवहन
इस सर्वेक्षण में पिछले पांच साल के कार्यकाल पर भी मतदाताओं ने मौजूदा केंद्र सरकार के प्रदर्शन का आकलन जाहिर किया है, जिसमें इन प्रमुख दस मुद्दो को पांच अंक में से प्रदर्शन स्कोर के रूप में औसतन तीन अंक दिये हैं। सरकार के प्रदर्शन में सबसे ज्यादा 2.58 अंक बेहतर सार्वजनिक परिवहन को दिये गये हैं। जबकि पेयजल की व्यवस्था में सरकार के प्रदर्शन को 2.52 अंक और बेहतर सड़कों के मुद्दे पर सरकार के प्रदर्शन को 2.41 अंक मतदाताओं ने दिये हैं। चौथे नंबर के प्रदर्शन में सरकार को बेहतर अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र के लिए 2.35 अंक दिये गये हैं। रोजगार के बेहतर अवसर के लिए मतदाताओं की नजर में सरकार के प्रदर्शन को 2.15 के स्कोर पर ठहराया गया है। हालांकि इससे ज्यादा 2.23 अंक कृषि उत्पादों के मूल्य की प्राप्ति को दिये गये हैं। कानून व्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन के लिए 2.26 अंक इस सर्वेक्षण में मतदाताओं ने दिये हैं। सबसे कम 2.06 अंक बीजों व उर्वरक सब्सिडी के लिए सरकार के प्रदर्शन को मिले हैं।
26Mar-2019