बुधवार, 6 मार्च 2019

जल संरक्षण तकनीक में दूसरे पायदान पर छत्तीसगढ़


मध्य प्रदेश के कई जिलों के हिस्से में आए राष्ट्रीय जल पुरस्कार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में जल संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में जागरूकता फैलाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उत्कृष्ट योगदान पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने 14 श्रेणियों में 84 राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरित किये। इन पुरस्कारों में एक दूसरे स्थान का पुरस्कार छत्तीसगढ के नाम भी रहा, जबकि मध्य प्रदेश के हिस्से में तीन पुरस्कार आए।
नई दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी, राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल व सचिव यूपी सिंह ने संयुक्त रूप से 14 वर्गों में 84 राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किये। यह पुरस्कार 6 जोनों के सर्वश्रेष्ठ जिले, सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ नगरनिगम, जल संसाधन के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने,नवाचार, अनुसंधान, सर्वश्रेष्ठ जागरण अभियान, जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने वाले सर्वश्रेष्ठ टीवी शो, हिन्दी/अंग्रेजी/क्षेत्रीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ अखबार, परिसर में पानी के कारगर इस्तेमाल करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के हिस्से में आए। इन पुरस्कारों में ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र के अलावा प्रथम पुरस्कार के लिए दो लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए डेढ़ लाख रुपये तथा तृतीय पुरस्कार के लिए एक लाख रुपये की नकद राशि भी प्रदान की गई।
रायपुर को मिला द्वितीय पुरस्कार
जल सरंक्षण की दिशा में सर्वश्रेष्ठ शोध, नवोन्मेष और जल संरक्षण के लिए नई तकनीक का अनुकूलन इस्तेमाल करने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के संस्थान आईजीकेवी के डा. जितेन्द्र सिन्हा को दूसरा स्थान दिया गया, जिसमें ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र के अलावा डेढ़ लाख रुपये की राशि भी दी गई। इस श्रेणी पहला पुरस्कार जम्मू-कश्मीर को दो लाख रुपये और तीसरा पुरस्कार महाराष्ट्र के वर्धा की एक संस्था को एक लाख रुपये के रूप में मिला है। नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की जिलाधिकारी निधि निवेदिता को नदियों के पुनर्जीवन एवं संरक्षण के लिए पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया। इसी श्रेणी में इंदौर जिले के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहा मीणा को तीसरा पुरस्कार मिला है। जबकि मोरैना को आंकाक्षी जिले को भी तीसरे स्थान का पुरस्कार मिला है।
महाराष्ट्र सर्वश्रेष्ठ राज्य
राज्य स्तर की श्रेणी में राष्ट्रीय जल पुरस्कार लेने वालों पहला पुरस्कार महाराष्ट्र राज्य को दिया गया, जबकि गुजरात द्वितीय और और आंध्र प्रदेश तृतीय स्थान के पुरस्कार का हकदार बना। सर्वश्रेष्ठ जल विनियामक प्राधिकरण श्रेणी में महाराष्ट्र जल संसाधन विनियामक प्राधिकरण पुणे को प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। जबकि सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पर भी महाराष्ट्र के शोलापुर जिले की तालुका संगोला ग्राम पंचायत ने बाजी मारी।

देश में जल की नहीं, जल प्रबंधन के दृष्टिकोण की कमी                      
जल संरक्षण के प्रबंधन को जन आंदोलन बनाना जरूरी: गडकरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने जल संक्षण और प्रबंधन को जनांदोलन बनाने का आव्हान करते हुए कहा कि देश में जल की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है।
यह बात सोमवार को उन्होंने यहां नई दिल्ली के कंस्टीटयूशन क्लब के मालवंकर हाल में आयोजित पुरस्कार समारोह में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में जल के समुचित प्रबंधन के लिए एक नए दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है, जिसके लिए जल सरंक्षण को एक जनांदोलन बनाना होगा।
केंद्रीय जल संसाधन तथा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में जल की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन समुचित रूप से मौजूद नहीं है। इसके लिए उन्होंने समूचे जल संसाधन सेक्टर के लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए जल संरक्षण और प्रबंधन को जन-आंदोलन बनाने पर जोर दिया। देश में जल के कारगर प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा उठाए गये कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ओखला बराज से 400 एमएलडी पानी का उपचार किया करने के लिए उसका वजीराबाद बैराज के जरिए दिल्ली में जल इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत नहर से सिंचाई के स्थान पर पाइप के जरिए सिंचाई करने को प्राथमिकता देने की योजना  शुरू की है, ताकि पानी को बचाया जा सके। पानी बचाने के मकसद से ही मौजूदा नहरों को भी पक्का बनाया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने स्वच्छ गंगा अभियान में मिल रही सफलता की भी जानकारी दी।  उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि जल प्रबंधन और संवर्धन जन अभियान बने, इस लिए मीडिया भी इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को अहमियत दे, इससे बाकी लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
समारोह में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जल संरक्षण को लेकर देश में जागरूकता फैलाने की दिशा में ही जल पुरस्कारों को 12 साल के बाद शुरू किया गया है। जल संसाधन मंत्रालय के सचिव यू.पी. सिंह ने कहा कि जहां तक जल संसाधन का प्रश्न है, तो वह एक महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के समय की तुलना में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता इस समय एक-चौथाई है। 
26Feb-2019



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