शुक्रवार, 29 मार्च 2019

लोकसभा चुनाव: नागालैंड में होता रहा सर्वाधिक मतदान


अतीत का झरोखा
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2014 में ईवीएम का बटन पर पुरुषों से पिछड़ी महिलाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश के लोकतांत्रिक इतिहास में बदलते राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में हो रहे सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के नतीजो के बाद ही यह पता चल सकेगा, कि किस राज्य में मतदाताओं ने कितने  जोश-खरोश के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है, लेकिन पिछले एक दशक में नागालैंड के सर्वाधिक होने वाले सर्वाधिक मतदान से कोई अन्य राज्य पार नहीं पा सका है। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा जाए तो महिलाओं से ज्यादा  पुरुषों ने ईवीएम बटन दबाया था।   
सत्रहवीं लोकसभा में कोई चुनावी इतिहास बनेगा या नहीं! यह अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन जिस प्रकार से बदली सियासत के सामने राजनीतिक दलों के दावों के बावजूद मतदाता अभी खामोश नजर आ रहा है, उससे लगता है कि कुछ चौंकाने वाले ही परिणाम सामने आने वाले हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग की पिछले केई अरसों से ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिहाज से निरंतर मतदाता जागरूक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनका परिणाम पिछले चुनावों में देखने को मिला, जब देशभर में रिकार्ड 66.40 प्रतिशत औसतन मतदान दर्ज किया गया, लेकिन इसमें सर्वाधिक मतदान के मामले में एक लोकसभा सीट वाले नागालैंड राज्य ही ऐसा है, जहां सर्वाधिक 87.82 प्रतिशत मतदान हुआ, हालांकि यह मतदान 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में हुए सर्वाधिक 89.99 प्रतिशत की तुलना में कम रहा, जो अभी तक का लोकसभा चुनाव में रिकार्ड है। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के लिए नागालैंड में इस बार 5,96,134 महिलाओं समेत कुल 12,02,307 मतदाताओं का जाल है, जिसमें 19171 नए युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे।
दूसरे पायदान पर रहा लक्ष्यद्वीप
सोलहवीं लोकसभा चुनाव में नागालैंड के बाद 80 प्रतिशत से अधिक मतदान वाले राज्यों में लक्ष्यद्वीप में 86.61 प्रतिशत, त्रिपुरा में 84.72 प्रतिशत, दादर नागर हवेली में 84.06 प्रतिशत, सिक्किम में 83.37 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 82.16 प्रतिशत, पुडुचेरी में 82.10 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव में सबसे कम 39.68 प्रतिशत मतदान करने वाला राज्य जम्मू-कश्मीर रहा, जहां सबसे कम 25.90 प्रतिशत मतदान श्रीनगर लोकसभा सीट पर किया गया था।
बड़े राज्यों में बढ़ा मतदान
लोकसभा चुनाव 2014 में वर्ष 2009 के आम चुनाव की तुलना में देश के कई बड़े राज्यों भी मतदान बढ़ाने वालों में शामिल रहे, जिसमें गुजरात में 2009 के चुनाव में 47.9 प्रतिशत से ज्यादा 63.60 प्रतिशत मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाया था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में 47.78 प्रतिशत  से बढ़कर 58.35 प्रतिशत, बिहार में 44.46 प्रतिशत से बढ़कर 56.58 मतदान कराया गया था। देश के ज्यादातर राज्यों में पिछले चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था।
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महिलाओं से आगे रहे पुरुष
की अपेक्षा पुरुषों आजाद भारत में हुए लोकतंत्र के महासंग्राम में जहां 2009 में देशभर में लोकसभा चुनाव में औसतन 50.97 प्रतिशत मतदान हुआ था, वहीं सोलहवीं लोकसभा में औसतन सर्वाधिक 66.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इसमें जहां महिलाओं ने 65.30 प्रतिशत मतदान किया, तो वहीं पुरुषों ने 67.09 प्रतिशत ईवीएम का बटन दबाया। यह भी दिलचस्प बात है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं द्वारा डाले गये 65.96 प्रतिशत वोट के मुकाबले सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में भागीदारी में 0.66 कमी दर्ज की गई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2014 के चुनाव के लिए देश की 543 सीटों के लिए 8251 उम्मीदवारों के सामने 83 करोड़ 41 लाख एक हजार 479 मतदाताओं का जाल था, जिसमें से 55 करोड़ 38 लाख एक हजार 801 वोटरों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 
28Mar-2019

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